किसान आंदोलनः किसान और सरकार के बीच आज होगी 11वें दौर की बातचीत

नए कृषि कानूनों के मुद्दों को हल करने के लिए केंद्र सरकार के केंद्रीय मंत्री व किसान संघ के प्रतिनिधि 11 वें दौर की बातचीत शुक्रवार यानी आज होगी। यह बातचीत विज्ञान भवन में होगी जिसमें तीनों कृषि कानून को लेकर पिछले दस दौरे की चर्चाओं में कोई नतीजा नहीं निकल सका है। किसान इन कानूनों को खत्म करने की मांग पर अड़े जबकि केन्द्र सरकार कानूनों को खत्म करने बजाय उन में कुछ बदलाव करने पर तैयार है।

किसान संगठनों ने 26 जनवरी को टै्रक्टर मार्च निकालने का ऐलान कर चुके है जबकि केन्द्र सरकार इस मार्च को नहीं निकालने की बात कह रही है। देश की सर्वोच्च अदालत ने किसान आंदोलन पर सुनवाई करते हुए कहा था कि आंदोलन करने वाले किसानों की मांगों को सही प्रकार से समझने के लिए एक समिति नियुक्त करने का प्रस्ताव दिया था लेकिन इस समिति को लेकर किसान सगठनों ने आपत्ती जताई है। किसान सगठनों ने गुरुवार को सरकार की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उनकी मांग कानूनों को खत्म करने को लेकर है।

इसके साथ किसान संगठन ट्रैक्टर रैली आयोजित करने की अनुमति के संबंध में दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ चर्चा करेंगे।
तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर किसान संगठन पिछले लगभग दो महीने से आंदोलन कर रहे हैं। सभी किसानों के लिए सभी फसलों पर लाभदायक न्यूनतम समर्थन मूल्य ;एमएसपी पर एक कानून बनाने की बात कही है। अब यह देखना होगा की आज की वार्ता में किसान संगठन क्या निर्णय करते है अगर बात नहीं बनी तो यह आंदोलन जारी रहेगा

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सुप्रीम कोर्ट ने तीनों नये कानूनों पर रोक लगा दी है। कोर्ट के अगले आदेश तक ये कानून लागू नहीं होंगे और इसके साथ अदालत ने इन कानूनों पर चर्चा के लिए एक समिति का गठन भी किया है। इसके लिए कोर्ट ने हरसिमरत मान, कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी, डॉ प्रमोद कुमार जोशी (पूर्व निदेशक राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन), अनिल धनवत के नाम कमिटी के सदस्य के तौर पर पेश किये है।

कुर्सी संभालते ही एक्शन मोड़ में दिखे जो बाइडेन, बदल दिये ट्रंप के फैसले

अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के रूप में जो बाइडेन ने शपथ ली है तो भारतीय मूल की कमला हैरिस ने उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली है। शपथ लेने के बाद बाइडेन डोनाल्ड ट्रंप के कुछ बड़े फैसले पलट दिये है और ऐसी बात उनके चुनाव जीतने से पहले की जा रही थी। जो बाइडेन को भारत के साथ दुनिया भर के सभी राष्ट्रध्याक्षों ने बधाई दी है। भारत को अब जो बाइडेन से उम्मीद है कि वह तेल खरीदने को लेकर किसी प्रकार का दबाव नहीं बनाएगे वह इसके कारण भारत को कम कीमत पर सउदी अरब से तेल मिल सकेंगा।

बाइडेन के महत्वपूर्ण फैसले

बाइडेन ने कोरोना को रोकने लिए मास्क को जरूरी कर दिया
जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर अमेरिका की वापसी
विश्व स्वास्थ्य संगठन से हटने के फैसले पर रोक
बॉर्डर पर दीवार बनाने पर रोक
मुस्लिम देशों से आने वाले लोगों पर रोक हटाई
आर्थिक मदद का ऐलान
स्टूडेंट लोन की किस्त को सितंबर तक टाल दी है

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शपथ के दौरान बाइडेन ने अपने भाषण में नस्लीय भेदभाव को खत्म करने और लोकतंत्र को मजबूत करते हुए अब एकता के साथ आगे बढ़ने की बात कहीं।

निकाय चुनाव-2021 नाम वापसी के बाद सदस्य पद के लिए 9930 उम्मीदवार चुनावी मैदान में

# निकाय चुनाव-2021
नाम वापसी के बाद सदस्य पद के लिए 9930 उम्मीदवार चुनावी मैदान में –
जयपुर |  19 जनवरी। प्रदेश के 20 जिलों के 90 निकायों (1 नगर निगम, 9 नगर परिषद और 80 नगर पालिका) में सदस्य पदों के लिए होने वाले चुनाव में नाम वापसी के बाद कुल 9930 उम्मीदवार चुनावी मैदान में रह गए हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त श्री पीएस मेहरा ने बताया कि नाम वापसी की आखिरी तिथि तक 2341 प्रत्याशियों ने नाम वापस लिए, जबकि 50 उम्मीदवार निर्विरोध निवार्चित हो चुके हैं। इन सभी निकायों में 28 जनवरी को प्रातः 8 से सायं 5 बजे तक मतदान होगा, जबकि मतगणना 31 जनवरी, प्रातः 9 बजे से होगी।
 मेहरा ने बताया कि सदस्य पद के लिए 11 जनवरी को लोक सूचना जारी होने के साथ नामांकन पत्र भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। नामांकन पत्र भरने की अंतिम अंतिम तिथि तक 15101 उम्मीदवारों द्वारा 18510 नामांकन पत्र दाखिल किए गए। उन्होंने बताया कि नामांकन पत्रों की संवीक्षा और नाम वापसी के बाद अब 9930 उम्मीदवार चुनावी मैदान में शेष रह गए हैं।
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30 लाख से ज्यादा मतदाता करेंगे उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला
चुनाव आयुक्त पीएस मेहरा ने बताया कि प्रदेश के 20 जिलों (अजमेर, बांसवाड़ा, बीकानेर, भीलवाड़ा, बूंदी, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, चूरू, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, जालौर, झालावाड़, झुंझुनूं, नागौर, पाली, राजसमंद, सीकर, टोंक और उदयपुर) के 90 निकायों (1 नगर निगम, 9 नगर परिषद और 80 नगर पालिका) में से 87 नगर निकायों की निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन 20 जुलाई 2020 को जबकि 3 निकायों की नामावलियों का प्रकाशन 19 नवंबर को किया जा चुका है।  1 जनवरी 2021 की अर्हता के संबंध में 4 जनवरी तक जोड़े गए नामों के बाद कुल 30 लाख 28 हजार 544 मतदाता हैं, जिनमें से 15 लाख 47 हजार 974 पुरुष, 14 लाख 80 हजार 514 महिला और 56 अन्य मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि 3035 वाडोर्ं के लिए 5253 मतदान केंद्रों पर मतदान होगा।
चुनाव प्रचार के दौरान हो कोविड गाइड लाइन की कड़ाई से पालना
चुनाव आयुक्त ने कहा कि नाम वापसी के बाद प्रचार का दौर बढ़ जाएगा, ऎसे में किसी भी हाल में कोविड के दिशा-निर्देशों की अवहेलना ना हो। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान उम्मीदवार या उसके समर्थक किसी के गले नहीं लगे, किसी के पैर ना छूएं और ना ही किसी से हाथ मिलाएं। प्रचार के दौरान केंद्र, राज्य, आयोग और स्थानीय प्रशासन द्वारा कोरोना संबंधी जारी दिशा-निर्देशों की कड़ाई से पालना जरूरी है। उन्होंने कहा कि आयोग की मंशा पूर्ण रूप से सुरक्षित और शांतिपूर्ण मतदान कराने की है। ऎसे में आमजन का सहयोग अनिवार्य है।
अध्यक्ष के लिए 1 फरवरी को होगी अधिसूचना जारी
 मेहरा ने बताया कि सदस्य पदों की मतगणना के बाद 1 फरवरी को अध्यक्ष के लिए लोक सूचना जारी होगी। नामांकन पत्र 2 फरवरी अपराह्व 3 बजे तक प्रस्तुत किए जा सकेंगे। उन्होंने बताया कि नामांकन पत्रों की संवीक्षा की तिथि 3 फरवरी को होगी, जबकि 4 फरवरी को अपराह्व 3 बजे तक अभ्यर्थिता वापिस ली जा सकेगी। चुनाव चिन्हों का आवंटन नाम वापसी के तुरंत बाद 4 फरवरी को ही किया जाएगा। अध्यक्ष के लिए मतदान 7 फरवरी को प्रातः 10 बजे से अपराह्व 2 बजे तक होगा, जबकि मतगणना मतदान समाप्ति के तुरन्त बाद होगी। उन्होंने बताया कि इसी तरह उपाध्यक्ष के लिए निर्वाचन 8 फरवरी को होगा।

कोरोना वैक्सीन से साइड इफेक्ट्स के मामलों में आई तेजी, जानें इसके प्रभाव

भारत में कोरोना का टीकाकरण का अभियान शुरू हो गया है और बड़े शहरों के साथ छोटे गांव में भी इसका कार्य शुरू हो गया है। 3 दिन बीत जाने के बाद कई लोगों में इस वैक्सीन के साइड इफेक्टस भी देखने को मिले है जिसकों लेकर स्वास्थ्य विभाग ने बताया की कुछ लोगों में इसके इफेक्टस देखने को मिले है। अगर बात करें इस अभियान की तो अब तक 3 लाख से ज्यादा लोगों को टीका लग चुका है और इसके बाद इसके कई लोगों को परेशानी भी हुई है।

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अगर बात करें दुनिया की तो फाइजर वैक्सीन के मुकाबले अभी तक भारत में वैक्सीन का ज्यादा बुरा प्रभाव नहीं देखने को मिला है। अगर आने वाले दिनों में इस बात का पता चल जाएगा की यह वैक्सीन कितनी कारगर साबित होगी। कई स्वास्थ्य जानकारों ने वैक्सीन को लेकर सवाल भी खड़े किये है और इसके प्रभावों के बारे में बताया है। इस वैक्सीन के लिए आपको ज्यादा इंतजार करना नहीं होग।

खबरों के अनुसार बताया जा रहा है कि सरकारी अस्पतालों की तुलना में निजी अस्पतालों में ज्यादा टीकाकरण हो रहा है। अगर बात करें इसके साइड इफेक्टस की तो यह कोई बड़ी परेशानी नहीं है क्योंकि सभी लोगों का शरीर एक जैसा नहीं होता है और इसी वजह से कुछ लोगों में इसका साइड इफेक्टस देखा जा सकता है।

रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए एक ऐप तैयार किया गया है इसके माध्यम से आप घर बैठे बिना किसी दलाल के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे। इस ऐप का नाम Co-WIN होगा हालांकि अभी ये ऐप लॉन्च नहीं किया गया है लेकिन जल्द ही इसे लॉन्च कर दिया जाएगा। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड और दूसरी कोवैक्सीन, जिसे हैदराबाद में भारत बायोटेक लैब में तैयार किया है।अभी सरकारी अधिकारी ही जानते हैं कि लोगों को कौन सी वैक्सीन लगाई जाएगी।

भीम आर्मी का किसान आंदोलन में 28 वां दिन , 26 जनवरी 2021 को किसानों के साथ लाल किलें की परेड में शामिल होगीं भीम आर्मी 

Bhim Army to join Republic Day parade on 26 January 2021 with

farmers –

भीम आर्मी का किसान आंदोलन में 28 वां दिन , मेडिकल कैंप सहित अन्य सेवाओं में दे रहें हैं योगदान , 26 जनवरी को किसानों के साथ टेक्टर रेली ( परेड ) में होगें शामिल दिल्ली लाल कीलें पर –
अलवर |  भीम आर्मी एकता मिशन ” भीम आर्मी ” अक्सर दलित मुद्दों पर संघर्ष करती नज़र आती हैं लेकिन इस बार भीम आर्मी किसानों के साथ पूर्ण समर्थन से खड़ी हैं  राजस्थान भीम आर्मी  कार्यकर्ता  शाहजापुर बॉर्डर पर पिछलें 28 दिनों से किसानों की सेवा में लगें हैं |
भीम आर्मी तिजारा विधानसभा अध्यक्ष मोनू रेवाड़ीया ने कहा कि हम लगातार किसान आंदोलन में 28 दिन से तन मन धन के साथ लगे हुए हैं किसान आंदोलन में आंदोलनकारियों के लिए सैकड़ों लोगों को प्रतिदिन दवाई फ्री दी जा रही है और हम आगें भी किसानों के लिए तन मन धन से लगे रहेंगे चाहे यह आंदोलन कितना ही लंबा चले हम किसान कमेटी के आदेशों का पालन करते रहेंगे |
किसानों की 26 जनवरी की परेड में भी शामिल होंगे जो भी किसान कमेटी का आदेश होगा वह सर्वप्रथम होगा सभी के लिए मान्य होगा यह आंदोलन बहुत भाईचारे से चल रहा है इस आंदोलन में हिन्दू .मुस्लिम सिख इसाई सभी शामिल हैं |
भीम आर्मी कार्यकर्त्ताओं मेडिकल कैंप – शहंजापुर बॉर्डर राजस्थान
यह आंदोलन सफल होगा और भविष्य में कोई भी सरकार किसानों  की तरफ आंख उठाकर नहीं देखेंगी  किसान अपने हक की लड़ाई के साथ-साथ पूरे देश के एक-एक व्यक्ति की लड़ाई लड़ रहा है किसान नहीं चाहता अंबानी अडानी पतंजलि का टैग लेकर ₹50 किलो आटा बिके  भीम आर्मी किसानों के साथ कंधे से कंधा लगाकर इस लड़ाई को आखरी समय तक लड़ेगी
प्रदेश अध्यक्ष अनिल धेनवान सत्यवान मेहरा  जिलाध्यक्ष सद्दाम हुसैन विकास जोगी लक्ष्मी नारायण सुरेंद्र मेहरा राजाराम मीणा इंद्रजीत अनिल अजय इंद्रपाल रणवीर सचिन सतीश सुबह सिंह मनीष पार्षद राजू सरपंच और काफी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहते हैं |
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भारत में मिलेगा दुनिया का सबसे सस्ता कोरोना टीका

कोरोना की मार झेल रही पूरी दुनिया इसके इलाज के पानी की तरह पैसे बर्बाद कर रही है लेकिन इसके बाद भी उसे कारगर इलाज नहीं मिल पा रहा है। भारत में कोरोना के दो टीके बनकर तैयार है और इस सप्ताह में टीकाकरण का अभियान शुरू हो जाएगा और यह टीका दुनिया का सबसे सस्ता टीका होने के साथ बहुत कारगर टीका है जो कोरोना के नये वायरस को भी खत्म करने में कारगर है। खबरों के अनुसार बताया जा रहा है कि चीन ने दुनिया भर में कोरोना का टीका बहुत अधिक कीमत में बेच रहा है और इसके विपरित भारत में बना टीका बहुत ही सस्ता उपलब्ध होगा।

इस बीच सरकार ने बताया है कि उसने सीरम इंस्टीट्यूट से 1 करोड़ 10 लाख डोज और भारत बायोटेक से 55 लाख डोज खरीदी है। सरकार ने यह भी बताया कि दुनिया के दूसरे देशों के मुकाबले भारत सरकार ने कोरोना वैक्सीन की खरीदारी बेहद कम कीमत खरीदी है।स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से 110 लाख डोज 200 रुपए प्रति डोज खरीदने का करार किया है। जबकि भारत बायोटेक से 55 लाख डोज खरीदने का समझौता किया गया है। भारत बायोटेक से कोवैक्सीन की 38 लाख डोज 296 रुपए रुपए प्रति डोज के हिसाब से खरीदी है जबकि कंपनी ने 16 लाख डोज मुफ्त में देने का फैसला किया है।

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जानकारों के अनुसार फाइजर की वैक्सीन की कीमत प्रति डोज भारतीय मुद्रा के हिसाब से 1400 रुपये ज्यादा है यानी एक व्यक्ति को दो डोज टैक्स छोड़कर 2800 रुपए की होगी। कोरोना वॉरियर्स को दिए जाने वाले पहले तीन करोड़ डोज की कीमत केंद्र सरकार देगी। राज्यों को को कोई पैसा नहीं खर्च करना होगा। सरकार ने कहा कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 14 जनवरी तक मिल जाएगी।

अगले आदेश तक सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों पर लगाई रोक, जानें पूरी खबर

किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश सुनाते हुए तीनों नये कानूनों पर रोक लगा दी है। कोर्ट के अगले आदेश तक ये कानून लागू नहीं होंगे और इसके साथ अदालत ने इन कानूनों पर चर्चा के लिए एक समिति का गठन भी किया है। इसके लिए कोर्ट ने हरसिमरत मान, कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी, डॉ प्रमोद कुमार जोशी (पूर्व निदेशक राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन), अनिल धनवत के नाम कमिटी के सदस्य के तौर पर पेश किये है। इस फैसले के बाद किसान संगठनों को बड़ी राहत मिली है और सब ने अदालत के फैसले पर खुशी जाहिर की है।

सुनवाई के दौरान किसानों का पक्ष रख रहे वकील शर्मा ने बताया कि किसान संगठन सुप्रीम कोर्ट की ओर से समिति गठित किए जाने के पक्ष में नहीं हैं और वो समिति के समक्ष नहीं जाना चाहते हैं इस कोर्ट ने कहा कि किसान सरकार के समक्ष जा सकते हैं तो कमिटी के समक्ष क्यों नहीं। अगर वो समस्या का समाधान चाहते है तो कमिटी के समक्ष जाना होगा तभी इस बात को पता चलेगा कि यह बिल सही या गलत।

 

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मुख्य न्यायाधीश बोबडे ने कहा कि ‘हमें समिति बनाने का अधिकार है. जो लोग वास्तव में हल चाहते हैं वो कमेटी के पास जा सकते हैं।’ कोर्ट ने कहा कि ‘हम समस्या को सबसे अच्छे तरीके से हल करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि ‘कोई भी शक्ति, हमें कृषि कानूनों के गुण और दोष के मूल्यांकन के लिए एक समिति गठित करने से रोक नहीं सकती है। अब यह देखना होगा की किसान आंदोलन वापस ​लेते है या समिति कै फैसले का इंतजार करेंगे।

कोरोना वैक्सीन: इस दिन से शुरू होगा टीकाकरण, ऐसे कराएं रजिस्ट्रेशन,जानें पूरी खबर

दुनिया भर में कोरोना का टीकाकरण शुरू हो गया है लेकिन भारत में अभी तक टीका लगने की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पायी है। खबरों के अनुसार बताया जा रहा है कि 14 या 16 जनवरी से कुछ राज्यों में टीकाकरण का अभियान शुरू हो सकता है और इसकी सभी तैयारिया पूरी कर ली गयी है। सरकार ने सभी राज्य सरकारों को आदेश जारी कर दिया है कि वह सभी तैयारियां पूरी करके रखे और एक अभियान की तरह प्रत्येक देशवासी तक आसानी से टीका पहुंच सके।

 

टीकाकरण का अभियान सिलसिलेवार तरीके कई चरणों में शुरू होगा जिसमें पहले चरण में डॉक्टर्स, नर्स, मेडिकल स्टाफ व दूसरे हेल्थ वर्कर्स शामिल है इसके बाद फ्रंटलाइन वर्कर्स का नंबर आएगा। इन्हें खुद रजिस्ट्रेशन करवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके बाद 50 साल से ज़्यादा की उम्र के लोगों और गंभीर रूप से बीमार लोगों को टीका लगवाने के लिए रजिस्ट्रेशन होगा। रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए एक ऐप तैयार किया गया है इसके माध्यम से आप घर बैठे बिना किसी दलाल के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे। इस ऐप का नाम Co-WIN होगा हालांकि अभी ये ऐप लॉन्च नहीं किया गया है लेकिन जल्द ही इसे लॉन्च कर दिया जाएगा।

पूरे देश में टीकाकरण के पहले चरण में तीन करोड़ भारतीयों को वैक्सीन उपलब्ध करवाने का प्लान तैयार किया गया है। कोरोना की वैक्सीन पहले किसे और कैसे मिलेगी इसकी तैयारी के साथ-साथ वैक्सीन की डिलीवरी और स्टोरेज जैसी सभी प्रकार की जरूरी चीजों को बड़े अच्छे से बनाया है।भारत दुनिया का पहला ऐसा देश है जिसके पास अभी दो वैक्सीन हैं। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड और दूसरी कोवैक्सीन, जिसे हैदराबाद में भारत बायोटेक लैब में तैयार किया है।अभी सरकारी अधिकारी ही जानते हैं कि लोगों को कौन सी वैक्सीन लगाई जाएगी।

 

 

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कैसे करे रजिस्ट्रेशन

आप इस ऐप के लॉन्च होने के बाद आपको इसे प्ले स्टोर से डाउनलोड करना होगा या फिर Co-Win पोर्टल पर जाकर सेल्फ रजिस्टर करा सकते हैं। इसके बाद आपको अपनी फोटो या फोटो वाला पहचान पत्र अपलोड करना होगा। इसके बाद आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर मैसेज आएगा, जो आपके रजिस्ट्रेशन को स्वीकार करेगा। इसके बाद वैक्सीन की पहली खुराक के लिए टीकाकरण केंद्र का नाम, दिन और समय की जानकारी आपको एसएमएस से मिलेगी।

वार्ता से पहले किसानों ने साफ कर दिया अपना रूख! जानें पूरी खबर

किसान आंदोलन को खत्म करने के लिए केन्द्र सरकार ने किसानों से अब तक 6 बार बातचीत करने का प्रयास किया लेकिन इससे कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। केन्द्र सरकार द्वारा किसानों से बातचीत करने के लिए 7वें दौर की वार्ता के लिए बुलाया है लेकिन इस वार्ता से पहले किसानों ने अपना रूख साफ कर दिया है िकवह आंदोलन तभी खत्म करेंगे जब तीनों बिलों को खत्म करने के साथ एमसीपी को कानूनी अधिकार बनाया जाएगा। इस वार्ता से पहले ही लगने लगा है कि सरकार किसी भी हद तक अपने रूख में नरमी नहीं बरतेगी वह इस बिल को लेकर साफ कह चुकी है कि यह बिल किसानों के लिए बहुत फायदेमंद है जो आने वाले भविष्य में उनको कर्ज जैसी परेशानी से छूटकारा दिलाएगा।

7वें दौर की वार्ता के लिए किसान आज 2 बजे विज्ञान भवन दिल्ली जाएंगे और वहां सरकार के मंत्रियों के साथ वार्ता करेंगे। किसानों के इस आंदोलन में कई सामाजीक संगठनों के साथ पूरा विपक्ष उनका समर्थन कर रहा है लेकिन केन्द्र सरकार को यह लगता है कि यह आंदोलन एक राजनीतिक और विदेशी ताकतों के इशारों पर चल रहा है। इस आंदोलन में जियो कंपनी को लेकर कई प्रकार के भ्रामक प्रचार भी किया जा रहा है जिसके चलते जियो कंपनी के टॉवरों पर बिजली की सप्लाई बंद कर दी गयी है।


किसान आंदोलन को लेकर दुनिया भर में चर्चा हो रही है कि भारत किसानों पर निर्भर है और वहां पर किसानों की हालात इतनी खराब है कि किसान को आत्महत्या तक करनी पड़ती है। अब यह देखना होगा कि आज की वार्ता के बाद क्या परिणाम निकलता है अगर इस वार्ता के बाद किसान आंदोलन खत्म नहीं करते हैं तो वे इस आंदोलन को और तेज करने का प्रयास करेंगे जिसके चलते केन्द्र सरका की परेशानी बड़ सकती है।

किसान आंदोलन को तेज करने की तैयारी शुरू

केंद्र सरकार द्वारा लाये गये 3 कृषि कानूनों के खिलाफ लगभग 20 दिनों से ज्यादा समय से चल रहा किसानों आंदोलन अब तेज होने जा रहा है। दिल्ली की सीमा पर डटे किसानों ने आंदोलन को और ज्यादा तेज करने की कवायद शुरू कर दी है। किसानों ने आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है और इसके लिए किसानों का एक समूह बारी-बारी से 24 घंटे की भूख हड़ताल करेगा।

केन्द्र सरकार ने प्रदर्शन कर रहे किसानों से अगले दौर की बातचीत के लिए सभी रास्ते खोल रखे है लेकिन किसान बिल को खत्म करने की मांग पर अड़े है। इससे पहले किसानों ने भूख हड़ताल और भारत बंद का आह्वान किया किया था जिसके सम​र्थन में पूरा विपक्ष सड़कों पर उतरा था। सरकार ने किसानों को कई बार वार्ता के लिए बुलाया लेकिन अभी तक किसी प्रकार का कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। वहीं आंदोलन में 33 प्रदर्शनकारी किसानों की मौत होने की खबर भी सामने आयी है।

किसान आंदोलन के बीच 25 से 27 दिसंबर तक हरियाणा में राजमार्गों पर टोल वसूली को भी मुफ्त करेंगे। भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत ने 23 दिसंबर को किसान दिवस के दिन लोगों से अपील की है कि वह एक दिन का उपवास रखें। सरकार और किसानों के बीच कोई उचित समाधान नहीं निकलने के कारण यह आंदोलन इतना लंबा हो गया है।

 

 

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