एससी/ एसटी एक्ट को निष्प्रभावी करने के विरोध में -सामाजिक न्याय की लड़ाई के लिए आगे आएं युवा

भारत का अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति युगों-युगों से अश्पृश्यता,भेदभाव,निर्योग्यता, शोषण,उत्पीड़न एवं वंचना का शिकार रहा है ।
दुनिया में विश्व शान्ति का संदेश देने वाले तथागत गौतम बुद्ध,समतामूलक समाज निर्माण के पक्षधर , संत कबीर,संत रैदास,संत गाडगे द्वारा जनजागरण के माध्यम से जाति-प्रथा उन्मूलन,भेदभाव के समाप्ति पर बल दिया गया है। पेरियार रामास्वामी नायकर,ज्योतिबा राव फूले,बाबा साहेब डॉ० भीमराव आंबेडकर जैसे क्रांतिकारी महापुरुषों की प्रेरणा से स्फूर्त जन आंदोलन के फलस्वरूप अनुसूचित जाति/ जनजाति में लोकतांत्रिक चेतना का संचार हुआ।
लेकिन आज SC/ST/OBC वर्गों के कानूनों पर ब्राह्मणवादी ताकतों ने चौतरफा हमला बोल रखा है।ये अन्ययायकारी ब्राह्मणवादी ताकतें पदोन्नति में आरक्षण को जड़ से ही खत्म कर दिया है और अब अनुसूचित जाति/ जनजाति के लिए बने कानून SC/ST एक्ट को निष्प्रभावी कर दिया गया है एक तरह से कहें तो खत्म ही कर दिया है।
अब अगर SC/ST के किसी भी व्यक्ति पर कोई अन्याय होता है तो उस पर सीधे FIR नही हो सकेगी,मुकदमा दर्ज नही हो सकेगा बल्कि महीनों और सालों लग जाएंगे जांच होने में और तब भी जज के ऊपर निर्भर करेगा कि वह FIR कराने के निर्देश देते हैं या नही।
यहां यह अवगत कराना समाचीन है कि भारत में अनुसूचित जाति/जनजाति के विरुद्ध हिंसा,आगजनी,लूट,डकैती,हत्या,नरसंहार, छेड़छाड़,बलात्कार की घटनाएं निरन्तर जारी हैं।
सहारनपुर का शब्बीरपुर कांड,इलाहाबाद में LLB छात्र दिलीप सरोज की हत्या, बलिया में महिला को जिंदा जलाया जाना, बुलंदशहर के मदनपुर में 8 दबंग लड़कों द्वारा सामूहिक बलात्कार,महाराष्ट्र के भिमाकोरे गांव में लोगों के साथ मारपीट व आगजनी, हैदराबाद विश्वविद्यालय में रोहित वेमुला को प्रताड़ित कर आत्म-हत्या के लिए विवश किया जाना,आगरा में अनुसूचित जाति की लड़की का बर्बर बलात्कार इत्यादि घटनाएं अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के समुदाय के व्यक्ति/ समूह में भय असुरक्षा के परिवेश के सृजन का संकेत है। इससे यह स्पष्ट है कि भारतीय पुलिस व्यवस्था तथा न्यायिक तंत्र अनुसूचित जाति/जनजाति के विरुद्ध हो रहे आपराधिक कृत्य को रोकने में असफल साबित हो रहे हैं।

ऐसी स्थिति में भारतीय उच्चतम न्यायालय द्वारा जो निर्देश दिए गए हैं उन्हें निष्प्रभावी करने हेतू सम्पूर्ण समुदाय केंद्र सरकार से निम्न मांगें करता है
▪केंद्र सरकार सन्द्रभिर्त याचिका के विरुद्ध यथाशीघ्र पुनर्विचार याचिकाएं योजित करे तथा प्रभावी पैरवी कर अधिनियम की पूर्ववत व्यवस्था बहाल करे।

▪केंद्र सरकार अध्यादेश सवैंधानिक संशोधन के माध्यम से सन्द्रभिर्त निर्णायादेश को निष्प्रभावी करने हेतु आवश्यक कार्यवाही करे। जिससे अनुसूचित जाति/ जनजाति का व्यक्ति भय रहित,अत्याचार रहित,गरिमापूर्ण जीवन व्यतीत कर सके।
इसके बिना सबका साथ-सबका विकास का पैगाम निरथर्क है।

उक्त मांगों के समर्थन में संगठन सभी जागरूक नागरिकों,महिलाओं, छात्र- छात्राओं , समाजसेवी,नौकरीपेशा व्यक्तियों,व्यापारियों जनप्रतिनिधियों, नौजवानों किसानों एवं मजदूरों विनम्र निवेदन करते हैं है कि धरना स्थल पर उपस्थित होकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का कष्ट करें एवं अपना व आने वाली पीढ़ियों के लिए समानता के अधिकार के लिए सामाजिक न्याय की लड़ाई में शामिल हों।

कपिल गौतम प्रेम
संस्थापक / अध्यक्ष
सम्यक शिक्षा संघ

BJP नेता सुब्रमण्यम बोले- युद्ध की तैयारी करो और पाकिस्तान के कर दो टुकड़े

इंटरनेट डेस्क। सीमा पर पाकिस्तान की ओर से की गई फायरिंग पर BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने आक्रामक तेवर दिखते हुए कहा कि वो शुरुआत से कहते आ रहे हैं कि युद्ध की तैयारी करो और पाकिस्तान के चार टुकड़े कर दो।

उन्होंने कहा कि अब पाकिस्तान ने सारी हदें पार कर दी हैं। पाकिस्तान की इन हरकतों से अब चीन भी परेशान होने लगा है। इतना ही नहीं चीन भी पाकिस्तान को चेतावनी दे चुका है। आपको बता दें कि नए साल की शुरुआत से अब तक हुए संघर्ष विराम उल्लंघन में सुरक्षाबलों के 9 जवान समेत करीब 17 लोग मारे गए हैं जबकि 70 लोग घायल हुए हैं।

पाकिस्तान ने रविवार को जम्मू कश्मीर में सुंदरबनी से लेकर पुंछ तक नियंत्रण रेखा पर भारी गोलाबारी की। इसमें एक सैन्य अधिकारी और तीन जवान शहीद हो गए। फायरिंग की वजह से सीमा के 5 किमी के दायरे में 84 स्कूलों को तीन दिन के लिए बंद कर दिया गया है।

‘मन की बात’ के 40 वें संस्करण में देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा……….

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दहेज और बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं के खिलाफ संघर्ष करने का आह्वान करते हुए रविवार को कहा कि जन आंदोलन से बड़े-बड़े बदलाव संभव है। मोदी ने आकाशवाणी पर अपने कार्यक्रम कि सामाजिक कुप्रथाओं और कुरीतियों के खिलाफ सदियों से व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर लगातार प्रयास होते रहे हैं।

बिहार में बाल विवाह और दहेज प्रथा जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ 13 हजार से अधिक किलोमीटर की विश्व की सबसे लम्बी मानव-श्रृंखला बनाने की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि पूरे राज्य ने इन बुराईयों से लडऩे का संकल्प लिया है। समाज के सभी लोगों तक विकास का लाभ मिले पहुंचाने के लिए इन कुरीतियों से मुक्त होना जरुरी है।

उन्होंने कहा, आइए हम सब मिलकर ऐसी कुरीतियों को समाज से खत्म करने की प्रतिज्ञा लें और एक नए, सशक्त एवं समर्थ भारत का निर्माण करें। मैं बिहार की जनता, वहां के मुख्यमंत्री, वहाँ के प्रशासन और मानव- श्रृंखला में शामिल हर व्यक्ति की सराहना करता हूँ कि उन्होंने समाज कल्याण की दिशा में इतनी विशेष एवं व्यापक पहल की है।

“आत्मघाती गोल दागने में आर एस एस  गैंग का कोई मुकाबला नही” – जाने केसे

एक बात तो साफ हो गयी, आत्मघाती गोल दागने में आर एस एस  गैंग का कोई मुकाबला नही !

पहले कन्हैया कुमार पर हाथ डालकर अपनी पतलून उतरवाई, फिर जिग्नेश मेवाणी पर हाथ डालकर भी वही किया !
हालांकि इनकी मूर्खता कि वजह से देश को दो सबसे बेहतरीन युवा लीडर मिल गये लेकिन इनकी सत्ता कि जड़ भी यहि दोनो हिलायेंगे !
केन्द्र से कॉंग्रेस को हटाने के लिए अपने ऐजेंट अन्ना को अनशन पर उतारा लेकिन वहाँ से इनकी छाती पर पत्थर फोड़ने केजरीवाल निकल आया ! यूपी में चंद्रशेखर रावण को गिरफ्तार कर इन्होंने खुद अपने ताबूत में कील ठोक ली, वो शेर आजाद होते हि पंजा मारेगा !

उसी तरह की  गलती शौर्य दिवस मनाने जा रहे दलित समुदाय के  लोगों पर हमला करके कर ली ! 200 सालों से मनते आर हे शौर्य दिवस को अबसे पाँच दिन पहले तक, दलित या प्रगतिशील तबके के अलावा कोई नहीँ जानता था ! लेकिन अब चार पाँच दिन में हि स्तिथि बदल गयी और इस बहाने दलितों ने आज माहाराष्ट्र बंद का सफल आयोजन कर अपनी ताकत, हिम्मत और एकता भी दिखा दी !

ये तो हुई इन गर्दभ गिरोह के कारनामों पर तीर पलटने वाली बात !

अब करते है, उत्सवो कि बात –

तो बात ऐसी है, हमारा देश में  तो कई  उत्सव बनाये जाते है  !
दो महिने पहले नवरात्रि की धूम ! इसके पहले गणगोर पर पूजा ! उससे पहले गणपति का उत्सव ! उसके एक दिन पहले हरतालिका होती है उसमें शंकर के साथ साथ पार्वती की पूजा हुई ! इसके पहले जन्माष्टमी पर कृष्ण के साथ, राधा की और श्रावण में शंकर के साथ पार्वती की हुई ! सीता और राधा के लिए तो अलग से राधाष्टमी और जानकी नवमी है ही ! दीवाली पर लक्ष्मी और काली की पूजा ! दशहरा, होली, ईद, क्रिसमस, गुरु पर्व, बुद्ध पूर्णिमा, ईस्टर वगैर !
बनाये  हर रोज़ कोई न कोई उत्सव, हर जाति, धर्म, मज़हब का अलग उत्सव-

फिर राष्ट्रीय उत्सव अलग से, स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस, शहीद दिवस, गाँधी जयंती, अम्बेडकर जयंती, शक्ति दिवस, विजय दिवस !

आजकल कुछ नये उत्सव भी आ गये, बाबरी विध्वंश पर शौर्य दिवस, गुजरात दंगो का हिंदू शक्ति दिवस, काला दिवस, पीला दिवस, हरा दिवस, लाल दिवस !

हर किसी के पास अपना उत्सव मनाने कि वजह भी है ! अच्छी बात है, इस बहाने हमारा भी मनोरंजन हो ही  जाता है, मनाईये पूरे जोश के साथ मनाईये !

लेकिन एक बात देखिए यहाँ किसी को दूसरे के उत्सव से कभी कोई परेशानी नहीँ रही ! लेकिन पिछले कुछ सालों में ये जो नागपुरी नागों कि नयी प्रजाति जन्मी है, इसे हमेशा दूसरों के उत्सव से परेशानी रही है !

ये निक्करधारी गैंग प्रेमोत्सव वेलेंटाईन पर मातृ – पितृ पूजन का ड्रामा खड़ा करती है, भले हि घर में खुदके माँ बाप को रोज़ गाली देते हो ! क्रिसमस पर तुलसीपूजन कि नौटंकी ले आये जबकि इन गधों को ये भी पता नहीँ कि तुलसी विवाह के लिए ऑलरेडी पहले से एक दिन रिजर्व है !
इनको मोहर्रम के जुलूस से भी प्रॉब्लम है तो गुरु पर्व से भी !

पिछले कुछ सालों से महिषासुर शहादत दिवस का नया ड्रामा आया है, इसमें भी इनको समस्या है, क्यों भाई वो महिषासुर की पूजा कर रहे है, इसमें तुम्हारी क्यू सुलग रही है ! आप सालों से दुर्गा पूजा कर रहे है, लेकिन कभी किसी ने नहीँ रोका, अब भी नहीँ रोक रहे है ! तो आप उन्हे महिषासुर शहादत दिन मनाने से क्यों रोक रहे है ?
कोरेगांव विजय के उपलक्ष्य में 200 सालों से दलित शौर्य दिवस मनाते आरहे है कभी किसीको कोई समस्या नहीँ हुई, लेकिन अब इन नागपुरी नागों को इसमे भी समस्या होने लगी !

ये पूरा नागपुरी गैंग वास्तव में मनोरोगी है, देश का भला इसीमें है इन जहरीले नागों को कुचल दिया जाये !
हम जानते है की, नफरत को नफरत से ख़त्म नहीँ किया जा सकता ! युद्ध , लड़ाई, दंगे किसी समस्या का हल नहीँ है !

और इतिहास पर लड़ना हद से बढ़कर मूर्खता है,
लेकिन हिंसा का जवाब अगर शांति से दिया जाये तो अमन चाहने वालों कि नस्ल हि ख़त्म हो जायेगी !

हम तो सिर्फ इतना कहते है, एक स्वतंत्र और धर्मनिरपेक्ष देश में सबको अधिकार होना चाहिए कि वो अपने अपने उत्सव शांति से मना सके ! लेकिन कोई इसका विरोध करे तो ईंट का जवाब गोली से दिया जाये !
ऐसे में इन जहरीले नागों के विरोध में खड़े होने वाले साथियों को कॉमरेड चे ग्वेवारा की ये बात हमेशा ध्यान रखनी होगी “कैसा विरोध, किसका विरोध, मैं ऐसा कोई कदम हरगिज़ तब तक नहीँ उठाऊँगा जब तक मेरे हाथों में एक अदद बंदूक न हो”
आपकी एकजुटता हि इनके लिए बंदूक है, एकजुट होकर विरोध कीजिए इस नफरती गैंग का !

लेखक -गिर्राज वेद { व्यंग्य टिप्पणीकार }

{ जयपुर राज.}

नोट : { यह लेखक के अपने निजी विचार है }