केन्द्र सरकार द्वारा पारित 3 नये कृषि कानूनों को समाप्त करने की मांग को लेकर पिछले 1 महीने से देश भर के किसान दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे है। किसानों की मांगों को लेकर सभी विपक्ष दल उनका समर्थन कर रहे है लेकिन इस बार कांग्रेस पार्टी के पूर्व राष्टीय अध्यक्ष राहुल गंाधी सड़क पर उतरने का फैसला किया है।
राहुल के साथ कांग्रेस पार्टी के कई बड़े नेता उनके साथ सड़क पर उतरेगे और केन्द्र सरकार को बिल वापस लेने के लिए दबाव बनाएंगे। राहुल राष्ट्रपति से मिले तो दूसरी तरफ पुलिस बिना अनुमति के मार्च के आरोप में प्रियंका वाड्रा को हिरासत में ले लिया गया है।
राहुल के इस मार्च से पहले उनके आवास के बाहर धारा 144 लगा दी गयी है और पुलिस प्रशासन ने कहा कि केवल राष्ट्रपति से मिलने के लिए जिन लोगों को अनुमति दी गयी है उन्हीं लोगों को अनुमति दी जाएगी। कांग्रेस के नेता आज राष्ट्रपति से मुलाकात करने के साथ उनको 2 करोड़ किसानों के हस्ताक्षरों के साथ ज्ञापन सौपेंगे और इन बिल को निरस्त करने का आग्रह करेंगे।
यह पहला मौका नहीं है जब कांग्रेस पार्टी ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए सड़क पर उतरे है इससे पहले भारत बंद के दौरान भी कांग्रेस ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया था। राहुल गांधी का यह फैसला उनके और पार्टी के लिए फायदेमंद हो सकता है क्योंकि पिछले कुछ समय से कांग्रेस पार्टी में अपनों की लड़ाई के कारण वह दूसरी मुद्धों पर ध्यान केन्द्रीत नहीं कर पा रही है।
किसान आंदोलन को लेकर केन्द्र सरकार अभी तक किसी भी प्रकार से झुकने को तैयार नहीं है और किसान भी मोदी सरकार के साथ किसी प्रकार की वार्ता से हल निकलाने पर राजी नहीं है। हालाकि पीएम मोदी कल किसानों को बहुत बड़ी राशि उनके बैंक खातों में देंगे।