नई दिल्ली। केंद्रीय सामजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने बुधवार को कहा कि आपातकाल के बाद हुआ 1977 का चुनाव परिणाम देश के लोकतंत्र में यू-टर्न साबित हुआ और उस दौरान संघर्ष करने वाले सभी ‘लोकतंत्र सेनानियों‘ को वित्तीय मदद मिलनी चाहिए।
गहलोत ने यहां लोकतंत्र सेनानी संघ द्वारा आयोजित तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा माना कि हम देशभक्त हैं, हमने देशभक्ति का पाठ पढ़ा है। उन्होंने कहा कि कोई विधेयक लाकर ऐसा कानून बनाया जाना चाहिए, जिसके तहत स्वतंत्रता सेनानियों की तरह आपात के खिलाफ संघर्ष करने वाले लोगों को भी नियमित वित्तीय मदद मिल सके। उन्होंने कि वह इसके लिए प्रयास कर रहे हैं। गहलोत ने कहा कि आजादी के बाद धीरे-धीरे देश सर्वोपरि की जगह सत्ता सर्वोपरि की प्रवृति बढ़ती गई। भ्रष्ट और बेईमान प्रवृत्ति के खिलाफ देश भर में संघर्ष होने लगा। सत्ता जाती देख तत्कालीन सत्ताधारी पार्टी ने आपातकाल लगा दिया। उन्होंने कहा कि 1977 का चुनाव परिणाम देश के लोकतंत्र में यू-टर्न था।
यदि उस समय कांग्रेस फिर जीत गई होती तो देश में आज प्रजातंत्र नहीं होता। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र सेनानी सम्मान के अधिकारी हैं। उल्लेखनीय है कि जेपी आन्दोलन के लोकतंत्र सेनानियों को बिहार ,उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और झारखंड में पेंशन मिल रही है लेकिन उसकी राशि पांच हजार से 15 हजार रुपए के बीच है और यह सभी राज्यों में एक समान नहीं है। इन सेनानियों ने कल दिल्ली में रैली निकाली और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक समान पेंशन राशि देने की मांग का ज्ञापन दिया।