राजस्थान के मूलनिवासियों को ही अब सरकारी नौकरी में आरक्षण – राजस्थान हाईकोर्ट

राजस्थान के मूलनिवासियों को ही अब नौकरीयों में आरक्षण 

जयपुर | राजस्थान हाईकोर्ट ने आज  एक आदेश पारित किया हैं जिस में यह सुनिश्चित किया गया हैं की आरक्षण का लाभ स्थानीय मूलनिवासियों को ही मिलें राजस्थान में बाहरी राज्यों से नोकरी के लियें स्टूडेंट्स आते हैं जिसके चलते प्रतियोगिता परीक्षा में स्थानीय छात्र -छात्रओं को मौका नहीं मिलता हैं जिससे राज्य में बेरोजगारी बढ़ती हैं जबकि अन्य राज्यों में बाहरी राज्यों से आने वाले स्टूडेंट्स का एक कोटा तय हैं जबकि राजस्थान में अभी तक नहीं था लेकिन आज राजस्थान हाई कोर्ट के जस्टिस सतीश कुमार शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश पारित की हैं |

गौरतलब हैं की अब आरक्षण का लाभ स्थानीय लोगों को ही मिलेगा चाहें बाहरी राज्य से शादी कर के आई महिला भी आरक्षण का लाभ नहीं मिल पायेगा दूसरी और बाहरी राज्य से आकर राजस्थान में चुनाव नहीं लड़ सकतें |

 

 

क्या हैं खास मायनें – गौरतलब हैं की राजस्थान में भी बेरोजगारी एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आ रही हैं जिसको लेकर राजस्थान विश्वविद्यालय सहित तमाम कॉलेज में आंदोलन हो चुके हैं और उत्तर प्रदेश , बिहार व् अन्य राज्यों के स्टूडेंट राजस्थान में नोकरी के फ्रॉम भरते हैं जिससे सीटो का लाभ स्थानीय लोगों को नहीं मिलता और बाहरी राज्यों के स्टूडेंट कुछ समय बाद दूसरी नोकरी के लियें आवेदन करते हैं और बीच में ही नोकरी छोड कर चले जातें हैं और सीट रिक्त हो जाती हैं और कुछ सीटो के लियें विभाग कई सालो तक विज्ञापन जारी नहीं करता कुल मिलाकर विभाग में अधिकारी नहीं और स्थानीय स्टूडेंट को नोकरी नहीं फिर बेरोजगार युवक -युवतिया सरकार के खिलाफ धरना – प्रदर्शन करते हैं |

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