Chandra Shekhar Azad of Bhim Army was included in the list of 100 influential people by
Time magazine –
भीम आर्मी के चंद्र शेखर आज़ाद को टाइम मैगजीन ने 100 प्रभावशाली लोगों की सूचीं में शामिल किया –
भीम आर्मी के संस्थापक चंद्र शेखर आज़ाद उर्फ़ ” रावण ” को अंतरराष्टीय मैगजीन ” टाइम ” ने 100 दुनिया के सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया हैं यह चंद्र शेखर आज़ाद और पूरी वंचित जमात के लियें यह गर्व की बात हैं चंद शेखर जो अभी 34 वर्ष के है के संघर्ष के के दम आज वह दुनिया 100 प्रभावशाली लोगों की सूचि में शामिल हैं |
चंद्र शेखर उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के रहने वाले हैं स्थानीय गाँव में जहाँ दलित समाज के युवाओं के साथ राजपुत और सवर्ण समाज के दबंगों द्वारा जो अत्याचार , मारपीट आदी घटनाओं को रोकने के लियें भीम आर्मी ” भारत एकता मिशन ” के नाम से यह संगठन सामने आया था और साहरनपुर जातीय हिंसा में चंद्र शेखर आज़ाद का नाम देश के सामने आया था उसके बाद उन्हें जेल भी जाना पड़ा था उसके बाद चंद्रशेखर के अन्य साथी कमल वालिया सहित अन्य भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने संगठन के कमान संभाली थी |
चंद्र शेखर आज़ाद अपना आदर्श बाबा साहब अम्बेडकर और उसके बाद डॉ अम्बेडकर के सपनों को जमीन तक उतारने का काम करने वाले मान्यवर कांशी राम को मानते हैं चंद्र शेखर ने अपने संगठन को राजनीति रूप देने के उदेश्य से राजनीति पार्टी ” आज़ाद समाज पार्टी ” भी मार्च 2020 में बनाई हैं अब भीम आर्मी व् आज़ाद समाज पार्टी दोनों के संस्थापक चंद्र शेखर आज़ाद हैं दलित समाज में जहाँ भी कहीं जातीय हिंसा होती हैं भीम आर्मी संगठन पीड़ित के पक्ष में अपनी आजाज उठाते हैं और प्रशासन से कार्यवाही की मांग करते हैं |
टाइम मैगजीन ने अपने आर्टिकल में लिखा हैं चंद्र शेखर आज़ाद व् उनका संगठन भीम आर्मी जहाँ भी जातीय हिंसा होती हैं दलितों के पक्ष में अपनी आवाज़ पीड़ित के पक्ष में उठाते हैं और यह युवाओं का संगठन हैं तो युवा अपनी मोटर साइकिलो के खाफिलें के साथ आंदोलन करते हैं |
आज जिस प्रकार चंद्र शेखर काम कर रहें हैं लगता है दलित समाज को एक लम्बे समय बाद अपना लीडर मील रहा हैं नेता नहीं |
वेरी गुड चंद्रशेखर भाई जहां भी अन्य होता है वहां पहुंच जाते हो प्रशासन को पाबंद करते हो कि निर्दोष लोगों की सुरक्षा की जाए एवं अपराधियों को कड़ी से कड़ी सुरक्षा दी जाए और संविधान की रक्षा करते हो और पालना करवाते हो कृपया आप देश के जागरूक नागरिक हो हर नागरिक के अधिकार एवं कर्तव्य बताने की कोशिश करते हो जय भीम जय संविधान
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हमें गर्व है कि चंद्र शेखर आजाद ने पीड़ितों के पक्ष में आवाज़ उठाने का जो बीड़ा उठाया है, वह तारीफ़ के काविल है। इससे पहले कोई दलित नेता इस तरह एक आंदोलनकारी के रूप में उभर कर नहीं आया मैं मानता हूँ कि वे आजादी के बाद पहले ऐसे नेता हैं जो बेखौफ़ होकर दलितों को सिर उठाकर जीना सिखा रहे हैं, वे अपने संघर्ष से सिखा रहे हैं कि डरो मत हम सब मरनाशील हैं, जब मरना ही है तो अपमानित होकर क्यों मरें, मरना ही है तो इज्जत के साथ मरें और इज्जत के साथ मरने का अर्थ है अन्याय के खिलाफ संघर्ष करते हुए मरना।
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