कानून व्यवस्था को ठेगा दिखाते – हिन्दू संगठन , मोदी सरकार लाचार-
जयपुर | आज मोदी सरकार में जिस तरह से साम्प्रदायकता का उन्माद चरम सीमा को पार कर रहा है ,वह मोदी सरकार की कमजोरी ,लाचारी को दिखाता है केसे 56 इंच का सीना दिखाने वाले प्रधानमंत्री मोदी चुप -खामोश मूक दर्शक बने बेठे है ऐसी कौनसी मजबूरी है इस कानून व्यवस्था की आज कुछ असामजिक स्वकथित हिन्दू संगठन अपना निजी कोर्ट / न्यायालय खोल रहे है , आज यह संविधान , न्यायलय से बड़े हो गए है क्या – आज यह सोचनीय ,विचारनीय है |

भीम संसद बनाम धर्म संसद –
गौरतलब है की अभी कुछ समय पूर्व माननीय उच्चतम न्यायालय ने SC/ST ACT निष्क्रिय किया था ,जिसके बाद दलित ,पिछड़े वर्ग के लोगो के साथ मारपीट ,हत्या ,लुट जैसी घटनाओं की देश में बाढ़ सी आ गई थी , और इसके साथ ही दलित समाज की 3 साल की बच्ची से लेकर 80 साल की बुजर्ग महिला के साथ अमानवीय कृत्य , बलत्कार जैसी घटना सामने आई जिसके कारण देश -विदेश में देश की छवि बिगड़ने लगी ,मित्र देशो ने अपने पर्यटन नागरिको को भारत देश में रात में सफ़र करने को मना किया , जिसके बाद दलित समाज ने अपने अधिकारों और न्याय के लिए माननीय उच्चतम न्यायालय का ध्यान आकर्षण करने और दलित सामज में हो रही , लुट -बलत्कार की घटनाओं से अवगत कराने के लिए शांति पूर्वक 2 अप्रैल को भारत बंद की अपील की थी जिसका समर्थन देश की जनता ने किया |
जिसके फलस्वरूप माननीय उच्चतम न्यायालय ने SC/ST ACT को वापस लागू किया जिसके कारण बलत्कार जैसी जन्घ्य अपराधों पर अंकुश लगा |
धर्म संसद –
गौरतलब है की जब से माननीय उच्चतम न्यायालय ने SC/ST ACT को वापस लागू किया कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा धर्म संसद के नाम से लोगो को गुमराह किया जा रहा है इसमें सबसे बड़ी बात यह है की धर्म की आड़ लेकर कुछ धूर्त -पाखंडी ,बलात्कारी स्वयंभू कथा वाचक महाराज SC/ST ACT का विरोध करना प्रारम्भ किया है अब यह अलग बात है की धर्म ,आचरण की शिक्षा देने वाले महाराज आज राजनीती के चक्कर में है , और हो भी क्यों ना जब इन पाखंडी बल्त्कारी कथा वाचकों को एह्साह है की जब एक योगी सत्ता के

लालच में और पाखंड की आधारशिला के माध्यम से सांसद से मुख्यमंत्री तक बन सकता है तो यह धूर्त बल्त्कारी जनता को पागल बना कर नेता मंत्री क्यों नहीं बन सकते |
भीम संसद देगी – करार जवाब
अन्याय के विरुद्ध व् अधिकारों के प्रति समर्पित ” भीम संसद ” आज देश व् माननीय न्यायलय , संविधान में वर्णित मूल्यों को आधार मानते हुवे ” भीम संसद ” दलित ,गरीब मजलूम व् बहन -बेटी के सम्मान व् अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है आज देश में जो झूट – पाखंड , मनुवाद को आदर्श मानने वाले असामाजिक संघटन , लोगो के विरुद अपनी आवाज़ को मजबूती से बुलंद रखगी |
भीम संसद आज देश में विकास एकता ,संप्रभुता , समानता , धर्म निर्पेक्षता ,के आधार पर लोगो को देखती है ना की धर्म ,जात -पात के आधार पर इस लिए आज “भीम संसद” हर उस अभियान , झूट -पाखंड ,का विरोध करती है जिस का आधार मनु स्मृति है |
ख़ास नज़र –
जब से न्यायालय ने SC/ST ACT को वापस लागू किया है कुछ कथा वाचक महाराजों ने एक नई मुहीम छेडी है ,अब महाराज कथा वाचक ना कर राजनीती के अखाड़े में उतने जा रहे है जिसके लिए वह धर्म संसद के नाम से कार्यक्रम करने जा रहे है सबसे दिलचस्प बात यह है की यह कथा वाचक महाराज सामान्य वर्ग व् ओ बी सी { OBC }वर्ग को अपने साथ बता रहा है जबकि अभी तक कोई भी ओ बी सी { OBC } संगठन सामने नहीं आया है अब आगामी 4 सितम्बर से 6 सितम्बर तक धर्म संसद के नाम से “न्यायालय द्वारा लागू SC/ST ACT” का यह लोग विरोध करने जा रहे है | यह सच में धर्म संसद है या राजनीती संसद यह तो आगामी समय में ही पता चलेगा |
STORY BY
DC BHATI
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