नई दिल्ली। छात्रों और कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सीबीएसई के बोर्ड के पेपर्स लीक होने के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में शुक्रवार को प्रदर्शन किए। उन्होंने बोर्ड पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया और दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की मांग की। कुछ छात्र पार्लियामेंट स्ट्रीट पर एकत्रित हुए और कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई के सदस्यों ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के आवास की ओर मार्च करना शुरू कर दिया, लेकिन उन्हें रोक दिया गया। छात्र समूहों और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ( डीपीसीसी) ने पूर्वी दिल्ली के प्रीत विहार में सीबीएसई मुख्यालय के बाहर भी प्रदर्शन किया और स्वतंत्र जांच समेत कई मांगें उठाई। एनएसयूआई नेता नीरज मिश्रा ने कहा कि इन पेपर्स लीक से मोदी सरकार की आंखों के सामने परीक्षा माफिया द्वारा शीर्ष अकादमिक संस्थानों पर कब्जे का खुलासा हो गया है।
उन्होंने कहा कि वे जावडेकर और सीबीएसई अध्यक्ष अनीता करवाल के इस्तीफे की मांग करेंगे।एनएसयूआई की मांगों की सूची में 10 वीं कक्षा के गणित और 12 वीं कक्षा के अर्थशास्त्र के पेपर जल्द से जल्द कराए जाने की घोषणा शामिल है। उन्होंने यह भी मांग की कि छात्रों को फिर से परीक्षा देने के लिए बाध्य ना किया जाए। बहरहाल, एनएसयूआई के मार्च को जावडेकर के कुशक रोड आवास से कुछ दूर स्थित उद्योग भवन मेट्रो स्टेशन पर रोक दिया गया, लेकिन दिल्ली पुलिस एनएसयूआई अध्यक्ष फिरोज खान और डूसू उपाध्यक्ष कुनाल सहरावत को मंत्री से मिलाने के लिए ले गई।
सहरावत ने बताया कि जावड़ेकर ने उन्हें आश्वस्त किया है कि उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर रात तक फैसला लिया जाएगा। कांग्रेस की दिल्ली इकाई डीपीसीसी ने सीबीएसई मुख्यालय के बाहर नारेबाजी की और इस मामले की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की।इससे पहले, सैकड़ों छात्रों ने भी सीबीएसई मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और उनकी समस्याओं को जल्दी सुलझाने की मांग की। सीबीएसई ने पर्चे लीक होने की खबरों के बाद इस सप्ताह दोनों पेपर फिर से कराने की घोषणा की।