दिग्गज जाट नेता हनुमान बेनीवाल ने निकाली किसानों के समर्थन में ट्रैक्टर रैली

किसाना आंदोलन मजबूत बनाने के लिए राजस्थान में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टीसे सांसद और दिग्गज जाट नेता हनुमान बेनीवाल राज्य के प्रत्येक जिले में किसान आंदोलन के समर्थन में ट्रैक्टर रैली निकालेंगे। बेनीवाल ने किसानों के समर्थन के लिए एनडीए से अलग होकर बता दिया था कि वह किसानों के हक की बात पर किसानों के साथ खड़े होकर उनका साथ देंगे। बेनीवाल ने कहा कि रैली का आयोजन शुक्रवार को सभी जिला मुख्यालयों शांतिपूर्ण तरीके से किया जायेगा।

बेनीवाल ने कहा इस रैली के माध्यम से केन्द्र सरकार को संदेश दिया जाएगा कि किसानों के मुद्दे को दबाया नहीं जा सकता और राजस्थान के किसान एक है। राजधानी जयपुर में रैली मानसरोवर मेट्रो स्टेशन से शुरू होगी और 14 नंबर बाईपास पर जाकर समाप्त होगी।

बेनीवाल ने कहा कि आंदोलन के समर्थन में उनकी पार्टी शाहजहांपुर बॉर्डर पर पड़ाव डालकर बैठी है और किसानों के पक्ष में आवाज को मजबूत कर रहे है। बेनीवाल ने संसद सत्र के दौरान भी सांसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण और वित्त मंत्री के बजट भाषण पर भी अपना विरोध् दर्ज करवाते हुए कृषि बिलों को वापिस लेने की अपील की थी। इसके बाद वह अब ट्रैक्टर रैली के माध्यम से किसानों का हौसला बढ़ा रहे हैं। इस रैली जबरदस्त भीड़ देखने को मिल रही है और इस बात से पता चलता है कि हनुमान बेनीवाल की किसानों के बीच अच्छी पकड़ है।

वही दूसरी तरफ भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किसानों को कहा कि हर गांव से एक ट्रैक्टर पर 15 आदमी 10 दिन का समय लेकर आएं और इस आंदोलन में शामिल हो और इसके बाद वह लौटकर अपनी खेती करे इससे गांव में बैठे किसानों तक हमारी बात पहुचंगी और ज्यादा से ज्यादा किसान इसमें भाग लेंगे।

राजस्थान निकाय चुनाव में कांग्रेस का दबदबा

राजस्थान में निकाय चुनाव के नतीजों पर कांग्रेस पार्टी ने मतदाताओं और कार्यकर्ताओं का आभार जताया है। हालांकि कांग्रेस को बड़ी जीत नहीं मिली है लेकिन निर्दलियों के कारण वह बीजेपी से ज्यादा बोर्ड बनाने में सफल हो सकती है। लेकिन कई ऐसे निकायों में निराशा का भी सामना करना पड़ा है जहां मौजुदा सरकार के बड़े मंत्री आते हैं या फिर उन क्षेत्रों में कांग्रेस के विधायक हैं। लेकिन इसके बाद भी आलाकमान के नेताओं के साथ राजस्‍थान के प्रभारी अजय माकन ने खुशी जाहिर की है।

राजस्‍थान के 90 शहरों में निकाय चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और लगभग 50 से ज्यादा बोर्ड कांग्रेस के पाले में जाते हुए दिख रहे है। इस बार भाजपा के गढ़ माने जाने वाले कई बोर्डो पर कांग्रेस ने बाजी मारी है। लेकिन कांग्रेस के लिए बहुत बड़ी चुनौती वहां है जहां आने वाले दिनों में चार विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होने हैं। क्योंकि यहां 4 में 3 सीटों पर बीजेपी का दबदबा रहा है। मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यों को जनता ने सराहा है।

प्रदेश के 20 जिलों के 90 निकाय के चुनाव परिणाम के बाद 3034 वार्डों के चुनाव परिणाम जारी कर दिये गये है और जिसमें सबसे ज्यादा वार्डों 1197 के साथ कांग्रेस पहले स्थान पर है तो भाजपा 1140 वार्ड जीतने में सफल रही है। इस बार 634 वार्डों में निर्दलीयों ने कब्जा किया है।
चुनाव नतीजों के बाद बीजेपी ने आरोप लगाया कि सत्ता में होने के बाद भी कांग्रेस को ज्यादा बड़ी जीत नहीं मिली है और नतीजों के परिणाम के बाद भी वह अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। जबकि उनके बड़े नेता इस जीत को कांग्रेस के लिए बड़ी जीत बता रहे है जबकि बीजेपी अपने दम पर कांग्रेस से ज्यादा वार्डो पर कब्जा किया है और कांग्रेस अब निर्देलियों के भरोसे अपनी जीत के सपने देख रही है।

किसानों के लिए जान की बाजी लगाने को तैयार है राकेश टिकैत

2 महिने से ज्यादा का समय बीत चुका है और किसान संगठन नये कृषि कानूनों को खत्म करने के लिए लगातार सरकार पर दबाव बनाने के लिए शांति पूर्वक धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन 26 जनवरी को टै्रक्टर परैड के दौरान जो लाल किले पर हिंसा की घटना हुई उसको लेकर राकेश टिकैत ने साफ शब्दों में कह दिया है कि वे लोग हमारे साथ नहीं थे और उनका हमारे साथ कोई लेना देना नहीं है। हिंसा के बाद पुलिस ने सभी किसान नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी है और इस कारण किसान नेताओं ने आंशका जाहिर की है पुलिस उन्हें जबरदस्ती गिरफ्तार कर सकती है लेकिन फिर भी आंदोलन चलता रहेगा।

जयंत चौधरी ने किसान आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान कर चुके है। गुरुवार शाम 4 बजे तक गाजीपुर बॉर्डर पर भारी पुलिस बल की तैनाती के बाद माहौल ऐसा बन गया था कि किसानों को घर भेज दिया जाएगा। लेकिन हरियाणा से हजारों किसान रात में ही गाजीपुर बॉर्डर के लिए रवाना हो गए और वे सभ आज मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत करेंगे। खबरों के अनुसार बताया जा रहा है गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत धरनास्थल से हटने को तैयार हो गए थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है ।टिकैत के गांव में ऐलान किया गया कि हर किसान गाजीपुर पहुंचेगा।

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रात 11 बजे से मेरठ, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद और शामली से भारी संख्या में लोगों ने गाजीपुर के लिए कूच शुरू कर दिया। हरियाणा में भी कई खापों ने ऐलान कर दिया वे भी दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचेंगी।पुलिस ने धरनास्थल को चारों तरफ से सील कर दिया इसके बाद टिकैत ने रोते हुए कहा कि मुझे मारने की साजिश रची जा रही है और मैं खुदकुशी कर लूंगा लेकिन देश के किसानों को बर्बाद नहीं होने दूंगा।


दिल्ली हिंसा के मामले में पुलिस ने 37 किसान नेताओं को आरोपी बनाया गया है। इनमें राकेश टिकैतए मेधा पाटकर, योगेंद्र यादव, दर्शन पाल, राजिंदर सिंह, बूटा सिंह बुर्जगिल और जोगिंदर सिंह के साथ अन्य लोगों के नाम है। हिंसा के बाद राष्ट्रीय मजदूर किसान संगठन और भारतीय किसान यूनियन ने खुद को आंदोलन से अलग करने का ऐलान भी कर दिया है।

हिंसा के बाद दो धड़ों में बटा किसान आंदोलन, एक गुट ने जताई शर्मिंदगी तो दूसरे धड़े ने खत्म किया आंदोलन

26 जनवरी को गंणतत्र दिवस के मौके पर जिस तहर की हिंसा देखने को मिली उसके बाद किसान आंदोलनकारी दो भागों में बटते हुए नजर आ रहे है। हिंसा के बाद दो बड़े किसान संगठनों में आंदोलन खत्म करने का ऐलान कर दिया तो दूसरे धड़े ने हिंसा पर खेद प्रकट करते हुए शर्मिदंगी जताते हुए 30 जनवरी को उपवास रखने का फैसला किया है।

इस आंदोलन को लेकर अब किसान संगठन एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप कर रहे हैं और हिसां फैलाने वालों को बाहरी बता रहे हैं। हिंसा के बाद से किसान आंदोलन से जुड़े बड़े नेताओं के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गयी है और उनको कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। बताया जा रहा है कि हिंसा के बाद किसान संगठनों को लगने लगा है कि उनको कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है। हिंसा के बाद केन्द्र सरकार ने कहा कि वह अभी भी किसानों से वार्ता करने के लिए तैयार है।

दिल्ली पुलिस ने किसान नेताओं पर भी एफआईआर दर्ज की है इनमें राकेश टिकैत,जोगिंदर सिंह, बूटा सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल और राजेंद्र सिंह का नाम भी शामिल है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि ट्रैक्टर मार्च के दौरान इन नेताओं की ओर से नियमों का उल्लंघन किया गया था। सभी किसान संगठनों से जुड़े हैं और सरकार संग बातचीत हो या ट्रैक्टर परेड का रुट तय करना सभी में इनकी अहम भूमिका रही थी।

किसान नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि गणतंत्र दिवस के दिन जो हुआ वो शर्मनाक है। मैं उस समय गाजीपुर बॉर्डर के पास था फिर भी मैं शर्मिंदा हूं और 30 जनवरी को उपवास रखकर हम प्रायश्चित करेंगे।

राष्ट्रीय मजदूर किसान संगठन और भारतीय किसान यूनियन भानु ने हिंसा के बाद ऐलान कर दिया कि वे आंदोलन से अलग हो रहे हैं। हिंसा के बाद यूपी पुलिस भी एक्शन में दिखी और दिल्ली सहारनपुर हाइवे पर के बागपत जिले के बड़ौत में धरने पर बैठे किसानों को आधी रात को हटा दिया।

लाल किले पर झंडा फहराने को लेकर तेज हुई सियासत, किसान संगठनों ने जताई यह बड़ी आशंका

26 जनवरी को लाल किले पर झंडा फहराने की घटना को लेकर सभी पार्टियों के साथ किसान संगठनों ने भी नाराजगी जताई है लेकिन झंडा फहराने के स्थान को लेकर जो बाते सामने आ रही है उसको लेकर जबरदस्त जंग छीड़ गयी है। किसान संगठनों ने कहा कि हमने पुलिस द्वारा बताये गये मार्ग से रैली निकाल रहे थे लेकिन हमारे बीच कुछ ऐसी हिसां फैलाने वाले लोग शामिल हो गये है जो किसानों को भड़काने के साथ हिंसा फैलाने का काम किया है। किसान संगठनों ने उन लोगों को अपने आप अलग करते हुए कहा कि ऐसे उपद्रवी लोगों के साथ उनका कोई संबंध नहीं है और हम शांति से अपने धरना स्थल पर लौट रहे है और अपना आंदोलन शांति से चलाने का आग्रह कर रहे है। दूसरी तरफ राजपथ पर अचानक भिड़ का उग्र होना और लाल किले पर झंडा फहराना सही नहीं है लेकिन ऐसी घटनाओं से किसान समुदाय पर हिंसा फैलाने के आरोप मंडने शुरू हो गये है।

अगर लाल किले पर झंडा फहराने को लेकर कोई विवाद हुआ है तो वह सही नहीं है क्योंकि झंडा उस जगह पर नहीं फहराया गया जहां पर तिरंगा फहराया जाता है। लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि एक समुदाय विशेष का झंडा फहराना शर्मनाक है और इससे लोगों में गलत संदेश जाता है। जिस व्यक्ति पर किसानों को भड़काने का आरोप लगा है वह पंजाब से बीजेपी सांसद सनी देओल के साथ नजर आने वाला दिप सिद्धू है जो कई मौकों पर सनी के साथ नजर आ चुका है।

किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान अचानक उग्र प्रदर्शनकारी बैरियर तोड़ते हुए लाल किले तक पहुंच गए और उस स्तंभ पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया जहां 15 अगस्त को प्रधानमंत्री भारत का तिरंगा फहराते हैं। लाल किले में घुसे प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाया और टिकट काउंटर में भी तोड़फोड़ की पुलिस ने रात करीब 11 बजे तक प्रदर्शनकारियों से लाल किला को खाली कराया और धार्मिक झंडे को भी हटाया।

हिंसा पर किसान संगठन करेंगे चर्चा
दिल्ली हिंसा के बाद किसान संगठनों की आज दोपहर 2 बजे बैठक होगी और बैठक में 26 जनवरी को हुई हिंसा पर की चर्चा की जाएगी और 1 फरवरी के संसद घेराव कार्यक्रम पर भी फैसला लिया जा सकता है।

हिंसा पर सख्त ग्रह मंत्रालय
दिल्ली हिंसा को लेकर ग्रह मंत्रालय बहुत ज्यादा सख्त है और अमित शाह ने इसको लेकर एक बैठक बुलाई है। इसके साथ दिल्ली क्राइम ब्रांच और स्पेशल सेल से जांच कराई जा सकती है और उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए गृह मंत्रालय अब कानून मंत्रालय की मदद भी ले रहा है। मंगलवार को हुई हिंसा में 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, दिल्ली पुलिस दोपहर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी और हिंसा को लेकर जानकारी देगी।

किसान आंदोलनः किसान और सरकार के बीच आज होगी 11वें दौर की बातचीत

नए कृषि कानूनों के मुद्दों को हल करने के लिए केंद्र सरकार के केंद्रीय मंत्री व किसान संघ के प्रतिनिधि 11 वें दौर की बातचीत शुक्रवार यानी आज होगी। यह बातचीत विज्ञान भवन में होगी जिसमें तीनों कृषि कानून को लेकर पिछले दस दौरे की चर्चाओं में कोई नतीजा नहीं निकल सका है। किसान इन कानूनों को खत्म करने की मांग पर अड़े जबकि केन्द्र सरकार कानूनों को खत्म करने बजाय उन में कुछ बदलाव करने पर तैयार है।

किसान संगठनों ने 26 जनवरी को टै्रक्टर मार्च निकालने का ऐलान कर चुके है जबकि केन्द्र सरकार इस मार्च को नहीं निकालने की बात कह रही है। देश की सर्वोच्च अदालत ने किसान आंदोलन पर सुनवाई करते हुए कहा था कि आंदोलन करने वाले किसानों की मांगों को सही प्रकार से समझने के लिए एक समिति नियुक्त करने का प्रस्ताव दिया था लेकिन इस समिति को लेकर किसान सगठनों ने आपत्ती जताई है। किसान सगठनों ने गुरुवार को सरकार की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उनकी मांग कानूनों को खत्म करने को लेकर है।

इसके साथ किसान संगठन ट्रैक्टर रैली आयोजित करने की अनुमति के संबंध में दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ चर्चा करेंगे।
तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर किसान संगठन पिछले लगभग दो महीने से आंदोलन कर रहे हैं। सभी किसानों के लिए सभी फसलों पर लाभदायक न्यूनतम समर्थन मूल्य ;एमएसपी पर एक कानून बनाने की बात कही है। अब यह देखना होगा की आज की वार्ता में किसान संगठन क्या निर्णय करते है अगर बात नहीं बनी तो यह आंदोलन जारी रहेगा

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सुप्रीम कोर्ट ने तीनों नये कानूनों पर रोक लगा दी है। कोर्ट के अगले आदेश तक ये कानून लागू नहीं होंगे और इसके साथ अदालत ने इन कानूनों पर चर्चा के लिए एक समिति का गठन भी किया है। इसके लिए कोर्ट ने हरसिमरत मान, कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी, डॉ प्रमोद कुमार जोशी (पूर्व निदेशक राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन), अनिल धनवत के नाम कमिटी के सदस्य के तौर पर पेश किये है।

कुर्सी संभालते ही एक्शन मोड़ में दिखे जो बाइडेन, बदल दिये ट्रंप के फैसले

अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के रूप में जो बाइडेन ने शपथ ली है तो भारतीय मूल की कमला हैरिस ने उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली है। शपथ लेने के बाद बाइडेन डोनाल्ड ट्रंप के कुछ बड़े फैसले पलट दिये है और ऐसी बात उनके चुनाव जीतने से पहले की जा रही थी। जो बाइडेन को भारत के साथ दुनिया भर के सभी राष्ट्रध्याक्षों ने बधाई दी है। भारत को अब जो बाइडेन से उम्मीद है कि वह तेल खरीदने को लेकर किसी प्रकार का दबाव नहीं बनाएगे वह इसके कारण भारत को कम कीमत पर सउदी अरब से तेल मिल सकेंगा।

बाइडेन के महत्वपूर्ण फैसले

बाइडेन ने कोरोना को रोकने लिए मास्क को जरूरी कर दिया
जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर अमेरिका की वापसी
विश्व स्वास्थ्य संगठन से हटने के फैसले पर रोक
बॉर्डर पर दीवार बनाने पर रोक
मुस्लिम देशों से आने वाले लोगों पर रोक हटाई
आर्थिक मदद का ऐलान
स्टूडेंट लोन की किस्त को सितंबर तक टाल दी है

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शपथ के दौरान बाइडेन ने अपने भाषण में नस्लीय भेदभाव को खत्म करने और लोकतंत्र को मजबूत करते हुए अब एकता के साथ आगे बढ़ने की बात कहीं।

निकाय चुनाव-2021 नाम वापसी के बाद सदस्य पद के लिए 9930 उम्मीदवार चुनावी मैदान में

# निकाय चुनाव-2021
नाम वापसी के बाद सदस्य पद के लिए 9930 उम्मीदवार चुनावी मैदान में –
जयपुर |  19 जनवरी। प्रदेश के 20 जिलों के 90 निकायों (1 नगर निगम, 9 नगर परिषद और 80 नगर पालिका) में सदस्य पदों के लिए होने वाले चुनाव में नाम वापसी के बाद कुल 9930 उम्मीदवार चुनावी मैदान में रह गए हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त श्री पीएस मेहरा ने बताया कि नाम वापसी की आखिरी तिथि तक 2341 प्रत्याशियों ने नाम वापस लिए, जबकि 50 उम्मीदवार निर्विरोध निवार्चित हो चुके हैं। इन सभी निकायों में 28 जनवरी को प्रातः 8 से सायं 5 बजे तक मतदान होगा, जबकि मतगणना 31 जनवरी, प्रातः 9 बजे से होगी।
 मेहरा ने बताया कि सदस्य पद के लिए 11 जनवरी को लोक सूचना जारी होने के साथ नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। नामांकन पत्र भरने की अंतिम अंतिम तिथि तक 15101 उम्मीदवारों द्वारा 18510 नामांकन पत्र दाखिल किए गए। उन्होंने बताया कि नामांकन पत्रों की संवीक्षा और नाम वापसी के बाद अब 9930 उम्मीदवार चुनावी मैदान में शेष रह गए हैं।
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30 लाख से ज्यादा मतदाता करेंगे उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला
चुनाव आयुक्त पीएस मेहरा ने बताया कि प्रदेश के 20 जिलों (अजमेर, बांसवाड़ा, बीकानेर, भीलवाड़ा, बूंदी, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, चूरू, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, नागौर, पाली, राजसमंद, सीकर, टोंक और उदयपुर) के 90 निकायों (1 नगर निगम, 9 नगर परिषद और 80 नगर पालिका) में से 87 नगर निकायों की निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन 20 जुलाई 2020 को जबकि 3 निकायों की नामावलियों का प्रकाशन 19 नवंबर को किया जा चुका है।  1 जनवरी 2021 की अर्हता के संबंध में 4 जनवरी तक जोड़े गए नामों के बाद कुल 30 लाख 28 हजार 544 मतदाता हैं, जिनमें से 15 लाख 47 हजार 974 पुरुष, 14 लाख 80 हजार 514 महिला और 56 अन्य मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि 3035 वाडोर्ं के लिए 5253 मतदान केंद्रों पर मतदान होगा।
चुनाव प्रचार के दौरान हो कोविड गाइड लाइन की कड़ाई से पालना
चुनाव आयुक्त ने कहा कि नाम वापसी के बाद प्रचार का दौर बढ़ जाएगा, ऎसे में किसी भी हाल में कोविड के दिशा-निर्देशों की अवहेलना ना हो। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान उम्मीदवार या उसके समर्थक किसी के गले नहीं लगे, किसी के पैर ना छूएं और ना ही किसी से हाथ मिलाएं। प्रचार के दौरान केंद्र, राज्य, आयोग और स्थानीय प्रशासन द्वारा कोरोना संबंधी जारी दिशा-निर्देशों की कड़ाई से पालना जरूरी है। उन्होंने कहा कि आयोग की मंशा पूर्ण रूप से सुरक्षित और शांतिपूर्ण मतदान कराने की है। ऎसे में आमजन का सहयोग अनिवार्य है।
अध्यक्ष के लिए 1 फरवरी को होगी अधिसूचना जारी
 मेहरा ने बताया कि सदस्य पदों की मतगणना के बाद 1 फरवरी को अध्यक्ष के लिए लोक सूचना जारी होगी। नामांकन पत्र 2 फरवरी अपराह्व 3 बजे तक प्रस्तुत किए जा सकेंगे। उन्होंने बताया कि नामांकन पत्रों की संवीक्षा की तिथि 3 फरवरी को होगी, जबकि 4 फरवरी को अपराह्व 3 बजे तक अभ्यर्थिता वापिस ली जा सकेगी। चुनाव चिन्हों का आवंटन नाम वापसी के तुरंत बाद 4 फरवरी को ही किया जाएगा। अध्यक्ष के लिए मतदान 7 फरवरी को प्रातः 10 बजे से अपराह्व 2 बजे तक होगा, जबकि मतगणना मतदान समाप्ति के तुरन्त बाद होगी। उन्होंने बताया कि इसी तरह उपाध्यक्ष के लिए निर्वाचन 8 फरवरी को होगा।

कोरोना वैक्सीन से साइड इफेक्ट्स के मामलों में आई तेजी, जानें इसके प्रभाव

भारत में कोरोना का टीकाकरण का अभियान शुरू हो गया है और बड़े शहरों के साथ छोटे गांव में भी इसका कार्य शुरू हो गया है। 3 दिन बीत जाने के बाद कई लोगों में इस वैक्सीन के साइड इफेक्टस भी देखने को मिले है जिसकों लेकर स्वास्थ्य विभाग ने बताया की कुछ लोगों में इसके इफेक्टस देखने को मिले है। अगर बात करें इस अभियान की तो अब तक 3 लाख से ज्यादा लोगों को टीका लग चुका है और इसके बाद इसके कई लोगों को परेशानी भी हुई है।

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अगर बात करें दुनिया की तो फाइजर वैक्सीन के मुकाबले अभी तक भारत में वैक्सीन का ज्यादा बुरा प्रभाव नहीं देखने को मिला है। अगर आने वाले दिनों में इस बात का पता चल जाएगा की यह वैक्सीन कितनी कारगर साबित होगी। कई स्वास्थ्य जानकारों ने वैक्सीन को लेकर सवाल भी खड़े किये है और इसके प्रभावों के बारे में बताया है। इस वैक्सीन के लिए आपको ज्यादा इंतजार करना नहीं होग।

खबरों के अनुसार बताया जा रहा है कि सरकारी अस्पतालों की तुलना में निजी अस्पतालों में ज्यादा टीकाकरण हो रहा है। अगर बात करें इसके साइड इफेक्टस की तो यह कोई बड़ी परेशानी नहीं है क्योंकि सभी लोगों का शरीर एक जैसा नहीं होता है और इसी वजह से कुछ लोगों में इसका साइड इफेक्टस देखा जा सकता है।

रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए एक ऐप तैयार किया गया है इसके माध्यम से आप घर बैठे बिना किसी दलाल के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे। इस ऐप का नाम Co-WIN होगा हालांकि अभी ये ऐप लॉन्च नहीं किया गया है लेकिन जल्द ही इसे लॉन्च कर दिया जाएगा। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड और दूसरी कोवैक्सीन, जिसे हैदराबाद में भारत बायोटेक लैब में तैयार किया है।अभी सरकारी अधिकारी ही जानते हैं कि लोगों को कौन सी वैक्सीन लगाई जाएगी।

भीम आर्मी का किसान आंदोलन में 28 वां दिन , 26 जनवरी 2021 को किसानों के साथ लाल किलें की परेड में शामिल होगीं भीम आर्मी 

Bhim Army to join Republic Day parade on 26 January 2021 with

farmers –

भीम आर्मी का किसान आंदोलन में 28 वां दिन , मेडिकल कैंप सहित अन्य सेवाओं में दे रहें हैं योगदान , 26 जनवरी को किसानों के साथ टेक्टर रेली ( परेड ) में होगें शामिल दिल्ली लाल कीलें पर –
अलवर |  भीम आर्मी एकता मिशन ” भीम आर्मी ” अक्सर दलित मुद्दों पर संघर्ष करती नज़र आती हैं लेकिन इस बार भीम आर्मी किसानों के साथ पूर्ण समर्थन से खड़ी हैं  राजस्थान भीम आर्मी  कार्यकर्ता  शाहजापुर बॉर्डर पर पिछलें 28 दिनों से किसानों की सेवा में लगें हैं |
भीम आर्मी तिजारा विधानसभा अध्यक्ष मोनू रेवाड़ीया ने कहा कि हम लगातार किसान आंदोलन में 28 दिन से तन मन धन के साथ लगे हुए हैं किसान आंदोलन में आंदोलनकारियों के लिए सैकड़ों लोगों को प्रतिदिन दवाई फ्री दी जा रही है और हम आगें भी किसानों के लिए तन मन धन से लगे रहेंगे चाहे यह आंदोलन कितना ही लंबा चले हम किसान कमेटी के आदेशों का पालन करते रहेंगे |
किसानों की 26 जनवरी की परेड में भी शामिल होंगे जो भी किसान कमेटी का आदेश होगा वह सर्वप्रथम होगा सभी के लिए मान्य होगा यह आंदोलन बहुत भाईचारे से चल रहा है इस आंदोलन में हिन्दू .मुस्लिम सिख इसाई सभी शामिल हैं |
भीम आर्मी कार्यकर्त्ताओं मेडिकल कैंप – शहंजापुर बॉर्डर राजस्थान
यह आंदोलन सफल होगा और भविष्य में कोई भी सरकार किसानों  की तरफ आंख उठाकर नहीं देखेंगी  किसान अपने हक की लड़ाई के साथ-साथ पूरे देश के एक-एक व्यक्ति की लड़ाई लड़ रहा है किसान नहीं चाहता अंबानी अडानी पतंजलि का टैग लेकर ₹50 किलो आटा बिके  भीम आर्मी किसानों के साथ कंधे से कंधा लगाकर इस लड़ाई को आखरी समय तक लड़ेगी
प्रदेश अध्यक्ष अनिल धेनवान सत्यवान मेहरा  जिलाध्यक्ष सद्दाम हुसैन विकास जोगी लक्ष्मी नारायण सुरेंद्र मेहरा राजाराम मीणा इंद्रजीत अनिल अजय इंद्रपाल रणवीर सचिन सतीश सुबह सिंह मनीष पार्षद राजू सरपंच और काफी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहते हैं |
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