राजस्थान की कांग्रेस सरकार आज अपने दो साल पूरे करने के मौके पर प्रदेश के सभी जिलों में अपना रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने पेश करेगी। दो साल के कार्यकाल में सीएम गहलोत को सियासी संकट के साथ कोरोना से निपटने के लिए जो प्रयास किये है वह तारीफ के काबिल है। दो साल के मौके पर अपने चुनावी घोषणा पत्र में जो वादे किये थे उनको अभी तक 50 प्रतिशत पूरा करने की बात कही जा रही है।
दो साल के कार्यकाल में सरकार ने बेरोजगारी को कम करने के लिए जो वादे किये थे उन पर अभी तक किसी प्रकार की कोई बड़ी उपलब्धी हासिल करने में कामयाब नहीं हुई है। राज्य सरकार का दूसरा वर्ष पूर्ण होने पर राज्य स्तरीय समारोह 18 दिसंबर को आयोजित किया जाएगा। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में वर्चुअल माध्यम से विभिन्न विकास कार्यों के लोकार्पण एवं शिलान्यास करने के कार्यक्रम रखें गये है।
गहलोत ने दो-दो मंत्रियों के समूह में 19 एवं 20 दिसम्बर को जिलों का दौरा करने एवं राज्य सरकार की योजनाओं तथा कोरोना प्रबंधन की समीक्षा करने के भी निर्देश जारी किये है। गहलोत सरकार ने बंद पड़ी रिफाइनरी और मेट्रो प्रोजेक्ट को फिर से नई गति देने के साथा कोविड की चुनौती को जिस तरह से निपटा है वह देश और दुनिया के लिए एक नजीर बनी है।
सरकार के सबसे महत्वपूर्ण फैसले जिससे प्रदेश की जनता को लाभ मिला
महिला सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण की दिशा में राज्य में 24/ 7 महिला हेल्पलाइन
किसानों के 7692 करोड़ रुपए के अल्पकालीन फसली ऋण माफ किए
मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना में निःशुल्क दवाइयों की संख्या 607 से बढ़ाकर 709 की गई
सबसे महत्वपूर्ण वादे जो आज भी अधूरे
राजस्थान में लगभग दो लाख से ज्यादा संविदा कर्मियों को स्थाई करने का वादा पूरा नहीं हुआ है।
विभिन्न विभागों की लंबित भर्तियों का मामला अभी तक हल नहीं हुआ है।
रोजगार के लिए हर साल 75 हजार भर्तियां करने का वाद भी अभी तक पूरा नहीं हुआ है।