अगले साल पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी के साथ दूसरी पार्टियों में सुगबुगाहट तेज होती नजर आ रही है। बात करे बीजेपी की तो उसने बिहार जीत के बाद से अपना अगला लक्ष्य बंगाल को बना लिया है और 2019 के लोकसभा चुनावों में बंगाल में वोट प्रतिशत को देखकर बीजेपी ने 200 सीट जीतने का लक्ष्य भी रख लिया है। खबरों के अनुसार बताया जा रहा है कि आने वाले कुुछ दिनों में ही चुनाव आयोग पश्चिम बंगाल चुनाव पर बड़ा फैसला कर सकता है।
कोरोना काल में चुनाव आयोग के लिए सफलता तब मिली जब उन्होंने बिहार में बड़ी सावधानी के साथ चुनाव कराया है, उसी मॉडल के आधार पर पश्चिम बंगाल में भी चुनाव कराए जा सकते है। ममता बनर्जी ने तीन दशक से पश्चिम बंगाल की सीएम बनी हुई है और उन्होंने कभी लेफ्ट का सफाया कर सत्ता हासिल करी थी।
लेकिन इस बार ममता बनर्जी के लिए सबसे बड़ी चिंता बीजेपी होगी क्योंकि बीजेपी बंगाल में अपनी पूरी ताकत लगा चुकी है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ बीजेपी के कई बड़े मंत्री और नेता लगातार बंगाल का दौरा कर रहे है और इससे लगता है कि बीजेपी बंगाल चुनावों में जीत के लिए जबरदस्त तैयारियों में जुट गयी है।
अगर बात करें बंगाल के मौजुदा हालात की तो यंहा बीजेपी और टीएमसी के कार्यकर्ताओं में आए दिन झगड़े होते रहते है और इसमें बीजेपी के कई कार्यकर्ताओं को अपनी जान तक गवानी पड़ी है। बंगाल में टीएमसी के आने से पहले लेफ्ट के साथ इस प्रकार की धटनाएं देखने को मिलती थी अब वहीं घटनाएं बीजेपी और टीमसी के बीच देखी जा रही है।
बीजेपी का बंगाल में प्रदर्शन:—
2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी का वोट प्रतिशत 18 फीसदी तथा 2 सीटों पर जीत हासिल करी थी। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनावों में वोट प्रतिशत 40 फीसदी जा पहुंचा और 18 सीटों पर जीत हासिल हुई। अब बंगाल विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 200 सीटों पर जीत का दावा किया है।
बंगाल के मौजूदा हालात:—
बंगाल गये भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की सुरक्षा में चूक को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार से जवाब मांगा है। इस घटना के बारे में बताया जा रहा है अध्यक्ष की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी मौजूद नहीं थे जो बड़ी चूक मानी जा रही है। इसके साथ इस दौरे के दौरान बीजेपी के नेताओं पर हमला हुआ जिसमें कई बड़े नेताओं को चोट आने के साथ गाड़ियों के शिशे तोड़ने की तस्वीरे भी वायरल हो रही है।
ममता पर परिवादवाद का आरोप:
टीएमसी छोड़कर बीजेपी आए कई बड़े नेताओं के साथ बीजेपी ममता पर परिवादवाद को बढ़ावा देना तथा केन्द्र की सरकारी योजना से बंगाल की जनता को लाभ नहीं पहुंचाने को लेकर लगातार आरोप लगाती रही है। इसके साथ ममता बीजेपी को झूठ बोलने वाली पार्टी को अमीरों की पार्टी कहकर बुलाती है।