जिग्नेश मेवाणी की हुंकार रैली निरस्त –
23 फरवरी 2018 की देर शाम राजस्थान की भाजपा सरकार ने तानाशाहीपूर्ण रवैय्या अपनाते हुये दलित नेता जिग्नेश मेवानी की 25 फरवरी रविवार को जयपुर के रामलीला मैदान में होने वाली होने जा रही ‘युवा हुंकार महारैली’ के आयोजन की परमिशन अचानक रद्द कर दी गई |
यह अत्यंत हैरत की बात है कि प्रोग्राम से सिर्फ 2 दिन पहले महारैली की लिखित स्वीकृति को अजीबोगरीब किस्म के कारण निर्मित करके केंसिल कर दिया गया है ,पुलिस इसका कारण रैली की परमिशन और प्रचार हेतु इस्तेमाल की जा रही सामग्री में मेल नहीं होना तथा अत्यधिक भीड़ ( लगभग 50 हज़ार )का संभावित आगमन बता रही है ,जबकि आयोजन समिति का कहना है कि महारैली तो नाम है ,वरना होनी तो रामलीला मैदान में एक जनसभा ही है ,बावजूद इसके भी हिन्दुत्ववादी ताकतों के सामने घुटने टेकते हुये एकतरफा कार्यवाही करते हुये युवा हुंकार महारैली की परमिशन को रद्द किया गया है .
युवा हुंकार महारैली के संयोजक धर्मेंद्र कुमार जाटव ने पुलिस के उच्च अधिकारियों से मिल कर परमिशन रदद् करने पर कड़ी आपत्ति जताई तथा इसको एकतरफा निर्णय बताते हुए लोकतंत्र का गला घोंटने वाली कार्यवाही करार दिया है ,उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हाशिये के तबके के नागरिक अधिकार खत्म करने पर तुली हुई है ,जिसे कभी सहन नहीं किया जाएगा । उन्होंने कहा कि पुलिस ने जिस पर्चे का सहारा लिया ,ऐसा कोई पर्चा आयोजकों ने छपवाया ही नही है और ना ही किसी फोरम से उनका कोई लेना देना है ,यह बात पुलिस को बता दिए जाने के बावजूद पुलिस द्वारा इस आड़ में परमिशन रदद् कर देना कि आयोजक वक्ताओं के बारे में नहीं जानते ,भीड़ का आकलन सही नहीं है और कौन क्या बोलेगा ,यह नहीं जानते आदि इत्यादि बचकाना बातों का सहारा पुलिस द्वारा लेकर कार्यक्रम की अनुमति रद्द कर देना दलित आदिवासी वर्ग के युवाओं के साथ सरासर अन्याय है ।जाटव ने घोषणा की कि राज्य सरकार की इस नादिरशाही फैसले के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन किया जाएगा ।
पुलिस उपायुक्त कुंवर राष्ट्रदीप के मुताबिक युवा हुंकार महारैली की स्वीकृति जिन शर्तों पर दी गई थी ,उनका आयोजकों द्वारा पालन नहीं किया जा रहा था ,रैली की परमिशन नहीं दी गयी थी ,यह रामलीला मैदान में शांतिपूर्ण दलित आदिवासी समुदाय के युवाओं की सभा प्रस्तावित थी, लेकिन किसी धार्मिक जुड़ाव वाले फोरम के इसमें अवैध रूप से जुड़ जाने तथा पर्चे छाप कर प्रचार प्रसार करके हजारों लोगों को लाने की योजना से से माहौल खराब होने लगा था ,स्थिति नियंत्रण से बाहर जा चुकी थी ,इसलिए कानून और व्यवस्था के मद्देनजर युवा हुंकार महारैली की परमिशन विधिसम्मत तरीके से रदद् कर दी गई है तथा आयोजकों को इसकी लिखित सूचना दे दी गई ।
युवा हुंकार महारैली की लिखित परमिशन को इस तरह अचानक कैंसिल कर दिये जाने से राज्य भर के दलित युवाओं में आक्रोश की जबरदस्त लहर फैल गई है ,दलित एवम आदिवासी युवाओं ने इसका माकूल जवाब अपने अपने इलाकों में देने की ठान ली है ,जल्द ही वे अपने संघर्ष की रणनीति तय करेंगे ,लेकिन इस पूरे घटनाक्रम का असर दलित आदिवासी युवाओं में काफी नकारात्मक गया है ,इन समुदायों की यह सोच बन गई है कि भाजपा की सरकार उनकी विरोधी है और इस राज में वे अपनी आवाज़ तक नहीं उठा सकते हैं ।
ख़ास नज़र – वर्तमान भाजपा सरकार आगामी राजस्थान विधानसभा को लेकर चिंतित है और दलित ,वंचित समाज के विकास व् अधिकारों का भाजपा सरकार में दमन हो रहा है | अब जिग्नेश मेवाणी के जयपुर आगमन व् युवा हुंकार रैली से भाजपा सरकार की अंदुरनी गलियारों में हलचल तेज हो गई थी | वसुंधरा राजे सरकार डर के कारण अप्रत्यक्ष कारणों से सत्ता का दुरूपयोग कर आज इस ” युवा हुंकार रैली ” को निरस्त करवा दिया गया है |