“डिजिटल स्पेस” आतंकवाद और कट्टरपंथ की अंधकारपूर्ण ताकतों का मैदान नहीं बने – प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सरकार डिजिटल माध्यम से लोगों का सशक्तिकरण करने के लिए प्रतिबद्ध है और आधार कार्ड की मदद से सब्सिडी को लक्षित लोगों तक बेहतर व् आसन  तरीके से पहुंचाने के कारण अभी तक देश को दस अरब डालर की राशि बचाने में मदद मिली है।

”वैश्विक साइबर स्पेस सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी  क्रांति से  सबको समानता  का अवसर मिला है  उन्होंने कहा कि आधार की मदद से सब्सिडी को लक्षित लोगों तक बेहतर तरीके से पहुंचाने से दस अरब डालर की राशि बचाने में मदद मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मे

लन में जन धन बैंक अकाउंट, आधार प्‍लेटफार्म और मोबाइल माध्यम पर जोर दिया और कहा कि इससे भ्रष्‍टाचार को कम कर पारदर्शिता लाने में मदद मिल रही है।साइबर हमले को बड़ा खतरा करार देते हुए प्रधानमंत्री मोदी   ने कहा कि डिजिटल स्पेस का इस्तेमाल आतंकवाद के लिये नहीं किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि देशों को इस बात की जिम्मेदारी लेना सुनिश्चित करना चाहिए कि डिजिटल स्पेस आतंकवाद और कट्टरपंथ का मैदान नहीं बने ।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सम्मेलन का विषय ”टिकाऊ विकास के लिये सुरक्षित और समावेशी साइबर स्पेस है जो मानवता से जुड़े महत्वपूर्ण परिसम्पत्तियों की सुरक्षा के महत्व को रेखांकित करता है । वैश्विक समुदाय को साइबर स्पेस की सुरक्षा के विषय से विश्वास और संकल्प के साथ निपटना चाहिए । साइबर स्पेस प्रौद्योगिकी को लोगों के सशक्तिकरण का वाहक बनना चाहिए उन्होंने कहा, ”खुले और सुलभ इंटरनेट की खोज अक्सर खतरे को बुलावा देती है। वेबसाइट की हैकिंग और उसे विकृत बनाने की खबरे तो छोटी बात हैं । इनसे स्पष्ट होता है कि साइबर हमले एक बड़ा खतरा है विशेष तौर पर लोकतांत्रिक विश्व में । हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हमारे समाज के संवेदनशील वर्ग साइबर अपराधियों की दुष्ट साजिशों के जाल में नहीं फंसे । हमें इसके लिये सजग रहने की जरूरत है ।

मोदी ने कहा कि इस संबंध में इस बात पर काफी ध्यान देने की जरूरत है कि साइबर खतरों से निपटने के लिये हमारे पास अच्छी तरह से प्रशिक्षित और सक्षम पेशेवर हों । साइबर योद्धाओं को ऐसे साइबर हमलों के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा , ” ‘हैकिंग शब्द ने आज रोमांचक रूप ले लिया है, हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि साइबर सुरक्षा हमारे युवाओं के कैरियर के लिये आकर्षक और व्यवहार्य विकल्प बने ।

मोदी ने कहा कि इसी के साथ सभी देशों को यह जिम्मेदारी लेना सुनिश्चित करना चाहिए कि डिजिटल स्पेस आतंकवाद और कट्टरपंथ की अंधकारपूर्ण ताकतों का मैदान नहीं बनना चाहिए। सूचनाओं का आदान प्रदान और सुरक्षा एजेंसियों के बीच तालमेल इस खतरे के लगातार बदलते स्वरूप से निपटने के लिये महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि पिछले कुछ दशकों में साइबर स्पेस ने दुनिया में किस प्रकार से बदलाव लाने का काम किया है। हमसे पहले की पीढ़ी को बड़े बड़े मेनफ्रेम कम्प्यूटर प्रणाली का स्मरण होगा । इसके बाद से काफी चीजें बदल गई हैं । ई मेल और पर्सनल कम्प्यूटर से 90 के दशक में नई क्रांति आई । और इसके बाद मोबाइल फोन और सोशल मीडिया ने डाटा संग्रह और संचार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया ।

उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हमारी प्रतिभाओं को दुनियाभर में मान्यता मिली है । वैश्विक स्तर पर भारतीय आईटी कंपनियों ने नाम कमाया है।
उल्लेखनीय है कि इस सम्मेलन में मुख्य रूप से साइबर फॉर डिजिटल इन्क्लूजन, साइबर फॉर इन्क्लूसिव ग्रोथ, साइबर फॉर सिक्योरिटी और साइबर फॉर डिप्लोमेसी पर चर्चा की जाएगी तथा वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिये एवं व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर फ्रांस, जापान, इजरायल और ब्रिटेन सहित दुनिया के काफी संख्या में देश इसमें हिस्सा ले रहे हैं । इस सम्मेलन में श्रीलंका के प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे भी हिस्सा ले रहे हैं ।

कल्याणकारी योजनाओं के लाभ के लिए आधार अनिवार्य नहीं- सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने आज { सोमवार} को कहा की कल्याणकारी योजना ओं का लाभ लेने के लिए सरकार आधार कार्ड अनिवार्य नहीं कर सकती है|

हलाकि कोर्ट ने कहा की सरकार बैंक और पेन कार्ड और ज़रूरी  सत्यापन ,पहचान जैसे कार्यो के लिए आधार को अनिवार्य कर सकती है लेकिन सरकारी लाभ प्राप्त करने हेतू  अभी आधार अनिवार्य नही है |