

‘ब्रेक द चेन अभियान’
मुंबई | महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते केसों की संख्या ने मुख्यमंत्री ठाकरे को बड़े सख्त कदम उठाने पर मजबूर पर दिया हैं मुख्यमंत्री ठाकरे आज राज 8 बजें मीडिया को संबोधित किया जिसमे 14 अप्रैल से आंशिक लॉक डाउन की घोषणा की घोषणा की हैं |
महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कोरोना संकट से निपटने के लिए कड़े प्रतिबंधों का ऐलान किया है। प्रदेश में बीते साल की तरह पूर्ण लॉकडाउन नहीं रहेगा, लेकिन सभी गैर-जरूरी सेवाएं बंद रहेंगी और बेवजह निकलने पर रोक होगी। सीएम उद्धव ठाकरे ने 14 अप्रैल को रात 8 बजे से सूबे में धारा 144 लागू करने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि यह आपके मन-मुताबिक न हो, लेकिन तब भी ऐसा करना पड़ रहा है। पूरे राज्य में अगले 15 दिन तक संचार बंदी लागू की जाएगी। उन्होंने लॉकडाउन शब्द का इस्तेमाल न करते हुए इसे ‘ब्रेक द चेन अभियान’ करार दिया।
सीएम उद्धव ठाकरे ने साफ किया कि जरूरी सेवाओं को छोड़कर सारे दफ्तर बंद रहेंगे। ईकॉमर्स, बैंक, मीडिया, पेट्रोल पंप, सुरक्षा गार्ड जैसे लोगों को इसमें छूट दी गई है। रेस्तरां आदि खुले रहेंगे, लेकिन वहां बैठकर खाने पर रोक होगी। सिर्फ होम डिलिवरी और टेक-अवे की सुविधा रहेगी।
गरीबों को राशन से लेकर कैश तक की मदद का ऐलान –
कंस्ट्रक्शन के काम में लगे मजदूरों को प्रति माह 1,500 रुपये की आर्थिक मदद देने वाले हैं। अधिकृत फेरी वालों को भी मदद दी जाएगी। रिक्शे वालों को भी 1,500 रुपये और आदिवासियों को 2,00 रुपये महीने की मदद मिलेगी। 7 करोड़ लोगों को 3 किलो गेहूं और 2 किलो चावल अगले तीन महीने तक देंगे। यह सुविधा राशन कार्ड होल्डर्स को सरकारी दुकानों से दिया जाएगा। सीएम ने कहा कि इस आंशिक लॉकडाउन के दौरान किसी की रोजी-रोटी पर संकट न आए, ऐसा हमारा प्रयास रहेगा। हमने 3,300 करोड़ रुपये की रकम कोविड के लिए निकाले हैं, जिससे लोगों को मदद दी जाएगी। हमने कुल 5,500 करोड़ रुपये का बजट कोरोना के लिए तय किया है। उन्होंने कहा कि अब हमारे कोई चारा नहीं है, इसलिए हम ऐसा कर रहे हैं। आरोग्य सुविधाओं और वैक्सीनेशन को बढ़ाने के लिए हमने यह फैसला लिया है। मेरी सभी से हाथ जोड़कर विनती है कि इसका पालन करें।
भारत की सात कंपनियां अमेरिका की मेसर्स गिलीड साइंसेज के साथ स्वैच्छिक लाइसेंसिंग समझौते के तहत इंजेक्शन रेम्डेसिविर का उत्पादन कर रही हैं। उनके पास हर महीने लगभग 38.80 लाख यूनिट की संस्थापित क्षमता है।
उपरोक्त को देखते हुए भारत सरकार ने स्थिति में सुधार आने तक इंजेक्शन रेम्डेसिविर तथा रेम्डेसिविर एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रेडिएंट्स (एपीआई) के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है।
इसके अतिरिक्त, भारत सरकार ने रोगियों एवं अस्पतालों को रेम्डेसिविर की सरल सुविधा सुनिश्चित करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए हैं:-
भारत सरकार ने राज्यों को यह भी सुझाव दिया है कि वर्तमान ‘कोविड-19 के लिए राष्ट्रीय नैदानिक प्रबंधन प्रोटोकॉल’ जो साक्ष्य पर आधारित है, को विशेषज्ञों की समिति द्वारा कई परस्पर बैठकों के बाद विकसित किया गया है और यह कोविड-19 के रोगियों के उपचार के लिए मार्गदर्शक दस्तावेज है। प्रोटोकॉल में रेम्डेसिविर को एक इंवेस्टिगेशनल थेरेपी अर्थात विस्तृत दिशा-निर्देशों में उल्लेखित प्रति संकेतों पर गौर करने के अतिरिक्त, जहां सूचित और साझा निर्णय निर्माण अनिवार्य है, के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को सुझाव दिया गया है कि इन कदमों को एक बार फिर से सभी अस्पतालों, सरकारी और निजी क्षेत्र दोनों को संप्रेषित कर दिया जाए और इनके अनुपालन की निगरानी की जाए।