मोदी जी का सवर्णों का10 % आरक्षण तो बहाना है – भाजपा 2019 में प्रधानमंत्री का चेहरा – नितिन गडकरी -सूत्र

मोदी सरकार द्वारा सवर्णों को दिया गया 10 % आरक्षण आज राज्य सभा में भी पास हो गया – संविधान में 124 वां संशोधन –

लोकसभा चुनावों से पूर्व मोदी व् भाजपा सरकार ने सवर्णों को 10 प्रतिशत आरक्षण देकर चुनावी कार्ड ज़रूर खेला है जो की लोकसभा व् राज्य सभा में पास हो चूका है अब बिल डायरेक्ट  राष्ट्रपति के पास भेजा जायेगा जिसके बाद यह बिल कानून का रूप लेगा |

नोट – आरएसएस द्वारा मोदी व् अमित शाह  पर लगातार उठ रहे सवालों – राम मंदिर ,तीन तलाक व् NDA का अपने ही पूर्व सहयोगी संगठनो द्वारा दूरी बनाना आर एस एस को चिंता का विषय था जिस को लेकर लगातार प्रधानमंत्री का विकल्प आर एस एस देख रहा था अब सूत्रों की माने तो 2019 लोकसभा में अगर भाजपा नहीं आती है या उससे पहले कुछ राजनेतिक पेंच फ़सते है तो संघ चुनावों से पूर्व भी प्रधानमंत्री के नए चेहरे के रूप में नितिन गडकरी को प्रोजेक्ट कर सकती है |

एक नजर –

मोदी सरकार द्वारा सवर्णों का 10 % आरक्षण देने का चुनावी कार्ड लगभग मजबूत हो गया है क्योकि बिल अब राज्य सभा व् लोकसभा में पास हो गया है यह बिल लोकसभा में 17 राजनेतिक पार्टियों के समर्थन से पास हो चूका है लेकिन यह बिल विवादों को उत्पन कर दिया है जिसका परिणाम क्या होगा किस दिशा में होगा – यह भविष्य तय करेगा क्योकि आज वर्तमान में 8 लाख सालाना अर्थात 66 .66 हजार रुपये महिना कमाने वाला व्यक्ति गरीब माना गया है जबकि अन्य सरकारी आकड़ो में प्रतिदिन 11 रुपये कमाने वाले व्यक्ति को गरीब माना गया है |आज यह सर्व विधित हो रहा है की मोदी जी ने इसे “सवर्णों का 10 % आरक्षण” मुद्दे पर राजनीती रोटियाँ सकने की कोशिश कर रहे है प्रधानमंत्री देश को गुमराह कर रहे है सन 1990 में जब तत्कालीन प्रधानमंत्री थे तब उस वक़्त के मंडल विरोधी ताकतों ने obc आरक्षण बिल पर बेहस तक नहीं की थी उस वक्त कुछ ही राजनीतिक दलों को छोड़ कर बाकी सभी दलो ने मंडल आयोग का विरोध किया था जबकि आज उसके  उलट आज स्वर्णो को 10 % आरक्षण के

फैसले पर भा ज पा के अलावा कांग्रेस पार्टी सहित 17 दलों द्वारा इसे समर्थन देना दोहरा  मापदंड है,जबकि इस फैसले के पूर्व विधिवत् रुप से किसी आयोग का गठन भी नहीं किया गया है  उलट आज स्वर्णो को 10 % आरक्षण के फैसले पर भा ज पा के अलावा कांग्रेस पार्टी सहित 17 दलों द्वारा इसे समर्थन देना दौहरा मापदंड है,जबकि इस फैसले के पूर्व विधिवत् रुप से किसी आयोग का गठन भी नहीं किया गया है

अब भविष्य में जो परिद्रश्य बनता नज़र आ रहा है उसके अंतर्गत –

पहले ही देश के85 % आबादी को सुप्रीम कोर्ट ने 49.50 %से अधिक आरक्षण नहीं देने का फैसला दे रखा है,अब यदि49.50 %में से स्वर्णो को आरक्षण दिया जायेगा तो जिस वर्ग का आरक्षण कम होगा वह रोडो पर आयेगा ओर यदि49.50%के बाद बचे 50.50 % मे से दिया जायेगा तो क्या सुप्रीम कोर्ट पहले की तरह अपने फैसले पर कायम रहेगा या ,इसके बाद  S C , S T, O B C तथा Minority के लोग रोडो पर उतरने का काम करने वाले हैं,इन वर्गों की मांग होगी कि देश मे इन वर्गों के आबादी की जनगणना करवा  कर सबको उसी के अनुपात मे आरक्षण देने मांग जबरदस्त तरीके से उठगी जिसे ना भा ज पा रोक पायेगी ओर ना ही कांग्रेस पार्टी इस देश के लोगो ने आरक्षण प्राप्त करने के लिए मोदी जी 72-72आहुतियां दि है जिसे कोई कैसे भुला सकता है,दुसरी तरफ जिस वर्ग के लोगों द्वारा एक दिन की भुख हडताल भी नहीं की गयी है जिनका इस देश की तमाम सामाजिक,राजनीतिक एवं आर्थिक व्यवस्थाओं पर हजारों सालो से कब्जा रहा है उन्हें जरा सी तकलीफ हो रही वह ना कांग्रेस से देखीं जा रहीं ओर ना ही भा ज पा से ,अब देखते हैं ये लोग देश की क्या दुर्गति के पथ पर ले जाते है

 

आभार –  मोहन लाल बैरवा-  { जयपुर }

 

 

%d bloggers like this: