निजी स्कूल ले सकेंगे 70 फीसदी फीस, जाने पूरा मामला

राजस्थान हाईकोर्ट ने निजी स्कूलों की फीस को लेकर बड़ा फैसला दिया है हाईकोर्ट के निर्देशानुसार ऑनलाइन पढ़ाने वाले सीबीएसई स्कूल 70 फीसदी फीस ले सकते है। कोरोना काल में कई स्कूलों ने आॅनलाइन पढ़ाना जा रहा था इसी बात को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। राजस्थान सरकार के शिक्षा निदेशालय के फैसले के खिलाफ निजी स्कूलों के अभिभावक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन अब हाईकोर्ट ने 28 अक्टूबर का शिक्षा निदेशालय बीकानेर की सिफारिशों को जारी रखा है।

इस फैसले के बाद निजी स्कूलों को राहत मिली है तो अभिभावकों को निराश हुई है लेकिन स्कूल नहीं जाकर घर से पढ़ाई करने से कोरोना का प्रकोप इतना नहीं फैला जितना दूसरे देशो में देखा गया है।

जाने पूरा मामला

कोरोना काल में राज्य सरकार ने स्कूल फीस को स्थगित कर दिया था इसके बाद निजी स्कूलों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस पर हाई कोर्ट की एकलपीठ ने स्कूलों को ट्यूशन फीस का 60 प्रतिशत हिस्सा बतौर फीस लेने के आदेश दिये थो इसके बाद सिंगल बैंच के फैसले पर रोक लगा दी थी।

कल होगा “बार काउंसिल ऑफ राजस्थान” का चुनाव – यह चेहरा है ख़ास –

जोधपुर। प्रदेश के वकीलों की सबसे बड़ी नियामक संस्था बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के चुनाव 28 मार्च को होंगे। वर्ष 2011 के बाद पहली बार हो रहे इस चुनाव को लेकर वकीलों में जबरदस्त उत्साह है। इस चुनाव की प्रक्रिया को सबसे जटिल माना जाता है। पचास हजार से अधिक वकील अपने पच्चीस प्रतिनिधियों का चुनाव करेंगे। इसके लिए 159 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। सोशल मीडिया पर बार काउंसिल का चुनाव छाया हुआ है। पच्चीस पद और 159 प्रत्याशी… प्रत्येक पांच वर्ष के अंतराल के बाद होने वाले बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के चुनाव इस बार वर्ष 2011 के बाद अब हो रहे है। प्रदेश में 229 मतदान केन्द्रों पर 50,900 से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करते हुए 159 उम्मीदवारों में से 25 प्रतिनिधियों का चयन करेंगे। जोधपुर में राजस्थान हाईकोर्ट परिसर में तीन मतदान केन्द्र होंगे।

चरम पर पहुंचा चुनाव प्रचार –

मतदान में एक दिन शेष रहते चुनाव प्रचार चरम पर पहुंच चुका है। हाईकोर्ट और अधीनस्थ न्यायालयों में अवकाश होने के बावजूद गहमा गहमी का माहौल है। सभी प्रत्याशी अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे है। व्यक्तिगत संपर्क के अलावा सोशल मीडिया पर यह चुनाव छाया हुआ है। सोशल मीडिया के माध्यम से चुनाव प्रचार किया जा रहा है।

ख़ास नज़र –

ADJ आंदोलन के नेतृत्वकर्ता -नरेश कुमार शर्मा

ADJ आंदोलन के नेतृत्व कर्ता नरेश कुमार शर्मा { बैलेट नं .- 34 } से है मैदान में –

BCR के चुनावओं में इस बार मुख्य चेहरे के रूप में ADJ भर्ती परीक्षा 2010 को रद्द करने वाली “आल राजस्थान संघर्स समीति ” के तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष एडवोकेट नरेश कुमार शर्मा चुनावी मैदान में है  | नरेश कुमार शर्मा ने 28 मार्च को होने वाले बार कौंसिल ऑफ़ राजस्थान के चुनावों में सदस्य पद पर प्रथम वरीयता के  मत व् समर्थन के लिए राजस्थान के समस्त अधिवक्ताओं से अपील की है | गोरतलब है की 2010 में ADJ भर्ती परीक्षा में हुई अनियमित्ता को लेकर एडवोकेट नरेश कुमार शर्मा ने अधिवक्ता साथियों के साथ मिलकर 27 दिनों तक हड़ताल कर ADJ भर्ती परीक्षा रद्द कराने में मुख्य भूमिका निभाई थी ,उनके संघर्ष व् हड़ताल के कारण ही राजस्थान हाई कोर्ट को  ADJ भर्ती परीक्षा रद्द करनी पड़ी थी |

इस कारण हुआ चुनाव में विलंब

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने वकीलों से जुड़ी आचार संहिता में कुछ बदलाव किए थे। इसको लेकर एडवोकेट्स एसोसिएशनों ने न्यायालय में वाद दायर कर दिया। इस कारण चुनाव अटक गए। वर्ष 2011 में चयनित सदस्यों की अवधि पूर्ण होने पर उनका कार्यकाल छह माह के लिए बढ़ाया गया। इसके बाद तीन सदस्यों की कमेटी गठित की गई। यह कमेटी बार काउंसिल का संचालन कर रही थी। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चुनाव कराए जा रहे है।

परनामी ने मांगी माफी, जानें पूरा मामला

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने शुक्रवार को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी को आपराधिक अवमानना के मामले से मुक्त कर दिया। अदालत ने परनामी को कहा है कि वे भविष्य में इस तरह की बयानबाजी ना करें। न्यायाधीश केएस झवेरी और न्यायाधीश वीके व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश पूनम चंद भंडारी की ओर से दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। जानें पूरा मामला…

सुनवाई के दौरान अशोक परनामी अदालत में पेश हुए। उनकी ओर से अदालत में बिना शर्त माफीनामा पेश करते हुए कहा गया कि उनकी मंशा अदालत की अवमानना की नहीं थी। इसके अलावा जो विवादित बयान बताया जा रहा है वह सिर्फ एक समाचार पत्र में ही छपा है। यदि उनकी ओर से दिए पूरे बयान को देखा जाए तो यह अदालती आदेश की अवमानना करने वाला नहीं है।

उनकी ओर से माफी मांगते हुए कहा गया कि अवमानना याचिका का निस्तारण किया जाए। माफीनामे को रिकॉर्ड पर लेते हुए अदालत ने याचिका का निस्तारण कर दिया है। याचिका में कहा गया था कि आदर्श नगर विधायक और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने गत दिनों कुछ स्थानीय निवासियों को जेडीए पार्क को पार्किंग के तौर पर विकसित करने का आश्वासन देते हुए कहा था कि यदि वह काम करते हैं तो सरकार आंखें मूंद लेगी। हाईकोर्ट का स्टे होने के कारण सरकार पार्क को पार्किंग के रूप में विकसित नहीं कर सकती है।

हाईकोर्ट ने द्रव्यवती नदी के सीमांकन को लेकर दिया अादेश, जेडीए से मांगा जवाब..

जयपुर। जयपुर हाईकोर्ट ने द्रव्यवती नदी के सीमांकन को लेकर करीब दो दर्जन आपत्तियों पर जयपुर विकास प्राधिकरण से जवाब मांगा है। जवाब के लिए जेडीए को 10 अप्रैल तक का समय दिया गया है अौर साथ में यह भी कहा है कि तय समय में जवाब नहीं दिया तो पूर्ण रुप से कार्रवाई भी कि जा सकती है।

10 से 20 फीट चौड़ी सड़क बननी चाहिए

जयपुर हाईकोर्ट के न्यायाधीश अजय रस्तोगी और के सी शर्मा की खण्डपीठ ने पी एन मैंदोला की जनहित याचिका पर यह आदेश दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि आपत्ति दर्ज कराने वाले पक्षकार 22 मार्च तक अतिरिक्त महाधिवक्ता जी एस गिल को प्रार्थना पत्र सौंप दें। कोर्ट में सीमांकन को लेकर विभिन्न पक्षकारों की ओर से करीब दो दर्जन आपत्तियां बताई गईं। इस दौरान प्रार्थीपक्ष ने कहा कि नदी के सौंदर्यन और विकास के लिए दोनों ओर 10 से 20 फीट चौड़ी सड़क बननी चाहिए, लेकिन दोनों ओर टाईलें लगाया जाना प्रस्तावित है जो गलत है।

टाइलों के स्थान पर दोनों ओर सड़क बनाई जाए और वृक्षारोपण किया जाए, जिससे पर्यावरण को संरक्षित किया जा सके।

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