अलवर लोकसभा के उपचुनाव में कांग्रेस जातिगत कार्ड से चुनाव जीत सकती है क्या ?
गुजरात व हिमाचल विधानसभा चुनावों के बाद अब राजस्थान में लोकसभा के लिए उपचुनावों होने है जिसको लेकर बीजेपी और कांग्रेस अपना पूरा जोर सटीक रणनीति बनाने और उपचुनाव जितने के लिए प्रयासरत है वही कांग्रेस पार्टी केंद्रीय नेतृव से लेकर राज्य इकाई तक सक्रिय दिखाई दे रही है तो सत्ताधारी बीजेपी कांग्रेस पार्टी की रणनीति को देख कर अपना इक्का चलेगी |
कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव तिथियों से पहले अलवर के लिए अपने प्रत्याशी के रूप में डॉ. करन सिंह यादव को मैदान में उतार दिया है |
इस सीट से 1977 से यादव जाति के उम्मीदवार अधिक जीतते आये है दो बार को छोड़कर जो 1991व 2009 के लोकसभा चुना

वों में ये सीट अलवर राजघराने के उम्मीदवार के कब्जे में रही है अब यह देखना होगा की सत्ताधारी बीजेपी जातिगत आधार देखकर अपना प्रत्याशी मैदान में उतारती है या बीजेपी के स्टार प्रचारक एवं देश के प्रधानमंत्री मोदी जी के विजन – विकास के नाम पर अन्य कोई राजनीती कार्ड खेलती है , देखना बड़ा रोचक होगा क्योकि लोकसभा के उपचुनाव ओ के परिणाम आगामी राजस्थान विधानसभा चुनाव में मुख्य भूमिका निभा सकते है |
बीजेपी जहाँ दिवंगत अलवर सांसद बाबा चांद नाथ के शिष्य बाबा बालक नाथ को चुनावी मैदान में उतार सकती है बाबा बालक नाथ भी यादव जाति के ही है और वे बाबा मस्त नाथ आश्रम( रोहतक )की गद्दी पर है। इस सीट पर सबसे अधिक वोट यादव जाति के है और अन्य वोट मुस्लिम व अनुसूचित जाति व जनजाति के भी है। अब देखना है इस सीट पर कांग्रेस या भाजपा किस की जीत सुनिशिचित होती है। क्षेत्र में भाजपा के अन्य उम्मीदवार राजस्थान सरकार के श्रम मंत्री व बहरोड़ विधायक जसवंत सिंह और राज्य सभा सांसद भूपेंद्र यादव के नामों की भी चर्चा जोरो पर है परंतु बीजेपी के लिए मजबूत उम्मीदवार बाबा बालक नाथ ही है । अगर डॉ. करण सिंह मुस्लिमों व अनुसूचित जाति व जनजाति के वोट और यादव जाति के 30-40 प्रतिशत वोट भी पा लेते है तो भी कांग्रेस अपनी जीत पकी मान सकती है।डॉ. करन सिंह राजस्थान यादव महासभा के अध्यक्ष है और अपनी साफ छवि की राजनीति के लिये जाने जाते है।वे दो बार बहरोड़ से विधायक और एक बार अलवर से सांसद भी रह चुके है। भाजपा इस चुनाव में पीछे दिखाई दे रही है और कांग्रेस आगे दिखाई दे रही है।अब देखना होगा की बीजेपी क्या चाल चलती है ये बीजेपी उम्मीदवार के नाम घोषित होने के बाद ही पता चलेगा । परन्तु ये चुनाव कांटे की टक्कर का होगा। यह निश्चित है |
स्टोरी { अलवर } : महेश कुमार
{ politico24x7.com/ news team }