राजस्थान उपचुनाव : जानिए कांग्रेस की रिकॉर्ड जीत की 3 अहम वजह….

नई दिल्ली। राजस्थान उपचुनाव में भाजपा को तीनों सीटों पर करारी हार मिली है। अजमेर, अलवर लोकसभा और मांडलगढ़ विधानसभा सीट के उपचुनाव में कांग्रेस ने रिकॉर्ड जीत दर्ज की है। इस जीत से कांग्रेस का होशला और बढ़ गया। उधर, वसुंधरा के लिए ये हार वॉर्निंग की तरह रही। कहा जा रहा है कि इस बार कांग्रेस में नेताओं ने ये चुनाव एकजुटता और स्ट्रैटजी बनाकर लड़े है।

जानिए BJP हार-जीत की 3 बड़ी वजहें….

1. राजपूतों की नाराजगी:- आनंदपाल और पद्मावत फिल्म के मुद्दे पर राजपूतों की नाराजगी को सरकार नहीं भांप सकी। कांग्रेस ने इसे अपने वोट में कैश किया। सरकार के पास 24 राजपूत विधायक हैं।

2. अंदरूनी संघर्ष:- टिकटों को लेकर पार्टी में आखिर तक विवाद बना रहा। अलवर में कैबिनेट मंत्री जसवंत यादव को टिकट दिया। उनकी छवि अच्छी नहीं थी। पार्टी के विधायक नाराज थे।

3. एंटी-इनकमबेंसी: केन्द्र और राज्य की नीतियों के खिलाफ जनता नाराज है। इस वजह से शहरी वोटर भी बीजेपी से दूर हुए। जिन 17 विधानसभा सीटों पर पोलिंग हुई, वहां सभी जगह बीजेपी हारी।

  • संघ ने भी इन चुनावों में प्रचार से खुद को दूर रखा। कर्मचारियों और डॉक्टरों की हड़ताल से लोग परेशान हुए। सरकार इन मुद्दों को नहीं सुलझा सकी। इससे सरकार के खिलाफ माहौल बना।

उपचुनाव: क्या राजस्थान की तीन सीटों को बचा पायेगी भाजपा ? कल होगा तय –

जयपुर। राजस्थान में दो लोकसभा और एक विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के वोटिंग की गिनती की सारी तैयारी पूरी हो चुकी है। राजस्थान की अलवर, अजमेर लोकसभा और मांडलगढ़ विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव के मतों की गणना गुरुवार को यानी कल होगी। राज्य निर्वाचन विभाग के प्रवक्ता ने बुधवार को जानकारी दी और कहा कि अजमेर और अलवर लोकसभा सीट के लिए मतों की गणना का काम अजमेर और अलवर में होगा जबकि मांडलगढ़ विधानसभा सीट के मतों की गणना भीलवाड़ा में होगी।

उन्होंने कहा कि मतगणना का रूझान विभाग की बेवसाइट पर उपलब्ध रहेगा। मतगणना के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। बता दें कि यह उपचुनाव भाजपा सांसद प्रो सांवर लाल जाट (अजमेर), सांसद चांद नाथ योगी (अलवर) और विधायक कीर्ति कुमारी के निधन के कारण हुआ था।29 जनवरी को हुए मतदान में तीनों क्षेत्रों के मतदाताओं ने वोट देकर बयालीस उम्मीदवारों के भाग्य का निर्णय ईवीएम मशीनों में बंद किया था।

अलवर लोकसभा सीट पर भाजपा के जवंसत सिंह यादव, कांग्रेस के डॉ. करण सिंह यादव, अजमेर लोकसभा सीट पर कांग्रेस के रधु शर्मा और भाजपा के राम स्वरूप लाम्बा के बीच जबकि मांडलगढ़ में भाजपा के शक्ति सिंह हाडा का कांग्रेस के विवेक धाकड के बीच कडा मुकाबला है।

शिक्षामंत्री वासुदेव देवनानी के खिलाफ केस दर्ज –

राजस्थान। अजमेर लोकसभा क्षेत्र में उपचुनाव के मतदान के दौरान हुई झड़प को लेकर राजस्थान के शिक्षामंत्री वासुदेव देवनानी के खिलाफ कांग्रेस ने कोर्ट में परिवाद पेश किया है। कांग्रेस नेता मंजू सोनी की ओर से कोर्ट में इस्तगासा पेश करते हुए देवनानी और भाजपा नेता तुलसी सोनी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। इस मामले में 2 फरवरी को कोर्ट सुनवाई करेगा।

कांग्रेस नेता का आरोप है कि अजमेर लोकसभा सीट के लिए सोमवार को मतदान प्रक्रिया के बीच रामनगर स्थित एक पोलिंग बूथ पर पहुंचे शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने वहां मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओ के साथ बदसलूकी की।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शिक्षा मंत्री पर पोलिंग बूथ से 100 मीटर के दायरे के अंदर प्रचार करने का आरोप लगाया था। वहीं देवनानी समर्थक भी वहां डटे रहे। ऐसे में पोलिंग बूथ के पास ही उन लोगों के बीच धक्का-मुक्की होने लगी. हालांकि वहां मौजूद दूसरे लोगों ने तुरंत बीच-बचाव कर मामले को शांत कराया था। वासुदेव देवनानी और कांग्रेस कार्यकर्ता के बीच इस झड़प का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इस वीडियो में दोनों पक्ष ही तेश में नजर आ रहे हैं और आैर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्योराप लगा रहे हैं।

राजस्थान – उपचुनाव् किस के सर होगा ताज – देखे ख़ास रिपोर्ट

राजस्थान – उपचुनावों में कौन आगे , गहलोत या राजे – ख़ास रिपोर्ट

जयपुर। राजस्थान में सोमवार को दो लोकसभा एवं एक विधानसभा उपचुनाव शांतिपूर्ण सम्पन्न हो गए। जिसमें सर्वाधिक मांडलगढ़ विधानसभा उपचुनाव में करीब 79 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया जबकि अजमेर लोकसभा उपचुनाव में 65 से अधिक तथा अलवर लोकसभा उपचुनाव में लगभग 62 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले।

रोहित कुमार ने बताया कि मतदान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुबह आठ बजे शुरु हुआ और जो शुरुआत में धीमा रहा और बाद में मतदान का प्रतिशत बढ़ता गया। उन्होंने बताया कि इसी तरह अजमेर लोकसभा उपचुनाव के लिए मतदान शुरु होते ही पहले घंटे में 05.22 प्रतिशत इसके बाद दोपहर बारह बजे 28.36 प्रतिशत तथा सायं चार बजे 56.61 प्रतिशत और शाम छह बजे तक 65.20 प्रतिशत मतदान हुआ। इसी तरह अलवर में पहले घंटे में 05.41 प्रतिशत दोपहर बारह बजे तक 28.15 प्रतिशत तथा अपराह्न चार बजे 56.26 प्रतिशत और शाम छह बजे तक 61.86 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

सूत्रों व् सर्व के आधार पर कहा जाए तो  उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी अलवर से जीतती दिख रही है तो सबसे हॉट सीट अजमेर से रामस्वरूप लांभा व् कांग्रेस के रघु शर्मा के बीच कड़ी टक्कर रहने वाली है जिसमे रामस्वरूप लांभा कुछ करीबी वोटो से जीत सकते है , वही मांडल गढ़ से कांग्रेस प्रत्याशी व् निर्दलीय प्रत्याशी के बीच करीबी मुकाबला रहेगा |

नोट – यह सर्व मतदाता ओं के आधार पर लिया गया है अंतिम परिणाम ही सटीक माने जाये |

लोगो के सर्व के आधार पर संवादाता हेमंत जांगिड ने बताया की उपचुनावों में लोगो का रूझान कांग्रेस पार्टी की और ज्यादा देखने को  मिल रहा है | अब जमीनी वास्तविकता तो उपचुनावों के परिणाम ही सटीक बतायेगे . की जनता भाजपा पर विश्वास बनाये रखती है या बदलाव कर कांग्रेस को मौखा देती है |

एक फरवरी को भी तीनों निर्वाचन क्षेत्रों की प्रत्येक राउंड की मतगणना की सूचना विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगी। यह सूचना सीधे मतगणना स्थल से रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा अपलोड की जाएगी। मतदान के साथ ही तीनों सीटों पर सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी एवं कांग्रेस प्रत्याशियों सहित 42 उम्मीदवारों का भाग्य मत पेटियों मेें बंद हो गया। इन सीटों के लिए मतगणना एक फरवरी को होगी और तीन फरवरी तक निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।

ख़ास नजर –  राजस्थान उपचुनाव में सत्ता रूढ़ भाजपा और कांग्रेस पार्टी ने अपना पूरा दम-ख़म दिखाया है | दोनों ही पार्टीयो ने उपचुनाव को आगामी राजस्थान विधानसभा चुनावो से पूर्व के सेमी फायनल के रूप में लिया है इसलिए तीनो उपचुनाव  क्षेत्रो में दोनों ही मुख्य पार्टियों ने स्टार प्रचारक के रूप में दिग्गज नेता ओं को मैदान में बहुत पहले ही उतार दिया था . जब इन नेताओं से समीकरण सटीक नहीं बेठा तो पार्टी के शीर्ष नेता ओं ने चुनाव मैदान संभाला और पल -पल बदलते राजनीती समीकरणों के आधार पर मतदाताओं को लुभावने हेतु नई -नई योजना बना कर प्रत्येक मतदाता तक पहुँच कर जनसंपर्क साधा |

मुख्यमंत्री राजे – मुख्य संवादाता पवन देव ने बताया की ,राजस्थान के इन उपचुनाव ओं में कांग्रेस ,बीजेपी ने पूरा दम -ख़म दिखाया है |

जहाँ सी एम् राजे उपरोक्त तीनो सीटो पर बीजेपी का परचम लहराना चाहती है इस लिए उपचुनाव में सी एम् वसुंधरा राजे ने स्वंम चुनावी कमान संभाली और रोड शो कर अधिक -अधिक जनता की बीच पहुंची है ताकि यह साबित हो जाये की सी एम् राजे के करिश्माई नेतृत्व के कारण राजस्थान की जनता सी एम् राजे पर अभी भी विश्वास करती है और आगामी राजस्थान विधानसभा चुनावों में एक बार फिर से भाजपा सत्ता में रहेगी |

दूसरी और कांग्रेस पार्टी में अपना खोया जमीनी स्तर तलाशने हेतु इन उपचुनाव में कोई खामी नहीं छोड़ी है , जहाँ एक और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अलवर की कमान संभाली तो अजमेर सबसे हॉट सीट पर कांग्रेस के वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलेट हर मोर्चे पर डटे रहे ,वही विधानसभा सीट मांडल गढ़ सीट पर सी पी जोशी ने कमान संभाली है , कुल मिलाकर कहा जाये तो राजस्थान के उपचुनाव सेमी फ़ाइनल ना होकर फायनल की तरह रहा है |

story – politico24x7.com/ news team 

{ajmer / alwar / mandalghad }

राजस्थान -उपचुनाव दिग्गजों ने छोड़ा चुनाव क्षेत्र –

अजमेर। अजमेर संसदीय क्षेत्र में उपचुनाव के प्रचार का शोर शनिवार शाम 6 बजे थम गया। अंतिम दिन भाजपा और कांग्रेस के रोड शो के बाद शाम 6 बजे से पहले शहर में आए बाहरी नेता भी यहां से रवाना हो गए। अब प्रत्याशी और कार्यकर्ता घर-घर जाकर पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में मतदान की अपील कर पाएंगे। प्रत्याशियों का जोर अब मतदाताओं की देहरी धोक कर वोट मांगने पर रह गया है।दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों और नेताओं ने वार्ड स्तर पर मतदाताओं को निकाल कर पाेलिंग बूथ पर पहुंचाने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है। अब तक चुनावी रैलियों व सभाओं के बाद अब जनसंपर्क के लिए कार्यकर्ता अब घर-घर पहुंचेंगे और इसके साथ ही मतदान केंद्रों पर उपस्थित रहने वाले कार्यकर्ता और बूथ पर बैठने वाले एजेंट को अंतिम रूप देने का भी काम शुरू कर दिया है।

 

अजमेर लोकसभा उप चुनाव का प्रचार समाप्त होने के साथ ही प्रचार के लिए आए भाजपा और कांग्रेस के बड़े नेताओं ने शहर छोड़ना शुरू कर दिया है, लेकिन दोनों ही पार्टियों के छोटे नेता अभी भी डेरा डाले हुए हैं। प्रशासन को अब इन नेताओं और कार्यकर्ताओं जिला बदर करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। पिछले दस दिनों से दोनों दलों ने प्रदेश स्तरीय नेता और कार्यकर्ताओं बड़ी फौज प्रचार के लिए संसदीय क्षेत्र में झोंक रखी थी। इनकी संख्या ढाई हजार से अधिक होगी। मंत्री, विधायक, पूर्व विधायक और वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार 27 फरवरी को चुनाव प्रचार समाप्त होने के बाद जिले के बाहर से आए नेता और कार्यकर्ता जिले में प्रवास नहीं कर सकते हैं। इसके तहत शाम को प्रचार का समय समाप्त होने के बाद नेताओं ने स्थानीय कार्यकर्ताओं को आवश्यक दिशा-निर्देश देकर रवाना होना शुरु कर दिया है।

सूत्रों के अनुसार दोनों ही पार्टियों के बड़े नेता देर सात तक शहर अथवा जिला छोड़ देंगे। शहर छोड़ने वाले बड़े कांग्रेसी नेताओं में सचिन पायलट, विवेक बंसल, प्रताप सिंह खाचरियावास, प्रमोद जैन भार्य सहित अन्य नेता शामिल हैं। यह लंबे समय स अजमेर में प्रवास कर पार्टी की रणनीति को अंजाम दे रहे थे। इसी प्रकार भाजपा में मंत्री यूनिस खान, अरुण चतुर्वेदी, केन्द्रीय मंत्री सीआर चौधरी सहित अन्य विधायकों ने शहर छोड़ना प्रारंभ कर दिया। सूत्रों का कहना है कि बड़े नेताओं ने तो शहर छोड़ रहे हैं, लेकिन कई छोटे नेता और कार्यकर्ता अभी जिले में डटे हुए हैं। जिनको जिला बदर करने के लिए प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। सूत्रों का कहना है कि प्रशासन दोनों ही पार्टियों के इन नेताओं को पहचानता नहीं है। इधर यह नेता स्थानीय कार्यकर्ताओं के घर में मेहमान बनकर रह रहे हैं। वहीं, से चुनाव का संचालन कर रहे हैं। ऐसे में शिकायत होने पर प्रशासन को इन नेताओं की पहचान हो सकती है।

डांगावस दलित हत्याकांड: समिति के प्रदेश संयोजक उतरे चुनाव मैदान में

राजस्थान। राजस्थान के अजमेर में हुआ डांगावस दलित हत्याकांड का मामला एक बार फिर सुर्ख़ियों में है। इस बार हत्याकांड संघर्ष समिति ने अपना उम्मीदवार लोकसभा उपचुनाव में उतारा है। समिति ने शुक्रवार को एक प्रेसवार्ता कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दलितों पर हुए अत्याचारों पर चुप रही कांग्रेस व सत्ता पक्ष बीजेपी के खिलाफ उन्होंने मोर्चा खोला है और इस चुनाव में अपना उम्मीदवार उतारकर दोनों ही पार्टियों को सबक सिखाने की ठानी है।

 

डांगावास दलित हत्याकांड संघर्ष समिति के प्रदेश संयोजक धर्मपाल कटारिया ने कहा कि हत्याकांड को ढाई साल बीत जाने पर भी उन्हें न्याय नहीं मिला। इसी वहज से नाराज होकर उन्होंने बीजेपी के खिलाफ चुनावी मैदान में आने की ठानी। वहीं कटारिया ने कांग्रेस को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जिस कांग्रेस ने सत्तर साल से दलितों की राजनीति कर राज किया उसने भी इस हत्याकांड में उनका साथ नहीं दिया।

 

इससे नाराज समिति अब चुनाव में दोनों दलों को सबक सिखाएगी. उन्होंने कहा कि 15 जनवरी से वे अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करेंगे जिसमे घर- घर जाकर दोनों पार्टियों के चेहरे जनता के सामने रखकर वोट मांगेंगे। साथ ही दलितों का वोट बर्बाद नहीं हो इसके लिए लोगों से सोच समझकर मतदान करने को कहेंगे।

BJP को लेकर सचिन पायलट ने दिया ये बड़ा बयान, कहा…

अजमेर। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अजमेर और अलवर की लगातार चार साल तक अनदेखी की। उपचुनाव की घोषणा के बाद जब सीएम को रिपोर्ट मिली कि वे यहां से बुरी तरह हार रही हैं तो उन्होंने लगातार दाैरे किए और घोषणाएं की। जब सरकार का 8-9 माह का कार्यकाल ही रहा है तो इन घोषणाओं का औचित्य क्या रह गया है? जनता सब जान चुकी है, वह इन उपचुनाव में बता देगी, यह उपचुनाव जयपुर ही नहीं, दिल्ली तक के सिंहासन को हिला देगी। पायलट मंगलवार शाम अजमेर में पत्रकारों से बात कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि यह उपचुनाव प्रदेश और देश की राजनीति में अति महत्वपूर्ण हो गया है। तीनों उपचुनाव में 17 विधानसभा क्षेत्रों में जनता किस करवट बैठने वाली है, इस पर सभी की नजर रहेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा के पास अपना कुछ दिखाने के लिए नहीं है। चार साल में राजीव गांधी केंद्र का नाम अटल सेवा केंद्र कर दिया, कांग्रेस के जितने भी प्रोजेक्ट्स हैं, उन्हें ठंडे बस्ते में डाल दिया। मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना का हश्र भी बुरा कर दिया है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के बीच अनबन का खामियाजा जनता भुगत रही है।

 

हड़बड़ाहट का प्रतीक है हवाईअड्डे का उद‌्घाटन

 

पायलट ने कहा कि जनता को झांसे में रखा गया है। बिना काम किए हवाईअड्डे का उद‌्घाटन कर दिया, यह भाजपा सरकार की हड़बड़ाहट का प्रतीक है।

सचिन पायलट कल भी यहां थे… हमेशा यहां रहेंगे

पायलट के अजमेर से चुनाव लड़ने की लगातार चल रही सुर्खियों और मांग के बीच डॉ. रघु शर्मा को टिकट देने की बात पर उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी मैदान नहीं छोड़ा। सचिन पायलट कल भी यहां थे, आज भी यहां हैं और हमेशा यहीं रहेंगे।

आप नेता कुमार विश्वास लोकसभा उपचुनाव से पीछे हटे –

अजमेर। अजमेर लोकसभा सीट के होने वाले उप चुनाव में आप पार्टी 8 जनवरी को फैसला करेगी कि वह अपना प्रत्याशी उतारेगी या नहीं? 8 जनवरी को दिल्ली में आप पार्टी की पीएसी यानी पाॅलिटिकल अफेयर्स कमेटी की मीटिंग है। जिसमें तय होगा कि लोकसभा के उप चुनाव में पार्टी का क्या फैसला रहेगा।

करीब एक सप्ताह पूर्व चर्चा चली थी कि अजमेर लोकसभा के उप चुनाव में अाप पार्टी राजस्थान प्रभार डॉ. कुमार विश्वास को चुनाव मैदान में उतार सकती है। मगर जब उनसे भास्कर ने बात की थी तो उन्होंने इस बात से साफ इंकार कर दिया था कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे। कुछ लोग राज्य सभा में जानने से उन्हें रोकना चाहते है, इसलिए ऐसी अफवाएं चलाई जा रही है। मगर अब अाप पार्टी से राज्य सभा के लिए विश्वास कुमार का नाम नहीं है। ऐसे में अब अजमेर लोकसभा को लेकर आप पार्टी क्या फैसला लेती है? यह 8 तारीख को तय होगा।

 

आप पार्टी के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र शास्त्री का कहना है कि 8 जनवरी को दिल्ली में पीएसी की मीटिंग है। मीटिंग में संयोजक एवं दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल सहित 11 सदस्य भाग लेंगे। पीएसी के सदस्य दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसाेदिया, राजस्थान प्रभारी डॉ. कुमार विश्वास, संजय सिंह, गोपाल राय सहित अन्य नेता शामिल हैं।उल्लेखनीय है कि नामांकन की अंतिम तारीख 10 जनवरी है।

कार्यकर्ता तैयार

आप पार्टी की अजमेर लोकसभा क्षेत्र की प्रभारी जय श्री शर्मा का कहना है कि आलाकमान से अब तक उन्हें चुनाव की तैयारियों को लेकर कोई दिशा निर्देश नहीं है। यदि दिशा निर्देश मिलते है तो आप पार्टी के कार्यकर्ता तैयार है।

भाजपा ने राजस्थान उपचुनाव में इन प्रत्याशीओं को मैदान में उतारा –

भाजपा ने अजमेर सीट पर रामस्वरूप लाम्बा , अलवर से डॉ जसवंत सिंह को यादव ,विधानसभा मांडलगढ़ सीट से शक्ति सिंह को मैदान में उतारा है | 

जयपुर | भाजपा ने आज राजस्थान के उपचुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है राजस्थान में तीन उपचुनाव होने है  2 लोकसभा व् 1 विधानसभा के लिए |

भाजपा की और से सबसे हॉट सीट अजमेर से – रामस्वरूप लाम्बा को मैदान में उतारा है तो

अलवर से डॉ जसवंत सिंह को यादव को मैदान में उतारा है उनका मुकाबला कांग्रेस के प्रत्याशी  डॉ कर्ण सिंह यादव से होगा , वही विधानसभा मांडलगढ़ सीट से शक्ति सिंह को मैदान में उतारा है |

कांग्रेस में हलचल तेज  – कांग्रेस पार्टी ने राजस्थान उपचुनाव के लिए प्रत्याशियो के नामो को लेकर जल्द ही घोषणा कर सकती है चुनाव आयोग ने नामांकन की अंतिम तिथि 10 जनवरी रखी है अब मात्र नामांकन के लिए तीन दिन बचे है | तीन उपचुनाव के लिय मतदान 29 जनवरी को होगा |

सियासत के मायने – ख़ास एक नजर 

राजस्थान के उपचुनाव कांग्रेस और भाजपा के लिए आगामी विधानसभा चुनावो से पहले के सेमी फ़ाइनल के रूप में देखा जा रहा है वही कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलेट अजमेर में मुख्य भूमिका निभा सकते है वह अजमेर सीट से सांसद रहे चुके है तो वर्तमान मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे तीनो उपचुनाव ओ में भाजपा की जीत के लिए प्रयासरत है |

दोनों ही राजनेतिक पार्टिया उपचुनाव को लेकर गंभीर है और कोई मौखा छोड़ना नहीं चाहती है इसके लिए सभी राजनेतिक दाव -पेच लम्बे समय से खेले जा रहे है |

इसी लिए कांग्रेस पार्टी ने अजमेर और मांडलगढ़ सीट पर अपने प्रत्याशी के नामो की घोषणा भाजपा के बाद  करने का फ़ेसला किया था  |

सूत्रों के अनुसार कांग्रेस से अजमेर सीट से रघु शर्मा का नाम फ़ाइनल हो सकता है तो मांडलगढ़ के लिए अभी कुछ नाम लिस्ट में है उनमे से   फ़ाइनल होगा कुल मिलकर मुकाबला बड़ा रोचक होगा |

 

 

 

 

राजस्थान: BJP के रामस्वरूप लांबा और कांग्रेस के रघु शर्मा के बीच होगा कड़ा मुकाबला – सूत्र

अजमेर। अजमेर संसदीय क्षेत्र के उप चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के रामस्वरूप लांबा और कांग्रेस के डॉ. रघु शर्मा के बीच ही मुकाबला होने के आसार हैं। हालांकि दोनों ही दलों ने अभी अपने अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है। भाजपा प्रदेश इकाई पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत सांवर लाल जाट के पुत्र ररामस्वरूप लांबा का इकलौता नाम केंद्रीय संसदीय बोर्ड को भेज चुकी है, वहीं कांग्रेस में भी कमोबेश डॉ. रघु शर्मा के नाम पर सहमति बन जाने की चर्चा है।

 

अजमेर लोकसभा उपचुनाव के लिए बुधवार से नामांकन शुरू हो गए लेकिन अब तक कांग्रेस ने प्रत्याशी को लेकर अधिकृत रूप से घोषणा नहीं की है। वहीं पूर्व मुख्य सचेतक व केकड़ी से पूर्व विधायक डॉ रघु शर्मा के नाम पर सहमति बनने की चर्चाएं बुधवार को भी बनी रही। यह भी चर्चा रही शर्मा के नजदीकी कुछ कार्यकर्ता चुनाव कार्यालय के लिए श्रीनगर रोड पर मकान तलाश रहे हैं। बताया जाता है कि एक भवन को लेकर नगर निगम से यह भी पड़ताल की गई है कि इसका यूडी टैक्स या अन्य कोई कर तो बकाया नहीं है। चुनाव कार्यालय को लेकर बाद में किसी तरह का विवाद नहीं हो, इसलिए पहले ही जांच पड़ताल की जा रही है।

सूत्रों के अनुसार कांग्रेस इस इंतजार में है कि पहले भाजपा की ओर से प्रत्याशी की घोषणा हो जाए। यह भी संकेत मिले हैं कि 5 या 6 जनवरी को घोषणा की जा सकती है। इधर प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने दिल्ली में अजमेर के प्रभारी व पार्टी महासचिव अविनाश पांडे सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं से प्रत्याशी चयन को लेकर विचार विमर्श किया, लेकिन देर रात तक कोई अधिकृत घोषणा नहीं हुई।

%d bloggers like this: