बाड़मेर: रिफाइनरी का शुभारंभ कर PM मोदी, कहा

बाड़मेर। राजस्थान के बाड़मेर जिले में पीएम नरेंद्र मोदी ने राजस्थान रिफाइनरी के निर्माण कार्य का शुभारंभ किया। बाड़मेर के पचपदरा में बनने वाली इस रिफाइनरी की कुल लागत 43129 करोड़ रुपये है जिसके बन जाने के बाद राजस्थान को हर साल 34 हजार करोड़ का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा। राजस्थान में बनने वाली यह ऑयल रिफाइनरी देश की सबसे आधुनिक ऑयल रिफाइनरी होगी, जिससे 10 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा।

राजस्थान रिफाइनरी में काम की शुरुआत करने के बाद पीएम ने यहां एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। जनसभा के दौरान पीएम मोदी ने राजस्थान के तमाम नेताओं को याद करते हुए अपने भाषण की शुरुआत की। इस दौरान पीएम ने जसवंत सिंह, भैरोसिंह शेखावत समेत शीर्ष राजनेताओं का जिक्र किया। पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि मैं चाहता हूं कि वह जल्द स्वस्थ हों जिससे उनके अनुभव का लाभ हम सब को मिल सके।

पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण के दौरान कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि सिर्फ योजनाओं के पत्थर जड़ देने से काम पूरा नहीं होता है, काम पूरा कराने के लिए काम शुरू कराना भी जरूरी होता है और आज वह काम शुरू हुआ है। रिफाइनरी के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि मैं जब राजस्थान में संगठन के काम से या पड़ोसी राज्य का सीएम रहते हुए आता था तो मुझे यहां के लोगों से सुनने को मिलता था कि कांग्रेस और अकाल का जुड़वा रिश्ता है। इस दौरान लोग मुझसे कहते थे कि जहां कांग्रेस होती है, वहां अकाल होता हैं।

अलवर में एक बार फिर से दो यादवों के बीच मुकाबला लेकिन कुछ ख़ास होगा इस बार –

जयपुर. अलवर में एक बार फिर से दो यादवों के बीच मुकाबला होगा। भाजपा से डॉ. जसवंत यादव और कांग्रेस से डॉ. करण सिंह यादव चुनाव लड़ रहे हैं। दोनों यादव पहले 2008 में बहरोड़ विधानसभा से आमने-सामने हो चुके हैं। इसमें जसवंत ने करण यादव को करीब 20 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। पिछले 40 सालों में इस सीट पर 11 चुनाव हुए हैं। इसमें 8 बार यादव प्रत्याशी जीते हैं। इनमें भी छह चुनाव में भाजपा व कांग्रेस दोनों ने यादव प्रत्याशियों को ही टिकट दिया। जसवंत यादव पहले भी अलवर सीट से तीन बार लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। इसमें दो बार हारे व एक बार जीते।

 

साल 1996 में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष डॉ. जसवंत सिंह को भाजपा ने कांग्रेस से इस्तीफा दिलवाकर रातों-रात भाजपा ज्वाइन करवाई। कांग्रेस ने सीट बचाने के लिए अपने दिग्गज नेता नवल किशोर को जसवंत सिंह के खिलाफ मैदान में उतारा। नवल किशोर 2 हजार वोटों से जीते। 1998 में कांग्रेस ने घासीराम यादव को उतारा। महेंद्र कुमारी निर्दलीय मैदान में उतरीं। वहीं भाजपा ने डॉ. जसवंत यादव पर दांव लगाया। घासीराम यादव ने महेंद्र कुमारी को 25 हजार वोटों से हराया। वहीं जसवंत यादव तीसरे नंबर पर रहे। साल 1999 में भाजपा ने डॉ.जसवंत यादव को उतारा तो कांग्रेस ने इस बार महेंद्र कुमारी को टिकट दिया। यादव ने महेंद्र कुमारी को लगभग 57 हजार वोटों के अंतर से हराया। वहीं 2009 में कांग्रेस से भंवर जितेंद्र सिंह व भाजपा से डॉ. जसवंत यादव की पत्नी डॉ. किरण यादव चुनाव लड़े। भंवर जितेंद्र डेढ़ लाख वोटों से जीते।

डॉ. करण सिंह यादव कांग्रेस के टिकट पर एक बार अलवर लोक सभा व तीन बार बहरोड़ विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। 2004 में कांग्रेस ने डॉ. करण सिंह यादव को तो भाजपा ने महंत चांदनाथ को टिकट दिया। करण सिंह ने चांदनाथ को 8 हजार वोटों से हराया। यानी दोनों यादवों में करण सिंह भारी रहे। इसके अलावा 1998, 2003 में बहरोड़ विधानसभा चुनाव लड़े और जीते लेकिन 2008 में जसवंत यादव के सामने बहरोड़ विधानसभा में हार गए।

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