
ABSS राजस्थान प्रान्त की कोविड – 19 से उत्पन्न हुई चुनोतियाँ पर चर्चा –

भारत में अभी तक कोरोना वायरस का टीका लगना भी शुरू नहीं हुआ और इससे पहले कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन ब्रिटेन से भारत आ पहुंचा है। खबरों के अनुसार बताया जा रहा है कि हाल ही में ब्रिटेन से लौटे कुछ लोगों में इसके लक्षण पाये गये है और अन्य लोगों की जानकारी लेकर उनका पता लगाया जा रहा है। भारत सरकार ने इस नये लक्षण वाली खबर के बाद से ही ब्रिटेन से आनी वाली फ्लाइट्स पर रोक लगा दी है।
ब्रिटेन में अब तक कोरोना वायरस के ज्यादा खतरनाक मरीज मिलने के बाद से ही भारत सरकार ने 21 दिसंबर को ब्रिटेन से आने वाली फ्लाइट्स पर रोक लगा दी जो 31 दिसंबर तक रहेगी। जो लोग इससे पहले फ्लाइट्स से भारत पहुंचे उनकी एयरपोर्ट पर जांच की जा रही है। ब्रिटेन में इस नये वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने ज्यादा डरने की बात कही है और इसकी वैक्सीन बनाने पर काम शुरू कर दिया है।
वैज्ञानिकों के अनुसार कोरोनावायरस का जो नया रूप ब्रिटेन में मिला है वह पहले से लगभग 60 प्रतिया ज्यादा तेजी से फैल सकता है। फ्रांस और दक्षिण अफ्रीका में भी वायरस में यह बदलाव देखने को मिल रहा है। हालाकि भारत में कोरोना मरीजों का आंकड़ दिनों दिन कम होता जा रहा है जो अच्छी खबर है। कोरोना का नया रूप बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक साबित होने की बात भी कही जा रही है।
देश में सोमवार केवल 16 हजार 72 नये मरीज मिले है जो जून के आकड़ों के मुताबिक बहुत कम है। अगर बात करें 24 घंटे की तो लगभग 25 हजार मरीज ठीक होने के साथ 250 मरीजों की मौत हुई। अब तक कुल 1 करोड़ कोरोना संक्रमित है इनमें से 98.06 लाख मरीज ठीक हो चुके हैं और 1.48 लाख मरीजों की मौत हो गयी है।
भारत में नये साल की शुरूआत से ही कोरोना का टीका लगाने की प्रकिया शुरू करने की तैयारी की जा रही है जो अच्छी खबर है। भारत में तैयार की गयी स्वदेशी वैक्सीन सस्ती होने के साथ असरदार भी साबित हो सकती है क्योंकि इसके परिक्षण में अभी तक किसी प्रकार के साईड इफेक्ट देखने को नहीं मिले है।
कोरोना महामारी को लेकर जहां दुनिया भर के लोगों की जान खतरे में पड़ गयी है तो वहीं दूसरी तरफ WHO ने भविष्य में नयी महामारी आने को लेकर एक बयान दिया है जिसके कारण सबको हैरानी हो रही है। कोरोना महामारी के कारण कई लोगों की जान चली गयी है लेकिन अभी तक इस बीमारी को खत्म करने वाली कारगर वैक्सीन भी नहीं बन पायी है। WHO के इस बयान के बाद लोगों ने अभी से कयास लगाने शुरू कर दिये है कि हो सकता है कि कोरोना के खत्म होने के साथ ही कोई नयी महामारी दुनिया भर में फैल सकती है।
WHO के प्रमुख टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने कोरोना महामारी के बीच 26 दिसंबर को एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा है कोरोना वायरस अंतिम महामारी नहीं है अगर आने वाले समय में हम जलवायु परिवर्तन और पशु कल्याण का उचित समाधान नहीं कर सकें तो हमे किसी ना किसी नई महामारी का सामना करन पड़ सकता है।
वर्तमान में कोरोना वायरस के कारण दुनिया भर के स्वास्थ्य विभाग और इनके जानकार अभी तक इस वायरस को जड़ से खत्म करने में सफल नहीं हुए है जबकि इसके लिए पानी की तरह पैसे बहा दिया गया है। अगर दुनिया के सभी देश मिलकर पर्यावरण का खयाल नहीं रखेंगे तो हमें आने वाले भविष्य में किसी ना किसी नई बीमारे से लड़ना पड़ सकता है। टेड्रोस ने कहा कि लोगों को कोरोना महामारी से सीख लेनी चाहिए क्योंकि इसके आने के बाद से लोगों में डर पैदा हुआ है अगर इसका इलाज जल्द मिल जाता तो शयद लोगों को इस बीमारी का डर कभी नहीं लगता है।
कोरोना महामारी के कारण वे देश आज अपने आप को इतना असहाय महशुस कर जो अपने आप को दुनिया का सबसे अच्छा स्वास्थ्य सेवा ढाचा माना करते थे। भारत आज उन देशों से आगे है जो इस महामारी में कई देशों की सहायत करने के साथ आने वाले दिनों में उनको दुनिया की सबसी सस्ती और कारगर वैक्सीन देगा। भारत में स्वदेशी कोरोना वैक्सीन के अंतिम चरण का प्रशिक्षण चल रहा है और इसके परिणाम अभी तक सही आये है जो भारत के लिए बहुत बड़ी कामयाबी होगी। भारत में नये साल के शुरूआती हफ्तों में कोरोना का टीका लगना शुरू हो सकता है।
कोरोना वैक्सीन को लेकर भारत के मुस्लिम समाज ने इसके इस्तेमाल को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है। खबरों के अनुसार बताया जा रह है कि मुस्लिम संगठनों ने आरोप लगाया है कि चाइना में जो वैक्सीन तैयार की गयी है उसमें सुअर की चर्बी का इस्तेमाल किया गया है जो सही नहीं है। मुस्लिम समाज के नेताओं ने कहा कि इस्लाम में सुअर की चर्बी या मांस का इस्तेमाल करना वर्जित है और इस कारण हम इस वैक्सीन का इस्तेमाल नहीं करेंगे।
इससे पहले अरब अमीरात के मुस्लिम संगठनों ने कोरोनावायरस के टीकों को सही बताते हुए उसके इस्तेमाल करने की अनुमति प्रदान की थी। जानकारों के अनुसार टीकों में भी पोर्क का इस्तेमाल होता है इसी वजह से इस वैक्सीन का विरोध किया जा रहा है। चाइना में तैयार हुए कोरोना टीके को लेकर बताया गया कि इसमें सुअर की चर्बी या उसके मांस का इस्तेमाल किया गया है। मुस्लिम समुदाय ने कहा कि यह हमारी आस्था का सवाल है और इसी वहज से हम लोग इस वैक्सीन का इस्तेमाल नहीं करेंगे।
भारत में कोरोना वैक्सीन को लोगों तक पहुंचानी की सभी तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है और नये साल की शुरूआत होने के साथ लोगों को कोरोना का टीका भी लगना शुरू हो जाएगा। लेकिन सुअर वाली वैक्सीन को लेकर इस प्रकार की नाराजगी प्रशासन और सरकार दोनों के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है। भारत में कई वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है और जल्द ही इसके परिणाम आने वाले है जो बहुत अच्छ खबर होगी।