#MODI_SARKAR_GO_BACK

चिता की लपटों पर जलता देश ,  मूकदर्शक प्रधानमंत्री मोदी इस्तीफा दे – पवन देव 

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आज देश नेतृत्वहीन अनाथ सा बन चुका हैं देश में कोरोना से मरने वालों की संख्या 2 लाख 48 हजार 39 से अधिक हो चुकी हैं यह तो वह आंकड़े हैं जो तथ्यात्मक व प्रमाणित हैं जिन्हें कोई चुनौती नहीं दे सकता जबकि अन्य रिपोर्ट्स की बात करें तो प्रतिदिन मौतों का आंकड़ा चिंताजनक हैं जिसका ताजा उदाहरण – रामराज्य उत्तर प्रदेश के गंगा नदीं में 2000 से अधिक लाशें लावारिश तैरती मिल रही हैं |
चिता की लपटों पर जलता देश – तानाशाह मूक दर्शक , तमाशबीन प्रधानमंत्री  मोदी 
प्रधानमंत्री मोदी की दूरदृष्टी इतनी गंभीर हैं जो कि हसीं का पात्र बन चुकी हैं इस वैश्विक महामारी कोविड -19 में जहाँ केंद्र की मोदी सरकार सेंटर विस्टा प्रोजेक्ट ( नई संसद भवन ) जिसकी लागत 20 हजार करोड़ रुपये हैं
PAWAN DEV – JAIPUR

इस वैश्विक महामारी में भी मोदी सरकार ने इसे अतिमहत्वपूर्ण कार्यो में शामिल कर दिया हैं जबकि अभी देश की जनता ऑक्सीजन की कमी से दम तोड़ रही हैं और सनकी प्रधानमंत्री अपने लियें आलीशान निवास भवन बनवा रहा हैं और जनता वैक्सीन के लियें भटक रही हैं |

वेक्सिनेशन के नाम पर जनता को गुमराह कर रही हैं मोदी सरकार – कथनी और करनी में अंतर – यह बड़ी शर्मनाक हैं मोदी सरकार अपने कार्यकाल के 7 वें वर्ष भी सिर्फ जुमले फैला रही हैं जबकी सत्यता और कोरोना के प्रति गंभीरता  इसी बात से लगाया जा रहा हैं कि वेक्सिनेशन के लियें 35000 करोड़ का बजट रखा गया था जिसमे में सिर्फ अभी 4 करोड़ 7 लाख 44 हजार रुपये ही खर्च कर पाई हैं जबकी देश की जनता अतिआवश्यक मेडिकल सुविधाओं के अभाव में दम तोड़ रही हैं  संवैधानिक अधिकार संगठन के मीडिया प्रवक्ता पवन देव ने मीडिया को संबोधित करते हुयें  उपरोक्त बातों के साथ  कहा हैं कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहें हैं उन्होंने देश को बांटने वाली राजनीति के आधार पर देश की आर्थिक स्थिति को बुरी तरह से नकारात्मक रूप से प्रभावित किया हैं उनके सभी ” अच्छे दिन ” के खोखले जुमलों  से जनता अब त्रस्त हो  चुकी हैं और अब युवा वर्ग इस सनकी तानाशाही को राजसिंहासन से हटा देगा  |

चिता की लपटों पर जलता देश ,  मूकदर्शक प्रधानमंत्री मोदी इस्तीफा दे – पवन देव 

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आज देश नेतृत्वहीन अनाथ सा बन चुका हैं देश में कोरोना से मरने वालों की संख्या 2 लाख 48 हजार 39 से अधिक हो चुकी हैं यह तो वह आंकड़े हैं जो तथ्यात्मक व प्रमाणित हैं जिन्हें कोई चुनौती नहीं दे सकता जबकि अन्य रिपोर्ट्स की बात करें तो प्रतिदिन मौतों का आंकड़ा चिंताजनक हैं जिसका ताजा उदाहरण – रामराज्य उत्तर प्रदेश के गंगा नदीं में 2000 से अधिक लाशें लावारिश तैरती मिल रही हैं |
चिता की लपटों पर जलता देश – तानाशाह मूक दर्शक , तमाशबीन प्रधानमंत्री  मोदी 

प्रधानमंत्री मोदी की दूरदृष्टी इतनी गंभीर हैं जो कि हसीं का पात्र बन चुकी हैं इस वैश्विक महामारी कोविड -19 में जहाँ केंद्र की मोदी सरकार सेंटर विस्टा प्रोजेक्ट ( नई संसद भवन ) जिसकी लागत 20 हजार करोड़ रुपये हैं

PAWAN DEV – JAIPUR

इस वैश्विक महामारी में भी मोदी सरकार ने इसे अतिमहत्वपूर्ण कार्यो में शामिल कर दिया हैं जबकि अभी देश की जनता ऑक्सीजन की कमी से दम तोड़ रही हैं और सनकी प्रधानमंत्री अपने लियें आलीशान निवास भवन बनवा रहा हैं और जनता वैक्सीन के लियें भटक रही हैं |

वेक्सिनेशन के नाम पर जनता को गुमराह कर रही हैं मोदी सरकार – कथनी और करनी में अंतर – यह बड़ी शर्मनाक हैं मोदी सरकार अपने कार्यकाल के 7 वें वर्ष भी सिर्फ जुमले फैला रही हैं जबकी सत्यता और कोरोना के प्रति गंभीरता  इसी बात से लगाया जा रहा हैं कि वेक्सिनेशन के लियें 35000 करोड़ का बजट रखा गया था जिसमे में सिर्फ अभी 4 करोड़ 7 लाख 44 हजार रुपये ही खर्च कर पाई हैं जबकी देश की जनता अतिआवश्यक मेडिकल सुविधाओं के अभाव में दम तोड़ रही हैं
संवैधानिक अधिकार संगठन के मीडिया प्रवक्ता पवन देव ने मीडिया को संबोधित करते हुयें  उपरोक्त बातों के साथ  कहा हैं कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहें हैं उन्होंने देश को बांटने वाली राजनीति के आधार पर देश की आर्थिक स्थिति को बुरी तरह से नकारात्मक रूप से प्रभावित किया हैं उनके सभी ” अच्छे दिन ” के खोखले जुमलों  से जनता अब त्रस्त हो  चुकी हैं और अब युवा वर्ग इस सनकी तानाशाही को राजसिंहासन से हटा देगा  |

कोविड-19 : अनाथ हुए बच्चों के संबंध में दिशा-निर्देश जारी – देखें ख़ास

कोविड-19 व अन्य बीमारियों से चिकित्सा संस्थानों में  ,अनाथ हुए बच्चों के संबंध में दिशा-निर्देश जारी –
जयपुर, 16 मई। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कोरोना व अन्य बीमारी से परिवार के मुखिया व उसकी पत्नी दोनों की मृत्यु हो जाने पर अनाथ हुए बच्चों की देखरेख के बारे में जिला कलक्टर, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्यों, सीएमएचओ व अन्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
चिकित्सा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अखिल अरोड़ा ने चिकित्सा संस्थानों में भर्ती होने वाले परिवार (18 वर्ष से कम आयु के बच्चों सहित) के माता-पिता या अभिभावक की मृत्यु हो जाने के कारण अनाथ होने वाले बच्चों के लिए प्रत्येक जिला स्तर व चिकित्सा संस्थानों पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा एक चिकित्सक, मेडिकल कॉलेज में अधीक्षक द्वारा एक चिकित्सक, जिला एवं उपजिला अस्पताल पर प्रमुख चिकित्सा अधिकारी द्वारा एक चिकित्सक और प्रत्येक चिकित्सा संस्थान (सीएचसी या पीएचसी) पर खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा एक चिकित्सक को मनोनीत करने के निर्देश दिए हैं।
 अरोड़ा ने बताया कि चिकित्सा संस्थानों में ये मनोनीत चिकित्सक अनाथ हुए बच्चों की सूचना तत्काल चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 या अधीक्षक राजकीय सम्प्रेक्षण, किशोर गृह या बालिका गृह या शिशु गृह या सहायक निदेशक-जिला बाल अधिकारिकता संरक्षण इकाई, बाल अधिकारिकता विभाग को उपलब्ध करवाएंगे। 
 अरोड़ा ने कहा कि प्रत्येक चिकित्सा संस्थानों पर भर्ती होने वाले परिवार में उनकी मृत्यु हो जाने पर बच्चे को स्थानान्तरित किए जाने वाले व्यक्ति के बारे में सूचना (नाम, बच्चों से सम्बन्ध, पता, दूरभाष न.) बच्चों के भर्ती टिकट में अवश्य सम्मिलित किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक चिकित्सा संस्थान में अनाथ होने वाले बच्चों का नाम व विवरण प्रत्येक चिकित्सा संस्थान के नोटिस बोर्ड पर अंकित किया जाए व प्रतिदिन अपडेट किया जाए।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि प्रत्येक चिकित्सा संस्थान के प्रमुख प्रवेश द्वारों व मुख्य स्थानों पर चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098, अधीक्षक राजकीय सम्प्रेक्षण, किशोर गृह या बालिका गृह, शिशु गृह का नाम व दूरभाष नंबर एवं सहायक निदेशक- जिला बाल अधिकारिकता संरक्षण इकाई, बाल अधिकारिकता विभाग का नाम व दूरभाष नंबर अवश्य अंकित किया जाए।

कोरोना की रोकथाम के लिये किया यज्ञ –

कोरोना की रोकथाम के लिये किया यज्ञ 
देश मे तेज़ी से  बढ़ रही कोरोना महामारी की रोकथाम के लिये आज श्री अन्नपुर्णेश्वर महादेव मंदिर रावल जी का बाजर में कॉलोनीवासियों की तरफ से यज्ञ का आयोजन किया गया । एवम इस बीमारी से अस्पतालो में भर्ती मरीजों की जल्द से जल्द ठीक होकर घर पहुंचने की भगवान भोलेनाथ से मनोकामना की ।
इस अवसर  समाजसेवी अमर वर्मा, शंकर सैन, मुकेश शर्मा , रमेश वर्मा, गौतम चन्द, महेन्द्र सिंह , सहित मौहल्ले वासी उपस्थित रहे ।।

कोविड अस्पताल RUHS के सामने – क्रांतिकारी नौजवान सभा (KNS) का विरोध प्रदर्शन

क्या बस पैसे वाले ही ले सकते हैं कोरोना का अच्छा ईलाज 
कोरोना में केंद्र व राज्य सरकारों की लापरवाही और निजीकरण के खिलाफ जयपुर के युवाओं ने किया विरोध प्रदर्शन
प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले कोविड-मरीज़-परिजनों ने किया RUHS में कोरोना के इलाज में गम्भीर धांधली और गड़बड़ियों का
खुलासा।
16 मई, जयपुर। राजस्थान के सबसे बड़े कोविड केंद्र प्रतापनगर स्थित RUHS के मेन गेट पर आज युवाओं ने केंद्र और राज्य सरकार की लापरवाही, लच्चर स्वस्थ्य व्यवस्था, निरंकुशता और निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। क्रांतिकारी नौजवान सभा(KNS) की राज्य कमिटी की अगुवाई में किए गए इस प्रदर्शन में शहर के युवाओं के साथ-साथ मौक़े पे मौजूद कोविड मरीज़ों के परिजनों, अम्बूलेंस चालकों, औटो ड्राइवर और RUHS में अलग-अलग प्रकार का काम कर रहे लोगों ने भी स्वतः हिस्सा लिया। इस प्रदर्शन के दौरान हुई बातचीत से यही निष्कर्ष निकलता है कि कोरोना का सही इलाज उसी को मिल सकता है जिसके पास लाखों रुपए हैं।
KNS के युवाओं ने उपस्थित लोगों से बात करते हुए कहा, “स्वास्थ्य सेवा हमेशा से ही  खराब हालत मे थी। जनसंख्या पर डाक्टरों-अस्पतालों-अन्य स्वास्थ्य सुविधाओ का अनुपात, सरकारी अस्पतालों की दयनीय स्थिति, निजी अस्पतालों की लूट और दवाईयों के बढ़ते दामों से यह बात साफ हो जाती है। असल स्वास्थ्य बजट GDP के 0.34 %  से ज्यादा नही है और देश के स्वास्थ्य खर्च का मात्र 17% ही सरकार उठाती है। यानि की बाकी 83 % स्वास्थय खर्च जनता सीधे अपनी जेब से भुगत रही है। भारत का यह स्वास्थ्य बजट प्रत्येक व्यक्ति पर होने वाले खर्च के हिसाब से पूरी दुनिया मे सबसे कम है। यदि सरकारी अस्पताल अच्छे से काम करे तो कोई प्राइवेट अस्पताल क्यों जाएगा? और प्राइवेट अस्पताल और दवा कंपनीयां  सरकार बनाने वालों को रिश्वत के रूप मे बड़े फ़ंड देते हो, तो यह लोग सरकारी अस्पताल को बेहतर क्यों बनाएँगे? इस प्रकार प्राइवेट स्वास्थ्य व्यवस्था को चलाने के लिए जानबूझकर सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था को खत्म किया जा रहा है।”
वहाँ उपस्थित बीलवा से आए एक कोविड-मरीज़-परिजन ने सरकारी व्यवस्था के अंदर भी मुनाफ़ाखोरी का इल्ज़ाम लगाते हुए कहा, “यहाँ पर(RUHS में) गरीब लोगों के लिए बेड नहीं मिल रहे हैं, पैसे वालों को और अप्प्रोच वालों को सबको बेड दे रहे हैं गवर्नमेंट वाले। गवर्नमेंट हॉस्पिटलों में भी गरीब लोगों के लिए कोई सुविधा नहीं है। गरीब लोग बाहर लाईन में खड़े रहते हैं, बेड तक भी नहीं है। ये हमारे अंकल हैं(जो कोविड मरीज़ होते हुए भी उनके पास ही खड़े हैं), दो-तीन दिन हो गए हैं इनको बेड नहीं मिला। बहुत अप्प्रोच लगा लिया। गरीब लोगों को लेटा रखा है फ़र्श के उपर, ऑक्सीजन वग़ैरह कुछ नहीं दे रहे। जैसे ही अबूलेंस आती है , कहते हैं बेड नहीं है, किसी और हॉस्पिटल जाओ। कहाँ जाएँ? SMS में भी जगह नहीं है, बीलवा में भी नहीं है, कहीं पे भी जगह नहीं हाई। प्राइवेट हॉस्पिटल ले के जाते हैं, प्राइवेट हॉस्पिटल वाले भी मना कर देते हैं। ले जाएँ तो कहाँ ले जाएँ? बहुत से लोग अंबुलेंस में दम तोड़ रहे हैं। ऑक्सीजन वाले बहुत पेशेंट आते हैं यहाँ, उन्हें ऑक्सीजन ही नहीं मिल रही हाई अंबुलेंस वालों को कहीं से भी। पेशेंट रेफ़र करें तो भी कैसे करें? कोविद सेंटर बढ़ाए जाएँ, गरीबों का भी इलाज हो, पैसे वालों को तो इलाज मिल ही रहा है, गरीब ऐसे ही भटक रहे हैं।”
चोमू तहसील, गाँव सोडलपुर से अपनी माता को ले कर आए एक व्यक्ति ने कहा, “डाक्टर और कर्मचारी ध्यान नहीं दे रहे हैं, हालत खराब है । सुधार है लेकिन हालत खराब है, क्यूँकि टाईम से ध्यान नहीं दे रहे हैं। सीधा यहीं ले कर आए हैं, पहले यहाँ लिया नहीं था, बाद में यहीं ले लिया। वेंटिलटर तो नहीं मिला, अंदर फ़र्श पर ही लेटा रखा है । चार दिन तो फ़र्श पर ही रखा, बाद में हमने ही किसी दूसरे का बेड ख़ाली हुआ, उसपे रखा।”
चोमू तहसील के ही तालाडेरा गाँव से आए ओमप्रकाश बागड़ ने कहा, “मेरी दादी जी यहाँ भर्ती हैं। यहाँ आने से पहले सिरियस कंडीशन हो गई थी। दस पंद्रह प्राइवेट हॉस्पिटलों में भटक कर आए, वहाँ पर जाते ही ऑक्सीजन लेवेल देखते और मना कर देते कि हमारे यहाँ ओकसीजन नहीं है, दूसरी जगह जाओ। भटकते भटकते दस घंटे हो गए। SMS भी गए। फिर यहाँ आ गए। यहाँ पर आते ही पहले तो इसने मना कर दिया, यहाँ पर बेड नहीं है, ऑक्सीजन का प्रबंध नहीं है। फिर लास्ट ओप्शन यही था, तो हम रुके थोड़ी देर, फिर वार्ड बोय खुद ही आया, अंदर के इलाक़े (वेटिंग एरिया) में एडमिट किया।”
पिछले साल आई कोरोना की पहली लहर को हम फिर भी अचानक आई आपदा मान सकते है, पर यह दूसरी लहर तो साफ तौर पर सरकार की लापरवाही है। 3 मार्च 2021 को Reuters मे कोरोना वाइरस पर नजर रखने के लिए बड़े वैज्ञानिकों और दस राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं की एक संस्था INSACOG के हवाले से एक खबर छपी थी कि तेज़ी से फैलते संक्रमण के बीच भारत सरकार नए कोरोना डबल म्यूटेंट वाइरस B.1.617( कोरोना का नया रूप ) के बारे मे उनकी चेतावनी को नजरंदाज कर रही है। यानि कि सरकार को 3 मार्च से पहले ही पता था कि कोरोना की दूसरी लहर पहले से ज्यादा संक्रामक और घातक होने वाली है । 24-25 मार्च को जागरण और अन्य अखबारों मे स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से  खबर आई कि 18 राज्यो में यह म्यूटेंट तेज़ी से फैल रहा है। फिर भी केंद्र सरकार ने दूसरी लहर से लड़ने के लिए स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में किसी भी प्रकार की तैयारी नही की और ना ही जनता को इस बारे मे भली-भांति चेतावनी दी। बल्कि 5 राज्यों  मे कई चरणों मे चुनाव ,कुम्भ मेले जैसे गैरजिम्मेदाराना कदम उठाए और जनता को बढ़ -चढ़कर हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया। WHO ने माना है कि चुनाव और कुंभ भारत मे सबसे बड़े सुपर स्प्रेडर साबित हुये हैं । साथ ही विपक्ष ने,चाहे वो काँग्रेस हो,टीएमसी हो या कोई ओर पार्टी, इन मसलो पर वाजिब सवाल तो उठाए लेकिन अपनी सरकार वाले राज्यो मे उन्हें महामारी को रोकने के लिए लागू नही किए। यहाँ तक कि राजस्थान सरकार ने तो टोंक के एक पत्रकार को कोरोना की असली स्थिति, ऑक्सिजन की कमी को उजागर करने पर गिरफ़्तार कर लिया।
इस पर एक अन्य कोविड-मरीज़-परिजन ने कहा, “ जयपुर सरकार का तानाशाही रवैया है, जो चाहे अपनी मर्ज़ी से कर रही है। ख़ास तौर से ये जो सेंटर गवर्नमेंट है, अपनी मर्ज़ी से कर रही है। उनको पता था कि  कोरोना बढ़ेगा, दिख रहा था केसस बढ़ रहे हैं लगातार दूसरी लहर में, फिर भी वहाँ लगातार इलेक्शन करवा रहे हैं, रैलियाँ कर रहे हैं लगातार, कोई सी भी राजनीतिक पार्टी, जो भी हो, लगातार वहाँ भीड़ कर रही है। उनको तैयारी यह करनी चाहिए थी, कोरोना की दूसरी लहर को कंट्रोल करने की, लेकिन इन्होंने तैयारी तो वो कर रखी है! जब चुनाव में पढ़ाया, जाति धर्म को पढ़ाया, लेकिन इक्जाम में आ गया हॉस्पिटल कहाँ हैं? जवाब कैसे देंगे? गवर्नमेंट ने तो मेसेज दे दिया कि आत्म-निर्भर बनो। तो आम जनता को मेरा यही मेसज है कि खुद तैयारी करो, इनके भरोसे मत रहो क्यूँकि वो तो बस देख रहे हैं। केंद्र सरकार से कोई उमीद नहीं लगती मेरे को। राजस्थान गवर्नमेंट ने जो भी किया, ओकसीजन सप्लाय तो प्रोपर से हुई नहीं।”
वहाँ उपस्थित मरीज़ों, उनके परिजनों, स्टूडेंट-डोकटरों, वार्ड अटेंडेंट, नर्सिंग स्टाफ़, से लेकर अम्बूलेंस और औटो ड्राइवरों तक सबका यही मानना था ज़मीनी हक़ीक़त सरकारी आँकड़ों से कहीं ज़्यादा खराब है और यदि सरकारें चाहतीं तो कोरोना की दूसरी लहर इतनी भयानक नहीं होती।
मुनाफे के लिए जनता के शोषण पर टिकी व्यवस्था की सबसे बड़ी मार पड़ती है समाज के सबसे कमजोर तबकों पर – मजदूर, रेडी-टपरी वाले, सब्जी वाले ,दिहाड़ी मज़दूर, सफाई कर्मचारी, वार्ड बॉय, तमाम मेहनतकश जनता साथ ही आप और हम जैसे लोगो पर। शहर की अधिकत्तर जनसंख्या गरीब-दलित बस्तियों मे रहती है, जहां सबसे कम मूलभूत सुविधाएं  है, सबसे ज़्यादा कुपोषण है, जहां लोगों की प्रतिरोधक क्षमता सबसे केएम है। इसी जनसंख्या का बड़ा हिस्सा कोरोना काल मे शहर के अस्पतालों, जांच केन्द्रो , शमशान घाटो और तमाम आवश्यक सेवाओं मे  काम कर रहा है। संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा झेल रहे इन लोगो को काम करते वक़्त ना तो खुद की सुरक्षा के लिए PPE किट , मास्क ,दस्तानें आदि दिये जाते है और ना ही पूरा वेतन मिलता है।
क्रांतिकारी नौजवान सभा की तात्कालिक मांगे हैं:-
1. भारत सरकार देश की सभी निजी अस्पतालों को अपने कब्जे में लेकर देश की स्वास्थ्य सेवाओं का 100 % राष्ट्रीयकरण करे और सभी कोरोना पीड़ित मरीजों का तुरंत प्रभाव से निशुल्क इलाज सुनिश्चित करे। स्वास्थ्य बजट को जीडीपी  का 3% करे।
2. देश के सभी नागरिकों का अगले 6 माह में  कोरोना से प्रतिरोधक क्षमता हासिल करने के लिए वैक्सिनेशन किया जाए।
3 कोविड वारीयर की परिभाषा को व्यापक करते हुये शमशान घाट मे काम करने वालों ,कोरोना संक्रमित मरीजो/मृत शरीरों  को लाने ले जाने वाले वाहनों के ड्राइवर्स व कोरोना केन्द्रों मे  किसी भी प्रकृति का काम करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को इसमे शामिल किया जाए। इस परिभाषा को सख्ती से लागू करते हुए कॉविड वॉरियर्स के नाम और पहचान की संपूर्ण सूची सार्वजानिक की जाए। कोविड वारीयर का वेक्सिनेशन आनिवार्य रूप से प्राथमिकता से किया जाए, संक्रमण से मौत हो जाने पर 50 लाख का मुआवजा दिया जाए।
4. कोरोना के इलाज में प्रयुक्त सभी दवाओं, ऑक्सीजन, मेडिकल उपकरण आदि की उपलब्धता केंद्र सरकार सुनिश्चित करे।
5. कोरोना सेंटर में कोविड प्रोटोकॉल ठीक से राज्य सरकार लागू करे ताकि मरीजों के परिजनों आदि के जरिए रोग का संक्रमण रोका जा सके।
6. स्वास्थ्य विभाग वर्तमान स्थिति को देखते हुए तुरंत प्रभाव से डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, प्रयोगशाला सहायक व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की तुरंत नियुक्ति करे।
7. कोरोना के अलावा अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों के उपचार की  व्यवस्था जारी रखी जाए ।
8. सार्वजनिक राशन प्रणाली को सभी के लिए सुलभ बनाते हुए दिहाड़ी मजदूरों, मनरेगा मजदूरों, रिक्शा चालकों व 3 लाख से कम सालाना आय वाले हर परिवार के लिए हर महीने पर्याप्त पोषक राशन(प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के लिए प्रायप्त प्रोटीन, विटामिन, मिनरल आदि युक्त) की व्यवस्था की जाए। यदि पूर्ण लोकडाउन लगाया जाता है तो इस श्रेणी के हर परिवार को 10 हज़ार रुपे हर महिना गुजारा भत्ता दिया जाए ।
9. कोरोना संकट के दौरान मजदूरों, कर्मचारियों का वेतन रोका या काटा नहीं जाए तथा छंटनी पर रोक लगाई जाए ।
10. कोरोना जांच में तेजी लाने के लिए रैपिड एंटीजन टेस्ट का इस्तेमाल व्यापक पैमाने पर किया जाए ताकि संक्रमित व्यक्ति की पहचान जल्दी हो। पॉजिटिव पाए जाने पर अगले चरण में RTPCR जाँच करी जा सकती है।
11. कोरोना संकट के खत्म होने तक आमजन के बिजली, पानी के बिल, मकान किराया अथवा EMI आदि माफ करे जाएं। जनसेवाओं का निजीकरण बंद करो ।

राहुल गांधी के ट्विटर के बाद राजस्थान में मुख्यमंत्री ने लगाया – लॉक डाउन , 10 मई से 24 मई तक सख्त लॉकडाउन

 

राजस्थान में 10 मई से 24 मई तक सख्त लॉकडाउन

 

जयपुर | मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देर रात मंत्रीमंडल की बैठक कर राजस्थान में 10 से 24 मई तक सख्त लॉक डाउन लगा दिया हैं  राजस्थान में कोरोना के सक्रमण के पेशेंट बढ़ रहें और ऑक्सीजन की कमी से भी राज्य जूझ रहा हैं |

 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने   वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों एवं युवा वर्ग में बढ़ते कोरोना संक्रमण तथा मृत्यु की संख्या पर गहन चिंता व्यक्त की गई। मंत्रिपरिषद ने इसके दृष्टिगत संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए प्रदेश में 10 मई से 24 मई तक सख्त लॉकडाउन लागू करने का निर्णय किया है ।

 

 

 

 

 

मंत्रीमंडल की बैठक के बाद नई गाइड के के अनुसार राजस्थान में यह रहेगें नियम –

 

 

  • राज्य में 10 मई की प्रातः 5 बजे से 24 मई की प्रातः 5 बजे तक लॉकडाउन रहेगा।

 

  • राज्य में विवाह समारोह 31 मई 2021 के बाद ही आयोजित किए जाएं।

 

  • विवाह से संबंधित किसी भी प्रकार के समारोह, डीजे, बारात एवं निकासी तथा प्रीतिभोज आदि की अनुमति 31 मई तक नहीं होगी।

 

  • विवाह घर पर ही अथवा कोर्ट मैरिज के रूप में ही करने की अनुमति होगी, जिसमें केवल 11 व्यक्ति ही अनुमत होंगे। जिसकी सूचना वेब पोर्टल Covidinfo.rajasthan.gov.in  पर देनी होगी।

 

  • विवाह में बैण्ड-बाजे, हलवाई, टैन्ट या इस प्रकार के अन्य किसी भी व्यक्ति के सम्मिलित होने की अनुमति नहीं होगी।

 

  • शादी के लिए टैन्ट हाउस एवं हलवाई से संबंधित किसी भी प्रकार के सामान की होम डिलीवरी भी नहीं की जा सकेगी।

 

  • मैरिज गार्डन, मैरिज हॉल एवं होटल परिसर को शादी-समारोह के लिए बंद रहेंगे।

 

  • विवाह स्थल मालिक , टैन्ट व्यवसायियों, कैटरिंग संचालकों और बैण्ड-बाजा वादकों आदि को एडवांस बुकिंग राशि आयोजनकर्ता को लौटानी होगी या बाद में आयोजन करने पर समायोजित करनी होगी।

 

  • किसी भी प्रकार के सामूहिक भोज की अनुमति नहीं होगी।

 

  • ग्रामीण क्षेत्रों में श्रमिकों के संक्रमित होने के मामले सामने आए हैं, इसे देखते हुए मनरेगा के कार्य स्थगित रहेंगे। इस संबंध में ग्रामीण विकास विभाग विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेगा।

 

  • सभी प्रकार के धार्मिक स्थल बंद रहेंगे।

 

  • आमजन से अपील है कि पूजा-अर्चना, इबादत, प्रार्थना घर पर रहकर ही करें।

 

  • अस्पताल में भर्ती कोविड पॉजिटिव रोगी की देखभाल के लिए अटेन्डेन्ट के संबंध में चिकित्सा विभाग अलग से गाइडलाइन जारी करेगा।

 

  • मेडिकल सेवाओं के अतिरिक्त सभी प्रकार के निजी एवं सरकारी परिवहन के साधन जैसे- बस, जीप आदि पूरी तरह बंद रहेंगे। बारात के आवागमन के लिए बस, ऑटो, टैम्पो, ट्रेक्टर, जीप आदि की अनुमति नहीं होगी।

 

  • अन्तर्राज्यीय एवं राज्य के भीतर माल का परिवहन करने वाले भारी वाहनों का आवागमन, माल की लोडिंग एवं अनलोडिंग तथा इस कार्य के लिए नियोजित व्यक्ति अनुमत हाेंगे।

 

  • राज्य में मेडिकल, अन्य इमरजेंसी एवं अनुमत श्रेणियों को छोड़कर एक जिले से दूसरे जिले, एक शहर से दूसरे शहर, शहर से गांव, गांव से शहर और एक गांव से दूसरे गांव में सभी प्रकार के आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।

 

  • राज्य के बाहर से आने वाले यात्रियों को 72 घंटे के भीतर करवाई गई आरटीपीसीआर नेगेटिव जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। यदि कोई यात्री नेगेटिव जांच रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं करता है, तो उसे 15 दिन के लिए क्वारेंटीन किया जाएगा।

 

  • श्रमिकों के पलायन को रोकने के लिए उद्योगों एवं निर्माण से संबंधित सभी इकाइयों में कार्य करने की अनुमति होगी। श्रमिकों को आवागमन में असुविधा नहीं हो,  इसके लिए इन इकाइयों द्वारा पहचान पत्र जारी किया जाएगा।

 

  • उद्योग एवं निर्माण इकाई द्वारा श्रमिकों के आवागमन के लिए विशेष बस का संचालन अनुमत होगा। इन संस्थानों को श्रमिकों के पास के लिए अधिकृत व्यक्ति के हस्ताक्षर एवं विवरण तथा विशेष बस के नम्बर एवं वाहन चालक का नाम जिला कलेक्टर कार्यालय में प्रस्तुत करने होंगे।

 

  • निर्माण सामग्री से संबंधित दुकानें नहीं खुल सकेगी। माल के आवागमन के लिए दी गई छूट के अनुसार दूरभाष अथवा इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से ऑर्डर मिलने पर सामग्री की आपूर्ति की जा सकेगी।

 

  • शेष व्यावसायिक गतिविधियां 30 अप्रेल, 2021 को जारी महामारी रेड अलर्ट जन अनुशासन पखवाड़े की गाइडलाइन के अनुसार अनुमत रहेंगी।

 

  • जिला कलेक्टर एवं पुलिस कमिश्नर द्वारा कंटेनमेन्ट जोन में स्थानीय आवश्यकता के अनुसार और भी सख्त प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।

 

 

क्या जय श्री राम शब्द बुनियादी मुद्दों रोटी ,कपड़ा से हार गया , पश्चिम बंगाल से ममता बैनर्जी की वापसी –

 

क्या जय श्री राम शब्द ही चुनाव घोषणा पत्र हैं – आख़िर जनता ने अब क्यों नकार दिया  : मंथन करें

 

पश्चिम बंगाल चुनाव में टी एम् सी 292 सीटों में से 209 पर बढ़त हासिल कर सरकार बनानें जा रही हैं जबकि लम्बे समय से पश्चिम बंगाल में सरकार बनाने के लियें भाजपा पुरजोर कोशिश के बाद भी 81 सीटो पर सिमटी नज़र आ रही हैं जबकि अन्य की 1 – 1 सीटो पर कब्ज़ा कर पाई हैं |

 

भाजपा या कहें संघ का एक ही नारा रहा हैं 1992 से आज तक जय श्री राम  , मंदिर वही बनायेगें और इसके साथ ही भारत की जनता को क्या मिला – धार्मिक उन्माद जो पश्चिम बंगाल में भी देखने को मिला हैं

1992 में मीडिया में एक पोस्टर बॉय सामने आया था नाम था अशोक मोची पेशे से मोची हैं लेकिन आज कल वह भाई – चारे और कौमी एकता की बातें करते नज़र आ रहें हैं अभी वह किसानों के समर्थन में शाहजहांपुर बॉर्डर राजस्थान में देखे गयें थें मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा देश मे प्रेम भाई चारा देश में होना चाहिये आज कल वह मुस्लिम बिरादरी के यहां आना जाना करते हैं यह बड़ी बात हैं जो एक आम जनता को इतने बडे नरसंहार के बाद यह समझ बनी की यह देश राम रहीम कबीर रविदास का हैं यह विभिन्नताओं में एकता का देश हैं |

भारत देश एक धर्म निरपेक्ष देश हैं यहाँ सभी नागरिकों को अपने धर्म को मानने , आस्था रखने प्रकट करने और प्रचार प्रसार करने का अधिकार हैं  इसके साथ ही आप मज्जिद भी जा सकते हो मंदिर भी और गुरुद्वारा भी आप को कोई भी रोकने टोकने वाला नहीं मिलेगा  यह भारत देश की खूबसूरती हैं |

 

किसी देश में चुनाव क्यों होते हैं – एक नज़र

किसी भी देश के सतत विकास के लियें और उस देश के नागरिकों के हक्क अधिकार के लियें लोकतांत्रिक व्यवस्था या गणतांत्रिक व्यवस्था के तहत कुछ लोग नीति निर्माता या कहें अप्रत्यक्ष रूप से शाषक वर्ग होता हैं जो वहां की स्थानीय जनता के लियें नीति बनाते हैं  लेकिन विश्व स्तर पर बड़ी क्रांति हुई और अधिक्तर देशों में लोकतांत्रिक व्यवस्था कायम हुई – जिसे लोकतंत्र कहा गया हैं |

 

मार्टीन लूथर ने इस पर कहा था जनता का जनता के लियें जनता का शासन ही लोकतंत्र हैं 

 

खैर आज का लोकतंत्र – भारत में प्रथम चुनाव 1952 में सम्पन्न हुयें कहा जाता हैं उस वक्त के नेताओं ने जनता के सामने भविष्य का भारत कैसा हो इस पर फोकस रखा इसके साथ ही प्रत्येक व्यक्ति को रोटी कपड़ा और मकान रोजगार जैसे मुद्दों को प्राथमिकता दी और साथ ही पंचवर्षीय योजनाओं के माध्यम से देश के विकास में मुख्य भूमिका निभाई और 1952 के घोषणा पत्र और आज की पार्टियों के घोषणा पत्र पर आप नज़र डालें तो आप को एक बड़ा परिवर्तन नज़र आयेंगा जिस के जिम्मेदार हम हैं और यह सत्य हैं

 

भाजपा की विभाजनकारी नीति –

भाजपा के राम और हमारें मर्यादापुरुषोत्तम श्री राम में आज अंतर इन सत्ता धारी पार्टियो ने बड़ा कर दिया हैं , रामानन्द सागर की रामायण को हम टीवी पर देखते बड़ें हुयें हमनें महसूस किया भगवान राम करुणा प्रेम सौहार्द और मित्रता और अपनी जनता के प्रिय और ह्रदय में विराजित होने वाले थे सदैव जनता के हित में ही सोचा और वचनों से बंदे रहें लेकिन आज और 1992 के बाद से हमारें सबसे के प्रिय श्री राम पर राजनीति एक विशेष पार्टी लोगों ने अपना आधिपत्य जमा लिया और जो सब के प्रिय आदर्श श्रीराम हैं उसका बंटवारा कर दिया जो कि शर्मनाक हैं

 

अयोध्या में मुस्लिम महिलाओं ने सामूहिक रूप से श्री राम की नियमित पूजा करती हैं

नाजनीन अंसारी अयोध्या से हैं भगवान श्री राम को अपना आदर्श मानती हैं यह हम सब के लियें गर्व की बात हैं और यह हक भारत का संविधान सभी को देता हैं कि वह किसी भी भगवान अल्लाह जीसस , वाहिगुरू पर आस्था रख सकता हैं ऒर चाहें तो वह नास्तिक भी रह सकता हैं |

 

 

पश्चिम बंगाल क्यों ख़ास हैं – पश्चिम बंगाल में भाजपा और अमित शाह ने अपना पूरा दम – ख़म लगाया लेकिन वह सरकार बनाने वाला जादुई आकड़े को छु नहीं सके लेकिन भाजपा की हिन्दुत्त्व वाली सोच और हिंसा ने ही पश्चिम बंगाल में चुनावों को अलग मोड़ दे दिया जिसका नुकसान भाजपा दहाई के आकड़ें पर ही सिमट गई |

 

ममता बैनर्जी के साहस और नेतृत्व को आज पूरी दुनिया  सलाम कर रही हैं उनकी जीत का जश्न तो हैं ही साथ ही उनकी

पार्टी टी एम् सी के स्टार प्रचारक भी वह खुद थी जबकि सामने केंद्र सरकार प्रधानमंत्री मोदी , अमित शाह , स्मरति

ईरानी , मिथुन चक्रवती सहित बहुत से स्टार प्रचारक वोटरों को साधने में लगें इसके साथ बंगाल में जो हिंसा देखने को

मिल रही थी वह साफ़ अंदाजा थी की यह लोकत्रांतिक व्यवस्था के विपरीत हैं इसके साथ ही केंद्र की संस्थाओं जैसे –

ईडी , सी बी आई , द्वारा जो गैर संवेधानिक रूप से कार्यवाही की गई वह भी गलत थी उमीद करते हैं भाजपा विपक्ष में

बुनियादी मुद्दों के लियें सदन में संघर्ष करेगी |

रेमडिसीविर, टोसिलिजुमैब इंजेक्शन,  फैवीपिरावीर टैबलेट्स और ऑक्सीजन सिलेंडर की कालाबाजारी रोकने के लिए किया टीम का गठन

ऑक्सीजन सिलेंडर व जीवनदायिनी दवाओं की   कालाबाजारी रोकने के लिए किया टीम का गठन
जयपुर, 22 अप्रेल। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॅा. रघु शर्मा के निर्देश पर कोरोना संक्रमित मरीजों और उपभोक्ताओं को निजी चिकित्सालयों एवं दवा स्टॉकिस्ट, विक्रेता के स्तर में रेमडिसीविर, टोसिलिजुमैब इंजेक्शन,  फैवीपिरावीर टैबलेट्स और ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता की सुनिश्चिता के लिए 4 सदस्यीय टीम का गठन किया है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सचिव सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि  इस टीम में  औषधि नियंत्रक विभाग के दिनेश कुमार तनेजा,  मनीष कुमार मोदी व कोमल रूपचन्दानी और राजस्थान फार्मेसी कौंसिल के सदस्य  नवीन सांघी को शामिल किया गया है । यह टीम  जयपुर स्थित निजी चिकित्सालयों एवं दवा स्टॉकिस्ट, विक्रेता का निरीक्षण कर उक्त औषधियों की सप्लाई वितरण, विक्रय इत्यादि की गहनता से जांच कर प्रतिदिन सांय 6 बजे अपनी रिपोर्ट औषधि नियंत्रण संगठन, मुख्यालय को प्रेषित करेगें एवं अनियमित्ताओं के क्रम में अगवत करवाते हुये नियमानुसार कार्यवाही सम्पादित करेंगे।
साथ ही यह टीम औषधियों एवं मेडिकल ऑक्सीजन की कालाबाजारी इत्यादि के संबंध में प्राप्त शिकायतों के क्रम में नियमानुसार कार्यवाही सम्पादित करते हुए कार्यवाही की सूचना प्रतिदिन अलग से प्रस्तुत करेगी।

राजस्थान में 3 मई तक लॉक डाउन , एक दिन में ही 10 हजार पार नयें रोगी , 42 मौतें – सतर्क रहें , जानें क्या हैं ख़ास दिशा निर्देश

कोविड-19 पर नियंत्रण के लिए नए दिशा-निर्देश 
प्रदेश में जन अनुशासन पखवाड़े के तहत 3 मई तक विभिन्न गतिविधियों पर प्रतिबंध रहेगा : मुख्यमंत्री
श्रमिकों की आजीविका पर नहीं पड़ेगा असर 
जन अनुशासन पखवाडा 19 अप्रैल से 3 मई तक
जयपुर, 18 अप्रेल। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण एवं रोकथाम के उद्देश्य से संपूर्ण प्रदेश में 19 अप्रेल से 3 मई की प्रातः 5 बजे तक जन अनुशासन पखवाड़े के तहत विभिन्न गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा कि इस दौरान सरकारी कार्यालय, बाजार, मॉल्स तथा कार्यस्थल बंद रहेंगे। लेकिन श्रमिकों के रोजगार से जुड़ी गतिविधियां जैसी फैक्ट्री तथा निर्माण कार्य पर रोक नहीं होगी। साथ ही ठेला एवं फेरी लगाकर जीवनयापन करने वाले लोगों को जीविकोपार्जन की छूट दी जाएगी।
 गहलोत की अध्यक्षता में रविवार देर रात तक मुख्यमंत्री निवास पर चली उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थलों, बाजारों, एवं कार्यस्थलों आदि में सामान्य गतिविधियां जारी रहने से भीड़भाड़ के चलते कोरोना संक्रमण अधिक बढ़ रहा है। इसे नियंत्रित करने के लिए सोमवार 19 अप्रेल से शुरू जन अनुशासन पखवाड़े में प्रदेशभर में सभी कार्यस्थल, व्यावसायिक प्रतिष्ठान एवं बाजार बंद रखे जाएं। साथ ही इस दौरान जन सामान्य की सुविधा एवं आवश्यक सेवाओं तथा वस्तुओं की निरंतर उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए कुछ गतिविधियां प्रतिबंधों से मुक्त रहेंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के प्रसार को रोकने में मास्क पहनना एक  आवश्यक निवारक उपाय है। इसको कड़ाई से लागू करने के लिए सार्वजनिक स्थानों और कार्य स्थलों पर मास्क नहीं पहनने वाले व्यक्तियों पर नियमानुसार कार्यवाही की जाए।
गृह विभाग द्वारा जन अनुशासन पखवाड़े के संबंध में जारी आदेश के अनुसार निम्न पर ये प्रतिबंध लागू नहीं होंगे :-
*  जिला प्रशासन, गृह, वित्त, पुलिस, जेल, होमगार्ड, कन्ट्रोल रूम एवं वॉर रूम, नागरिक सुरक्षा, अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएं सार्वजनिक परिवहन, आपदा प्रबंधन, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, नगर निगम, नगर विकास प्रन्यास, विद्युत, पेयजल, स्वच्छता, टेलीफोन, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण एवं चिकित्सा से जुड़े कार्मिक इत्यादि।
*  केन्द्र सरकार की आवश्यक सेवाओं से जुड़े कार्यालय एवं संस्थान अनुमत।
* उपरोक्त के अलावा समस्त कार्यालय बंद रहेंगे।
*  बस स्टैण्ड, रेल्वे, मेट्रो स्टेशन और एयरपोर्ट से आने/जाने वाले व्यक्तियों को यात्रा टिकट दिखाने पर आवागमन की अनुमति होगी। राज्य में आने वाले यात्रियों को यात्रा शुरू करने के पिछले 72 घंटे के अंदर करवाई आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य होगी।
*  गर्भवती महिलाओं और रोगियों को चिकित्सकीय एवं स्वास्थ्य सेवाओं के परामर्श हेतु।
* निजी चिकित्सालय, लैब एवं उनसे सम्बन्धित कार्मिक (उपयुक्त पहचान-पत्र के साथ) जैसे डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल एवं अन्य चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं।
* खाद्य पदार्थ एवं किराने का सामान, मण्डियां, फल एवं सब्जियां, डेयरी एवं दूध, पशुचारे से सम्बन्धित खुदरा/थोक दुकानें सायं 5 बजे तक अनुमत होंगी एवं जहां तक संभव हो इनके द्वारा होम डिलीवरी की व्यवस्था की जायेगी।
*  सब्जियां एवं फलों को ठेले/साइकिल रिक्शा/ऑटो रिक्शा/मोबाइल वैन द्वारा सायं 7 बजे तक बेचा जा सकेगा।
*  अन्तर्राज्यीय एवं राज्य के अन्दर माल परिवहन करने वाले भार वाहनों के आवागमन, माल के लोडिंग एवं अनलोडिंग तथा उक्त कार्य हेतु नियोजित व्यक्ति। राष्ट्रीय एवं राज्य मार्गों पर संचालित ढाबे एवं वाहन रिपेयर की दुकानें अनुमत होंगी।
* वर्तमान में रबी की फसलों की आवक मण्डियों मे हो रही है तथा समर्थन मूल्य पर फसलों को क्रय किया जा रहा है। यह कार्यवाही भी अनुमत होगी। अतः ऐसे केन्द्रों पर भी कोविड उपयुक्त व्यवहार की पालना सुनिश्चित की जावेगी किन्तु कृषकों का मण्डी पहुंचने एवं वापस जाने के अतिरिक्त मण्डी परिसर से बाहर आवागमन पूर्णतः प्रतिबन्धित रहेगा, साथ ही कृषकों को मण्डी जाते समय अपने माल का सत्यापन एवं वापस जाते समय बिक्री की रसीद/बिल का सत्यापन करवाना अनिवार्य होगा।
* राशन की दुकानें बिना किसी अवकाश के खुली रहेंगी।
* 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों को जिन्होंने टीकाकरण के लिए पहले से रजिस्ट्रेशन करवा रखा है, को टीकाकरण हेतु टीकाकरण स्थल पर जाने की अनुमति होगी किन्तु साथ में रजिस्ट्रेशन संबंधी दस्तावेज एवं अपना आई.डी. कार्ड साथ में रखना अनिवार्य होगा।
* समाचार पत्र वितरण हेतु सुबह 4 बजे से 8 बजे तक छूट होगी।
* इलेक्ट्रॉनिक्स, प्रिन्ट मीडिया के कार्मिकों को परिचय पत्र के साथ आने-जाने की अनुमति होगी।
* विवाह समारोह एवं अंतिम संस्कार से सम्बन्धित गतिविधियां दिनांक 14.04.2021 में जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए अनुमत होंगी।
* पूर्व में निर्धारित प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अभ्यर्थियों को प्रवेश-पत्र दिखाने पर परीक्षा केन्द्र पर आवागमन की अनुमति होगी।
* फार्मास्यूटिकल्स, दवा एवं चिकित्सा उपकरणों से सम्बन्धित दुकानें।
* दूरसंचार, इंटरनेट सेवाएं, डाक सेवाएं, कुरियर सुविधा, प्रसारण एवं केबल सेवाएं, आईटी एवं आईटी संबंधित सेवाएं।
* बैंकिंग सेवाओं हेतु बैंक, एटीएम एवं बीमा कार्यालय।
* सेबी/स्टॉक से सम्बन्धित व्यक्ति।
*भोजन सामग्री, फार्मास्यूटिकल्स, चिकित्सकीय उपकरण आदि सभी आवश्यक वस्तुओं का ई-कॉमर्स के माध्यम से वितरण।
* प्रोसेस्ड फूड/मिठाई व मिष्ठान/रेस्टोरेन्ट्स द्वारा होम डिलीवरी रात्रि 8ः00 बजे तक अनुमत होगी।
* इंदिरा रसोई में भोजन बनाने एवं उसके वितरण का कार्य रात्रि 8 बजे तक कोविड गाइडलाइन के अनुसार अनुमत होगा।
* मनरेगा एवं ग्रामीण विकास योजनाओं से जुड़े श्रमिक।
* एलपीजी, पेट्रोल पम्प, सीएनजी, पेट्रोलियम एवं गैस से संबंधित खुदरा/थोक  आउटलेट की सेवाएं रात्रि 8 बजे तक अनुमत होंगी।
* कोल्ड स्टोरेज एवं वेयर हाउसिंग सेवाएं।
* निजी सुरक्षा सेवाएं।
* समस्त उद्योग एवं निर्माण से सम्बन्धित इकाइयों में कार्य करने की अनुमति होगी जिससे कि श्रमिक वर्ग का पलायन रोका जा सके। सम्बन्धित इकाई द्वारा अपने श्रमिकों को अधिकृत व्यक्ति द्वारा पहचान-पत्र जारी किया जाये जिससे कि आवागमन में सुविधा हो। संस्थान को अधिकृत व्यक्ति के हस्ताक्षर एवं विवरण जिला कलक्टर कार्यालय में प्रस्तुत करना होगा।
* जिला कलक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट/पुलिस आयुक्त द्वारा स्थानीय आवश्यकता के अनुसार प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं एवं लगाये गये प्रतिबंधों में शिथिलता प्रदान की जा सकती है।

महात्मा ज्योतिराव फुले – सामाजिक क्रांति के अग्रदूत रहें हैं युवा शक्ति को उनका अनुसरण करना चाहियें – शुश्री शाहिस्ता  

संवैधानिक अधिकार संगठन का विशेष सत्र – आओं महामानवों को जानें 
#महात्मा ज्योतिराव फुले 
14  अप्रैल 2021 से  “ डॉ बाबा साहब की जयंती “  से 100 महामानवों के जीवन पर होगी चर्चा
जयपुर | डॉ बाबा साहब आंबेडकर जी के 130वीं जयंती के अवसर पर संवैधानिक अधिकार संगठन ने एक नई मुहीम शुरू की हैं जिसमें सामाजिक क्षेत्र में सुधार करने वालें महामानवों के बारें में विस्तृत से हम जानें क्योकिं आज की युवा शक्ति अपने महामानवों को सिर्फ जयंतीयों तक ही सीमित कर दिया हैं जबकि हमें उनके संघर्ष को जानना चाहियें और आत्मसात करना चाहियें और अपने जीवन में उनके संघर्ष से प्रेरणा लेकर सामाजिक क्षेत्र में समानता , बंधुता , स्वतंत्रता न्याय मुल्लों को व्यवहार में अमल लाना चाहियें जिससे समता मूलक समाज का निर्माण हो सके |
कार्यक्रम में मुख्यवक्ता सामाजिक कार्यकर्ता शाहिस्ता खान ने ज्योतिराव फुले के जीवन के विभिन्न घटनाओं पहलों पर  विस्तृत जानकारी अन्य साथियों से साझा की उन्होंने कहा की ज्योति राव फूले ने अपने जीवन में जातीय आधारित गैर बराबरी व्यवस्था के शिकार रहें और इस व्यवस्था को बदलने के लिये ताम्र संघर्ष करते रहें उनके संघर्ष में उनकी जीवनसाथी माता सावित्रीबाई फुले ने उनका साथ दिया और  सावत्री बाई फुले पहले खुद शिक्षित बने और – बालिकाओं महिला शिक्षा को प्राथमिकता देते हुयें 1 जनवरी 1848 को लड़कियों का पहला स्कूल शुरू किया था जब ज्योतिराव फुले को उनके जीवनसाथी सावित्रीबाई फुले के साथ पिता ने घर से बाहर निकाल दिया था  तब उनके मित्र उस्मान भाई और उनकी छोटी बहन फ़ातिमा शेख ने उनका साथ दिया तथा  माँ सावत्री बाई के साथ मिलकर उस्मान भाई के घर पर ही पहला बालिका स्कूल खोला यह विकसित समाज की सोच रही थी एक उनका संघर्ष था और आज भी हम 2021 में भी महिला सशक्तिकरण , सुरक्षा और बराबरी की बात कर रहें हैं |
प्रदेशाध्यक्ष धर्मेन्द्र तामडिया ने कहा कि सामाजिक क्रांति के अग्रदूत  संवैधानिक भारत के राष्ट्रपिता महात्मा ज्योतिबा फुले जब अपने सामान्य जाति के मित्र के विवाह समारोह में बरात में गए हुए थे तो वहां से सामान्य जाति के लोगों ने शूद्र कहकर अपमानित  किया और तुम चले जाओ यहां से तुम शूद्र हो हमारे सामान्य जाति के लोगों के साथ साथ में शामिल नहीं हो सकते और विवाह समारोह से बेदखल कर दिया था तब फुले जी को बहुत अपमानित होना पड़ा था और तभी से फुले जी ने क्रांति की शुरुआत कर दी थी उन्होंने ठान ली थी कि जब मेरे ओबीसी समुदाय के साथ इतना जातिवाद छुआछूत किया जा रहा है तो मेरे दलित अछूत भाइयों के साथ कितना अपमानजनक व्यवहार किया जाता होगा यह मैं सोच भी नहीं सकता तभी फुले जी ने वंचित और दलितों, शूद्रों के लिए पहला स्कूल 1948 में खोला था महात्मा फुले ने माता सावित्रीबाई फुले को पढ़ा लिखा कर महिला सशक्तिकरण की सोच के साथ आगे बढ़ाने के लिए महिला स्कूल खोलने के लिए प्रेरित कर 1857 में महिला स्कूल की स्थापना कर माता सावित्रीबाई फुले को स्कूल में पढ़ाने के लिए प्रेरित किया फुले दंपति ने अपने जीवन काल में अनाथ आश्रम, विधवा महिलाओं के लिए आश्रम और सभी को शिक्षा देने का काम किया और हमेशा समता की पक्षधर फुले जी ने जाति धर्म छुआछूत का विरोध अंतिम समय तक किया |
सीमा कुमारी – मुख्य सलाकार ने आपकी महात्मा फुले जी ने महिला सशक्तिकरण के लिए माता सावित्रीबाई फुले को पढ़ा लिखा कर देश की प्रथम महिला शिक्षिका बनाने का काम किया और जब माता सावित्रीबाई फुले महिलाओं को शिक्षा देने के लिए जाती तो उन पर सामान्य जाति की महिलाएं गोबर फेंक दी थी जिसके कारण उनको 2 साड़ियां बैग में साथ में लेकर चलती थी लेकिन इतनी विपरीत परिस्थितियों में भी उन्होंने महिलाओं को शिक्षा देने का काम बंद नहीं किया अगर सावित्रीबाई फुले ने संघर्ष घर की महिलाओं को शिक्षा नहीं दी होती तो शायद आज आम महिलाओं को शिक्षा अधिकार मिल पाना मुश्किल होता सभी को धन्यवाद प्रस्तुत कर कार्यक्रम समापन किया गया |
इस अवसर पर विभिन्न राज्यों से सामाजिक कार्यकर्ता जुड़े गुजरात से जिग्नेश सोलंकी, विजय मकवाना, छत्तीसगढ़ से कृष्णा पाठक,  चंद्रमोहन मौर्य, राम तरुण जी , पवन देव , साबिर कुरैशी , रतन लाल बेरवा  ,  राज बाला जी , मीरा जी ,   उग्नता जी , आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे |
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