
किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बनाने की तैयारी में मोदी सरकार – किसान नेता रामपाल जाट

नई दिल्ली | भाजपा मोदी सरकार द्वारा संविधान के अतिक्रमण व् आरक्षण के साथ छेड़छाड़ तथा संविधान के विपरीत 1 दिन में बिन मांगे सवर्णों को आर्थिक आधार पर 10 % आरक्षण देने विरुद्ध में – सर्वव्यापी भारत बंद का ऐलान 100 से अधिक सामाजिक संगठनों ने किया है इन संगठनों का मानना है की केंद्र की मोदी सरकार दलित – पिछड़े – आदिवासियों के संवेधानिक अधिकारों का का हनन कर रही है और भारतीय संविधान के विपरीत जाकर काम कर रही है –
1 पेपर ट्रेल के रिकाउंटिंग के संबंधित माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनाव आयोग द्वारा लागू न करने से इंकार करना
2, संविधान विरोधी 10% आर्थिक आधार पर दिए गए आरक्षण के विरोध में राष्ट्र व्यापी जेल भरो आंदोलन
3, 200 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली को खत्म करके 13 प्वाइंट रोस्टर प्रणाली को लागू करना यह संविधान का आरक्षण को समाप्त करने का षड्यंत्र है
4, जाति आधारित गिनती करके 100% आरक्षण लागू ना करने के विरोध में राष्ट्र व्यापी जेल भरो आंदोलन
5, आदिवासियों को उनके जल जंगल और जमीन से बेदखल करना तथा संविधान की पांचवीं और छठी अनुसूची को लागू ना करने के विरोध में
6, एससी एसटी ओबीसी के आरक्षण में वर्गीकरण लागू ना करने के विरोध में राष्ट्र व्यापी जेल भरो आंदोलन
7, एससी एसटी ओबीसी एवं धार्मिक अल्पसंख्यक लोगो को निजीकरण आरक्षण लागू ना करने के विरोध में दर्ज कराया जाएगा
इन सामाजिक व् राजनेतिक लोगों ने दिया – भारत बंद को समर्थन –
1)मा.वामन मेश्राम
2)मा.तेजस्वी यादव
3)मा.चंद्रशेखर आझाद
4)मा.रतन लाल
5)माजी न्यायमूर्ती ईश्वरचालय्या
6)मा. विकास चौधरी
7)मा.कोरनेश्वर स्वामी
8)मा. प्रेमकुमार गेडाम
9)मा.अशोक भारती
10) संजय सपकाल
11) दिलीप मंडल
12) वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश
13) जिगनेश मेवानी
14) हज़रत मौलाना अब्दुल हमीद अजहरी साहब
5 मार्चकोसमर्थन देने वाले संघटनकीसूची
1)संविधान बचाव संघर्ष समिती
2)बामसेफ
3)भारत मुक्ती मोर्चा
4)भीम आर्मी
5)यादव सेना
6)राष्ट्रीय पिछडा वर्ग मोर्चा
7) ओबीसी महासंघ
9)भारतीय विद्यार्थी मोर्चा
10)JNU छात्र संघ
11)DIU शिक्षक संघ
12)भारतीय युवा मोर्चा
13)भारतीय बेरोजगार मोर्चा
14)राष्ट्रीय मुस्लिम मोर्चा
15)sc st अन्याय अत्याचार निवारण संघ
16)राष्ट्रीय आदिवासी एकता परिषद
17)भारतीय विद्यार्थी मोर्चा छात्र प्रकोष्ट
18)राष्ट्रीय लिंगायत मोर्चा
19)राष्ट्रीय मूलनिवासी महिला संघ
20)राष्ट्रीय आदिवासी छात्र संघ
21) बहुजन समाज संघ
22) बहुजन मुक्ति पार्टी
23) राष्ट्रीय किसान मोर्चा
24) राष्ट्रीय मूलनिवासी अनुसूचित जाति/जनजाति पिछड़ा वर्ग मोर्चा
25) राष्ट्रीय मूलनिवासी संघ
26) राष्ट्रीय उदय पार्टी
27) राष्ट्रीय क्रिश्चन मोर्चा
28) बुद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क
29) राष्ट्रीय किन्नर मोर्चा
30) INDIAN मेडिकल प्रोफेशनल एशोसियेश
31) INDIAN लायर्स एशोसियेशन_ILA
32) INDIAN इंजीनियर्स प्रोफेशनल एशोसिएसन
32) भारतीय विधार्थी मोर्चा
33) राष्ट्रीय मूलनिवासी बहुजन कर्मचारी संघ
34) राष्ट्रीय जैन मोर्चा
35) राष्ट्रीय सिख मोर्चा
36) प्रोटोन- प्रोफ़ेसर टीचर असोशियन
37) भारतीय वालेन्टरी फोर्स
38) राष्ट्रीय मूलनिवासी पत्रकार संघ-( PRESS REPORTER)
39) राष्ट्रीय मूलनिवासी ऑटो चालक संघ- RMADS
40) राष्ट्रीय मूलनिवासी पेंशनर संघ
41) राष्ट्रीय मूलनिवासी संविदा कर्मचारी संघ
42) पुलिस एवम् होमगार्ड संघ
43) विकलांग संघ
44) मूलनिवासी पेंटर संघ
45) बहुजन क्रांति मोर्चा (समस्त बहुजन संगठन/समितियाँ)
46) National Atrocities Prevention Force _NAPF
47) छत्रपति सत्यशोधक विचार एव जागृति मंच
48) मजदूर संघ
49) बामसेफ एन आर ई संघ- BAMCEF NRI SANGH
50) आंगनवाड़ी संघ
51) ग्रांट ज्योति फूलनदेवी ट्रस्ट*
52) राष्ट्रीय मूलनिवासी नर्स एशोसिएशन
53) मूलनिवासी रिक्शा चालक संघ
54) राष्ट्रीय मूलनिवासी खुदरा व्यापारी संघ
55) राष्ट्रीय मूलनिवासी उधोगपति संघ
56) राष्ट्रीय मूलनिवासी सरपंच संघ
57) पार्लियामेंट्री एडवायजरी कमेटी
58) राष्ट्रीय मूलनिवासी साहित्यिक परिसद
59) राष्ट्रीय मूलनिवासी अधिकारी संघ
60) लेखापाल एवम् पटवारी संघ
61) पशू चिकित्सा कर्मचारी संघ
62) जागृति जत्था कल्चरल संघ
63) चालक – परिचालक संघ
64) अति पिछड़ी अनुसूचित जाति मोर्चा
65) मूलनिवासी संत समाज ( साधू-सन्त)
66) मूलनिवासी इतिहास एवम् संस्कृति संघ
67) छत्रपति संभाजी महाराज मुक्ति संघ
68) डी के खापर्डे मेमोरियल ट्रस्ट
69) पीपल्स साइन्टिफिक एजुकेशन रिसर्च सोसाइटी
70) मुक्ति घोष फ़िल्म प्रोडक्सन
71) बामसेफ पेंशनर्स
72) डॉ बाबासाहेब अंबेडकर रिसर्च सेंटर,नई दिल्ली।
73) इंडियन रिटायर्ड Military & Soldier force
74) भीम सेना 75) अंबेडकर विचार मंच
आदी संगठनो ने 5 मार्च 19 के भारत बंद को समर्थन दिया है
मानवेंद्र सिंह अब नवरात्रा में किसी भी समय थाम सकते है कांग्रेस का दामन
बाड़मेर/जैसलमेर । बाड़मेर जिले के पचपदरा में स्वाभिमान रैली को लेकर चर्चा में आए जसवंत सिंह के पुत्र मानवेंद्र सिंह अब नवरात्रा में किसी भी समय कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। दरअसल मानवेंद्र सिंह फ़िलहाल पिछले एक सप्ताह से दिल्ली में हैं लेकिन सूत्रों के मुताबिक मानवेन्द्र जल्द दिल्ली में राहुल गांधी के सामने हजारो समर्थको के साथ कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर सकते है।
सूत्र ये भी बता रहे है की मानवेन्द्र सिंह की कांग्रेस के आलाकमान से पूरी बातचीत भी हो चुकी है और अब आगामी 13 तारीख या अष्टमी को मानवेंद्र सिंह कांग्रेस का दामन थाम लेंगे हैं । इतना ही नहीं सूत्र ये भी दावा कर रहे की मानवेन्द्र ने कांग्रेस पार्टी का दामन थामने से पहले बाड़मेर के शिव विधानसभा से करीब 200 लोगों को और बाकि मारवाड़ की सभी 32 विधानसभाओं से 10-10 लोगों को दिल्ली बुलाया है । ताकि इन समर्थको की मौजूदगी में मानवेन्द्र कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर सके ।
गौरतलब है की मानवेंद्र सिंह ये पहले भी मिडिया को बता चुके है की वो विधानसभा चुनाव नहीं बल्कि आगामी लोकसभा चुनाव बाड़मेर-जैसलमेर से लड़ेंगे ।
जयपुर | राजस्थान विधानसभा चुनावों इस बार कुछ ज्यादा ही रोचक होने वाला है क्योकि सूत्रों की
माने तो कांग्रेस पार्टी ने राजस्थान में प्रचार करने के लिए युवा नेताओं को बुलाया है कुछ दिनों बाद ही गुजरात बडगाँव से विधायक जिग्नेश मेवानी ,गुजरात के ही
आंदोलनकारी हार्दिक पटेल , JNU दिल्ली के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हया कुमार अब चुनावी कमान सँभालने वाले है जिसका सीधा फायदा कांग्रेस पार्टी को मिलने वाला है |
जिग्नेश मेवाणी – { विधायक गुजरात }
गौरतलब है की जिग्नेश मेवाणी पिछेले एक साल से ही राजस्थान दौरे पर है और वह सक्रिय रूप से भाजपा के खिलाफ़ प्रचार कर रहे है उन्होंने जनता को भाजपा को वोट ना देने की शपथ तक दिला चुके है ,दलित वोटो पर पक
ड़ होने के कारण जिग्नेश जयपुर ,दौसा , भरतपुर , हिंडोन ,करोली , चौमु आदी जगह प
र सक्रीय रहने वाले है इन में से कुछ जगहों पर मेवानी पहले ही दौरे कर चुके है |
कन्हैया कुमार- {JNU पूर्व अध्यक्ष }
अक्टूबर में राजस्थान का दौरा करेगे वह उनकी पार्टी लेफ्ट की सीटो पर प्रचार करेगे और सीकर ,शेखावटी क्षेत्र में सक्रिय रहने वाले है गौरतलब है उन्होंने कुछ माह पूर्व भी जयपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित किया था ,उनकी पार्टी के स्टार प्रचारक के रूप में वह पार्टी के प्रत्याशियों का प्रचार करते नज़र आयेगे |
हार्दिक पटेल – पाटीदार आंदोलन से उपजे युवा नेता हार्दिक पटेल भी भाजपा के ख़िलाफ़ प्रचार करते नज़र आयेगे , उनका फोकस उदयपुर संभाग रहने वाला है हार्दिक अभी कुछ समय पूर्व भी उदयपुर में कई दौरे कर
चुके है वे उनके कांग्रेस के कई बड़े नेतावों से नजदीकियां है ,
ख़ास नज़र –
गौरतलब है की गुजरात विधानसभा चुनावों में जिग्नेश ,हार्दिक पटेल , ने मुख्यभूमिका निभाई थी जिन्हें परदे के पीछे से कां
ग्रेस पार्टी ने सपोर्ट किया था ,जिग्नेश के सामने तो कांग्रेस पार्टी ने अपना प्रत्याशी ही नही उतारा था और जिग्नेश को समर्थन दिया था ,वही दूसरी और यह सभी समीकरण सेट करने में राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत थे अब राजस्थान विधानसभा चुनावों में भी जादूगर अशोक गहलोत अपना जादू दिखाने लग गए है कुल मिलाकर भाजपा के लिए बड़ी समस्या है |
जयपुर | राजस्थान विधानसभा चुनावों को लेकर सभी दल जहाँ अपनी अपनी जमीन तैयार करने में लगे है तो दूसरी और सभी दल गठबंधन कर भाजपा को सत्ता में आने से रोकने की पुर जोर कोशिश परदे के पीछे से करने में लगे है आज हम आप को बताएगें की सभी दलों का समीकरण आज दिनांक तक क्या कहता है |
घनश्याम तिवाड़ी { भारत वाहनी } पार्टी राज्य में भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए भाजपा के घोर विरोधी हनुमान बेनीवाल के साथ लगभग गठबंधन हो चूका है सीटो के बटवारें पर मंथन के बाद अधिकारिक रूप से घोषणा हो सकती है |
कांग्रेस – बसपा –
राज्य में बसपा तीसरी बड़ी पार्टी के रुप में अपनी उपस्थिती रखती है कांग्रेस व् बसपा आपस में गटबंधन करना चाहती है लेकिन सीटो का समीकरण अभी तक बैठता नज़र नहीं आ रहा है जिसको लेकर कांग्रेस पार्टी के आलाकमान दिल्ली में उच्च स्तरीय मीटिंग कर चुके है |
बसपा राजस्थान में हुई है मजबूत –
बसपा पार्टी का वोट बैंक दलित व् मुस्लिम समुदाय है वर्तमान समय में बसपा पार्टी राजस्थान में जमीनी स्तर पर मजबूत हुई है जिसका मुख्य कारण पूर्व प्रभारी धर्मेन्द्र अशोक रहे है गौरतलब है की अशोक पिछले 1 साल से राज्य में लगभग सभी दलित /मुस्लिम क्षेत्रो में सभा कर चुके है साथ भी 2 अप्रैल को हुए “भारत बंद ” में दलित समुदाय ने जो एकता दिखाई थी वह बड़ी – बड़ी पार्टियों को सोचने – समझने के लिए मजबूर करती है वही दूसरी और SC /ST ACT के हल्ले ने दलितों को एकजुट कर दिया है , उपरोक्त समीकरणों को देखते हुए बसपा की उमीद से ज्यादा सीटों पर आना स्वाभाविक है इस लिहाजा से बसपा अपने लिए अधिक सीटों को मांगती है तो कांग्रेस अपनी जीत को पक्का मान रही है अब वास्तविक समीकरण और सीटों का निर्णय बसपा की और से तो बसपा सुप्रीमो ही करेगी , बाकी सूत्रों के अनुसार कांग्रेस बसपा का गठबंधन मुश्किल है
एक गठबंधन यह भी हो सकता है –
सूत्रों के अनुसार बसपा ,भारत वाहनी { घनश्याम तिवाड़ी } हनुमान बेनीवाल , AAP पार्टी व् राजपा { नवीन पिलानिया } भी एक मंच पर आ सकते है इसके लिए 5 ऑक्टोबर के बाद एक साझा मीटिंग होने की संभावना है |
https://politico24x7.com/raajasthaan-mein-kis-paartee-ka-in-rajasthan-kis-party-k/
आज का दिन बड़ा फैसलों के नाम रहा जहाँ एक और सुप्रीम कोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण में अपना रुख रख फैसला सुनाया वही आधार कार्ड कहा जरुरी है और कहा नही पर भी फेसला दिया |
लाइव सुनवाई –
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने आदेश दिया है की अब मीडिया द्वारा अहम फैसलों पर जनता लाइव स्ट्रीमिंग द्वारा अदालतों की कारवाही को देख सकती है इससे कार्यवाही में पारदर्शिता आएगी और यह जनहित में होगा |
गौरतलब है देश में समय समय पर मांग उठती रही है कि कोर्ट की कार्यवाही को लाइव किया जाए, जिससे जनता को पता चल सके कि वकील किस तरह से अपना पक्ष रख रहे हैं। इसके लिए पश्चिमी देशों का भी हवाला भी दिया जाता रहा है |
दिल्ली | आज सुप्रीम कोर्ट ने “प्रमोशन में आरक्षण” पर अपना रुख़ साफ़ करते हुए कहा की राज्य सरकारें चाहें तो वे sc /st वर्ग को प्रमोशन में आरक्षण दे सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की यह अर्जी भी खारिज कर दी जिसमे एससी-एसटी को आरक्षण दिए जाने में उनकी कुल जनसंख्या पर विचार किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 2006 का नागराज फैसला बरकरार रखा है कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में आंकड़ा जुटाना जरूरी नहीं है | सरकारी नौकरी में प्रमोशन में SC/ST आरक्षण पर फैसले के लिए मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस रोहिंटन नरीमन, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस इंदु मल्होत्रा की संविधान पीठ ने कहा कि नागराज जजमेंट को 7 जजों को रैफर करने की जरूरत नहीं है इसके बाद से माना जा रहा है कि प्रमोशन में SC/ST के आरक्षण का रास्ता लगभग साफ सा हो गया है |
2006 का नागराज फैसला – जानें
नागराज बनाम भारत सरकार मामलें में SC /ST को पदोन्नति में आरक्षण देने वाले कानून को सही ठहराया था, लेकिन कहा था की राज्यों
सरकारों को पिछड़ेपन और सरकारी नौकरी में सही प्रतिनिधित्व न होने के आंकड़े जुटाने होंगे | इसके बाद कई राज्यों में कानून रद्द होते रहे तो कई राज्यों में सरकारों ने पदोन्नति में आरक्षण को बरकरार रखा |
मुख्य दलीले –
गौरतलब है की केंद्र सरकार व् राज्यों सरकारों की मांग की थी की सुप्रीम कोर्ट अपने 2006 के फैसले पर दोबारा विचार करे साथ ही उनका कहना था की जब SC /ST वर्ग में क्रीमी लेयर का सिद्धांत लागू नहीं होता है इसलिए उन्हें प्रमोशन देते समय भी आंकड़े जुटाने की शर्त नहीं रखी जा सकती वही दूसरी और आरक्षण का विरोध करने वाले पक्ष का कहना था की एक बार नोकरी पाने के बाद पदोन्नति में आरक्षण योग्यता के आधार पर हो |
तिवाडी ने कहा कि वंचित वर्गों ने अगर आगामी चुनावों में भाजपा को अपने पापों का दंड दे दिया तो लोकसभा चुनावों से पहले ही वंचित वर्ग को आरक्षण मिल जायेगा, क्योंकि आज हालत यह है कि इस समय राजस्थान में कोई सरकार नहीं है, सारे सरकारी कार्यालय खाली पडे हैं, अफसर काम नहीं करना चाहते, सरकार काले झंडे देखने के लिये सडकों पर घूम रही है, कर्मचारी सडकों पर बैठे है, इसलिये इस सरकार से तो कोई उम्मीद नहीं ।
तिवाडी ने कहा कि आज जो वंचित वर्ग है ब्राहमण, राजपूत,वैश्य, कायस्थ,अनारक्षित मुसलमान, इनके गरीब लोगों को भी सरकारी नौकरी तथा शिक्षा में आरक्षण दिया जाना चाहिये, इसके लिये या तो संविधान की नवीं अनुसूची में शामिल किया जाये या संविधान में संशोधन किया जाये । यह वंचित वर्ग आज राजस्थान में न्याय की लडाई लड रहा है, इसलिये मेरी मांग है कि चुनाव से पहले भारत सरकार संविधान में आर्डिनेन्स के द्वारा संशोधन करे क्योंकि इस वर्ग की लडाई किसी जाति,सम्प्रदाय से नहीं है, और यह कानून का मामला नहीं है ।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे व् भाजपा सीट शिव से विधायक मानवेन्द्र सिंह ने आज { शनिवार } को भाजपा पार्टी से अपना नाता तोड़ लिया अब वह लोकसभा चुनाव लड़ेगे | पचपदरा में अपनी स्वाभिमान रैली के बाद मीडिया संवाद में मानवेन्द्र ने कहा की आज उन्होंने भाजपा से अपना नाता त्तोड़ लिया है और कहा ” कमल का फूल ,बड़ी भूल “अब मानवेन्द लोकसभा सीट बाड़मेर-जैसलमेर चुनाव लड़ेगे
अब धन्यवाद यात्रा –
मानवेन्द्र सिंह अब धन्यवाद यात्रा के अंतर्गत ,जनता के बीच पहुँच कर आगे की राजनीती की राह भी उनकी राय से तय करेगे , इस से पहले ही मानवेन्द्र ने भाजपा को आड़े हाथो लेते हुए कहा था – कमल का फूल – बड़ी भूल
भावुक हुए मानवेन्द्र –
रैली को संबोधित करते हुए मानवेंद्र ने कहा कि पार्टी आलाकमान व बड़े नेताओं के कहने पर वे साढ़े चार साल से धैर्य रखे हुए थे, लेकिन अब उनका धैर्य टूट गया है । उन्होंने कहा कि अपनी चिंताओं व मुद्दों के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व पार्टी अध्यक्ष को अवगत करवाया था। मानवेंद्र ने कहा,’जब निर्णय लेने वाले निर्णय नहीं कर पाते तो धैर्य टूट जाता है।
मुख्यमंत्री – वसुंधरा राजे पर लगे थे आरोप –
गौरतलब है पूर्व केंदीय मंत्री जसवंत ने साल 2014 में लोकसभा चुनाव में भाजपा से बाड़मेर सीट पर टिकिट माँगा था ,जिस में मुख्यमंत्री राजे
पर उनका टिकिट काटने का आरोप लगे थे जिसके बाद से ही जसवंत सिंह परिवार के साथ भाजपा से सम्बद्ध बिगड़ना शुरू हो गए थे जिसके बाद जसवंत सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ा था जिसके वह हार गए थे इस चुनाव प्रक्रिया में मानवेन्द्र ने अपने पिता का प्रचार किया था जिसके बाद भाजपा ने उन्हें अनुशासनहीनता के चलते पार्टी की सक्रिय सदस्यता से निलबिंत कर दिया था |