विधानसभा चुनाव: झारखण्ड में गठबंधन को प्रचंड बहुमत, 27 को शपथ लेंगे हेमंत सोरेन

रांची। झारखंड विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) गठबंधन ने बहुमत हासिल कर लिया है। 27 दिसंबर को हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। जेएमएम के 6, कांग्रेस के 5 और आरजेडी के कोटे से एक मंत्री शपथ लेंगे। यानी हेमंत सोरेन के साथ 12 मंत्री शपथ लेंगे। इसके अलावा कांग्रेस के खाते में स्पीकर पद जा सकता है।

बता दें कि बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। पिछले विधानसभा चुनावों में जहां बीजेपी ने 37 सीटें जीती थीं, वहीं वह इस बार सिर्फ 25 सीटें मिल पाईं। बीजेपी की सहयोगी रही आजसू पिछली विधानसभा में सिर्फ आठ सीटें लड़कर पांच सीटों पर जीती थी, जबकि इस बार उसने 53 सीटें लड़कर महज दो सीटें जीत पाई।

झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) गठबंधन को प्रचंड बहुमत मिला है। गठबंधन ने 81 में से 47 सीटें जीती हैं। इस जीत के बाद अब गठबंधन के नेता जल्द ही सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।

बता दें कि बीजेपी के लिए महतो वोटबैंक में घाटा साबित हुआ है। बिहार में जेडीयू और बीजेपी गठबंधन में हैं लेकिन झारखंड में दोनों पार्टियों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा जिसका घाटा दोनों को उठाना पड़ा। इससे बीजेपी के ओबीसी वोट बैंक को नुकसान बताया जा रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कुर्मी जाति से हैं। जेडीयू झारखंड में खाता खोलने में भी विफल रही।

झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने कहा कि महागठबंधन सरकार राज्‍य के लोगों की आकांक्षाएं पूरी करेगी।

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने हेमंत सोरेन और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्‍व वाले गंठबंधन को चुनाव में जीत पर बधाई दी है। एक ट्वीट में मोदी ने भारतीय जनता पार्टी को कई वर्षों तक राज्‍य की सेवा करने का अवसर देने के लिए राज्य की जनता को धन्‍यवाद दिया।

इस बीच, झारखंड मुक्ति मोर्चा के निर्वाचित सदस्यों की आज रांची में बैठक हो रही है, जिसमें विधायक दल का नेता चुना जाएगा। पार्टी अध्यक्ष शिबू सोरेन बैठक की अध्यक्षता करेंगे। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को पार्टी विधायक दल का नेता चुने जाने की संभावना है।

BJP सरकार कुछ नये चेहरों को राज्य मंत्रिमंडल में दे सकती है जगह

जयपुर। इस समय राज्य मंत्रिपरिषद विस्तार की चर्चा जोरों पर चल रही हैं। इस समय सीएम वसुंधरा राजे दिल्ली में हैं और विधायक भी लगातार दिल्ली के चक्कर लगा रहे हैं। अब ऐसा कयास लगाया जा रहा हैं सरकार कुछ नये चेहरों को राज्य मंत्रिमंडल में जगह दे सकती है। आपको बता दे कि इस साल के आखिरी में विधानसभा चुनाव है । इसको ध्यान में रखते हुए सरकार हर वर्ग को खुश करना चाहती है।

अब तक बीजेपी की बगावत कर रहे किरोडी लाल मीणा हाल ही में उनकी पार्टी में शामिल होकर राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए है। उसके बाद ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि सीएम राजे किरोडी मीणा की पत्नी राजगढ़ विधायक गोलमा देवी पर अपनी मेहरबानी दिखा सकती है।

इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि मंत्रिपरिषद में कमजोर प्रतिनिधित्व वाली जातियों को सरकार अब चुनावो को ध्यान में रखकर खुश कर सकती है। हालांकि इस बात का खुलासा तो सोमवार तक होगा कि गोलमा देवी इन नए चेहरों में शामिल होंगी या नहीं। लेकिन राजस्थान की सियासत में ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि किरोड़ी मीणा को राज्यसभा भेजने के बाद राजस्थान में गोलमा का भी कद बढ़ाया जा सकता है।

राजस्थान में जीत के मिशन 180 को पूरा करेंगे: परनामी

जयपुर। उत्तर पूर्व राज्यों में विधानसभा चुनाव में मिल रहे अनुकूल परिणामों से उत्साहित भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी ने आज कहा कि पार्टी कार्यकर्ता इस साल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में मिशन 180 को पूरा करेंगे।विधायक परनामी ने भाजपा प्रदेश मुख्यालय में जश्न के बीच संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विकास यात्रा और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के मजबूत संगठन के बूते पर देश के बीस राज्यों में भाजपा की सरकारे हैं तथा आने वाले समय में यह संख्या और बढ़ेगी।

 

उन्होंने कहा कि इस साल के अंत में राजस्थान विधानसभा की 200 सीटों के लिए होने वाले चुनाव में 180 सीटें जीतने का मिशन और अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में राजस्थान की सभी 25 सीटे जीतने का मिशन कार्यकर्ता पूरा करेंगे।

परनामी ने कहा कि कांग्रेस ने गरीबी मिटाने का नारा दिया लेकिन गरीबों के लिए कुछ नहीं किया। कांग्रेस ने जातियों को आपस में बांटने का काम किया जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गरीबी मिटाने और सभी जातियों को जोड़ने का काम किया है।विधानसभा चुनाव के आ रहे रूझानों के बाद पार्टी प्रदेश मुख्यालय में जश्न का माहौल है। कार्यकर्ता पटाखे फोड़ कर और मिठाईयां खिलाकर एक दूसरे का जीत की बधाई दे रहे हैं।

राजस्थान में CM के चेहरे को लेकर कांग्रेस महासचिव अविनाश पाण्डेय ने दिया बड़ा बयान

नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव अविनाश पाण्डेय ने आज कहा कि पार्टी राज्यों के विधानसभा चुनाव प्राय सामूहिक नेतृत्व में ही लड़ती है और राजस्थान इसका अपवाद नहीं होगा। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में राजस्थान के प्रभारी अविनाश पांडेय ने “भाषा” को बताया, ”यदि कुछ अपवादों को छोड़ दिया जाए तो पार्टी सामूहिक नेतृत्व में ही चुनाव लड़ती रही है। चुनाव जीतने के बाद ही विधायक नेतृत्व को चुनते हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान (विधानसभा चुनाव) में भी इसका पालन किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि कल कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष सचिन पायलट भी मौजूद थे। इसके साथ ही पांडेय ने यह स्पष्ट किया कि इस बैठक मंल राजस्थान में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई।राजस्थान विधानसभा चुनाव इसी साल निर्धारित हैं। पार्टी सूत्रों ने बताया कि राहुल के साथ आज हुई बैठक में राजस्थान में हाल में पार्टी द्वारा अलवर एवं अजमेर लोकसभा सीट और मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव को कांग्रेस द्वारा जीते जाने पर चर्चा हुई।

सूत्रों के अनुसार पार्टी नेताओं ने सुझाव दिया कि जिस प्रकार गुजरात में चुनाव मुद्दों के आधार पर लडे गये हैं, उसी प्रकार राजस्थान चुनावों में बेरोजगारी और किसानों के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया जाये।कांग्रेस की राजस्थान इकाई के प्रमुख सचिन पायलट ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष के साथ बहुत सार्थक चर्चा हुई। हम जल्द ही एक जन सम्पर्क कार्यक्रम शुरू करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने एक कार्यक्रम बनाया है, ‘मेरा बूथ मेरा गौरव’। इसके तहत हम राज्य के 49 हजार बूथों पर अपने कार्यकर्ताओं को तैयार करेंगे। इसके साथ ही हम सभाएं करेंगे, पदयात्राएं करेंगे और किसानों के मुद्दे उठायेंगे।