रेड वॉर्निंग: शीतलहर जारी रहने के मद्देनज़र, मौसम विभाग ने खतरनाक स्‍तर की चेतावनी जारी

जयपुर। मौसम विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, उत्तरप्रदेश, बिहार, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब में आज और कल के लिए रेड वॉर्निंग जारी की है। यह सबसे गंभीर स्‍तर की चेतावनी है, जिसमें जान-माल को सर्वाधिक नुकसान होने की आशंका रहती है और लोगों को आमतौर पर यात्रा करने से बचने की सलाह दी जाती है।

उत्तर भारत के कई इलाकों में शीतलहर की वजह से कड़ाके की ठंड पड़ रही है और अनेक स्थानों पर तापमान मौसम के न्यूनतम औसत स्तर से नीचे चला गया है। दिल्ली में आज इस मौसम का सबसे ठंडा दिन रहा। आज सुबह घने कोहरे के कारण दृश्यता बहुत कम हो गई जिससे रेल और हवाई यातायात पर असर पड़ा।

श्रीनगर में न्यूनतम तापमान के शू्न्य से पांच दशमलव छह तक नीचे गिरने से झीले, झरने और पानी के नल जम गए हैं और पीने के पानी की किल्लत पैदा हो गई है। बिजली आपूर्ति पर भी सख्त ठण्ड का भी विपरित असर पड़ रहा है।

श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग में यातायात में आए दिन की बाधाएं भी कश्मीर घाटी में लोगों की कठिनाइयों को ठण्ड के इस मौसम में बढ़ा रही हैं। मौसम विभाग ने शीतलहर के और तेज होने का पूर्वानुमान व्यक्त किया है।

जम्मू-कश्मीर में जम्मू और श्रीनगर को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर आज वाहनों को एक तरफा चलने की अनुमति दी गई। खराब मौसम की वजह से इस राजमार्ग पर एक हजार से अधिक वाहन अलग-अलग स्थान पर रुके हुए हैं।

उत्‍तर प्रदेश में कड़ाके की ठंड के कारण जन-जीवन अस्‍त-व्‍यस्‍त है। सरकार ने गरीबों और बेसहारा लोगों को ठंड से बचाने के लिए विशेष इंतेजाम किये हैं। हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में आज तापमान शून्य से नीचे चला गया।

मुजफ्फर नगर एक दशमलव सात डिग्री सेन्‍टीग्रेट तापमान के साथ देश का सबसे ठंडा स्‍थान रहा। कानपुर और झांसी में दो डिग्री और दो दशमलव तीन डिग्री तापमान दर्ज किया गया। राजधानी लखनऊ में न्‍यूनतम तापमान तीन दशमलव पांच डिग्री तथा अधिकतम तापमान 14 दशमलव चार डिग्री दर्ज किया गया।

ओड़िशा के ज्यादातर इलाके शीतलहर की चपेट में हैं और सोनपुर में तापमान चार डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो राज्यभर में इस मौसम का सबसे कम तापमान है। मौसम विभाग ने पश्चिम बंगाल के अधिकांश जिलों में अगले 24 घंटों में शीतलहर की चेतावनी दी है।

कोहरे के कारण सड़क, रेल और हवाई यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कम दृश्‍यता के चलते प्रदेश में दर्जनों ट्रेने छह घंटे की देरी से चल रही हैं। जिला प्रशासन को जनपदों में सार्वजनिक स्‍थानों पर अलाब जलाने और बेसाहारा लोगों को कम्‍बल वितरित करने के निर्देश दिये गए हैं।

उत्तर भारत में शीतलहर जारी, राजस्थान के कई इलाके भीषण ठंड की चपेट में

जयपुर। उत्तर भारत के कई हिस्सों में शीतलहर जारी है। दिल्ली में दर्ज हुआ इस मौसम का सबसे न्यूनतम तापमान। राजस्थान के सीकर जिले का फतेहपुर प्रदेश का सबसे ठंडा स्थान रहा। जहां लगातार तापमान माइनस तीन डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

वहीं चूरु में भी तापमान जमाव बिंदु के नीचे पहुंच गया। राजधानी जयपुर, कोटा, अजमेर में न्यूनतम तापमान लुढककर चार डिग्री दर्ज किया गया। घने कोहरे के कारण कई स्थानों पर सड़क और रेल यातायात पर बुरा प्रभाव पड़ा है।

उत्‍तर भारत के कई भागों में शीतलहर जारी है। दिल्‍ली में कल इस मौसम का सबसे ठंडा दिन रहा और न्‍यूनतम तापमान सामान्‍य से तीन डिग्री कम होकर चार दशमलव दो डिग्री सेल्सियस पर आ गया। जम्‍मू-कश्‍मीर में श्रीनगर में रात का तापमान शून्‍य से पांच दशमलव छह डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया।

श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग में यातायात में आए दिन की बाधाएं भी कश्मीर घाटी में लोगों की कठिनाईयों को ठण्ड के इस मौसम में बढ़ा रही हैं। चंडीगढ़ में तापमान छह दशमलव छह डिग्री सेल्सियस रहा। पूरे उत्तर प्रदेश में तापमान सामान्य से कई डिग्री नीचे चला गया है।

श्रीनगर में न्यूनतम तापमान के शू्न्य के पांच दशमलव छह तक नीचे गिरने से झीले, झरने और पानी के नल जम गए हैं और पीने के पानी की किल्लत पैदा हो गई हैं। बिजली आपूर्ति पर भी सख्त ठण्ड का भी विपरित असर पड़ रहा है।

हिमाचल प्रदेश में कुफरी, मनाली, सोलन, भुंतर, सुंदरनगर और कालपा में भी तापमान शून्‍य से नीचे बना रहा। हरियाणा के हिसार में कल रात का तापमान छह डिग्री सेल्सियस गिरकर शून्‍य दशमलव तीन डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

मौसम विभाग ने अगले दो दिन में देश के पूर्वी और मध्‍य क्षेत्र के भी शीतलहर की चपेट में आने की संभावना व्‍यक्‍त की है।

अलीगढ़ प्रदेश का सबसे ठंडा स्थान रहा, जहां तापमान तीन दशमलव छह डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। झांसी में चार डिग्री सेल्सियस पर लोग ठिठुरते रहे। अधिकांश स्थानों पर स्कूलों को 31 दिसम्बर तक के लिए बंद कर दिया गया है।

सरकार ने जिला अधिकारियों को रैन बसेरो में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। कोई भी गरीब खुले आसमान के नीचे या सड़क के किनारे न सोये इस बात की हिदायत दी गई है।

उत्तर भारत शीतलहर की चपेट में, 48 घंटों में 38 की मौत

नई दिल्ली। तीव्र शीतलहर से सम्पूर्ण उत्तर भारत प्रभावित है। इनमें उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में सामान्य जीवन प्रभावित हुआ है। उत्तर प्रदेश में बीते 48 घंटों में 38 लोगों के मौत की सूचना है। शीर्ष मौसम वैज्ञानिकों को आशंका है कि जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम की बेरुखी सामने आई है।

भूमध्य सागर में उत्पन्न होने वाले असमान्य और शक्तिशाली ‘पश्चिमी विक्षोभ’ ने हिंदी पट्टी सहित समूचे उत्तर भारत को बीते पखवाड़े से ठिठुरने को मजबूर किया है। यह स्थिति चार से पांच दशकों में एक बार पैदा होती है, जो लोगों को नए साल की पूर्व संध्या पर भी कंपकंपाएगी।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. राजेंद्र जेनामणि ने कहा, ‘यह लंबी अवधि है, जिसकी प्रकृति अनोखी है और यह पूरे उत्तरपश्चिम भारत पर असर डालेगी।’ शीर्ष वैज्ञानिकों को आशंका है कि जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम की बेरुखी सामने आई है और अप्रत्याशित मौसम की यह स्थिति लोगों को परेशान करती रहेगी।

गंगा के मैदानी क्षेत्रों में घना कोहरा और हिंद महासागर की असामान्य वार्मिंग पश्चिमी विक्षोभ के लिए जिम्मेदार हैआने वाले सालों में उत्तर भारत मौसम के लोगों को मौसम की बेरुखी झेलनी पड़ सकती है। मौसम वैज्ञानिक आम तौर पर ज्यादा ठंड की अवधि 5 या 6 दिनों होती है। लेकिन इस साल 13 दिसंबर से तापमान में गिरावट जारी है

उष्णकटिबंधीय तूफान से भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरपश्चिम भाग में अचानक से ठंड के मौसम में बरसात हुई, जिससे देश के कुछ शहरों में दिन का तापमान 12 डिग्री से नीचे हो गया। हिमालयी क्षेत्र व गंगा के मैदानी क्षेत्र जिसमें पूरा उत्तर भारत शामिल है, मौसम को लेकर ज्यादा संवेदनशील हो सकते हैं और यहां के लोगों को मौसम की बेरुखी झेलनी पड़ सकती है।

गंगा के मैदानी इलाकों में स्मॉग (धुंध) का असर मौसम पर पड़ रहा है। उनके शोध से संकेत मिलता है कि पिछले कुछ वर्षों में तापमान में बदलाव का एक अप्रत्याशित पैटर्न चल रहा है। यह पैटर्न जारी रहेगा और निकट भविष्य में इसका मौसम पर ज्यादा गंभीर असर पड़ेगा। डॉ. सिंह ने कहा, ‘ध्यान देने की बात है कि अगर ज्यादा प्रदूषण होगा तो ज्यादा धुंध होगा।

दिल्ली में दिसंबर की सर्दी 1901 के बाद दूसरी बार सबसे सर्द
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दिसंबर की सर्दी का यह आलम है कि यह 1901 के बाद दूसरी बार ऐसा हो सकता है जब साल का आखिरी महीना इतना सर्द रहा हो।

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