राजस्थान में LDC -2018 में चयनित आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ जिला आवंटन प्रक्रिया में बड़ा भेदभाव  – विरोध तेज 

Rajasthan Subordinate and Ministerial
LDC-2018 major discrimination in district allocation process with candidates of selected reserved category – opposition intensifies

जयपुर | राजस्थान कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा 2018 में कार्मिक विभाग द्वारा जिन अभ्यर्थियों को शिक्षा विभाग आंवटित हुआ था उनकों 27.06.2020 को शिक्षा विभाग द्वारा जिला आंवटन की सूची जारी की गई थी।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत . राजस्थान

इस सूची में राजस्थान अधीनस्थ एवं मंत्रालयिक कर्मचारी सेवा नियम 1999 के नियम 28(4) का उल्लंघन कर आरक्षित वर्ग के एससी एसटी अभ्यर्थियों को रोस्टर प्रणाली के अनुसार जिला आवंटित नहीं किये गये हैं जिससे कि आरक्षित वर्ग के एससी एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों को उनके ग्रह जिलों से 500-600 किलोमीटर की दूरी के जिले- जालौर बाड़मेंर सिरोही जैसलमेंर आवंटित किये गये है जिससे अभ्यर्थियों के ग्रह जिलों में आरक्षित वर्ग का प्रतिनिधित्व न के बराबर हो गया है। और ग्रह जिलों में जनरल व ओबीसी को ही सीटे आंवटित कर दी है।

प्रेम कुमार बैरवा  चयनित अभ्यर्थित दौसा ने कहा –

एलडीसी भर्ती परीक्षा 2018 में जिन चयनितों को शिक्षा विभाग आंवटित हुआ है उनको शिक्षा विभाग द्वारा 27.06.2020 को जिला आवंटित किए थे जिनमें से एससी एसटी के 70-90% लोगो को 400-500 किलोमीटर दूर बाड़मेर,जालौर, झालावाड़ जिला आवंटित किया है जबकि जनरल व ओबीसी को ग्रह जिले या पास वाले दिए गए है जिससे कि हम चयनितों के साथ जातिगत भेदभाव हुआ है। मुख्यमंत्री जी इस मामले में संज्ञान ले और जिलेवार सीटो का वर्गवार वर्गीकरण हम चयनितों के साथ न्याय करे |

क्र.स. जिला कुल आवंटित सीटों की संख्या जनरल एससी एसटी ओबीसी एमबीसी
1 दौसा 96 36 2 8 46 4
2 जयपुर 94 45 2 6 39 2
3 अजमेर 121 27 6 1 87 0

जबकि दूरस्थ जिलों में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को आवंटित सीटों की स्थिति –
क्र.स. जिला कुल आवंटित सीटों की संख्या जनरल एससी एसटी ओबीसी एमबीसी
1 जालौर 273 6 112 44 87 24
2 बाडमेर 534 29 99 237 158 11
3 झालावाड 229 7 128 24 33 37

SC के कुल सीटे 965 थी जिसमें से 478 पुरूष चयनित हुए थे जिनमें 339 (जो कि 71 प्रतिशत है़) को पश्चिमी राजस्थान (जालौर,बाड़मेंर,झालावाड़) दिया है।

ST के के कुल सीटे 674 थी जिसमें से 332 पुरूष चयनित हुए थे जिनमें 305 (जो कि 91 प्रतिशत ह़)ै को पश्चिमी राजस्थान (जालौरएबाड़मेंर झालावाड़) दिया है।

आरक्षित वर्ग एकता मंच ने भरी हुंकार –

        ”सरकार संविधान से छेड़छाड़ करना बंद करे – शोषित समाज पर कुठारघात करना बंद करे ”

जयपुर | SC /ST/ OBC  के अधिकारो पर वर्तमान बीजेपी सरकार द्वारा जो कुठारघात निरंतर किया जा रहा है उस पर बहुजन समाज में  भारी आक्रोश है | जिसका सामना सरकार को आगामी विधानसभा चुनावो में देखने को मिलेगा – यह कहना है   मुरारी लाल  जांगिड का

वर्तमान समय में दलितों के हत्याचार के मामले में राजस्थान प्रथम स्थान पर आ गया है  और सरकार द्वारा जो आरक्षण के साथ छेड़-छाड़ किया  जा रहा है उसके विपक्ष  में अब 85% मूलनिवासियो का तबका आ चूका है जो सरकार से” सविंधान में वर्णित”  अपने अधिकारों के साथ खिलवाड़ नहीं होने देगा |

सरकार द्वारा  वर्तमान समय में  आरक्षण में निम्न  प्रकार से  छेड़-छाड़  किया जा रहा है |

{1} नगर -निगम पार्षदों के पदों में कटोती    – जयपुर नगर -निगम में 91 वा

र्ड है इनमे से 46 अनारक्षित एवं 45 आरक्षित होने चाहिए किन्तु  पिछले  चुनाव में अनारक्षित पद 57 व् आरक्षित 34 कर दिए गए है | आरक्षित पदों में 11 पदों की कटोती  सरकार द्वारा की गई है |

{2}सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण में कटोती – अप्रैल 2017 से पूर्व आरक्षित वर्ग के छात्र यदि सामान्य मेरिट में स्थान प्राप्त करते थे तो उन्हें सामान्य कोटे में शामिल कर सामान्य सूचि में नियुक्ति दी जाती थी |  यह प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के संवेधानिक पीट के फेसले 1993 द्वारा मिलती आ रही थी ,लेकिन अप्रैल 2017 के फेसले में साफ़ लिखा है की आरक्षित वर्ग का अभ्यार्थी ऊँची से ऊँची मेरिट प्राप्त करेगा तो भी उसे आरक्षित कोटे में ही नियुक्ति दी जाएगी यह मेडिकल और इंजीनियरिंग महाविधालयो में प्रवेश एवं नियुक्तियों में भी लागू होगा |

{3} आरक्षण के साथ छेड़छाड़ – देश में आरक्षण का आधार जन संख्या के अनुपात में होआ था किन्तु लेकिन सत्ता पर काबिज लोगो ने चालाकी से 85% आरक्षित समाज को महज 49% तथा 15%  सामान्य अनारक्षित समाज को 51% आरक्षण प्राप्त है | फिर भी केंद्र एवं राज्य सरकारे आरक्षण को समाप्त करने की साजिश रच रही है और निजीकरण  व् ठेका प्रथा को बढ़ावा  दे रही है |

इस अधिवेशन में 85% मुल निवासियों ने भाग लिया तथा सभी समाज के विद्वान लोगो द्वारा यह निर्णय लिया की -सरकार द्वारा जो आरक्षण के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है  ,सामाजिक /आथिक  रूप से वंचित लोगो के  हक़, इस सरकार को नहीं मारने देगे |

भारतीय संविधान में जो छेड़ छाड़ करने की कोशिश सरकार करती है तो सरकार परिणाम  के लिए तैयार रहे |

इस कार्यकर्म  में सामाजिक कार्य कर्ता -हरी नारायण बैरवा ,राजाराम मील { अध्यक्ष आरक्षण अधिकार मंच } ,परशुराम जाटव, मुरारी लाल जांगिड ,सत्य नारायण सोनी , भंवर लाल सेनी ,धर्मेन्द्र  चौधरी ,जे पी विमल  आदि शामिल हुए |

%d bloggers like this: