जयपुर | भारत वाहिनी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष घनश्याम तिवाडी ने सोमवार को पिंकसिटी प्रेस क्लब में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि आरक्षण न्याय की लडाई है, कानून की लडाई नहीं । मैंने स्वंय ने न्याय एवं कानून मंत्री के रूप में राजस्थान विधानसभा में वंचित वर्ग के आरक्षण का विधेयक रखा था, यह विधेयक 16 जुलाई, 2008 को सर्वसम्मति से राजस्थान विधानसभा में पास हुआ, इसके बाद इस कार्यकाल में प्राइवेट मेंबर के रूप में दो अलग अलग विधेयक रखे, जिसे राज्य सरकार ने साजिशपूर्वक विधानसभा स्थगित करके पास नहीं होने दिया । भाजपा ने ही नहीं वंचित वर्ग के प्रतिनिधियों ने भी अपना मुंह बंद रखकर न केवल अपने समाज को धोखा दिया बल्कि अपने समाज के साथ विश्वासघात किया है ।
तिवाडी ने कहा कि वंचित वर्गों ने अगर आगामी चुनावों में भाजपा को अपने पापों का दंड दे दिया तो लोकसभा चुनावों से पहले ही वंचित वर्ग को आरक्षण मिल जायेगा, क्योंकि आज हालत यह है कि इस समय राजस्थान में कोई सरकार नहीं है, सारे सरकारी कार्यालय खाली पडे हैं, अफसर काम नहीं करना चाहते, सरकार काले झंडे देखने के लिये सडकों पर घूम रही है, कर्मचारी सडकों पर बैठे है, इसलिये इस सरकार से तो कोई उम्मीद नहीं ।
तिवाडी ने कहा कि आज जो वंचित वर्ग है ब्राहमण, राजपूत,वैश्य, कायस्थ,अनारक्षित मुसलमान, इनके गरीब लोगों को भी सरकारी नौकरी तथा शिक्षा में आरक्षण दिया जाना चाहिये, इसके लिये या तो संविधान की नवीं अनुसूची में शामिल किया जाये या संविधान में संशोधन किया जाये । यह वंचित वर्ग आज राजस्थान में न्याय की लडाई लड रहा है, इसलिये मेरी मांग है कि चुनाव से पहले भारत सरकार संविधान में आर्डिनेन्स के द्वारा संशोधन करे क्योंकि इस वर्ग की लडाई किसी जाति,सम्प्रदाय से नहीं है, और यह कानून का मामला नहीं है ।
तिवाडी ने मीडिया से यह भी कहा कि अगर वाहिनी सरकार बनाती है तो वंचित वर्ग को लोकसभा चुनावों से पहले ही आरक्षण दिलवायेगी ।
गौरतलब है घनश्याम तिवाड़ी ने भाजपा से अलग हो कर भारत वाहनी दल के नाम से नई पार्टी बनाई है जिसका गठबंधन खींवसर से निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल के साथ मिलकर राजस्थान विधानसभा चुनावों में अपने प्रत्याशी उतारेगी ,अकेले तिवाड़ी के पास कोई मजबूत मुद्दा नहीं है इसलिए तिवाड़ी सभी समाज व् धर्म के लोगों को आरक्षण का लॉलीपॉप देकर वोट साधना चाह रहे है बाकी अन्य मुद्दे रोजगार , महंगाई , शिक्षा , स्वास्थ्य आदी पर तिवाड़ी जी मौन रहे |