कांग्रेस – बसपा का गठबंधन है मुश्किल
जयपुर | राजस्थान विधानसभा चुनावों को लेकर सभी दल जहाँ अपनी अपनी जमीन तैयार करने में लगे है तो दूसरी और सभी दल गठबंधन कर भाजपा को सत्ता में आने से रोकने की पुर जोर कोशिश परदे के पीछे से करने में लगे है आज हम आप को बताएगें की सभी दलों का समीकरण आज दिनांक तक क्या कहता है |
घनश्याम तिवाड़ी { भारत वाहनी } पार्टी राज्य में भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए भाजपा के घोर विरोधी हनुमान बेनीवाल के साथ लगभग गठबंधन हो चूका है सीटो के बटवारें पर मंथन के बाद अधिकारिक रूप से घोषणा हो सकती है |
कांग्रेस – बसपा –
राज्य में बसपा तीसरी बड़ी पार्टी के रुप में अपनी उपस्थिती रखती है कांग्रेस व् बसपा आपस में गटबंधन करना चाहती है लेकिन सीटो का समीकरण अभी तक बैठता नज़र नहीं आ रहा है जिसको लेकर कांग्रेस पार्टी के आलाकमान दिल्ली में उच्च स्तरीय मीटिंग कर चुके है |
बसपा राजस्थान में हुई है मजबूत –
बसपा पार्टी का वोट बैंक दलित व् मुस्लिम समुदाय है वर्तमान समय में बसपा पार्टी राजस्थान में जमीनी स्तर पर मजबूत हुई है जिसका मुख्य कारण पूर्व प्रभारी धर्मेन्द्र अशोक रहे है गौरतलब है की अशोक पिछले 1 साल से राज्य में लगभग सभी दलित /मुस्लिम क्षेत्रो में सभा कर चुके है साथ भी 2 अप्रैल को हुए “भारत बंद ” में दलित समुदाय ने जो एकता दिखाई थी वह बड़ी – बड़ी पार्टियों को सोचने – समझने के लिए मजबूर करती है वही दूसरी और SC /ST ACT के हल्ले ने दलितों को एकजुट कर दिया है , उपरोक्त समीकरणों को देखते हुए बसपा की उमीद से ज्यादा सीटों पर आना स्वाभाविक है इस लिहाजा से बसपा अपने लिए अधिक सीटों को मांगती है तो कांग्रेस अपनी जीत को पक्का मान रही है अब वास्तविक समीकरण और सीटों का निर्णय बसपा की और से तो बसपा सुप्रीमो ही करेगी , बाकी सूत्रों के अनुसार कांग्रेस बसपा का गठबंधन मुश्किल है
एक गठबंधन यह भी हो सकता है –
सूत्रों के अनुसार बसपा ,भारत वाहनी { घनश्याम तिवाड़ी } हनुमान बेनीवाल , AAP पार्टी व् राजपा { नवीन पिलानिया } भी एक मंच पर आ सकते है इसके लिए 5 ऑक्टोबर के बाद एक साझा मीटिंग होने की संभावना है |
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