दो दिन से आक्रमक दिख रहें हैं राहुल गाँधी , राजस्थान में जाट बाहुल्य क्षेत्रो में किसान रेली – मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ,सचिन पायलेट रहे इर्दगिर्द – 

किसान महापंचायता – जाट लेंड 
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी ने आज राजस्थान में किसान महापंचायत को संबोधित किया उन्होंने किसान आंदोलन के पक्ष में अपने विचार रहें और केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया इसके साथ ही जिसकी सभी राजनीतिक चाणक्य जो कयास लगा रहें थें वेसा कुछ सामने नज़र नहीं आया मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलेट राहुल गाँधी के इर्दगिर्द ही नजर आयें अब परदे के पीछे क्या सियासत रही इसका अनुमान आगामी समय में लग सकता हैं क्योकि सचिन पायलेट अभी आलाकमान के निर्देश अनुसार कार्य कर रहें हैं और जमीनी स्तर पर कांग्रेस पार्टी के पक्ष में कार्य कर रहें जिसका परिणाम आगामी घटनाक्रमों में दिख सकता हैं |
राहुल गाँधी के भाषण के मुख्य अंश –
मोदी सरकार का तीन काले कृषि कानून लाने के पीछे, उनका लक्ष्य व सोच समझाने के लिये आज राजस्थान में किसान महापंचायत में आया हूॅं।

 राहुल गॉंधी ने उक्त विचार आज राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले की पीलीबंगा तथा श्रीगंगानगर जिले की पदमपुर में आयोजित किसान महापंचायतों में उपस्थित किसानों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि हिन्दुस्तान का सबसे बड़ा व्यापार सेल फोन, हवाई जहाज या ट्रांसपोर्ट का नहीं है, बल्कि सबसे बड़ा व्यापार कृषि है जो देश का ही नहीं बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा व्यापार है क्योंकि कृषि से करोड़ों लोगों को भोजन मिलता है। इस व्यापार को कोई एक व्यक्ति नहीं चलाता है बल्कि देश की 40 प्रतिशत आबादी इस व्यापार की भागीदार है और करोड़ों लोग मिलकर इसे चलाते हैं। उन्होंने क

राहुल गाँधी – राजस्थान , किसान महापंचायत

हा कि कृषि व्यापार 40 लाख करोड़ रूपये का है जिससे किसान, मजदूर, व्यापारी, छोटे दुकानदार, आड़तिये आदि रोजगार प्राप्त करते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का लक्ष्य रहा है कि यह व्यापार किसी एक व्यक्ति के हाथ में ना जाये बल्कि देश की 40 प्रतिशत आबादी की भागीदारी बनी रहे। उन्होंने कहा कि इसीलिए कांग्रेस आज किसानों की लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार देश में अमूल कम्पनी लाई, यह किसानों की ही कम्पनी थी जो आज पूरे देश में लोगों को दूध उपलब्ध करवाती है। उन्होंने कहा कि इन तीन कृषि कानूनों के कारण देश की कृषि सिर्फ एक व्यक्ति की मोनोपोली बन जायेगी। उन्होंने कहा कि काले कानूनों के माध्यम से मोदी सरकार ने देश के लोगों को भूख, बेरोजगारी और आत्महत्या के विकल्प दिये हैं।

 राहुल गॉधी ने कहा कि इन तीनों काले कानूनों में से पहला कानून ऐसा है कि कृषि का क्षेत्र एक व्यक्ति के हाथ में चला जायेगा और उसकी मोनोपोली हो जायेगी। देश में मण्डियां समाप्त हो जायेंगी, इस कानून के माध्यम से सरकार लोगों से कृषि के क्षेत्र से प्राप्त रोजगार
को छीनना चाहती है, लेकिन यह बात मीडिया के द्वारा नहीं बताई जायेगी क्योंकि मीडिया पर उन लोगों का कब्जा है जो देश के उन 40 प्रतिशत लोग जिसमें छोटे दुकान, व्यापारी, किसान और मजदूर शामिल हैं उनका रोजगार छीनना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी बड़ा व्यापारी
पूरे देश में किसानों से पूरा अनाज खरीदना चाहे तो उसकी कोई सीमा नहीं रही बल्कि एक ही व्यक्ति देश का पूरा खाद्यान्न खरीद सकेगा जिस कारण से हमारे देश में किसानों की मण्डियां समाप्त हो जायेंगी। उन्होंने किसान महापंचायत को सम्बोधित करते हुए कहा कि दूसरे कृषि कानून के प्रावधानों के अनुसार कोई भी व्यापारी और उद्योगपति कितनी भी सब्जी, अनाज, फल अपने पास रख सकता है उसकी सीमा समाप्त कर दी गई है, जिसका तात्पर्य यह है कि कोई भी एक बड़ा व्यापारी देश के समस्त अनाज को अपने पास स्टोर कर सकेगा और इनके मूल्यों को कन्ट्रोल करेगा। आज अनाज मण्डियों में यदि किसान की उपज बिकती है तो कोई जमाखोरी नहीं कर सकता, किन्तु यदि यह कानून लागू कर दिया गया तो जमाखोरी की कोई सीमा नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि किसान यदि अपनी उपज बेचने जायेगा तो उसे मण्डियां नहीं मिलेगी, उसे छोटे व्यापारियों की बजाए अरबपति व उद्योगपतियों के सामने अपनी फसल बेचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि तीसरे कानून के अनुसार जब उद्योगपतियों के सामने किसान अपनी उपज बेचने के लिए जायेगा तो उसे अपनी उपज के दाम के लिये व अन्य अधिकारों की रक्षा के लिये न्यायालय नहीं जा सकेगा। उन्होंने कहा कि इन कानूनों के
माध्यम से देश की 40 प्रतिशत आबादी का रोजगार दो या तीन बड़े उद्योगपतियों के हाथ में चला जायेगा। एक ही कम्पनी देश का अनाज, फल, सब्जी बेचेगी जिससे पूरे देश में जो छोटे व्यापारी हैं, दुकानदार हैं, अनाज, मूंगफली, चना इत्यादि बेचकर अपना पेट पालते हैं उन छोटे
व्यापारियों का काम धंधा समाप्त हो जायेगा तथा वे बेरोजगार हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि इन कानूनों के माध्यम से सिर्फ किसान ही नहीं बल्कि देश की 40 प्रतिशत आबादी के रोजगार पर आक्रमण किया गया है। किसान जागरूक है जिसे यह बात पहले समझ में आ गई और वह
आन्दोलन के माध्यम से इन कानूनों के खिलाफ खड़ा होकर अन्य लोगों को रोशनी दिखा रहा है।
 राहुल गॉंधी ने कहा कि मोदी जी के कहते हैं कि ये कानून किसानों के लिये बनाये हैं, तो फिर उन्हें यह जवाब देना चाहिए कि क्यों आज पूरे देश का किसान परेशान है? क्यों किसान आज दिल्ली की बॉर्डर पर लाखों की संख्या में बैठे हैं और क्यों 200 से अधिक किसान
इस आन्दोलन में अपनी जान गवा चुके हैं |