धारा 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर चुनावों में दिखा बीजेपी का दम, जानिए पूरी खबर

जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद पहली बार जिला विकास परिषद की 280 सीटों पर हुए चुनाव के परिणाम आने शुरू हो गये है। शुरुआती रुझानों में बीजेपी और गुपकार गठबंधन के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है तो अन्य दोनों दलों को चुनौती दे रहे हैं। धारा 370 हटाये जाने के बाद 7 दलों ने गुपकार गठबंधन बनाकर बीजेपी के खिलाफ एक साथ चुनाव लड़ा है जो कुछ हद तक सही साबित होता नजर आ रहा है।

गुपकार गठबंधन में पीपल्स कॉन्फ्रेंस, आवामी नैशनल कॉन्फ्रेंस,नैशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, J&K पीपल्स मूवमेंट के साथ ही सीपीआई और सीपीएम शामिल हैं। राज्य चुनाव आयोग के अनुसार आठ चरणों में 450 से अधिक महिला उम्मीदवारों समेत कुल 4,181 उम्मीदवार अपनी किस्मत अजमा रहे हैं। इन चुनावों को लेकर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किये गये थे और प्रदेश की जनता ने भी इस चुनाव में बढ़चढकर मतदान किया था।

 

आपको बता दे कि अनुच्छेद 370 को हटाये जाने से पहले जम्मू और कश्मीर में त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली (ग्राम स्तरीय, ब्लॉक स्तरीय, जिला स्तरीय) नहीं थी। इन चुनाव के जरिए जम्मू के 10 और कश्मीर घाटी के 10 यानी कुल 20 जिलों में डीडीसी का गठन होगा जो वहां के विकास के लिए अहम साबित होगी।

पहले चरण का मतदान 28 नवंबर को और 8वें व अंतिम चरण का मतदान 19 दिसंबर को हुआ था। जिसमें लगभग 50 प्रतिशत से ज्यादा मतदान हुआ था जो एक बड़ी बात है। उम्मीद की जा रही है कि शाम तक नतीजे पूरी तरह से आ जाएंगे लेकिन इन चुनावों में कांग्रेस को ज्यादा सीटे मिलती नजर नहीं आ रही है तो दूसरी बीजेपी रिकॉर्ड सीटों से जीतने का दावा कर रही है। इन चुनावों में निर्दलीयों ने भी अपना दम दिखाया है और अब तक मिली जानकारी के अनुसार सभी पार्टियों से ज्यादा अन्य के खाते में ज्यादा सीटे जाती नजर आ रही है।

 

दिग्गजों की साख़ है दाव पर – राजस्थान उपचुनाव

राजस्थान : कल आएंगे उपचुनाव के लोकसभा और विधानसभा सीटों के परिणााम –

जयपुर। राजस्थान में दो लोकसभा सीटों एवं एक विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के परिणाम सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों दलों के प्रमुख नेताओं का भविष्य तय करेंगे।उपचुनाव की मतगणना कल सुबह शुरू होगी और दोपहर तक परिणाम आ जाएंगे। इन परिणामों का दोनों दल विश्लेषण कर आगामी दिसंबर में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों के लिए रणनीति तैयार करेंगे। भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश में सरकार होने और तीनों सीटें भाजपा के कब्जे की होने के कारण एक भी सीट पर हार इसकी साख पर असर डालेगी वहीं कांग्रेस यदि एक भी सीट जीतती है तो उसमें अगले चुनाव के लिए अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरने का आधार बनेगा।

 

वैसे ये चुनाव परिणाम प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सुशासन पर मोहर लगाएंगे या शासन के प्रति लोगों की नाराजगी को सामने लाएंगे, यह कल परिणाम के आने से ही स्पष्ट होगा। तीनों सीट में से एक भी सीट पर पराजय का सीधा असर मुख्यमंत्री पर तो पड़ेगा ही साथ में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी की संगठन पर पकड़ को भी साबित करेगा। एक से अधिक सीटों पर हार के परिणाम इन दोनों नेेताओं की साख पर विपरीत असर डालने वाले साबित होंगे। वैसे सट्टा बाजार के भाव कांग्रेस के पक्ष में है लेकिन भाजपा ने अपने गुप्त सर्वे के बाद तीनों सीटों पर पार्टी की जीत का दावा किया है।

 


अलवर में भाजपा उम्मीदवार राज्य के श्रममंत्री जसवंत सिंह की अपनी ही जाति के पूर्व सांसद डॉ. कर्ण सिंह यादव से टक्कर रही। यहां पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं राहुल गांधी के नजदीकी भंवर जितेन्द्र सिंह की साख दांव पर है।अजमेर में दिवंगत पूर्व केन्द्रीय मंत्री सांवरलाल जाट के पुत्र भाजपा उम्मीदवार रामस्वरूप लांबा की कांग्रेस के रघु शर्मा से टक्कर रही। यहां कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। लोकसभा की दोनों सीटों पर सीधा मुकाबला रहा लेकिन मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस के बागी उम्मीदवार गोपाल मालवीय ने मुकाबला त्रिकोणीय बना दिया था। यहां भाजपा के शक्तिसिंह और कांग्रेस के विवेक धाकड़ प्रत्याशी हैं। यहां कांग्रेस के महासचिव एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री सी पी जोशी की साख दांव पर लगी हुई है।

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