आज का दिन हर भारतीय के लिए गर्व का वह दिन है जब भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने एक ऐसा फैसला लिया जो इतिहास के पन्नों में विजय दिवस के रूप में जाना जाने लगा। बात करें 16 दिसंबर 1971 की तो वह दिन भारतीय सेना के साथ हर भारतीय के लिए गर्व का दिन था इस दिन भारतीय सेना के अदम्य साहस, वीरता की कहानी इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गयी।
16 दिसंबर 1971 वो दिन भारत के इतिहास में एक नया अध्याय बना उस समय के तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका को नजरअदांज करते हुए पाकिस्तान पर आंक्रमण कर दिया और उसके दो टूकड़े करके पाकिस्तान को ऐसा घाव दिया जो सदियों तक उसको चुभता आ रहा है। इंदिरा गांधी ने अमेरिका की चेतावनी के बाद भी पाकिस्तान के दो टुकड़े किए और नया देश बनवा दिया ऐसा करना किसी महिला प्रधानमंत्री के लिए बहुत हिम्मत की बात है।
बताया जाता है कि 3 दिसंबर को पाकिस्तान ने भारत के 11 एयरफील्ड्स पर हमला किया था। इसके बाद यह युद्ध शुरू हुआ और महज 13 दिन में भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान को खदेड़ दिया था। बताया जाता है कि पाकिस्तान के 93000 सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण करते हुए सेना सामने हथियार डाल दिए थे।
इंदिरा गांधी को दुर्गा का अवतार भी कहा जाता है क्योंकि एक महिला होते हुए उन्होंने इतना बड़ा फैसला किया जो किसी चमत्कार से कम नहीं था। उस समय अमेरिका भी इंदिरा को पंसद नहीं करता था इसके बावजूद इंदिरा अमेरिका को किनारे करते हुए पाकिस्तान के दो टूकड़े कर दिये।