लालू प्रसाद यादव को मिली छह सप्ताह की अंतरिम जमानत

रांची। लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार को बड़ी राहत मिली है। रांची की उच्च न्यायालय ने लालू को मेडिकल ग्राउंड के आधार पर छह सप्ताह की अंतरिम जमानत दी है। अदालत ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए 20 अप्रैल को सीबीआई से लालू यादव की चिकित्सिकीय रिपोर्ट अदालत में पेश करने को कहा था। हालांकि देवघर मामले में लालू की नियमित जमानत याचिका 23 फरवरी को खारिज करते हुए अदालत ने कहा था कि उनके खिलाफ आपराधिक मामलों की गंभीरता को देखते हुए इस मामले में उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती है।

अदालत में लालू को चिकित्सिकीय आधार पर अंतरिम जमानत देने की याचिका दायर की गयी थी जो न्यायमूर्ति अपरेश सिंह की पीठ के सामने आज सुनवाई के लिए आयी। अदालत ने आज तीनों मामलों में सुनवाई एक साथ करते हुए लालू यादव को राहत दी है। यादव को इन मामलों में रिहाई की तिथि से छह सप्ताह की राहत होगी जिससे वह अपना उचित इलाज करा सकें।

लालू यादव को रांची में बिरसा मुंडा जेल के अधिकारियों ने कल ही बेटे तेज प्रताप यादव के विवाह में शामिल होने के लिए तीन दिनों का पैरोल दिया था। पैरोल मिलने के बाद वह कल शाम अपने पटना स्थित घर पहुंचे थे। पैरोल के अनुसार उन्हें 14 मई को वापस न्यायिक हिरासत में लौटना था लेकिन अब उन्हें छह सप्ताह बाद जेल वापस लौटना होगा। अदालत से आज मिली राहत के बाद लालू यादव अपने परिवार के साथ बेटे के विवाह की रस्में आराम से पूरी कर सकेंगे।

दुष्कर्म मामला : आसाराम पर कुछ देर में सुनाया जाएगा फैसला, जोधपुर जेल पहुंचे जज

जोधपुर। नाबालिग से दुष्कर्म मामले में जोधपुर जेल में बंद आसाराम बापू पर फैसला कुछ देर में सुनाया जाएगा। फैसला सुनाने के लिए जज मधुसूदन शर्मा जेल पहुंच चुके हैं। भारी संख्या में भक्तों के पहुंचने और सुरक्षा कारणों के चलते जोधपुर की एक अदालत जेल परिसर में ही आसाराम पर फैसला सुनाएगी।

जोधपुर की कोर्ट ने सुरक्षा कारणों से सेंट्रल जेल परिसर में ही फैसला सुनाने का निर्णय किया है। फैसले के मद्देनजर केंद्र सरकार ने दिल्ली, राजस्थान, गुजरात और हरियाणा को सुरक्षा कड़ी करने के निर्देश दिए हैं। सुरक्षा के मद्देनजर पूरे शहर में धारा 144 लागू कर दी गई है। साथ ही भारी मात्र में पुलिस बल तैनात किया गया है।

उधर, जेल में आसाराम ने फैसले की पूर्व संध्या पर कहा- ‘अब भगवान से ही उम्मीद है, होई है वही जो राम रचि राखा। मंगलवार को जोधपुर कलेक्टर रविकुमार सुरपुर व पुलिस उपायुक्त अमनदीप सिंह जेल में व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंचे। इस दौरान कलेक्टर ने आसाराम से पूछा- ‘फैसले को लेकर क्या सोच रहे हो?’ इस पर आसाराम ने कहा कि कोर्ट का जो भी फैसला होगा, वह मंजूर होगा। वह और उनके समर्थक गांधीवादी विचारधारा के हैं और अहिंसा में यकीन रखते हैं। जेल प्रशासन की मानें तो आसाराम के चेहरे पर फैसले को लेकर कोई शिकन नहीं है। हां, उत्सुकता जरूर है।

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