जयपुर 25 बंधुआ बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया गया , बिहार से बस द्वारा जयपुर लाया जा रहा था – यह रहें मुख्य आरोपी – रिज़वान, शमशेर, सफदर और अख्तर गय्या
यदि सरकार और समाज इकट्ठा हो जाये तो देश से अनेक समस्याओं को आसानी से खत्म किया जा सकता है। यही हुआ आज जब राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग, जयपुर पुलिस, चाइल्ड लाइन और चाइल्ड राइट वाच ग्रुप के संयुक्त प्रयास से बाल मजदूरों से भरी बस को पकड़कर 25 बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया गया।

ये सभी बाल श्रमिक 10 से 14 वर्ष की उम्र के थे जिनके मानव तस्करों द्वारा बिहार के गया जिले से लाया जा रहा था। बाल तस्करी को रोकने के लिए कार्यरत सामाजिक कार्यकर्ताओं ने ‘बिहार के गया’ से सूचना दी है कि कुछ मानव तस्कर सक्रीय हो गए हैं, वे गांव गांव जाकर गरीब बच्चों की ख़रीददारी कर रहे हैं। सूचना के आधार पर इन तस्करों पर लगातार नजर रखी गई।
आज सुबह खबर मिली कि राजस्थान के एक निजी बस ऑपरेटर की बस नंबर RJ23PA6375 बाल मजदूरों को लेकर जयपुर के अंदर प्रवेश करी उसी समय जयपुर पुलिस की टीम ने कुछ सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से बस को कब्जे में ले लिया और बस को थाने लेकर चले गए।

बाल मजदूरों को छुड़ाने और मानव तस्करी को रोकने के इस अभियान को बड़े गुप्त तरीके से चलाया गया जिसमें जयपुर पुलिस उत्तर क्षेत्र के उपायुक्त श्री राजीव पचार, अतिरिक्त उपायुक्त श्री धर्मेंद्र सागर ने प्रमुख भूमिका निभाई।
चाइल्ड राइट्स वाच ग्रुप की तरफ से राज्य संयोजक वसंत हरियाणा ने इस अभियान में अधिकारियों और सामाजिक संस्थाओं के बीच समन्यवक की भूमिका में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विदित हो कि राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्षा श्रीमती संगीता बेनीवाल, के नेतृत्व में आयोग ने पहले ही बस संचालकों को आगाह किया है कि यदि कोई बस बाल तस्करी में संलिप्त पाई गई तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
आज की इस कार्यवाही में सामाजिक कार्यकर्ता एडवोकेट अमितोष पारीक, सुमन सिंह और भूपेंद्र कौर प्रमुख तौर पर शामिल थी।