जयपुर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाते हुए कहा है कि राज्य सरकार की लापरवाही के कारण बजरी खनन से जुड़े लाखों मजदूर बेरोजगार हो गये और राज्य का विकास भी ठप हो रहा हैं। गहलोत ने आज अपने एक बयान में कहा कि उच्चत्तम न्यायालय ने बजरी माफियाओं के साथ सरकार की मिलीभगत को लेकर तीखी टिप्पणी करते हुए दो महीनो पूर्व रोक लगाई थी और सरकार से जवाब मांगा था। दो दिन पूर्व सरकार द्वारा प्रस्तुत जवाब पर न्यायालय ने फिर से अपनी नाराजगी दिखाते हुए रोक को डेढ़ माह के लिए और बढ़ा दिया है।
उन्होंने कहा कि सरकार की इस लापरवाही के कारण प्रदेश के करीब पच्चीस लाख से ज्यादा लोग बेरोजगार हो गये हैं जिनमें बजरी खनन में लगे मजदूर, बजरी ट्रक ड्राईवर, उनके मालिक, निर्माण मजदूर एवं कारीगर आदि शामिल हैं। इसके चलते लोगों के भवन निर्माण कार्य रुक गये हैं वहीं राजधानी जयपुर सहित प्रदेश में सरकार के सभी छोटे बड़े प्रोजेक्ट भी अटक गये हैं। उन्होंने कहा कि इसको लेकर आम जन में आक्रोश भी फैला हुआ है।
उन्होंने कहा कि नागौर और बीकानेर में खनन जारी हैं लेकिन इन क्षेत्रों से प्रदेश भर की मांग को पूरा करना संभव नहीं है। जितनी बजरी उपलब्ध कराई जा रही है उसके दाम भी दुगने तिगने वसूले जाने से लोगों की जेबें कट रही हैं। साथ ही राज्य सरकार को भी रोजाना करीब सवा करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। गहलोत ने कहा कि पहले भी सरकार की लापरवाही की वजह से किसानों की आत्महत्या की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इसके मद्देनजर सरकार को पूरी गंभीरता के साथ इस दिशा में कदम उठाने चाहिए।