देश के अगले PM के चयन में दलितों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी: नितिन राउत

नई दिल्ली। कांग्रेस के अनुसूचित जाति (एससी) विभाग के नव नियुक्त अध्यक्ष नितिन राउत ने कहा है कि केंद्र की राजग सरकार से नाराज दलित समुदाय के लोग देश के अगले प्रधानमंत्री के चयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और इस पद के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का समर्थन करेंगे।राउत ने कहा कि एक बेहतर भविष्य के लिए दलित युवा अपने समुदाय का प्रतिनिधित्व कर रहे लोगों सहित अन्य गैर भाजपा/राजग नेताओं की तुलना में राहुल की ओर आकर्षित होंगे। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए होगा कि अन्य नेताओं की अपेक्षा राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने की संभावना मजबूत है।

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रह चुके राउत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार ने दलितों के मसीहा डॉ भीम राव अंबेडकर को जितना सम्मान दिया है उतना किसी अन्य सरकार ने नही दिया। उन्होंने मोदी और भाजपा पर अरोप लगाते हुए कहा कि इस तरह के बयान दलित समुदाय के वोटों पर नजर रखते हुए जारी किए जाते हैं।राउत ने पीटीआई भाषा से कहा कि दलित , विशेषकर युवा वर्ग राजग सरकार से नाराज है। उन्हें शिक्षा और रोजगार के अवसरों से वंचित किया जा रहा है जो पहले कभी नहीं हुआ, जब कांग्रेस सत्ता में थी। उन्होंने कहा कि देश के अगले प्रधानमंत्री के चयन में दलितों की यह नाराजगी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनावों के लिए उनका विभाग दलितों को एकत्र कर कांग्रेस के नेतृत्व के तहत लाने का प्रयास करेगा, ताकि प्रधानमंत्री पद के लिए राहुल का मार्ग प्रशस्त किया जा सके। राउत ने कहा कि पूरे देश में 84 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। बीजेपी ने 2014 के आम चुनाव में इनमें से अधिकतर सीटों पर जीत हासिल की थी। इन चुनावों में कांग्रेस को 3 चार सीटें ही मिली थी। कांग्रेस नेता ने कहा कि हम अधिक से अधिक सीटों पर जीत हासिल करने की कोशिश करेंगे।

बाबा रामदेव कुंवारापन को मानते है ये कामयाबी

पणजी। योग गुरू रामदेव ने कहा है कि उनकी सफलता और आनंदपूर्ण जीवन की एक वजह उनका कुंवारा होना है। 52 वर्षीय योग गुरू गोवा महोत्सव, 2018 को संबोधित कर रहे थे। तीन दिवसीय इस महोत्सव की शुरुआत पणजी के निकट हुई।

आचार्य बालकृष्ण के साथ मिलकर पतंजलि समूह की स्थापना करने वाले रामदेव ने कहा कि कंपनी का पंजीकरण गैर लाभकारी धर्माथ ट्रस्ट के रूप में हुई थी क्योंकि इसका लक्ष्य धन कमाना नहीं है। उन्होंने कहा, लोग अपने परिवार के लिए काम करते हैं। न बीवी न बच्चे, फिर भी कितने अच्छे। शादी आसान बात नहीं है। कई लोग अभी शादी करेंगे और कई कर चुके हैं।

अगर आपके पास बच्चे हैं तो आपको जिदगी भर उन्हें बर्दाश्त करना पड़ता है। रामदेव ने कहा, आपको खुश रहने के लिए पत्नी और बच्चे की जरूरत नहीं पड़ती है। मैं हमेशा मुस्कुराता रहता हूं। उन्होंने कहा कि उनकी इच्छा कभी भी राजनीतिक पद संभालने की नहीं रही।

विद्यार्थियों की प्रतिभा को लेकर कटारिया ने कही ये बड़ी बात!

जयपुर। गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि देश एवं प्रदेश की उन्नति के लिए बेहतरीन शैक्षिक स्तर की जरूरत है, उन्होंने शिक्षक वर्ग का आह्वान किया है कि वे संकल्पबद्ध होकर विद्यार्थी प्रतिभा को तराशने का कार्य करें। गुलाबचंद कटारिया बुधवार को उदयपुर के रेजीडेंसी बालिका सीनियर सैकण्डरी विद्यालय में ‘सुपर क्लासेज’ संचालन में सहयोग देने वाले शिक्षकों एवं अब तक कोई छात्रवृत्ति न लेने वाली विद्यार्थी प्रतिभाओं के सम्मान समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि सरकार के कारगर प्रयासों से राजस्थान शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े राज्यों की श्रेणी से ऊपर उठा है। बालिका प्रोत्साहन एवं विद्यार्थी कल्याण की योजनाओं से सरकारी विद्यालयों में शैक्षिक स्तर से बड़ा परिवर्तन आया है। उन्होंने विद्यार्थी वर्ग का आह्वान किया कि वे अपने बौद्धिक स्तर को पहचानें और श्रेष्ठ बनकर समाज व राष्ट्रसेवा में योगदान दें। उन्होंने सुंदर सिंह भण्डारी चेरिटेबल ट्रस्ट की ओर से राजकीय विद्यालयों में संचालित सुपर-20 क्लासेज में नि:स्वार्थ अध्यापन कराने वाले शिक्षकों के सेवा कार्यों की मुक्तकंठ से सराहना की।

कटारिया ने रेजीडेंसी विद्यालय के भौतिक एवं विद्यार्थी कल्याण के लिए आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए आश्वस्त करते हुए तखमीना बनाने के निर्देश शाला प्रशासन को दिए।समारोह में शिक्षा उपनिदेशक भरत मेहता, समाजसेवी लोकेन्द्र सिंह राठौड़, रेजीडेंसी की प्रधानाचार्य श्रीमती उर्मिला त्रिवेदी ने अपने उद्बोधन में शैक्षिक उन्नयन, शाला विकास एवं सेवा कार्यों आदि पर विस्तार से चर्चा की।

राजस्थान में राज्यसभा कांग्रेस मुक्त, प्रदेश से तीनो नवनिर्वाचित सदस्यों ने ली शपथ

जयपुर। कल राजस्थान से राज्यसभा के लिए नवनिर्वाचित तीनो सदस्यों ने उपराष्ट्रपति एवं सभापति एम. वैंकेया नायडू ने राज्यसभा सांसद की शपथ दिलाई है। राज्यसभा की सुबह 11 बजे से कार्यवाही शुरू होते ही शपथ का प्रक्रिया शुरु कर दी गई। प्रदेश से नवनिर्वाचित सांसद डा. किरोड़ीलाल मीणा एवं मदन लाल सैनी ने पहली बार राज्यसभा के सांसद के रूप में शपथ ली है। वहीं भूपेंद्र यादव को लगातार दूसरी बार राज्यसभा सांसद के रूप में शपथ दिलाई गई है। इस सभी का कार्यकाल अप्रेल 2024 तक रहेगा।

 

इन तीनो सांसदो के शपथ लेते ही राज्यसभा की सभी दस शीटो पर भाजपा का कब्जा हो गया है। प्रदेश से अब कांग्रेस का एक भी सदस्य राज्यसभा में नही है। तीनो सांसदो का कार्यकाल पूरा होने के बाद यहा पुननिर्वाच हुआ था। राज्यसभा सांसद बनने से पहले किरोड़ी लाल मीणा के भाजपा से मतभेद चल रहे थे। लेकिन भाजपा में वापसी करने के साथ ही उन्हे राज्यसभा का टिकट दे दिया गया। किरोड़ी करीब दस वर्ष तक भाजपा से दूर रहे है। लेकिन राज्य में आगे आने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने यह कार्ड खेला है। अब ऐसा माना जा रहा है कि पूर्वी राजस्थान में भाजपा की पकड़ एक बार फिर से मजबूत हो गई है।

 

राज्यसभा से रिटार्यड कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी फिर से पंश्चिम बंगाल से राज्यसभा में पहुंच गए है। वहीं राजस्थान से भूपेंद्र यादव को भाजपा ने फिर से राज्यसभा भेजा है। वहीं कांग्रेस के दूसरे सांसद है नरेंद्र बुढ़ानिया को इस बार राज्यसभा जाने का अवसर नही मिला है।

PM मोदी ने बाबा साहेब के लिए कही ये बात-

नई दिल्ली। एक तरफ जहां पूरे देश में एससी/एसटी ने सोमवार को भारत बंद का एलान किया था और पूरे देश में बंद का असर देखा गया था। आखिरकार इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी बयान देना पड़ा है। पीएम मोदी ने बुधवार को बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की विरासत का राजनीतिकरण करने के लिए राजनीतिक दलों पर निशाना साधा।उन्होंने इस दौरान कहा कि उनकी सरकार ने बाबा साहब का सम्मान बढ़ाने का जितना कार्य किया, उतना किसी दूसरी सरकार ने नहीं किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को नई दिल्ली वेस्टर्न कोर्ट एनेक्सी की नई इमारत के उद्घाटन कार्यक्रम में यह बात कही।

 

उन्होंने इस दौरान यह भी कहा कि आंबेडकर को राजनीति में नहीं घसीटना चाहिए बल्कि उनके दिखाए हुए रास्ते पर चलना चाहिए। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि अंबेडकर के नाम पर केवल राजनीति की गई। उन्होंने कहा कि अलीपुर रोड स्थित जिस मकान में बाबा साहब ने अंतिम सांस ली, उसे अंबेडकर जयंती की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को सर्मिपत किया जाएगा। पीएम मोदी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि अटल सरकार के समय आंबेडकर से जुड़े दो भवनों के निर्माण की योजना बनाई गई। बाद की सरकारों ने केवल राजनीति की। अब जाकर हम उस योजना को पूरा करने के लिए तैयार हैं।

जब मैंने शिलान्यास किया था तो कहा था कि 2018 अप्रैल में इसका लोकापर्ण करूंगा। 13 अप्रैल को उसका लोकार्पण है और 14 अप्रैल को बाबा साहब आंबेडकर का जन्मदिन। आपको बता दें कि पीएम मोदी का बयान उस समय आया है जब पूरे देश में एससी-एसटी अत्याचार निवारक कानून पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को लेकर भारत बंद के दौरान देश के कई हिस्सों में भारी विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा था कि वह दलितों, आदिवासियों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों और एससी/एसटी ऐक्ट को शिथिल बनाये जाने जैसे मुद्दों पर एक भी शब्द क्यों नहीं बोल रहे हैं।

SC/ST एक्ट: केंद्र सरकार ने दायर की पुनर्विचार याचिका

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) अत्याचार निवारण अधिनियम से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश की समीक्षा के लिए आज पुनर्विचार याचिका दायर की। सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्रालय के माध्यम से सरकार ने इस मामले में याचिका दायर करके शीर्ष अदालत से अपने गत 20 मार्च के आदेश पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया है। सरकार का मानना है कि एससी और एसटी के खिलाफ कथित अत्याचार के मामलों में स्वत: गिरफ्तारी और मुकदमे के पंजीकरण पर प्रतिबंध के शीर्ष कोर्ट के आदेश से 1989 का यह कानून ‘दंतविहीन’ हो जाएगा। मंत्रालय की यह भी दलील है कि सर्वोच्च न्यायालय के हालिया आदेश से लोगों में संबंधित कानून का भय कम होगा और एससी/एसटी समुदाय के व्यक्तियों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं में बढ़ोतरी होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में व्यवस्था दी है कि एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत दर्ज मामलों में बगैर उच्चाधिकारी की अनुमति के अधिकारियों की गिरफ्तारी नहीं होगी। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि गिरफ्तारी से पहले आरोपों की प्रारम्भिक जांच जरूरी है।इतना ही नहीं, गिरफ्तारी से पहले जमानत भी मंजूर की जा सकती है। न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की पीठ ने गिरफ्तारी से पहले मंजूर होने वाली जमानत में रुकावट को भी खत्म कर दिया है। शीर्ष कोर्ट के इस फैसले के बाद अब दुर्भावना के तहत दर्ज कराए गए मामलों में अग्रिम जमानत भी मंजूर हो सकेगी।न्यायालय ने माना कि एससी/एसटी अधिनियम का दुरुपयोग हो रहा है। पीठ के नए दिशानिर्देश के तहत किसी भी सरकारी अधिकारी पर मुकदमा दर्ज करने से पहले पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) स्तर का अधिकारी प्रारंभिक जांच करेगा। किसी सरकारी अधिकारी की गिरफ्तारी से पहले उसके उच्चाधिकारी से अनुमति जरूरी होगी।

महाराष्ट्र की एक याचिका पर न्यायालय ने यह अहम फैसला सुनाया है। पीठ ने केंद्र सरकार और न्याय मित्र अमरेंद्र शरण की दलीलों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। न्यायालय ने इस दौरान कुछ सवाल भी उठाए थे कि क्या एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के लिए प्रक्रियात्मक सुरक्षा उपाय किये जा सकते हैं ताकि बाहरी तरीकों का इस्तेमाल न हो? क्या किसी भी एकतरफा आरोप के कारण आधिकारिक क्षमता में अधिकारियों पर मुकदमा चलाया जा सकता है और यदि इस तरह के आरोपों को झूठा माना जाये तो ऐसे दुरुपयोगों के खिलाफ क्या सुरक्षा उपलब्ध है?

क्या अग्रिम जमानत मंजूर न होने की वर्तमान प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत उचित प्रक्रिया है?शीर्ष अदालत के इस फैसले को लेकर राजनीतिक हलकों में सरगर्मी तेज हो गयी थी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों के कुछ एससी/एसटी सांसदों ने लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान एवं केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत के नेतृत्व में गत सप्ताह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात भी की थी। गहलोत ने इस मामले में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को पत्र भी लिखा था।

SC/ST एक्ट में संशोधन के खिलाफ जयपुर में प्रदर्शन

जयपुर। राजस्थान में एससी/एसटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ मीन सेना, युवा जाट महासभा, भीम आर्मी और भीम सेना आदि कई संगठन भारत बंद के आह्वान पर सडक़ों पर उतर आएं है। एससी/एसटी एक्ट पर उच्चतम न्यायालय के ताजा फैसले के बाद दलित संगठनों के भारत बंद के आह्वान पर सोमवार को राजस्थाान में भी प्रदर्शन और रैलियां निकाली जा रही हैं। इस दौरान कई स्थानों पर तोडफ़ोड़ और संघर्ष की खबरें भी मिल रही हैं।राजस्थान राजधानी जयपुर के महेश नगर थाना इलाके में दुकानों में तोडफ़ोड़ के बाद पत्थर फेंके जाने की घटना सामने आई है। इसे लेकर व्यापारियों में खासा रोष है। वहीं पुलिस भी मौके पर पहुंच चुकी है लेकिन भीड़ के आगे बेबस नजर आ रही है। भारत बंद के आह्वान पर कालाडेरा में दुकान बंद कराने को लेकर विवाद हो गया। यहां दुकान बंद कराने गए लोगों का व्यापारियों ने विरोध किया तो भीड़ तोडफ़ोड़ पर उतारु हो गई। इस दौरान दो दुकानों में तोडफ़ोड़ के बाद तनाव पैदा हो गया

दलित वर्ग उतरे सडक़ों पर

जयपुर, भरतपुर, अजमेर, धौलपुर, सवाईमाधोपुर, करौली सहित राज्य में बसपा और अन्य राजनीतिक व सामाजिक संगठनों के साथ दलित ने बंद का आह्वान किया है। दलित वर्ग सडक़ों पर हैं। बंद के दौरान कई जगह तनाव की स्थिति उत्पन्न हुई है।जयपुर में सोमवार को सवेरे ही भीम सेना, अम्बेडकर मंच बसपा से जुड़े कार्यकर्ता सवेरे 9 बजे ही दुकानें बंद कराने के लिए निकल गए थे। भरतपुर में रैली निकाली, अजमेर के अराई में ढाबा बंद कराने को लेकर दो पक्षों के बीच पत्थरबाजी हो गई। श्रीगंगानगर व सूरतगढ़ में बाजार बंद कराने को लेकर दो पक्ष आमने सामने हो गए जिससे तनाव हो गया पुलिस के इंतजाम के कारण वे जोर जबरदस्ती नहीं कर पाए।

जयपुर में चारदीवारी में दिन में बंद का असर

जयपुर में चारदीवारी में दिन में बंद का असर दिखाई दिया। चार दीवारी के बाहर बंद का कोई खास असर नजर नहीं आया है। इसी तरह सवाई माधोपुर, करौली, भरतपुर, धौलपुर में बंद का असर रहा लेकिन, अजमेर, जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर में बंद ज्यादा असर नहीं दिखा।अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवावरण अधिनियम (एसएसी/एसटी एक्ट) को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के विरोध में दलित और आदिवासी संगठनों ने देशभर में दो अप्रेल को भारत बंद का आह्वान किया है। इसके मद्देनजर राजस्थान समेत कई राज्यों में एहतियातन सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं। वहीं, केंद्र सरकार ने कहा है कि वह एससी/एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ सोमवार को पुनर्विचार याचिका दायर करेगी।

प्रशासन चाक चौबंद

प्रदर्शनकारी बाजार बंद करवाने को सुबह से अलग-अलग टोलियां में सडक़ों पर निकल आएं। भारत बंद के आह्वान को देखते हुए राजस्थान पुलिस ने भी सुरक्षा व्यवस्था के बंदोबस्त कड़े किए गए। प्रदर्शनकारियों की टोलियों के साथ पुलिस की जीप भी नजर आ रही हैं।

दलितों के मुद्दे पर राज्यसभा में हंगामा, सदन स्थगित

नई दिल्ली। कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ने आज राज्यसभा में दलितों पर अत्याचार का मुद्दा उठाते हुए जमकर हंगामा किया जिसके कारण आज भी सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी और इस तरह बजट सत्र के दूसरे चरण में कामकाज पूरी तरह ठप रहा।चार दिन के अवकाश के बाद जब आज सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो कांग्रेस सपा और बसपा के सदस्य नारे लगते हुए सभापति के आसन के पास पहुँच गए और वे हंगामा करने लगे। वे’दलितों पर अत्याचार बंद करो’तथा’मोदी सरकार- दलित विरोधी सरकार’के नारे लगा रहे थे। इस बीच रोज की तरह तेलगु देशम और अन्नाद्रमुक के सदस्य आंध्रप्रदेश तथा कावेरी का मुद्दा उठाते हुए आसन के पास आ गए। दोनों तरफ से जमकर नारेबाजी होने लगी।

सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदस्यों से कहा कि पूरा देश इस घटना को देख रहा है। आप लोगों को हंगामे से कोई फायदा नहीं होगा। आप लोग लोकतंत्र का माखौल उड़ा रहे हैं। मैं सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए सहमत हूँ। इस बीच शोर शराबे में सम्बद्ध मंत्री पटल पर अपने दस्तावेज पेश करते रहे। उसके बाद संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने कहा कि जब सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है तो विपक्ष क्यों हंगामा कर रहा है। हम भ्रष्ट्राचार निरोधक संसोधन विधेयक, मोटर वाहन विधेयक, स्टेट बैंक संसोधन विधेयक पारित करना चाहते हैं लेकिन विपक्ष छोटे-छोटे मुद्दे को लेकर हंगामा कर रहा है। मुझे समझ में नहीं आ रहा आपलोग सदन को चलने क्यों नहीं देते। लेकिन हंगामा कर रहे सदस्यों पर इसका कोई असर नहीं हुआ। तब नायडू ने पांच मिनट के भीतर ही सदन की कार्यवाही को कल तक के लिए स्थगित कर दिया।

सीबीएसई के बोर्ड पेपर लीक मामला : छात्रों, कांग्रेस ने कई जगहों पर किए प्रदर्शन

नई दिल्ली। छात्रों और कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सीबीएसई के बोर्ड के पेपर्स लीक होने के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में शुक्रवार को प्रदर्शन किए। उन्होंने बोर्ड पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया और दोषियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की मांग की। कुछ छात्र पार्लियामेंट स्ट्रीट पर एकत्रित हुए और कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई के सदस्यों ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के आवास की ओर मार्च करना शुरू कर दिया, लेकिन उन्हें रोक दिया गया। छात्र समूहों और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी ( डीपीसीसी) ने पूर्वी दिल्ली के प्रीत विहार में सीबीएसई मुख्यालय के बाहर भी प्रदर्शन किया और स्वतंत्र जांच समेत कई मांगें उठाई। एनएसयूआई नेता नीरज मिश्रा ने कहा कि इन पेपर्स लीक से मोदी सरकार की आंखों के सामने परीक्षा माफिया द्वारा शीर्ष अकादमिक संस्थानों पर कब्जे का खुलासा हो गया है।

 

उन्होंने कहा कि वे जावडेकर और सीबीएसई अध्यक्ष अनीता करवाल के इस्तीफे की मांग करेंगे।एनएसयूआई की मांगों की सूची में 10 वीं कक्षा के गणित और 12 वीं कक्षा के अर्थशास्त्र के पेपर जल्द से जल्द कराए जाने की घोषणा शामिल है। उन्होंने यह भी मांग की कि छात्रों को फिर से परीक्षा देने के लिए बाध्य ना किया जाए। बहरहाल, एनएसयूआई के मार्च को जावडेकर के कुशक रोड आवास से कुछ दूर स्थित उद्योग भवन मेट्रो स्टेशन पर रोक दिया गया, लेकिन दिल्ली पुलिस एनएसयूआई अध्यक्ष फिरोज खान और डूसू उपाध्यक्ष कुनाल सहरावत को मंत्री से मिलाने के लिए ले गई।

सहरावत ने बताया कि जावड़ेकर ने उन्हें आश्वस्त किया है कि उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर रात तक फैसला लिया जाएगा। कांग्रेस की दिल्ली इकाई डीपीसीसी ने सीबीएसई मुख्यालय के बाहर नारेबाजी की और इस मामले की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की।इससे पहले, सैकड़ों छात्रों ने भी सीबीएसई मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और उनकी समस्याओं को जल्दी सुलझाने की मांग की। सीबीएसई ने पर्चे लीक होने की खबरों के बाद इस सप्ताह दोनों पेपर फिर से कराने की घोषणा की।

राहुल गांधी ने BJP पर साधा निशाना, कहा…

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल में सामने आए एक मीडिया स्टिंग के हवाले से बीजेपी पर पलटवार करते हुए बुधवार को आरोप लगाया कि वे विरोधियों को बदनाम करने के लिए झूठ गढऩे और तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश करने के बिजनेस में लिप्त है।

गांधी ने ट्वीट किया मैं उन लोगों से कभी नफरत नहीं कर सकता जो मेरे खिलाफ झूठी कहानियां गढक़र तथ्यों को तोड़ मरोडक़र पेश करते हैं और घृणा फैलाने का काम करते हैं।

कोबरा पोस्ट खुलासे से साफ है कि उनके लिए घृणा फैलाना बिजनेस है और लाभ का धंधा है। मेरे खिलाफ उनके झूठ का जाल बुनने से मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। कांग्रेस अध्यक्ष ने इसके साथ ही एक अंग्रेजी दैनिक के ट्वीट को भी लिंक कर पोस्ट किया है जिसमें स्टिंग का हवाला देकर कहा गया है कि 17 मीडिया संस्थान पैसे लेकर सांप्रदायिकता पर आधारित खबरें छापने को तैयार हैं।

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