देश की राजनीती में अब पकौड़े – अमित शाह

 “अमित शाह ने कहा की  बेरोजगार रहने से पकौड़े का व्यापार करना ज्यादा अच्छा है “

नई दिल्ली | भाजप राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आज राज्य सभा में अपने पहले भाषण में पकौड़े का जिक्र करते हुवे  प्रधानमंत्री मोदी व् भाजप की सभी योजना ओं की जमकर तारीफ की |अमित शाह ने अपने पुरे भाषण में देश की सभी कमियों व् समस्या के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया | उन्होंने कहा की देश में बेरोजगारी बड़ी समस्या है लेकिन इसके लिए कांग्रेस का 55 साल का शासन जिम्मेदार है |

इसके साथ ही अमित शाह ने जीएसटी, बेरोजगारी, किसान, गरीब, महिलाओं, समेत कई मुद्दों पर अपनी बात रखी |

देश में बेजोरगारी के लिए कांग्रेस का 55 साल का शासन जिम्मेदार-

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 बेजोरगारी पर कांग्रेस के हमलों पर अमित शाह ने पलटवार किया. उन्होंने कहा, ”इस सदन में आनंद शर्मा और बाकी सदस्यों ने बेरोजगारी का मुद्दा उठाया. मैं इस बात से इनकार नहीं कर रहा कि देश में बेरोजगारी नहीं है. लेकिन 55 साल कांग्रेस के शासन करने के बाद भी अगर ये समस्या है तो किसने इसका समाधान नहीं ढूंढा? हमने बेरोजगारी की समस्या का समधान ढूंडा. हमने स्किल इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, स्टैंड अप इंडिया और मुद्रा बैंक जैसी योजनाएं लेकर आए |

पकौड़ा बनाना शर्म की बात नहीं –
शाह ने कहा  की ”मद्रा बैंक योजना में साढ़े दस करोड़ युवाओं को दस लाख तक का लोन देने का काम समाप्त कर दिया गया है. इसमें गारंटी नहीं देनी है और ब्याज भी बेहद कम है. चिदंबरम साहब ने ट्वीट किया कि किसी ने मुद्रा बैंक के साथ किसी ने पकौड़े का ढेला लगा दिया. मैं मानता हूं कि बेरोजगारी से तो अच्छा कि कोई युवा मेहनत करके पकौड़े का ठेला लगाए |

विरासत में मिले गड्ढे को भरने में बहुत समय गया-
अमित शाह ने कहा, ”लोग हमारी उपलब्धियों का विश्लेषण कर रहे हैं लेकिन इस विश्लेषण से पहले देखना होगा कि हमें विरासत में क्या मिला? सरकार ने जब काम संभाला तब बहुत बड़ा गड्ढा था, उस गड्ढे को भरने में ही सरकार का बहुत सारा समय गया है. गड्ढा भरने के बाद फिर जो सरकार ने काम किया उसे अलग नजरिए से देखने की जरूरत है |

जनता का एतिहासिक निर्णय  –
अमित शाह ने कहा, ”2014 के चुनाव में जनता ने एतिहासिक निर्णय किया. 30 साल से देश में किसी भी एक पार्टी को बहुमत नहीं मिला था. आजादी के बाद किसी गैरकांग्रेसी पार्टी को भी बहुमत नहीं मिला था. 2014 में जनता ने प्रचंड बहुमत देकर इन सभी बातों को ध्वस्त कर दिया. ये बहुमत सिर्फ बीजेपी को मिला था इसके बावजूद हमने पूरे एनडीए के साथियों को सरकार की यात्रा में शामिल किया |

अमित शाह ने कहा, ”साढ़े तीन साल में हमारी सरकार अंत्योदय के सिद्धांत पर चली है. अंत्योदय का सिद्धांत के का मतलब है कि विकास की लाइन में आखिरी व्यक्ति को विकास की लाइन में पहले व्यक्ति के बराबर लाकर खड़ा कर देना. साढ़े तीन साल में सराकर ने पचास से ज्यादा ऐसे काम किए हैं जिन्हें इतिहास में याद रखा जाएगा |

 

जनधन योजना के तहत 31 करोड़ बैक खाते खुलवाए-
गरीबों के बैंक खातों को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा, ”गरीब के विकास के लिए टुकड़ों में नहीं लगातार काम किया. सबसे पहला काम जनधन योजना के रूप में किया. 70 साल की आजादी के बाद 55 साल एक पार्टी और एक ही परिवार का शासन रहा. 55 साल के कांग्रेस के शाशन के बाद 60 प्रतिशत लोग ऐसे थे जिनके घर में कोई खाता नहीं था. ऐसी सरकारों का विजन क्या रहा होगा. आज 31 करोड़ गरीबों के बैंक अकाउंट खुले हैं, शायद ही कोई ऐसा परिवार होगा जिसमें बैंक अकाउंट नहीं होगा |

उन्होंन कहा, ”हम कमेंट किए जाते थे कि खाते तो खुलवा दिए इनमें पैसा कहां से आएगा. हमने जीरो बैलेंस की व्यवस्था की थी लेकिन आज 31 करोड़ जनधन खातों में 73,000 करोड़ रुपया गरीबों ने जमा करवाया है. वो अपने गल्ले में रखता था आज बैंत अकाउंट में रखा हा और देश के विकास में पैसा लगा है |

प्रधानमंत्री की अपील पर लोगों ने गैस सब्सिडी छोड़ी- 

अमित शाह ने कहा, ”देश में जिस तरह की राजनीति चली उसमें किसी को कुछ छोड़ने के लिए कहना बहुत मुश्किल था. इतिहास में लाल बहादुर शास्त्री ने पाकिस्तान से युद्ध के कारण कहा था कि देश के पास चावल नहीं है सोमवार के उपवास रखें. सभी ने इसका सम्मान किया, शास्त्री जी के बाद ऐसा निर्णय लेने का कार्य प्रधानमंत्री मोदी ने किया है. उन्होंने कहा कि जिन लोगों को कोई जरूरत नहीं है वो लोग गैस की सबसिडी छोड़ दें. इसके बाद एक करोड़ तेईस लाख लोगों ने सब्सिडी छोड़ दी.

उज्जवला योजना में महिलाओं को सिलेंडर दिए-
प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करते हुए अमित शाह ने कहा, ”कोई और प्रधानमंत्री होता तो गैस सब्सिडी से बचे पैसे से वित्तीय घाटा कर लेता लेकिन मोदी उज्जवला योजना की शुरुआत की. गरीब महिलाओं के पास स्वच्छ ईंधन नहीं था. मोदी सरकार ने पांच साल में पांच करोड़ महिलाओं को गैस सिलेंडर देने का संकल्प लिया. साढ़े तीन साल में तीन करोड़ तीस लाख लोगों को गैस सिलेंडर दिया जा चुका है. इसके बाद इसी बजट में लक्ष्य को पांच से बढ़ाकर आठ करोड़ कर दिया है |

ख़ास नज़रआज देश की राजनीती का जो स्तर देखने को मील रहा है वो देश की जनता व् लोकत्रंत का मजाक सा प्रतीत हो रहा हर , क्या आम व्यक्ति अपने बच्चों को बड़े प्रतिष्ट संस्था ओं में क्या इसलिए पढ़ाता है की उसे देश में नोकरी नहीं मिले तो वह पकौड़े का ठेला लगाये |

भाजपा और कांग्रेस दोनों आपस में एक -दुसरे पर आरोप -प्रत्यारोप ही लगाने का काम करते है लेकिन इस देश के युवाओं का क्या जो रात -दिन एक कर टॉप करते है और उन्हें देश में सरकार कोई नोकरी नहीं दे पाती है तो पकौड़े का ठेला लगाने की सलाह बड़े नेता दे जाते है |

देश के प्रधान सेवक व् विश्व की सबसे बड़ी राजनेतिक पार्टी के अध्यक्ष के ऐसे बयान देश के युवा ,बेरोजगारों के लिए अग्नी परीक्षा के समान है बयान नही देश के युवा को रोजगार चाहिए |

“डिजिटल स्पेस” आतंकवाद और कट्टरपंथ की अंधकारपूर्ण ताकतों का मैदान नहीं बने – प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि सरकार डिजिटल माध्यम से लोगों का सशक्तिकरण करने के लिए प्रतिबद्ध है और आधार कार्ड की मदद से सब्सिडी को लक्षित लोगों तक बेहतर व् आसन  तरीके से पहुंचाने के कारण अभी तक देश को दस अरब डालर की राशि बचाने में मदद मिली है।

”वैश्विक साइबर स्पेस सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी  क्रांति से  सबको समानता  का अवसर मिला है  उन्होंने कहा कि आधार की मदद से सब्सिडी को लक्षित लोगों तक बेहतर तरीके से पहुंचाने से दस अरब डालर की राशि बचाने में मदद मिली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सम्मे

लन में जन धन बैंक अकाउंट, आधार प्‍लेटफार्म और मोबाइल माध्यम पर जोर दिया और कहा कि इससे भ्रष्‍टाचार को कम कर पारदर्शिता लाने में मदद मिल रही है।साइबर हमले को बड़ा खतरा करार देते हुए प्रधानमंत्री मोदी   ने कहा कि डिजिटल स्पेस का इस्तेमाल आतंकवाद के लिये नहीं किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि देशों को इस बात की जिम्मेदारी लेना सुनिश्चित करना चाहिए कि डिजिटल स्पेस आतंकवाद और कट्टरपंथ का मैदान नहीं बने ।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सम्मेलन का विषय ”टिकाऊ विकास के लिये सुरक्षित और समावेशी साइबर स्पेस है जो मानवता से जुड़े महत्वपूर्ण परिसम्पत्तियों की सुरक्षा के महत्व को रेखांकित करता है । वैश्विक समुदाय को साइबर स्पेस की सुरक्षा के विषय से विश्वास और संकल्प के साथ निपटना चाहिए । साइबर स्पेस प्रौद्योगिकी को लोगों के सशक्तिकरण का वाहक बनना चाहिए उन्होंने कहा, ”खुले और सुलभ इंटरनेट की खोज अक्सर खतरे को बुलावा देती है। वेबसाइट की हैकिंग और उसे विकृत बनाने की खबरे तो छोटी बात हैं । इनसे स्पष्ट होता है कि साइबर हमले एक बड़ा खतरा है विशेष तौर पर लोकतांत्रिक विश्व में । हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हमारे समाज के संवेदनशील वर्ग साइबर अपराधियों की दुष्ट साजिशों के जाल में नहीं फंसे । हमें इसके लिये सजग रहने की जरूरत है ।

मोदी ने कहा कि इस संबंध में इस बात पर काफी ध्यान देने की जरूरत है कि साइबर खतरों से निपटने के लिये हमारे पास अच्छी तरह से प्रशिक्षित और सक्षम पेशेवर हों । साइबर योद्धाओं को ऐसे साइबर हमलों के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा , ” ‘हैकिंग शब्द ने आज रोमांचक रूप ले लिया है, हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि साइबर सुरक्षा हमारे युवाओं के कैरियर के लिये आकर्षक और व्यवहार्य विकल्प बने ।

मोदी ने कहा कि इसी के साथ सभी देशों को यह जिम्मेदारी लेना सुनिश्चित करना चाहिए कि डिजिटल स्पेस आतंकवाद और कट्टरपंथ की अंधकारपूर्ण ताकतों का मैदान नहीं बनना चाहिए। सूचनाओं का आदान प्रदान और सुरक्षा एजेंसियों के बीच तालमेल इस खतरे के लगातार बदलते स्वरूप से निपटने के लिये महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि पिछले कुछ दशकों में साइबर स्पेस ने दुनिया में किस प्रकार से बदलाव लाने का काम किया है। हमसे पहले की पीढ़ी को बड़े बड़े मेनफ्रेम कम्प्यूटर प्रणाली का स्मरण होगा । इसके बाद से काफी चीजें बदल गई हैं । ई मेल और पर्सनल कम्प्यूटर से 90 के दशक में नई क्रांति आई । और इसके बाद मोबाइल फोन और सोशल मीडिया ने डाटा संग्रह और संचार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया ।

उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हमारी प्रतिभाओं को दुनियाभर में मान्यता मिली है । वैश्विक स्तर पर भारतीय आईटी कंपनियों ने नाम कमाया है।
उल्लेखनीय है कि इस सम्मेलन में मुख्य रूप से साइबर फॉर डिजिटल इन्क्लूजन, साइबर फॉर इन्क्लूसिव ग्रोथ, साइबर फॉर सिक्योरिटी और साइबर फॉर डिप्लोमेसी पर चर्चा की जाएगी तथा वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के जरिये एवं व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर फ्रांस, जापान, इजरायल और ब्रिटेन सहित दुनिया के काफी संख्या में देश इसमें हिस्सा ले रहे हैं । इस सम्मेलन में श्रीलंका के प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे भी हिस्सा ले रहे हैं ।

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