नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा मानहानि के मामलों में माफ़ी मांगने का सिलसिला लगातार ज़ारी है।इसके लिए वह अपनी पार्टी के नेताओं के निशाने पर आ गए हैं। सोशल मीडिया में उनकी सिलसिलेवार माफियों का मजाक भी बनाया जा रहा है। ताजा मामला भाजपा नेता और केन्दीय मंत्री नितिन गडकरी से माफ़ी मांगे का है। गडकरी को दिए अपने माफीनामे में केजरीवाल ने लिखा है, ‘मुझे अपने उस बयान के लिए बेहद दुःख है, मैं इस दुःख को प्रमाणित नहीं कर सकता पर जानता हूँ कि इससे आप को दुख पहुंचा है।

मैं अफसोस जाहिर करता हूं। हम इस घटना को पीछे छोड़ दें और अदालती कार्यवाही को बंद करें। हमें अपनी ऊर्जा का इस्तेमाल परस्पर सम्मान की भावना के साथ देश के लोगों की सेवा के लिए करना चाहिए।बताते चलें कि गडकरी ने अपना नाम केजरीवाल द्वारा ‘भ्रष्ट राजनेताओं’ की सूची में डालने के बाद 2014 मे उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। केजरीवाल पर एक के बाद एक कई राजनेताओं ने मानहानि का मामला दर्ज किया है, जिसमें वित्त मंत्री अरुण जेटली व दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित भी शामिल हैं।
माफ़ी मुख्यमत्री बनते जा रहे केजरीवाल

गौर तलब है कि पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया से माफी मांगने के कुछ दिनों बाद ही अब अरविंद केजरीवाल ने पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के बेटे अमित सिब्बल और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से माफी मांगी है। अपने इस कदम को सही ठहराने के लिए उन्होंने ट्वीटर हैंडल पर ‘आप एक्सप्रेस’ का एक ट्वीट रीट्वीट किया है। पार्टी का मुखपत्र कहे जाने वाले आप एक्सप्रेस ने अखबार एक आर्टिकल अपलोड किया है जिसमें लिखा है “अदालत या जनता की अदालत, केजरीवाल ने चुना दूसरा विकल्प।” पार्टी का मुखपत्र कहे जाने वाले आप एक्सप्रेस ने एक अन्य ट्वीट में कहा है कि केजरीवाल का यह कदम, “दो कदम पीछे जाकर दिल्ली को चार कदम आगे ले जाने की चाहत है गौरतलब है कि बीते सप्ताह केजरीवाल ने शिरोमणि अकाली दल नेता बिक्रम मजीठिया पर बिना साक्ष्यों के मादक पदार्थो के व्यापार में शामिल होने के आरोपों पर उनसे लिखित मांफी मांग ली थी। इस माफीनामे से नाराज आप की पंजाब इकाई के प्रमुख भगवंत मान ने त्यागपत्र दे दिया था ।
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