आज देश शर्मिंदा है की कुछ राष्ट -विरोधी ,असामाजिक तत्वों ने भारतीय संविधान की प्रतियाँ जलाई संसद मार्ग पर आखिर क्यों – जाने ख़ास वजह
जिस देश ने ,जिस संविधान ने तुम्हे इतनी आजादी दी की तुम ” अभिव्यक्ति की आजादी ” के नाम पर अपने विचार प्रकट कर सकते हो , आज तुम ने उसे ही जला दिया दुसरे अर्थो में कहे तो जिस माँ ने तुम्हें जन्म दिया तुमने उसी का गला घोट दिया , सोचो तुम केसी गन्दी मानसिकता के इंसान हो ….सोचो …..सोचो…… सोचो तुम खुद मर जावोगे , राष्ट – विरोधी तत्वों |
बात कुछ ऐसी है –
इन मनुवादीयो ने आज संविधान जलाया।पहले भी इन्हीं मनुवादीयो ने संविधान जलाया था तब बाबासाहेब संसद अकेले थे ओर आज बाबासाहेब की वजह से सैकड़ों सांसद व हजारों की संख्या में विधायक हैं लेकिन वे सब गये बीते हो गये जो ऐसी संविधान विरोधी घटना पर एक शब्द तक नहीं बोल पा रहे हैं ,उन्हें तो चुल्लू भर पानी मे डूबकर मर जाना चाहिए जिसकी वजह से वो आज ऐसोआराम कर रहे हैं। 2 अप्रेल की घटना ओर संविधान जलाने की घटना यानि इतनी बडी घटनाओं के बावजूद इन्हें जरा भी शर्म नहीं आ रही सब चुपचाप हैं अन्यथा सभी को इस्तीफा देकर समाज के साथ आ जाना चाहिए।यदि ये ऐसा करते तो समाज इनको आंखों पर बिठाती ओर ये मनुवादी स
रकारें अपने आप धराशायी हो जाति। लेकिन इनमें ऐसा साहस कहाँ ये तो इनके गुलाम बने हुए हैं। इनको न संविधान से व न समाज से लेना देना है।
हमारा समाज कितना भोला भाला है जो इतना सबकुछ होने के बावजूद भी इन्हें सम्मान देते हैं इन्है सम्मान समारोह मे बुलाकर सम्मान करते हैं इनके पांव छूते हैं।क्या हो गया हमारे समाज को क्या हमारे मे इतनी भी हिम्मत नहीं कि इन्हें हमारे समाज के मोहल्ले व कालोनियों मे नहीं घुसने दे लेकिन हममें भी इतनी हिम्मत कहाँ अन्यथा अब हमें इन्हें सबक सीखाना चाहिए। आज हम सब मिलकर कसमें खानी चाहिए कि जब भी ये समाज विरोधी लोग हमारे बीच मे आये इनको मोहल्ले व कालोनियों मे व गावों मे घुसने पर खुले आम विरोध करना चाहिए साथ आज से इनके संविधान विरोधी पोस्टर गली गली मोहल्ले मोहल्ले मे चिपकाना शुरु कर देना चाहिए।हम इन मनुवादीयो को क्यों कोसे पहले हमें हमारे इन गद्दारों को सबक सिखाना चाहिए जो समाज पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ व संविधान विरोधियों के खिलाफ कुछ नहीं बोल रहें।
इसलिए मेरे समाज बंदुओ अब जागो ओर एक हो जावो यदि हम एक हो गये तो हमारा संविधान भी बचा रहेगा ओर हमारे समाज पर हो रहे अत्याचारों को भी रोक पायेंगे अन्यथा जो वर्तमान मे घटनाएं हो रही है आगे इनसे भी ज्यादा घटनाएं होगी ओर हम मूक दर्शक बने ऐसे ही वाट्सअप व छोटी मोटी पंचायतें करते रहेंगे। इससे हमारे समाज का कुछ भी भला होने वाला नहीं है हम वैसे ही इन 15 प्रतिशत मनुवादीयो द्वारा कुचलते रहेंगे।इसलिए हमें मानशिक गुलामी को त्याग कर सारे मतभेद भुलाकर एवं जातिवाद से ऊपर ऊठकर तथा सारे जातिगत संगठनों को भुलाकर एक जाजम पर आ जावो। इसी आशा के साथ ……………………..
लेख़क – DC भाटी ,
{ यह लेख़क के निजी विचार है }