जयपुर। राजस्थान में चिकित्सकों और सरकार के बीच बने गतिरोध को समाप्त कर हड़ताल समाप्त कराने के लिए चिकित्सा मंत्री के साथ सरकार के दो तीन मंत्री भी जुट गए हैं। अब भाजपा अध्यक्ष अशोक परनामी की मध्यस्थता में उनके निवास पर बुधवार को वार्ता के लिए बुलाया गया है। इससे पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी के निवास पर मंगलवार की रात नौ बजे चिकित्सकों के साथ वार्ता का समय तय हुआ था लेकिन वे नहीं आए, अब उनकी तरफ से बुधवार सुबह ग्यारह बजे का समय तय किया गया है।

परनामी ने चिकित्सकों से काम पर लौटने की अपील करते हुए भरोसा दिलाया है कि उन्हें वार्ता के लिए आते समय ग्रीन कॉरिडोर की सुविधा दी जाएगी। उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। दूसरी ओर चिकित्सा मंत्री ने कहा है कि चिकित्सक यदि बुधवार को काम पर नहीं लौटेंगे तो उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा और उनका पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा। उधर सेवारत चिकित्सक संघ के अध्यक्ष डॉ.अजय चौधरी की ओर से सरकार को सात सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा गया है। सरकार और चिकित्सकों के बीच बातचीत में गतिरोध अध्यक्ष डॉ़ अजय चौधरी सहित 12 चिकित्सकों के तबादले रद्द करने को लेकर आया हुआ है।

सरकार का कहना है कि तबादले सामान्य प्रक्रिया है जबकि चिकित्सकों का कहना है कि तबादले प्रतिशोधात्मक कार्रवाई के रूप में किए गए हैं जो रद्द किए जाने चाहिए। मंगलवार को परिवहन मंत्री युनूस खान ने हड़ताली चिकित्सकों के प्रतिनिधियों से संपर्क कर समझाने की कोशिश की कि चिकित्सकों को जनहित में काम पर लौट आना चाहिए। इसके बाद शाम को अजय भसह किल्क के यहां डॉक्टरों का एक प्रतिनिधिमंडल मिला। हालांकि उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में यही कहा कि डॉक्टरों के प्रतिनिधियों की चिकित्सा मंत्री से बातचीत चल रही है।
उधर एक अन्य घटनाक्रम में राज्य सिविल सेवा अपीलांट ट्रिब्यूनल ने डॉ. अजय चौधरी की ओर से दायर याचिका को न केवल खारिज कर दिया बल्कि उन पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। ट्रिब्यूनल ने डॉ चौधरी की तबादला रद्द करने के संबंध में दायर याचिका पर 14 दिसंबर को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज इस फैसले के साथ डॉ. चौधरी को 29 दिसम्बर तक काम पर लौटने के निर्देश दिए गए हैं।
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