अमित शाह की सुरक्षा अब और बढ़ाई गई –

दिल्ली | भाजपा के राष्टीय अध्यक्ष अमित शाह की सुरक्षा को बढाया गया है गौरतलब है कल उत्तर प्रदेश में भाजपा  विधायक सबित सोम  के घर ग्रेनेड से हमला हुवा है जिसमे वह बाल -बाल बचे है अब मोदी सरकार को अपने भाजपा के राष्टीय अध्यक्ष अमित शाह की सुरक्षा को बढ़ाना पड़ा है |

अब अमित शाह को एएसएल यानी एडवांस सिक्योरिटी लिएज़निंग की अतिरिक्त सुविधा मिली है जबकि इससे पहले उन्हें जेड प्लस सिक्योरिटी मिली हुई थी ,

अब पुरे भारत में एएसएल कवर करगी – शाह को –

एएसएल की सुरक्षा के बाद  बीजेपी अध्यक्ष शाह को जिस जगह का दौरा करना होगा, सबसे पहले वहां एएसएल टीम पहुंचकर सुरक्षा की दृष्टि से पुख्ता मुआयना करेगी और राज्यों के पुलिस प्रशासन को सुरक्षा से जुड़े सुझावों का पालन के निर्देश देगी |

समीक्षा का फेसला –

हाल ही में शाह की सुरक्षा को लेकर एक उच्च स्तरीय समीक्षा मीटिंग हुई थी जिसमें आईबी ने उन्हें उच्च खतरे वाले व्यक्तियों की श्रेणी में बताते हुए सुरक्षा में बढ़ोत्तरी की सिफारिश की जिसके मध्य नज़र यह फैसला लिया गया है अभी

अमित शाह को राउंड क्लॉक सीआरपीएफ का सुरक्षा कवच मिलता है इसके अलावा 30 कमांडों हर वक्त उन्हें अपने घेरे में लिए रहते हैं इसके अतिरिक्त उनकी सुरक्षा में राज्यों की स्थानीय पुलिस भी लगी होती है.

अभी एएसएल सुरक्षा इन्हें मिली हुई है –

राष्टपति रामनाथ कोविंद . प्रधानमंत्री मोदी , राजनाथ सिंह को एएसएल टीम कवर करती है

 

 

 

डॉ.आंबेडकर समस्त मानवता के उद्धारकः राष्ट्रपति कोविंद

डॉ.आंबेडकर के कार्यों का किया जाये प्रचार-प्रसारः राष्ट्रपति कोविंद

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बाबा साहेब डॉ.आंबेडकर को समग्रता के साथ देश के सामने रखने की इच्छा जताई है. सोमवार को डॉ.आंबेडकर महासभा का एक प्रतिनिधि मंडल राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.लालजी प्रसाद निर्मल के नेतृत्व में राष्ट्रपति से मिला. इस दौरान प्रतिनिधि मंडल ने राष्ट्रपति से अनुसूचित जातियों, जन जातियों व पिछडों के सशक्तिकरण, मैला प्रथा के समूल खात्मे और इस पेशे में लगे लोगों के पुनर्वासन, दलित उत्पीड़न पर सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की प्रधानमंत्री द्वारा बैठक बुलाने, हरियाणा और बिहार राज्य की तरह पूरे देश में आउटसोर्सिंग या संविदा भर्तियों में आरक्षण लागू करने, प्रोन्नति में आरक्षण बिल यथाशीघ्र पारित करने, अखिल भारतीय न्यायिक सेवा आयोग गठित किये जाने समेत पूरे देश में केन्द्र सरकार के कार्यालयों में बाबा साहेब डॉ.आंबेडकर की तस्वीर की अनिवार्यता पर चर्चा की और उन्हें ज्ञापन सौंपा.
प्रतिनिधि मंडल ने यूपी के सरकारी कार्यालयों में डॉ.आंबेडकर का फोटो लगाए जाने के यूपी सरकार के निर्णय से राष्ट्रपति को अवगत कराया. इस निर्णय को राष्ट्रपति ने यूपी सरकार का एक अच्छा कदम बताते हुए कहा कि वे इसे पूरे देश

में लागू कराने के लिए काम करेंगे.
राष्ट्रपति ने कहा कि बाबा साहेब डॉ.आंबेडकर समस्त मानवता के उद्धारक थे, उन्हें मात्र दलितों के मसीहा या संविधान निर्माता तक ही सीमित नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि बाबा साहेब डॉ.आंबेडकर ने सभी महिलाओं को समान अधिकार, समान वेतन, प्रसूति अवकाश, हिंदू कोड बिल, काम के घंटों को निश्चित करना, साप्ताहिक अवकाश की अनिवार्यता, न्यूनतम वेतन, श्रमिकों और अन्य लोगों का बीमा, रोजगार कार्यालय, भविष्य निधि, ट्रेड यूनियन, मंहगाई भत्ता, मजदूर विकास कोष, स्किल्ड डेवलपमेंट और टेक्निकल ट्रेनिंग, भारत के आधुनिकीकरण और संयत्रीकरण के प्रणेता, ऊर्जा और सिंचाई के साधन के रूप में भाखडा, दामोदर, सोन, हीराकुंड जैसे बडे बांधो की संकल्पना और उसका क्रियान्वन, सेन्ट्रल वॉटर कमीशन, सेन्ट्रल इलेक्ट्रिक अथॉरिटी, इलेक्ट्रिक ग्रिड, समाजवाद में राज्य की भूमिका, प्रॉब्लम ऑफ रूपी पर आधारित इंपीरियल बैंक (वर्तमान का रिजर्व बैंक), सांख्यिकीय एक्ट, वित्त आयोग की स्थापना जैसे इत्यादि अति महत्वपूर्ण कार्य किये.
राष्ट्रपति ने कहा कि बाबा साहेब डॉ.आंबेडकर के इन कार्यों का पर्याप्त प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए.
प्रतिनिधि मंडल में डॉ.आंबेडकर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.लालजी प्रसाद निर्मल समेत बीना मौर्या, अमरनाथ प्रजापति, जयशंकर सहाय, बीरेन्द्र विक्रम सुमन शामिल थे.

लोभ -लालच और प्रलोभन से अब नहीं हो सकेगा धर्म परिवर्तन – राजस्थान सरकार ” धर्म स्वांतत्र्य विधेयक -2008 ” को कानून बना सकती है |

 नहीं होगा आसा अब …………………..धर्म परिवर्तन 

जयपुर | राजस्थान सरकार अब लोभ -लालच और प्रलोभन के द्वारा धर्म परिवर्तन करने वाले संगठन पर लगाम लगाने हेतु  ” धर्म स्वांतत्र्य विधेयक -2008 ” को राष्ट्पति कोविंद द्वारा पास करवाने के लिए अपना उच्चतम प्रयास कर रही है .अगर ” धर्म स्वांतत्र्य विधेयक -2008 ”  कानून का रूप अख्तियार  कर लेता है तो राजस्थान राज्य में धर्म परिवर्तन करना आसान नहीं होगा , इसके लिए  सरकार से अनुमति लेनी होगी और सरकार की अनुमति के आधार पर ही व्यक्ति अपना धर्म परिवर्तन कर सकेगा |

इस कानून के क्या होगे मायने है – एक ख़ास नजर 

भारत वर्ष में जाती -भेद  भाव और लिंग के आधार पर उच्च -निच्च के  वर्ग में समाज को बाटा गया है , साथ ही भारतीय संविधान सभी वर्ग -धर्म जात -पात को निराधार मानते हुवे – समानता का अधिकार देता है किन्तु समाज में कथित कुछ धार्मिक संगठनो द्वारा गरीब और समाज के वंचित तबके को लोभ -लालच देकर उनका धर्म परिवर्तन करवाने की घटनाए अकसर देखने और सुनने को मिलती है की कुछ धार्मिक संगठन , एन जी ओ  चोरी – छिपे गरीबो { sc / st } वर्ग के लोगो को रुपए ,लालच ,  दबंगई  ,लव जिहाद  जैसे मुद्दो के आधार पर धर्म परिवर्तन करवा रही है , ” धर्म स्वांतत्र्य विधेयक -2008 ” को कानून का रूप अख्तियार  करने के  बाद  कलेक्टर की मंजूरी के बाद ही व्यक्ति धर्म परिवर्तन कर सकेगा , अगर व्यक्ति बिना कलेक्टर मंजूरी  के धर्म परिवर्तन करता  है तो उसे 5 साल तक की सजा हो सकती है  और जाँच में कोई संगठन की भूमिका संधिगद पाई जाती है तो उसका लाइसेंस रदद और साथ ही सजा का प्रावधान होगा |

जनता संवाद – 

प्रशांत दुबे – राज्य सरकार का यह “धर्म स्वांतत्र्य विधेयक -2008 ” बिल्कुल सही है वर्तमान में कुछ कथित  धार्मिक संगठन  लडकियों को लोभ -लालच  ,लव जेहाद  ,और गलत सोच के साथ  बहला -फुसलाकर  धर्म  परिवर्तन करवाते है जिसमे कुछ समय बाद कुछ लडकियों  ने आत्म हत्या जैसे प्रयास किये , धर्म परिवर्तन पर सही गाइड  लाईन  बननी चाहिए  |

पवन देव – राज्य सरकार  का यह “धर्म स्वांतत्र्य विधेयक -2008” कुछ मायनो में सही है किन्तु दलित समुदाय के लोग सामाजिक कुरूतियो  से  त्रस्त  होकर अगर अपना धर्म  बदलकर सामाजिक रूप से  सम्मान जनक जीवन जीता है तो धर्म परिवर्तन करना सही है और व्यक्ति  धर्म  परिवर्तन के लिए स्वतंत्र होना चाहिए  ,जैसा भारत का संविधान समानता का अधिकार देता है  |

कुछ विशेष तथ्य –  ” धर्म स्वांतत्र्य विधेयक -2008 ” से  –

{1}  sc /st व् गरीब तबके के लोगो को जबरन / दबंगई / लालच / लव जेहाद और व्यक्ति की मर्जी के बीना धर्म परिवर्तन  करवाने पर 3  साल की  व् जुर्माने का प्रावधान 

{ 2}  sc /st व् 18 साल से कम उम्र के बच्चो का धर्म परिवर्तन करवाने 5 साल की सजा 

नोट : कोई व्यक्ति मूल धर्म में वापस लोटना चाहता है तो उसे किसी भी प्रकार की सुचना जिला कलेक्टर और राज्य सरकार को नहीं देनी होगी |  मूल धर्म में लोटने की उसे पूर्ण स्वत्रता होगी |

राजस्थान पर्यटन विभाग को दो राष्ट्रीय पुरस्कार –

जयपुर, 27 सितम्बर।  पर्यटन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए राजस्थान सरकार के पर्यटन विभाग को दो राष्ट्रीय  पुरस्कारो से सम्मानित किया है।

अंतरराष्ट्रीय पर्यटन दिवस पर नई दिल्ली के विज्ञान भवन में पर्यटन मंत्रालय द्वारा वर्ष 2015-16 के राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार वितरण के लिए आयोजित  समारोह में राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद और केन्द्रीय पर्यटन राज्य मंत्री श्री के जे अल्फोन्स से राजस्थान की पर्यटन मंत्री श्रीमती कृष्णेन्द्र कौर दीपा और अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री निहाल चंद गोयल ने ये पुरस्कार ग्रहण किये। राजस्थान के पर्यटन विभाग को पर्यटन फिल्म्स श्रेणी में पर्यटन फिल्म प्रमोशन के लिए और बेस्ट स्टेट श्रेणी में पर्यटन के सवार्ंगीण विकास के लिए देश भर में दूसरे स्थान का पुरस्कार प्रदान किया गया।

 पुरस्कार समारोह के बाद पर्यटन राज्य मंत्री श्रीमती कृष्णेन्द्र कौर ने बताया कि राजस्थान पर्यटन के विश्व मानचित्र पर सिरमौर बन उभर रहा है। प्रदेश की मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे की दूरदर्शी सोच के फ्लस्वरूप चलाये जा रहे पर्यटन ग्लोबल मी

डिया कैम्पेन के लिए बनाई गई पर्यटन फिल्में और प्रचार अभियान की टैग लाइन जाने क्या दिख जाये को अपार लोकप्रियता मिली है।

उन्होंने  बताया कि राज्य में पर्यटन की आधारभूत सुविधाओ के विकास के लिए  भागीरथी प्रयास किये जा रहे है, जिसमें केन्द्र सरकार की ओर से भी विशेष मदद प्राप्त हो रही है । हाल ही प्रदेश के ऎतिहासिक दुर्ग, किलों, वन्य अभयारण्यों और अन्य पर्यटन स्थलों के पुनरूधार एवं इन स्थलों पर पर्यटकों के लिए आधारभूत सुविधाओं के विकास के लिए बड़ी केंद्रीय सहायता की मंजूरी हुई है।
 इस मौके पर राजस्थान की प्रमुख आवासीय आयुक्त श्रीमती शुभ्रा सिंह, पर्यटन निदेशक  श्री प्रदीप बोरट और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

 राजस्थान को तीन अन्य श्रेणियों में भी मिले पुरस्कार- 

राजस्थान को तीन अन्य श्रेणियों में भी पुरस्कार मिले। बेस्ट होटल फाइव स्टार डीलक्स केटेगरी में उदयपुर की द ओबेराय उदय विलास, ग्रांड केटेगरी में फतह प्रकाश पैलेस,  उदयपुर और बेसिक केटेगरी में सामोद हवेली, गंगापोल, जयपुर को भी पुरस्कृत किया गया

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