वार्ता से पहले किसानों ने साफ कर दिया अपना रूख! जानें पूरी खबर

किसान आंदोलन को खत्म करने के लिए केन्द्र सरकार ने किसानों से अब तक 6 बार बातचीत करने का प्रयास किया लेकिन इससे कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। केन्द्र सरकार द्वारा किसानों से बातचीत करने के लिए 7वें दौर की वार्ता के लिए बुलाया है लेकिन इस वार्ता से पहले किसानों ने अपना रूख साफ कर दिया है िकवह आंदोलन तभी खत्म करेंगे जब तीनों बिलों को खत्म करने के साथ एमसीपी को कानूनी अधिकार बनाया जाएगा। इस वार्ता से पहले ही लगने लगा है कि सरकार किसी भी हद तक अपने रूख में नरमी नहीं बरतेगी वह इस बिल को लेकर साफ कह चुकी है कि यह बिल किसानों के लिए बहुत फायदेमंद है जो आने वाले भविष्य में उनको कर्ज जैसी परेशानी से छूटकारा दिलाएगा।

7वें दौर की वार्ता के लिए किसान आज 2 बजे विज्ञान भवन दिल्ली जाएंगे और वहां सरकार के मंत्रियों के साथ वार्ता करेंगे। किसानों के इस आंदोलन में कई सामाजीक संगठनों के साथ पूरा विपक्ष उनका समर्थन कर रहा है लेकिन केन्द्र सरकार को यह लगता है कि यह आंदोलन एक राजनीतिक और विदेशी ताकतों के इशारों पर चल रहा है। इस आंदोलन में जियो कंपनी को लेकर कई प्रकार के भ्रामक प्रचार भी किया जा रहा है जिसके चलते जियो कंपनी के टॉवरों पर बिजली की सप्लाई बंद कर दी गयी है।


किसान आंदोलन को लेकर दुनिया भर में चर्चा हो रही है कि भारत किसानों पर निर्भर है और वहां पर किसानों की हालात इतनी खराब है कि किसान को आत्महत्या तक करनी पड़ती है। अब यह देखना होगा कि आज की वार्ता के बाद क्या परिणाम निकलता है अगर इस वार्ता के बाद किसान आंदोलन खत्म नहीं करते हैं तो वे इस आंदोलन को और तेज करने का प्रयास करेंगे जिसके चलते केन्द्र सरका की परेशानी बड़ सकती है।

जयपुर LIC के कर्मचारियों ने किया कार्य बहिष्कार – कॉमरेड रामचंद्र शर्मा ने किया सभा को संबोधित –

Jaipur LIC employees boycott work – Comrade Ramchandra Sharma addresses the gathering

जयपुर |  मोदी सरकार के हॉलियें बजट में भारतीय जीवन बीमा { LIC  }  को पूंजी बाज़ार में सूचीबद्ध करने के विरोध में सभी वर्ग के LIC  के कर्मचारियों ने देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया –

जयपुर में भारतीय जीवन बीमा के मंडल कार्यलय सभी छोटे बड़े कर्मचारियों ने एकत्रित होकर ऑल इंडिया इंश्योरेंस एम्प्लाइज एसोसिएशन , फेडरेशन ऑफ क्लास वन ऑफिसर्स एसोसिएशन, नेशनल फेडरेशन ऑफ इंश्योरेंस फ़ील्ड वर्कर्स ऑफ इण्डिया आदी संगठनों के सभी कर्मचारियों ने दोहपर 12 बजें अपनी अपनी सीटों से उठकर कार्यलय से बाहर आकर विरोध प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार के आत्मघाती फ़ैसले पर जबरदस्त रोष अभिव्यक्त किया , lic को शेयर बाज़ार से सूचीबद्ध करने के फैसले को वापस लो , ये देश व बीमाधारियों के साथ धोखा है ऐसे आत्मघाती प्रयास बंद करों ,बंद करो आदी नारों के साथ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया |

प्रदर्शन सभा को संबोधित करते हुयें नार्दन जोन इंश्योरेंस एम्प्लाइज एसोसिएशन के अध्यक्ष कॉमरेड रामचंद्र शर्मा ने कहा कि LIC  ने मंदी के बावजूद भी प्रगति बनायें रखा है और इस साल जनवरी के महीने में अपने वित्तीय वर्ष के लक्ष्य के करीब पहुँच गई है उसने अद्भुत सालवेन्सी मार्जिन हेतु इन निवेशों से बनी जीवन निधि वर्ष 2018 -19 के दौरान 28.74 लाख करोड़ रुपयें  पहुंच गई है जो गत वर्ष

26.46 लाख करोड़ रू. की थी। जिसकी वृद्धि दर 8.61 प्रतिशत रही है। निगम की कुल सम्पदा 30 लाख करोड़ रू. की है। जिस वांछित बीमा प्रसार और बीमा सघनता के नाम पर देश के सार्वजनिक बीमा क्षेत्र को देशी-ं विदेशी बीमा कम्पनियों के लिए खोला गया था, वह आज भी उसी स्थिति में बना हुआ है। जब देश की अर्थव्यवस्था ही डांवाडोल है, तो बीमा क्षेत्र कैसे बेहतर हो सकता है। परन्तु एल.आई.सी. अपवाद रही है और उसने अपने लक्ष्य को हासिल किया है जबकि निजी कम्पनियां उससे कोसों दूर रही हैं। घटती ब्याज दरें और अनिश्चित होते निवेश लाभों और अर्थव्यवस्था के भारी विचलन के बावजूद एल.आई.सी. ने अपनी निवेश की आय पर लाभ 8.34 प्रतिशत बनाये रखा है |

गत वर्ष 52000 करोड़ रू. कमाये व्  अपने लाभ का 90 प्रतिशत हिस्सा वापस बीमाधारकों को बोनस के तौर पर वितरित कर दिया गया  है। इसमें सरकार को 2610 करोड़ रू. लाभांश के तौर पर दिये गये है । प्रदर्शन सभा को नॉर्दर्न जोन इन्श्योरेंस एम्पलॉईज एसोसियेशन के जयपुर मंडल सचिव कामरेड पी.के.सेठी, विकास अधिकारियों के मंडल सचिव नंदकिशोर गुप्ता, प्रथम श्रेणी अधिकारियों के प्रतिनिधि
अनिल कुलवाल, एस.के.जैन, पेंशनर्स एसोसियेशन के बी.पी.गुप्ता, एल.पी.माथुर, के.एल.भट्ट, सतीश खंडेलवाल, एल.आई.सी.एम्प. फडरेशन के जी.एस.राजावत, कामगार सेना के जे.पी.-शर्मा , कल्याण संघ के रामचन्द्र मीणा ने सम्बोधित करते हुए सरकार के जनविरोधी फैसले का कड़ा विरोध किया |

हे किसान …………….. खा लठ , धारा 144 लागू –

दिल्ली | किसानों द्वारा दिल्ली कूच पर दिल्ली बार्डर पर किसान और पुलिस के बीच  भारी झड़प हुई  पुलिस ने किसानों पर रबड़ गोली व् आंसू गेस के गोले दागे व्  वॉटर कैनन का इस्तेमाल कर किसानों को तितर -बितर कर दिया ,पुलिस कार्यवाही में कई किसानों को गंभीर चोट आई है जिसको लेकर अब दिल्ली सीमा पर स्थिति बेहद तनाव पूर्ण बनी हुई है |

भारतीय किसान यूनियन के झंडे तले अलग -अलग राज्यों से यूपी बार्डर होते हुए दिल्ली में प्रवेश की कोशिश कर रहे है किसानों की मुख्य मांगे , कर्ज माफ़ी , कम बिजली के बिल , गन्ने की कीमतों आदी  है |

किसानों को दिल्ली के अंदर प्रवेश नहीं करने को लेकर दिल्ली पुलिस ने पूरी जाक -चौबंद  व्यवस्था कर रखी थी इसके लिय यमुनापार धारा 144 लगा दी गई है  , साथ ही यूपी से होते हुए दिल्ली आने वाले सभी रास्ते बंद कर दिए गए है |

क्या है किसानों की मांगे – एक नज़र

  • 60 की  उम्र के के बाद  पेंशन
  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बदलाव की मांग
  • गन्ने की कीमतों का जल्द भुगतान
  • किसानों क
  • र्ज माफ़ी की मांग
  • मुफ्त बिजली { सिचाई के लिय }
  • किसान क्रेडिट पर कम ब्याज
  • सभी फसलो की पूरी तरह खरीद की मांग
  • इसके साथ ही स्वामीनाथन कमिठी की रिपोर्ट को लागू करना