
सनातन धर्म की रक्षा समेत सर्व समाज के हित में –
करणी सेना द्वारा अपने कार्यकर्ताओं को सेना को एक अनुशासित संगठन के रूप में पहचान दिलाने के लिए तीन दिन का प्रशिक्षण शिविर का आयोजन जयपुर के शुभम रिसोर्ट में सम्पन्न हुआ । करणी सेना देश भर में सनातन धर्म के लिए जनजागरण का कार्य करेगी । करणी सेना की मांग है कि जनसँख्या नियंत्रण कानून केंद्र सरकार जल्द से जल्द लागू करे. बेरोजगार युवाओ को लेकर भी करणी सेना गम्भीरता से कार्य कर रही है उसके लिए भारत सरकार की जो योजनाए चल रही हैं करणी सेना उन रोजगार परक योजनाओं के लिए बेरोजगारों की मददगार बनेगी।
करणी सेना ने अभी तक 10 लाख सदस्य घर घर जाकर और मिसकॉल के माध्यम से बनाये हैं। करणी सेना का लक्ष्य 1 करोड़ सदस्य बनाना है ।
हम आपको बताना चाहते हैं कि करणी सेना कोई जातीय संगठन नहीं है बल्कि राष्ट्र भक्त लोगों की सेना है व सनातन धर्म की रक्षक है करणी सेना |
करणी सेना इस प्रकार के बिन्दुओ को लेकर चल रही है –
तीन दिवसीय इस प्रशिक्षण शिविर में करणी सेना के अध्यक्ष सूरजपाल अम्मू , गिरराज सिंह लोटवारा राजपूत सभा अध्यक्ष, अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पारीक उमेश सिंह करेरी राष्ट्रीय संगठन महामंत्री ,महिला शक्ति राष्ट्रीय अध्यक्ष कीर्ति सिंह राठौर युवा शक्ति राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेस पारीक (बॉबी) व्यापार शक्ति राष्ट्रीय अध्यक्ष दीपक सिंघल किसान शक्ति राष्ट्रीय अध्यक्ष मधुकर डोमसे, नरेश सिंह ठाकुर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बहन अनु चौधरी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकेश रावल राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री अग्रवाल राष्ट्रीय महामंत्री दिनेश सिंह चौहान राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष धूम भटेजा राष्ट्रीय मंत्री
जितेंद्र सिंह रानोली राष्ट्रीय मंत्री देव जीत घोष चौधरी राष्ट्रीय मंत्री उमेश तिवारी राष्ट्रीय मंत्री संजय सिंह जेल पारा राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य विजेता वर्मा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शैतान सिंह परमार राष्ट्रीय मंत्री रविंद्र सिंह पवैया राष्ट्रीय सह मीडिया प्रभारी अनुपमा गहरवार राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष महिला शक्ति श्रीमती राखी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महिला शक्ति श्रीमती ममता कौशिक एडवोकेट विवेक सिकरवार राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विधि प्रकोष्ठ एडवोकेट जनक राणा राष्ट्रीय संगठन महामंत्री विधि प्रकोष्ठ गौरव चौहान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष युवा शक्ति विवेक सिंह सिसोदिया राष्ट्रीय मंत्री युवा शक्ति विनय भाटी राष्ट्रीय मंत्री युवा शक्ति मनीष गौतम राष्ट्रीय मंत्री युवा शक्ति भवन विक्रम सिंह राष्ट्रीय संगठन महामंत्री युवा शक्ति जितेन सिंह राजपूत राष्ट्रीय उपाध्यक्ष युवा शक्ति राष्ट्रीय पदाधिकारी युवा शक्ति मोहित अग्रवाल राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जम्मू-कश्मीर प्रदेश अध्यक्ष कपिल शर्मा हिमाचल प्रदेश राहुल चौहान हरियाणा प्रदेश ओम तवर प्रदेश अध्यक्ष दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष बादल तवर उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष विवेक सिंह तोमर बिहार प्रदेश अध्यक्ष धीरेंद्र सिंह झारखंड प्रदेश अध्यक्ष समेत देशभर प्रदेश इकाइयों के पदाधिकारी उपस्थित रहे । इस मौके पर ललित सिंह मुक्तावत को करणी सेना का कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष घोषित भी किया गया ।
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जयपुर | राजस्थान की राजनीति में अभी सियासत चर्म पर हैं जहाँ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कुछ महीनों पहलें गिरती हुई कांग्रेस को बचा पायें थे लेकिन अब लगता हैं कांग्रेस के लियें आगें की ख़ासकर अशोक गहलोत के लियें समय कांटो भरा रहने वाला हैं दो टुकडो में विभाजित कांग्रेस सचिन पायलट और अशोक गहलोत ख़ेमे में अब टकराव अधिक देखने को मिल रहा हैं पर्दे के पीछे सियासत और कुछ ही कह रहीं हैं –
सचिन पायलट की किसान महापंचायत – राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलेट अभी अपनी जड़ें मजबूत करने के लियें किसान महापंचायत कर रहें हैं अभी राहुल गाँधी के राजस्थान दौरे में भी सचिन को मंच में जगह नहीं मिल सकी अब सचिन अपनी जड़ें मजबूत करने में लगें है
चाकसू विधायक वेद प्रकाश सोलंकी के खिलाफ किसानों ने की नारेबाजी – मुर्दाबाद के लगें नारें
हेमराज बैरवा (चाकसू) | 19 फरवरी 2021 को सचिन पायलट के कोटखावदा ” किसान महापंचायत “ को लेकर चाकसू विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ग्राम पंचायत स्तर पर किसानों से मिल रहे थे विधायक सोलंकी देहलाला गाँव में जब बैठक करने पहुचें तो लोग विधायक सोलंकी को आड़े हाथ ले लियें और जो वादें बाढ़ आपदा के समय कियें गयें थे उसको लेकर टकराव की स्थिति बन गई |
घटना अनुसार
जहां विधायक ने किसानों को पीले चावल बांटकर बरगलाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन किसानों का गुस्सा थमा नहीं और विधायक के खिलाफ नारेबाजी की और सोलंकी मुर्दाबाद के नारे लगाए
माहौल बिगड़ता देख कार्यकर्ताओं ने किसानों को शांत किया किसानों का आरोप है की गत वर्ष 4 मार्च 2020 को कोटखावदा क्षेत्र के गांवों में अत्यंत ओलावृष्टि हुई थी जहां किसानों की फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गई थी जिसमें विधायक ने भरोसा दिलाया था की हमारी सरकार होते हुए किसानों के आंसू नहीं आने देंगे और यह वादा किया था कि हम जल्दी से जल्दी किसानों को उनका उचित मुवावजा दिलाएंगे लेकिन ओलावृष्टि को 1 वर्ष होने वाले हैं किसानों का आरोप है अभी तक एक कृपया भी किसानों के खाते में नहीं आया और बिजली विभाग को लेकर किसानों ने आरोप लगाया हैं कि जहां 2 महीने का बिल आया करता था वहां 1 महीने मे ही वसूला जा रहा है दुगना बिल सरकार वसूल रही है और समय पर बिजली भी नहीं दे पाते हैं |
वहीं इनकी मौजूदा सरकार ने चुनावों में किसानों के कर्ज माफी को लेकर किए वादे भी पूरे नहीं किए|
किसानों का कहना है कि चाहे राजस्थान की कांग्रेस सरकार हो या फिर केंद्र की भाजपा सरकार हो दोनों ही सरकार किसानों के विरुद्ध की सरकार है|
राहुल गॉंधी ने उक्त विचार आज राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले की पीलीबंगा तथा श्रीगंगानगर जिले की पदमपुर में आयोजित किसान महापंचायतों में उपस्थित किसानों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान का सबसे बड़ा व्यापार सेल फोन, हवाई जहाज या ट्रांसपोर्ट का नहीं है, बल्कि सबसे बड़ा व्यापार कृषि है जो देश का ही नहीं बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा व्यापार है क्योंकि कृषि से करोड़ों लोगों को भोजन मिलता है। इस व्यापार को कोई एक व्यक्ति नहीं चलाता है बल्कि देश की 40 प्रतिशत आबादी इस व्यापार की भागीदार है और करोड़ों लोग मिलकर इसे चलाते हैं। उन्होंने क
हा कि कृषि व्यापार 40 लाख करोड़ रूपये का है जिससे किसान, मजदूर, व्यापारी, छोटे दुकानदार, आड़तिये आदि रोजगार प्राप्त करते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का लक्ष्य रहा है कि यह व्यापार किसी एक व्यक्ति के हाथ में ना जाये बल्कि देश की 40 प्रतिशत आबादी की भागीदारी बनी रहे। उन्होंने कहा कि इसीलिए कांग्रेस आज किसानों की लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार देश में अमूल कम्पनी लाई, यह किसानों की ही कम्पनी थी जो आज पूरे देश में लोगों को दूध उपलब्ध करवाती है। उन्होंने कहा कि इन तीन कृषि कानूनों के कारण देश की कृषि सिर्फ एक व्यक्ति की मोनोपोली बन जायेगी। उन्होंने कहा कि काले कानूनों के माध्यम से मोदी सरकार ने देश के लोगों को भूख, बेरोजगारी और आत्महत्या के विकल्प दिये हैं।
किसाना आंदोलन मजबूत बनाने के लिए राजस्थान में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टीसे सांसद और दिग्गज जाट नेता हनुमान बेनीवाल राज्य के प्रत्येक जिले में किसान आंदोलन के समर्थन में ट्रैक्टर रैली निकालेंगे। बेनीवाल ने किसानों के समर्थन के लिए एनडीए से अलग होकर बता दिया था कि वह किसानों के हक की बात पर किसानों के साथ खड़े होकर उनका साथ देंगे। बेनीवाल ने कहा कि रैली का आयोजन शुक्रवार को सभी जिला मुख्यालयों शांतिपूर्ण तरीके से किया जायेगा।
बेनीवाल ने कहा इस रैली के माध्यम से केन्द्र सरकार को संदेश दिया जाएगा कि किसानों के मुद्दे को दबाया नहीं जा सकता और राजस्थान के किसान एक है। राजधानी जयपुर में रैली मानसरोवर मेट्रो स्टेशन से शुरू होगी और 14 नंबर बाईपास पर जाकर समाप्त होगी।
बेनीवाल ने कहा कि आंदोलन के समर्थन में उनकी पार्टी शाहजहांपुर बॉर्डर पर पड़ाव डालकर बैठी है और किसानों के पक्ष में आवाज को मजबूत कर रहे है। बेनीवाल ने संसद सत्र के दौरान भी सांसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण और वित्त मंत्री के बजट भाषण पर भी अपना विरोध् दर्ज करवाते हुए कृषि बिलों को वापिस लेने की अपील की थी। इसके बाद वह अब ट्रैक्टर रैली के माध्यम से किसानों का हौसला बढ़ा रहे हैं। इस रैली जबरदस्त भीड़ देखने को मिल रही है और इस बात से पता चलता है कि हनुमान बेनीवाल की किसानों के बीच अच्छी पकड़ है।
वही दूसरी तरफ भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किसानों को कहा कि हर गांव से एक ट्रैक्टर पर 15 आदमी 10 दिन का समय लेकर आएं और इस आंदोलन में शामिल हो और इसके बाद वह लौटकर अपनी खेती करे इससे गांव में बैठे किसानों तक हमारी बात पहुचंगी और ज्यादा से ज्यादा किसान इसमें भाग लेंगे।
पिछले 2 महीने से ज्यादा का समय बित चुका है और दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन की गूंज अब धीरे-धीरे अंतरराष्ट्रीय हलकों में सुनाई देने लगी है। दो महीनों के दौरान आंदोलन कृषि कानूनों के खिलाफ कई रंग ले चुका है और इसी वजह से जुमले वाली सरकार की नींद उड़ गयी है। गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा ने आंदोलनकारियों के लिए परेशानी खड़ी कर दी थी लेकिन इसके बाद जिस तहर टिकैत ने किसानों के लिए मरने की बात कही उसको लेकर किसानों में जबरदस्त जोश देखने को मिल रहा है।
दिल्ली हिंसा को लेकर टिकैत ने सार्वजनिक तौर पर माफी मांगकर केन्द्र सरकार को ललकारा था कि अगर वह इस आंदोलन को खत्म करने के लिए किसी भी हद तक चले जाए लेकिन यह आंदोलन जारी रहेगा। इसके बाद पंजाब, हरियाणा और यूपी के किसानों ने टिकैत का समर्थन करने का फैसला किया है। वहीं दूसरी तरफ खाप पंचायतों ने आर-पर की जंग लड़ने का ऐलान भी कर दिया है। इसके साथ दिल्ली में बैठी बहरी व जुमले वाली सरकार को चेता दिया है कि जल्द से जल्द किसानों की बात नहीं मानी गयी तो आंदोलन तेज होगा पीएम को पद छोड़ना होगा।
बुधवार को भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने हरियाणा के जींद में हजारों किसानों के साथ महापंचायत करके सरकार पर और दबाव बनाने की बात कही है। टिकैत ने मोदी सरकार को चेताया कि अगर कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो उसके लिए सत्ता में बने रहना चुनौती होगी। इसके साथ दिल्ली की सीमाओं पर जो तारबंदी करने के साथ किलेबंदी की है उसको लेकर कहां की जो राजा डरता है वह ऐसा करता है।
किसान आंदोलन पर विदेशी लोगों द्वारा जो टिप्पणियां की है उसके बाद बॉलीवूड व खेल जगत के लोगों ने उनको करारा जवाब दिया है। अजय देवगन, लता मंगेशकर, अक्षय कुमार, सचिन तेंदुलकर व विराट कोहली सहित कई बड़े लोगों ने ट्वीट किया है कि किसी भी भारतीय मुद्दे पर विचान करने के लिए भारत सक्षम है।
पिछले 2 महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है और किसान सगंठन 3 नये कृषि बिलों को समाप्त करने की मांग को लेकर दिल्ली की सिमाओं पर आंदोलन कर रहे है। 2 महीने के अन्तराल में किसानों और सरकार के बीच कई दौरे की वार्ता हो चुकी है लेकिन इसके बाद भी कोई नतीजा नहीं निकल पाया है और इस दौरान किसानों ने सरकार को जगाने के लिए कई प्रकार के प्रयास किये लेकिन मोदी सरकार किसानों की बात को अनसुना कर रही है।
26 जनवरी के दिन ट्रेक्टर परेड़ के दौरान लाल किले पर जो हिंसा हुई उसको लेकर किसानों पर कई तरह के आरोप लगाये जा रहे है और किसान संगठन इस हिंसा पर खेद प्रकट करने के साथ हिंसक प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की और एक बार फिर दिल्ली कूच करने की तैयारी शुरू कर दी है। कृषि कानून के खिलाफ किसानों ने अपने आंदोलन को तेज करने के साथ 6 फरवरी को चक्का जाम का ऐलान कर दिया है। ऐसे में दिल्ली के बॉर्डरों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है, गाजीपुर बॉर्डर पर तार, नुकीली कील और बैरिकेडिंग तक लगा दी गई है, सुरक्षा के मध्यनजर ट्रेनों को भी डाइवर्ट किया जा रहा है।
किसानों ने पहले ही चेतावनी दी है कि वह तीनों बिलों खत्म करने के बाद ही अपना आंदोलन खत्म करेंगे। दिल्ली की सीमाओं पर जो कंटीले तारों व कीलों आदि वाली जबर्दस्त बैरिकेडिंग की गई है जिसकों लेकर किसानों ने कहा कि वह दिन-रात खेतों में कांटों व पत्थरों के बीच रहकर खेती करता है तो उसे इन तारों के जाल से नहीं डराये तो सरकार के लिए अच्छा होगा।
सरकार के सख्त रूख को देखते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि हमने सरकार को अक्टूबर तक का समय दिया है और इसके बाद भी सरकार हमारे मांगें नहीं मानती है तो 40 लाख ट्रैक्टरों के साथ देशव्यापा ट्रैक्टर रैली निकालेंगे। टिकैत ने कहा कि कानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं की बात भी कही है। सरकार उन किसानों को डरा रही है जो गर्मी,सर्दी और बारिश के मौसम में तपकर बढ़ा हुआ है और उसे कभी पानी की धार से तो कभी पुलिस बल से तो कभी कांटों का डर दिखा रही है जो किसी हास्यपद से कम नहीं है।
भारत के इतिहास में पहली बार पेपरलेस बजट प्रस्तुत किया गया लेकिन इस बजट को लेकर लोगों ने मोदी सरकार की जमकर आलोचना की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसे मेड इन इंडिया टैबलेट से पढ़ा जो अच्छी बात है लेकिन उनके इस टैबलेट से आम व खास के लिए कुछ नया नहीं निकला।
सामाजिक सुरक्षा के दायरे में ठेका कर्मचारी को पहली बार सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 में गिग और प्लेटफॉर्म कर्मचारियों को शामिल किया गया। डिजिटल जनगणना के लिए सरकार ने बजट में 3ए760 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया है। इस बजट के बाद आम जनता की जेब ढीली होने वाली है क्योंकि इस बजट के बाद घरेलू सामानों की किमतों में जबरदस्त इजाफा देखने को मिलेगा। पेट्रोल, डीजल, शराब, लेदर, सोना, चांदी और गाड़ियां जैसी चीजों की कीमत में बदलाव देखने को मिलेगा।
18 प्रोडक्ट्स महंगे
मोबाइल पार्ट्स, बैटरी और चार्जर ,फ्रिज,एसी पर 5 प्रतिशत तक इंपोर्ट ड्यूटी बढाई गयी है। इसके साथ ही आने वाले दिनों में पेट्रोल व डीजल की कीमतों में भारी इजाफा देखने को मिल सकता है। इसके कारण सभी चीजों के दाम बढ़ना तय है।
8 सामान सस्ते हुए
आम आदमी से परे गोल्ड, सिल्वर और प्लेटिनम की ज्वैलरी पर इंपोर्ट ड्यूटी 5 प्रतिशत कम की गई है। इसके कम होने से आमजन को कोई बड़ा फायदा नहीं होता दिख रहा है। इस बजट के बाद लोगों ने कहा कि कोरोना के कारण जब लोगों की नौकरी चली गयी है और लोगों को नौकरी का इंतजार है। लेकिन इस बजट में नौकरियों को लेकर कोई ऐलान नहीं किया है।
इस बजट में किसानों के लिए कोई बड़ा ऐलान नहीं किया गया जबकि पिछले 2 महीने से किसान संगठन कृषि बिलों को खत्म करने व एमएसपी को लेकर आंदोलन कर रहे है। अगर इस बजट में किसानों को राहत के लिए कुछ बड़े फैसले लिये जाते तो किसानों को विश्वास होता की मोदी सरकार उनके हितों के बारे में सोचती है लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिला।
कोरोना काल में मोदी सरकार का बजट लोगों को कितना पसंद आयेगा इसके बार में तो अभी लोगों की प्रतिक्रिया आना बाकी है लेकिन कोरोना काल के नाम पर जुमले वाली सरकार का यह फेकू बजट किसानों, सेना और आम जनता के लिए क्या लेकर आया है इसके बार में नीचे विस्तार से जान सकते हैं। पिछले साल कोरोना काल की आड में फेकू सरकार ने 3 नये कृषि कानून बिल पास कराके उन्हें लागू कर दिया लेकिन पिछले 2 महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है और फेकू सरकार किसानों की मांग नहीं मान रही है और उनको सड़कों पर रात गुजराने पर मजबूर कर रही है।
75 साल से अधिक उम्र वाले पेंशनधारकों को इनकम टैक्स नहीं भरना होगा
ट्राइब्यूनल्स के कामकाज़ को सुधारा जाएगा
जनगणना डिजिटल होगी
लेह में सेंट्रल युनिवर्सिटी बनाई जाएगी
100 नए सैनिक स्कूल खोले जाएंगे
बैंकों में 20,000 करोड़ की पूंजी डाली जाएगी
कश्मीर क्षेत्र में गैस पाइपलाइन का विस्तार किया जाएगा
3 नए रुट्स पर रेलवे नए फ्रंट कॉरोडोर बनेंगे
सरकारी बस सेवा पर 18000 करोड़ का खर्च होगा
मार्च 2022 तक 8500 किमी हाईवे बनाए जाएंगे
3 नए रुट्स पर रेलवे नए फ्रंट कॉरोडोर बनेंगे
अर्बन जल जीवन मिशन लॉन्च किया जाएगा
कोरोना वैक्सीन के लिए 35,000 करोड़ आवंटित
स्वास्थ्य योजना पर 64180 करोड़ रुपये खर्च होंगे
17 नए अस्तपताल शुरु किए जाएंगे
सभी राज्यों का स्वास्थय डाटा बेस बनाया जाएगा
सभी राज्यों का इंटीग्रेटिड डाटा बेस तैयार होगा
किसानों की आय दोगुनी होगी
भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी
आत्मनिर्भर भारत के लिए नई योजना लॉन्च करेंगे
राजस्थान में निकाय चुनाव के नतीजों पर कांग्रेस पार्टी ने मतदाताओं और कार्यकर्ताओं का आभार जताया है। हालांकि कांग्रेस को बड़ी जीत नहीं मिली है लेकिन निर्दलियों के कारण वह बीजेपी से ज्यादा बोर्ड बनाने में सफल हो सकती है। लेकिन कई ऐसे निकायों में निराशा का भी सामना करना पड़ा है जहां मौजुदा सरकार के बड़े मंत्री आते हैं या फिर उन क्षेत्रों में कांग्रेस के विधायक हैं। लेकिन इसके बाद भी आलाकमान के नेताओं के साथ राजस्थान के प्रभारी अजय माकन ने खुशी जाहिर की है।
राजस्थान के 90 शहरों में निकाय चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और लगभग 50 से ज्यादा बोर्ड कांग्रेस के पाले में जाते हुए दिख रहे है। इस बार भाजपा के गढ़ माने जाने वाले कई बोर्डो पर कांग्रेस ने बाजी मारी है। लेकिन कांग्रेस के लिए बहुत बड़ी चुनौती वहां है जहां आने वाले दिनों में चार विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होने हैं। क्योंकि यहां 4 में 3 सीटों पर बीजेपी का दबदबा रहा है। मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यों को जनता ने सराहा है।
प्रदेश के 20 जिलों के 90 निकाय के चुनाव परिणाम के बाद 3034 वार्डों के चुनाव परिणाम जारी कर दिये गये है और जिसमें सबसे ज्यादा वार्डों 1197 के साथ कांग्रेस पहले स्थान पर है तो भाजपा 1140 वार्ड जीतने में सफल रही है। इस बार 634 वार्डों में निर्दलीयों ने कब्जा किया है।
चुनाव नतीजों के बाद बीजेपी ने आरोप लगाया कि सत्ता में होने के बाद भी कांग्रेस को ज्यादा बड़ी जीत नहीं मिली है और नतीजों के परिणाम के बाद भी वह अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। जबकि उनके बड़े नेता इस जीत को कांग्रेस के लिए बड़ी जीत बता रहे है जबकि बीजेपी अपने दम पर कांग्रेस से ज्यादा वार्डो पर कब्जा किया है और कांग्रेस अब निर्देलियों के भरोसे अपनी जीत के सपने देख रही है।