कांग्रेस पार्टी को सता रहा है हार का डर –

राजस्थान में आगामी दिनों में लोकसभा सीटो के लिए तीन जगह उप चुनाव होने है जिसको लेकर कांग्रेस और बीजेपी पूरी तरफ मुस्तेद है लेकिन शायद  हार के डर से कांग्रेस के दो सीटो से दिग्गज नेताओ के पीछे हटने से – कुछ और ही मायने सामने आ रहे है |

जी हाँ हम बात कर रहे है कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और दिग्गज नेता सचिन पायलेट और अलवर में अपनी ख़ास जगह रखने वाले जिन्हें कांग्रेस के आलाकमान का आशीर्वाद प्राप्त है –  भँवर जितेन्द्र

अब इन आरोपों को दरकिनार नहीं किया जा सकता की जहाँ पर लोकसभा के उप चुनाव होने है

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वहां यह दिग्गज नेता ख़ास स्थान रखते है लेकिन अब यह नेतागण अपनी जगह अन्य लोगो के नाम पर सहमती दे रहे है  इसका क्या कारण हो सकता है –  यह इशारा काफी है समझने हेतु –

बीजेपी – बीजेपी के प्रदेश प्रभारी अविनाश राय ने बयान दिया है की कांग्रेस के बड़े नेताओ के उपचुनाव से हाथ खीचना बीजेपी की पहली जीत है  जो उपचुनाव में बीजेपी की जीत सुनिश्चित करती है

गोरतलब है – की अलवर से कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा उपचुनाव हेतु अपने प्रत्याशी के रूप में डॉ ,करन सिंह को मैदान में उतारा है तो बीजेपी बाबा बालक नाथ को मैदान में उतार सकती है और उप  चुनाव जीत सकती है क्योकि उपरोक्त सीट पर यादव जाती का वोट बेंक ज्यादा है और इसी जाती कार्ड को खेलते हुए कांग्रेस ने पहले ही यादव जाती के डॉ करन सिंह को मैदान में उतार दिया है |

क्यों मजबूत हो सकते है बाबा बालक नाथ बीजेपी प्रत्याशी के रूप में – बाबा बालक नाथ पूर्व दिवंगत सांसद चाँद नाथ के शिष्य के रुप में जाने जाते है दूसरा बाबा बालक नाथ यादव जाती के ही है तीसरा बाबा बालक नाथ …..बाबा है जो की बीजेपी की ख़ास पसंद  भगवा और हिन्दू एजेंडा का प्रदर्शित करता है | 

 

स्टोरी : { जयपुर } : पवन देव 

{ politico24x7.com/news team } 

अलवर उपचुनाव – बाबा बालक नाथ हो सकते है बीजेपी प्रत्याशी –

अलवर लोकसभा के उपचुनाव में कांग्रेस जातिगत कार्ड से चुनाव जीत सकती है क्या ?

गुजरात व हिमाचल विधानसभा चुनावों के बाद अब  राजस्थान में लोकसभा के लिए उपचुनावों होने है जिसको लेकर बीजेपी और कांग्रेस अपना पूरा जोर सटीक रणनीति बनाने और उपचुनाव जितने के लिए प्रयासरत है वही कांग्रेस पार्टी  केंद्रीय नेतृव से लेकर राज्य इकाई तक सक्रिय दिखाई दे रही है तो सत्ताधारी बीजेपी कांग्रेस पार्टी की  रणनीति को देख कर अपना इक्का चलेगी |

कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव तिथियों से पहले अलवर के लिए अपने प्रत्याशी के रूप में डॉ. करन सिंह यादव को मैदान में उतार दिया है |

इस सीट से 1977 से यादव जाति के उम्मीदवार अधिक जीतते आये  है दो बार को छोड़कर जो 1991व 2009 के लोकसभा चुना

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वों में ये सीट अलवर राजघराने के उम्मीदवार के कब्जे में रही है अब यह देखना होगा की सत्ताधारी बीजेपी जातिगत आधार देखकर अपना प्रत्याशी मैदान में उतारती है या बीजेपी के स्टार प्रचारक एवं देश के प्रधानमंत्री मोदी जी के विजन  – विकास के नाम पर अन्य कोई राजनीती कार्ड खेलती है , देखना बड़ा रोचक होगा क्योकि लोकसभा के उपचुनाव ओ के परिणाम आगामी राजस्थान विधानसभा चुनाव में मुख्य भूमिका निभा सकते है | 

बीजेपी जहाँ  दिवंगत अलवर सांसद  बाबा चांद नाथ के शिष्य बाबा बालक नाथ को चुनावी मैदान में  उतार सकती है  बाबा बालक नाथ भी यादव जाति के ही है और वे बाबा मस्त नाथ आश्रम( रोहतक )की गद्दी पर है। इस सीट पर सबसे अधिक वोट यादव जाति के है और अन्य वोट मुस्लिम व अनुसूचित जाति व जनजाति के भी है। अब देखना है इस सीट पर कांग्रेस या भाजपा किस की जीत सुनिशिचित होती  है। क्षेत्र में भाजपा के अन्य उम्मीदवार राजस्थान सरकार के श्रम मंत्री व बहरोड़ विधायक जसवंत सिंह और राज्य सभा सांसद भूपेंद्र यादव के नामों की भी चर्चा जोरो पर  है परंतु बीजेपी के लिए  मजबूत उम्मीदवार बाबा बालक नाथ ही है । अगर डॉ. करण सिंह मुस्लिमों व अनुसूचित जाति व जनजाति के वोट और यादव जाति के 30-40 प्रतिशत वोट भी पा लेते है तो भी कांग्रेस अपनी जीत पकी मान सकती  है।डॉ. करन सिंह राजस्थान यादव महासभा के अध्यक्ष है और अपनी साफ छवि की राजनीति के लिये जाने जाते है।वे दो बार बहरोड़ से विधायक और एक बार अलवर से सांसद भी रह चुके है। भाजपा इस चुनाव में पीछे दिखाई दे रही है और कांग्रेस आगे दिखाई दे रही है।अब देखना होगा की  बीजेपी   क्या चाल चलती है ये बीजेपी  उम्मीदवार के नाम घोषित होने के  बाद ही पता चलेगा । परन्तु ये चुनाव कांटे की टक्कर का होगा। यह निश्चित है  |

 स्टोरी { अलवर }  : महेश कुमार

{ politico24x7.com/ news team } 

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