Fierce protests against the Citizenship Amendment Bill {CAB}, large
number of people took to the streets –
असम। नागरिक बिल के विरोध में पूर्वोत्तर क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन तेज होता जा रहा है। लोग बड़ी संख्या में सड़कों पर आ गए है। असम के 10 जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दिया गया है।
नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ बुधवार को पूर्वोत्तर में लगातार तोड़फोड़ औऱ आगजनी की घटनाएं हो रही है। ज्यादातर विरोध असम, त्रिपुरा, मणिपुर, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय के क्षेत्रों में हो रहा है।
बता दें कि असम में मुख्यमंत्री के आवास पर पथराव: असम के डिब्रूगढ़ में प्रदर्शनकारियों ने देर रात मुख्यमंत्री सर्वानांद सोनोवाल के घर पर पथराव किया। बुधवार रात कुछ लोग लखीनगर क्षेत्र स्थित मुख्यमंत्री के आवास की ओर पहुंचे और उन्होंने पत्थर फेंके। पथराव से खिड़कियों के शीशे टूट गए।
बता दें कि असम के दुलियाजन में नागरिकता विधेयक का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने केंद्रीय मंत्री रामेश्वर तेली के घर पर हमला किया, जिसमें संपत्तियों को काफी नुकसान पहुंचा। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने भाजपा विधायक प्रशांत फुकन और सुभाष दत्ता के घरों में भी तोड़फोड़ की।
आपको बता दें कि असम में हजारों छात्रों और आम लोगों ने दिसपुर चलो मार्च निकाला और तीन घंटे से ज्यादा समय तक राज्य सचिवालय की घेराबंदी की। प्रदर्शनकारियों ने कई बार टायर और होर्डिंग्स जलाईं। गुवाहाटी, डिब्रूगढ़ और जोरहाट जैसे स्थानों पर सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है।
बता दें कि इस दौरान सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए रबर की गोलियां चलाईं, पानी की बौछारें छोड़ी और आंसू गैस छोड़े। राजधानी गुवाहाटी में बिगड़ती कानून व्यवस्था को संभालने के लिए बुधवार (11 दिसंबर) शाम कर्फ्यू लगा दिया गया।
पूर्वोत्तर में हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों पर सेना मुख्यालय की बारीक नजर है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सेना की दो टुकड़ियों को त्रिपुरा भेजा गया है, जहां प्रस्तावित कानून के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं। एक टुकड़ी में करीब 70 सैन्यकर्मी हैं।
बता दें कि शहरों में व्यापक विरोध प्रदर्शन के बीच असम के 10 जिलों में बुधवार की शाम सात बजे से 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी। राज्य सरकार के अधिकारियों ने यह जानकारी देते हुए बताया कि शांति भंग करने के लिए सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने और कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने के लिए इंटरनेट सेवाओं को स्थगित रखा जायेगा।