
अधिकारियों-कर्मचारियों को आचार संहिता पालना के निर्देश जारी –

जयपुर | राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की गौरव यात्रा के समापन अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने आज अजमेर में सभा की , प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री राजे की जम कर तारीफ की मोदी ने कहा की जहाँ राजस्थान कभी बीमारों राज्य कहलाता था आज आप राजस्थान की बदलती तस्वीर देख सकते है |
हर गांव – हर घर में बिजली
राजस्थान में 13 लाख परिवार ऐसे थे जो 8वीं शताब्दी से अंधरे में जीवन व्यापन कर रहे थे उन्हें वसुंधरा राजे सरकार ने करीब 13 लाख परिवारों को बिजली पहुंचाने का काम पूरा किया है |
वसुंधरा राजे ने मोदी की तारीफ –
प्रधानमंत्री के भाषण से पहले मुख्यमंत्री राजे ने मोदी जी की जम कर तारीफ की उन्होंने कहा की 50 साल के कांग्रेस के शासन में जितना काम नहीं हुवा जितना पिछले 4 साल में हमने मोदी सरकार के शासन में देखा है , इसके साथ ही राजे ने कहा की आपके कुशल नेतृत्व में भारत विश्व में एक महाशक्ति के रूप में उभर कर सामने आया है, जिसकी वजह से हम सब गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं |
तेज आंधी के बीच मोदी बोलते रहे –
सभा स्थल पर अचानक तेज हवा चलने लगी , एक बार तो मोदी जी कुछ देर बोलते रहे फिर उन्होंने कहा की आज प्रकति भी हमारा साथ देने आई है , यह विजय की आंधी है जब धरती माता आशीर्वाद देने आती है तो विजय सुनिश्चित आपकी ही होती है , इसके साथ ही मोदी ने अपने भाषण को विराम दिया |
कांग्रेस पर साधा निशाना –
मुख्यमंत्री के बयान ” चुनावी समय में कांग्रेसी नेता अचानक बाहर आ जाते है जबकि सदन में कांग्रेस के नेता एक सवाल नहीं पहुचते ” ,इसी वाक्य का मोदी जी ने उपयोग करते हुए कहा की कांग्रेस पार्टी मात्र एक परिवार के इर्द-गिर्द घुमती है जबकि हमारा हाई कमान प्रदेश की जनता है , इसलिए परिवार की पूजा करने वालों से राजस्थान की जनता को कोई उमीद नहीं है
जयपुर | राजस्थान विधानसभा चुनावों को लेकर सभी दल जहाँ अपनी अपनी जमीन तैयार करने में लगे है तो दूसरी और सभी दल गठबंधन कर भाजपा को सत्ता में आने से रोकने की पुर जोर कोशिश परदे के पीछे से करने में लगे है आज हम आप को बताएगें की सभी दलों का समीकरण आज दिनांक तक क्या कहता है |
घनश्याम तिवाड़ी { भारत वाहनी } पार्टी राज्य में भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए भाजपा के घोर विरोधी हनुमान बेनीवाल के साथ लगभग गठबंधन हो चूका है सीटो के बटवारें पर मंथन के बाद अधिकारिक रूप से घोषणा हो सकती है |
कांग्रेस – बसपा –
राज्य में बसपा तीसरी बड़ी पार्टी के रुप में अपनी उपस्थिती रखती है कांग्रेस व् बसपा आपस में गटबंधन करना चाहती है लेकिन सीटो का समीकरण अभी तक बैठता नज़र नहीं आ रहा है जिसको लेकर कांग्रेस पार्टी के आलाकमान दिल्ली में उच्च स्तरीय मीटिंग कर चुके है |
बसपा राजस्थान में हुई है मजबूत –
बसपा पार्टी का वोट बैंक दलित व् मुस्लिम समुदाय है वर्तमान समय में बसपा पार्टी राजस्थान में जमीनी स्तर पर मजबूत हुई है जिसका मुख्य कारण पूर्व प्रभारी धर्मेन्द्र अशोक रहे है गौरतलब है की अशोक पिछले 1 साल से राज्य में लगभग सभी दलित /मुस्लिम क्षेत्रो में सभा कर चुके है साथ भी 2 अप्रैल को हुए “भारत बंद ” में दलित समुदाय ने जो एकता दिखाई थी वह बड़ी – बड़ी पार्टियों को सोचने – समझने के लिए मजबूर करती है वही दूसरी और SC /ST ACT के हल्ले ने दलितों को एकजुट कर दिया है , उपरोक्त समीकरणों को देखते हुए बसपा की उमीद से ज्यादा सीटों पर आना स्वाभाविक है इस लिहाजा से बसपा अपने लिए अधिक सीटों को मांगती है तो कांग्रेस अपनी जीत को पक्का मान रही है अब वास्तविक समीकरण और सीटों का निर्णय बसपा की और से तो बसपा सुप्रीमो ही करेगी , बाकी सूत्रों के अनुसार कांग्रेस बसपा का गठबंधन मुश्किल है
एक गठबंधन यह भी हो सकता है –
सूत्रों के अनुसार बसपा ,भारत वाहनी { घनश्याम तिवाड़ी } हनुमान बेनीवाल , AAP पार्टी व् राजपा { नवीन पिलानिया } भी एक मंच पर आ सकते है इसके लिए 5 ऑक्टोबर के बाद एक साझा मीटिंग होने की संभावना है |
https://politico24x7.com/raajasthaan-mein-kis-paartee-ka-in-rajasthan-kis-party-k/
जयपुर | वर्तमान समय राजस्थान की राजनीती का बड़ा संवेदनशील है जहाँ एक और मुख्यमत्री राजे गौरव यात्रा निकाल रही है तो अमित शाह राजस्थान के जमीनी समीकरण साधने की कोशिश कर रहे है अब इसे समय की बिडम्बना कहे की भाजपा के संरक्षक की भूमिका निभाने वाली संस्था के प्रमुख मोहन भागवत दस दिवसीय राजस्थान दौरे पर है कहा तो जा रहा है की वह संघ की नियमित
दौरे पर है लेकिन अप्रत्यक्ष रूप इसका फायदा भाजपा को मिलने वाला है |
सूत्रों के अनुसार राजस्थान में भाजपा सत्ता में दौबारा काबिज़ होने व् राजस्थान के ट्रेंड 5 साल में सत्ता परिवर्तन को बदलने की पुर -जोर अंदुरनी रूप से कोशिश कर रही है |
कांग्रेस व् भाजपा के इक्के / पत्ते – जो आगामी समय में खेले जाने की पूरी संभावना है –
कांग्रेस – प्रियंका गांधी वाड्रा / राहुल गाँधी
सूत्रों व् राजनेतिक विशेषज्ञ प्रशांत दुबे / पवन देव के अनुसार आगामी महीने में राजस्थान में सेलिब्रिटीज द्वारा प्रचार किया जा सकता है जिसमे कांग्रेस की और से विशेष रूप से प्रियंका गांधी वाड्रा , राहुल गाँधी ,राज बबर ,आदी स्टार प्रचारक राजस्थान आ सकते है |
भाजपा – प्रधानमंत्री मोदी /अमित शाह
गौतलब है की राजस्थान की लोकसभा संख्या 25 है जो 2019 लोकसभा में मुख्यभूमिका निभाती है अब राजस्थान विधानसभा के चुनावों के अन्तिम समय में प्रधानमंत्री मोदी के रेलियाँ होने की संभावना है जो की राजस्थान में मतदाताओं के रुझान को प्रभावित करेगे ,इसके साथ ही भाजपा के आला नेता स्मति ईरानी , हेमा मालनी , सलमान खान आदी के आने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता |
नोट – राजनेतिक पंडितो का मानना है की भाजपा हर हाल में सत्ता पर दौबारा काबिज़ होना चाहती है इसके लिए राजस्थान से लेकर दिल्ली तक दर्जनों मीटिंग्स का दौर चल रहा है भाजपा के पास कार्यकताओं की अच्छी -खासी संख्या है और जिस संभाग में गौरव यात्रा निकल रही है वही पर भाजपा के राष्टीय अध्यक्ष अमित शाह यात्रा के बाद मंथन कर रहे है { एक कहावत है की हाथी के निकने के बाद पीछे मात्र पांवों के निशान रहे जाते है और उन पांवों के निशानों को देख लोग पीछे नकारात्मक बाते करते है बस उन्ही नकारात्क बातों को सकारात्मक करने का कार्य अमित शाह कर रहे है जो की मुख्य भाजपा की रणनीति है |
जयपुर | राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 इस बार बड़े -बड़े समीकरणों को बिगाड़ने वाला है जहाँ भाजपा और कांग्रेस अपनी अपनी जीत का दावा कर रही है वही दूसरी और भाजपा और कांग्रेस को जमीनी हकीकत बेचेंन कर रही है
उन्हें साफ़ तौर पर मालूम है की आगामी विधानसभा चुनाव जितना आसान दिख रहा है उतना है नहीं , कांग्रेस जहाँ थोड़ी सकारत्म इसलिए है की राजस्थान में जो 5 साल में सता परिवर्तन का ट्रेंड चल रहा है उसके अनुसार सत्ता पर काबिज़ होने का नंबर उसका है लेकिन तीसरे मोर्चे का गणित इन दोनों पार्टियों का समीकरण बदलने की पूरी तैयारी कर रखी है
सर्व के अनुसार कौन कितनी सीटो पर है मजबूत –
भाजपा 70-80
कांग्रेस 90-100
निर्दलीय { बागी } – 10/15
हनुमान बेनीवाल – 2/3 सीटो पर है मजबूत
बसपा – 45
जमीदारा पार्टी – 2/3
दीनदयाल वाहनी – 2
अनुमानित सीटें का जोड़ -80+100+10+2+4+2+2 =200
नोट – आगामी राजस्थान विधानसभा चुनावओं में राज्य से लगभग परिणाम इसी दिशा में रहने की संभावना है इसके साथ ही भाजपा को छोड़ बाकी संगठन कांग्रेस पार्टी के साथ सत्ता में आ सकते है ,जिसके आधार पर कांग्रेस पार्टी सत्ता पर काबिज़ हो सकती है |
नोट – इस सर्व में अनुसन्धान की सभी विधियों का इस्तेमाल किया गया है फिर भी राजस्थान विधानसभा चुनावों में टिकटों का वितरण व् जातिगत समीकरणों के आधार पर अंतिम परिणाम ही सत्य /सटीक माना जायेगा |
गौरतलब है पार्टी उम्मीदवार व् जातीय समीकरण चुनावों में मुख्य भूमिका निभाते है और किसी भी परिणाम को बदलने की क्षमता रखते है |
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POLITICO24x7.com/ NEWS TEAM
जयपुर | सूत्रों के अनुसार जयपुर पूर्व मेयर – ज्योति खंडेलवाल बीजेपी खेमे में शामिल हो सकती है गौरतलब है कि पूर्व मेयर खंडेलवाल किशनपोल विधानसभा से विधायक पद के लिए दावा कर रही है लेकिन किशनपोल क्षेत्र में अमिन कागज़ी अपना दावा कर रहे है पिछली बार के विधानसभा चुनाव में अमिन कागज़ी भाजपा प्रत्याशी और वर्तमान विधायक मोहन लाल गुप्ता से हार चुके है जबकि सर्व रिपोर्ट के अनुसार किशनपोल विधानसभा में जनता अब विधायक मोहन लाल को पसंद नहीं कर रही है जबकि ज्योति खंडेलवाल जिस समाज से आती है उस समाज का बड़ा तबका ज्योति के पक्ष में है और वह मूल रूप से भाजपा का वोट बैंक है |
भाजपा व् पूर्व मेयर का समीकरण –
पूर्व मेयर ज्योति खंडेलवाल वैश्य समाज से है जो की मूल रूप से भाजपा का वोट बैंक है वही पूर्व मेयर स्थानीय है और महिला वर्ग में अच्छी पकड़ रखती है स्थानीय महिलाओं में पूर्व मेयर के प्रति सहानुभूति व् समर्थन हासिल है वही दूसरी और मुस्लिम वर्ग में बड़ा हिस्सा आज भी विधायक पद के लिए ज्योति खंडेलवाल को पसंद कर रहा है वही कांग्रेस आला कमान का पूर्व मेयर से कुछ समीकरण बैठ नहीं रहे जिसका फायदा भाजपा को मिल सकता है अब अगर भाजपा जैसे सूत्रों के अनुसार किशनपोल विधानसभा से ज्योति खंडेलवाल को विधायक पद से मैदान में उतारती है तो साफ़ तौर से कांग्रेस सीट हार जाएगी |
पूर्व मेयर क्षेत्र में सक्रिय –
पूर्व -मेयर खंडेलवाल लम्बे समय से क्षेत्र में सक्रिय है वह जमीनी कार्यकताओं से सम्पर्क में है तथा क्षेत्र में लगभग सभी धार्मिक कार्यक्रमों में देखी गई है या कहा जाए तो सीधे रूप से वोटरों के सम्पर्क में है बाकी क्षेत्र की स्थिति में कई अहम् पेंच फसे है जिसकी सच्चाई तो विधानसभा क्षेत्र का परिणाम ही बताएगा |
स्थानीय का मुद्दा –
पूर्व मेयर खंडेलवाल लंबे समय से स्थानीय के मुद्दे पर बोलती आ रही है उनका मामना है की स्थानीय विधायक होने से जनता से सीधा संवाद व् जुड़ाव रहता है इस मुद्दे पर मुस्लिम समाज के मंजूर अहमद भी प्रेस कान्फेंस कर अपनी पीड़ा जता चुके है कुल मिलाकर कहा जाए तो आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए सीट निकालना आसन नहीं होगा , वही दूसरी और गत -विधानसभ के कांग्रेस प्रत्याशी अमिन कागज़ी मूलतः सांगानेर से है और वह किशनपोल विधानसभा से चुनाव लड़ रहे है |
कांग्रेस हारेगी – किशनपोल विधानसभा सीट –
गौरतलब है गत विधानसभा के समीकरण इस बार भी दोहराये जायेगे और सर्व विधित है की कांग्रेस से प्रत्याशी अमिन कागज़ी के सामने बड़ी मुश्किले होगी ,जो की सीट निकालने में बड़ी बाधा है ,जिसका परिणाम कांग्रेस के विरोध में रह सकता है |