Citizenship Amendment Bill also passed in Rajya Sabha – Protest raging in Assam – sent army
दिल्ली। राज्यसभा ने आज नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पारित कर दिया है। सदन ने विधेयक को 105 के मुकाबले 125 वोटों से मंजूरी दी। लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर दिया है। सदन में विधेयक पर विपक्ष के संशोधनों को खारिज करते हुए विधेयक को मंजूरी दी।
अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद 14 में जो समानता का अधिकार दिया है, संसद को ऐसा कानून बनाने से नहीं रोकता, जो रिजनेबल क्लीसिफिकेशन पर आधारित हो और रिजनेबल क्लीसिफिकेशन आज यहां है। हम कोई एक धर्म को नहीं दे रहे हैं। हम एक, तीन देशों की माइनॉरटी को ले रहे हैं और सभी की सभी माइनॉरटी को ले रहे हैं, एक क्लास को ले रहे हैं और उसमें भी वो क्लास को जो धार्मिक प्रताडना से प्रताडि़त है। इसलिए रिजनेबल क्लीसिफिकेशन के आधार पर ये संसद को कानून बनाने का अधिकार है।
गृहमंत्री ने कहा कि यह विधेयक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के अल्प संख्यकों को मुसीबतों से छुटकारा दिलाने के लिए एक ऐतिहासिक आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि धार्मिक आधार पर देश के विभाजन के बाद इन देशों में अल्पसंख्यकों को लगातार उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है।
नागरिकता संशोधन अधिनियम में 1955 के नागरिकता अधिनियम में संशोधन करके अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के छह समुदायों के अवैध आप्रवासियों को भारतीय नागरिकता के लिए पात्र बनाने का प्रावधान किया गया है। ये समुदाय हैं-हिन्दू, सिक्ख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई।
गौरतलब है कि चर्चा के दौरान कांग्रेस, वामपंथी दलों, तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, डी एम के पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और तेलांगना राष्ट्र समिति ने विधेयक को असंवैधानिक करार देते हुए इसका विरोध किया। कांग्रेस के कपिल सिब्बल का कहना था कि इसके ऐसे दूरगामी परिणाम होंगे जिनकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन ने विधेयक को असंवैधानिक बताया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 को ऐतिहासिक बताते हुए कहा है कि इससे पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को धार्मिक उत्पीड़न से मुक्ति मिल जायेगी। नई दिल्ली में आज भाजपा संसदीय दल की बैठक के बाद संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी ने बताया कि श्री मोदी ने कहा है कि इस कानून के बनने से उन लोगों के जीवन में अस्थिरता खत्म हो जायेगी जो भारत में रह रहे हैं लेकिन उन्हें नागरिक अधिकार और अन्य सुविधाएं हासिल नहीं हो पाती।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि संविधान ने हर ना
गरिक को एक समान अधिकार दिये हैं और इस विधेयक को आगे जांच के लिए प्रवर समिति को सौंपा जाना चाहिए।
शिवसेना के संजय राउत ने कहा कि विधेयक का विरोध करने वालों को राष्ट्रविरोधी करार देना गलत है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन हुआ है।
समाजवादी पार्टी के जावेद अली खान ने भी सरकार पर आरोप लगाया कि यह विधेयक देश के घर्म निरपेक्ष स्वरूप पर हमला है। ये बिल सबको इसका समर्थन करना होता, अगर दो अमेन्ड्मेन्ट अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए उससे थोडा पीछे हट जाएं और सिर्फ दो अमेन्ड्मेन्ट कि पाकिस्तान, बंगलादेश और अफगानिस्तान की जगह तो लिख दे नेबरिंग कंट्री और हिंदू, सिख बगैर जो लिखा है, इसको रिलिजस माइनॉरटी लिख देते तो बड़ी शानदार तरीके से ये बिल हमारा पास हो जाता।