Delegation of Constitutional Rights Organization gave memorandum to Chief Minister on International Human Rights Day –
अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर विशेष कार्यक्रम –
जयपुर | संवैधानिक अधिकार संगठन के कार्यकर्ताओं ने 26 नवंबर से 10 दिसम्बर तक संविधान पखवाड़े का आयोजन किया था जिसका आज अंतिम दिन था | 26 नवंबर 2020 से राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में जमीनी स्तर पर आम जनता , युवा वर्ग , महिलाओं को संविधान की प्रस्तावना में वर्णित मूल्यों की जानकारी और संविधान के प्रति समझ बढ़ाने का काम जागरूकता कैम्प के माध्यम से किया गया हैं जिसमे हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से स्लम एरिया बगराना बस्ती , प्रेम नगर , लाल कुंडा बस्ती मालवीय नगर , इंद्रा बाजार, मंडी खटीकान , पुरानी बस्ती आदी जगहों पर कोरोना की गाइड लाइन की पालना करते हुयें जन जागृति का काम किया हैं |
मुख्यमंत्री को विश्व मानवाधिकार दिवस पर आज संगठन से जुड़े वरिष्ट लोगों ने प्रमुख मांगो के साथ मुख्यमंत्री जी को ज्ञापन देकर निम्न मांगों की मांग की –
एडवोकेट चंदा लाल बैरवा ( सहायक निर्देशक दलित अधिकार केंद जयपुर ) ने कहा – माननीय मुख्यमंत्री महोदय आज अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस हैं आप राज्य के मुख्यमंत्री हैं तो आप की यह जिम्मेदारी बनती हैं कि राजस्थान में वंचित वर्ग ,दलित, शोषित पीड़ित ,आदिवासी , महिलाओं के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित हो ,
गौरतलब हैं कि मानव अधिकार सार्वभौमिक हैं जब एक बच्चा माँ के पेट पलता हैं जब से ही उसके मानवाधिकार उसे मिलते हैं सभी देशों में लगभग मानवाधिकार समान रहते हैं और उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की होती हैं अतः सभी मानवों के अधिकार हक्क उसे मिलने चाहियें |

राकेश वाल्मीकि प्रदेश संयोजक ( राजस्थान वाल्मीकि विकास मंच ) – आज यह गर्व की बात हैं कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सभी देशों ,गांवों में आज विश्व मानवाधिकार दिवस मनाया जा रहा हैं एक व्यक्ति को अपने मौलिक अधिकारों के प्रति जागरूक व सचेत रखना चाहियें और अपनी गरिमा व मान सम्मान के साथ कभी भी कोई समझौता नहीं करना चाहियें और अपने अधिकारों हक्क के लियें संघर्ष करना चाहियें |
सुनील प्रजापति ( जिला अध्यक्ष DSP DAL) – आज अंतरराष्ट्रीय मानव अधिकार दिवस हैं आज के दिन ही वर्ष के 365 दिन हमें हमारे सभी भाई बहनों , जनता को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करना चाहिए जिससे जनता , युवा अपने संवैधानिक अधिकारों के प्रति सचेत रहें |
शाहिस्ता खान – ( संवैधानिक अधिकार संगठन ) ने कहा – आज हम राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी के यहां ज्ञापन दिया हैं जिस में हमने मांग की हैं कि आज विश्व मानवाधिकार दिवस हैं और राजस्थान में अभी जिला प्रमुख , पार्षद , सरपंच के चुनाव संपन्न हुयें हैं जिसमे महिला जनप्रतिनिधि भी अधिक विजेता रही हैं लेकिन आज भी राजस्थान में महिला जन प्रतिनिधि के नाम पर उनके पति , ससुर आदी रिश्तेदार मीटिंग बैठके उनके नाम से करते नज़र आते हैं जो गैर संवैधानिक हैं जिन्हें सरपंच पति के नाम से जाना जाता हैं आज वास्तविकता में महिलाओं को उनके अधिकार मिले यह राज्य सरकारें सुनिश्चित करें |
पवन देव – संवैधानिक अधिकार संगठन
आज अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर हमारे साथियों ने सीवरेज मैनहॉल में कार्यरत सफाईकर्मियों के अधिकारियों के लियें संघर्ष कर रहें हैं भारत सरकार ने 2013 में हाथ से मैला ढोने की प्रथा को रोकने के लियें ms and th act 2013 बना रखा हैं लेकिन दलित समाज के सफाईकर्मी आज भी ठेकेदारो के दबाब व प्रलोभन में सीवरेज लाइन में कार्य करने के लियें उतर जाते हैं जिससे उनकी जहरीली गैस के कारण दम घुटने से मौत हो जाती हैं इस कुप्रथा को रोकने के लियें संविधान पखवाड़े के तहत वाल्मीकि कॉलोनी व अन्य स्थानों पर लोगों को जागरूक किया हैं और राजस्थान के मुख्यमंत्री जी से इस कुप्रथा को खत्म व रोकथाम के लियें अपील की हैं भारत के संविधान ने भारत के सभी छोटे बड़े सभी नागरिकों को सम्मान जनक जीवन जीने का अधिकार दे रखा हैं जिसकी पालन करना राज्य सरकारों की जिम्मेदारी हैं उस दिशा में सकारात्मक काम हो –
शुभम सोंखरिया – आज विश्व मानवाधिकार दिवस पर सबसे अधिक शिक्षा विभागों को काम करने की आवश्यकता हैं क्योंकि शिक्षा उस शेरनी के दूध के समान हैं जो पियेगा वो दहाड़ेंगा अतः सभी बच्चों की शिक्षा सुनिश्चित हो |
