राजस्थान विधानसभा में फिर दबी जुबा भूतों की चर्चा – विधायको गणों की मौत के साथ एक बार फिर चर्चा –
राजस्थान विधानसभा का नया भवन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस तैयार किया गया था लेकिन इस भवन पर भूतों के साये की बात एक बार फिर सच साबित होती नजर आ रही है।
साल 2001 से लेकर 2020 तक की किसी भी बैठक में सदन के सदस्यों की संख्या पूरी नहीं हुई. इस दौरान कभी विधायकों के लोकसभा का चुनाव जीत जाने या कभी किसी की मृत्यु हो जाने से यह आंकड़ा कभी पूरा नहीं हो पाया। लेकिन कई विधायक और पूर्व मंत्री इस संयोग को भूत—प्रेत से जोड़ चुके है।
लेकिन जब भी एक या दो विधायक की मौत होती है तो और संख्या घटती है तो ये अफवाह फिर से अपना मजबूत होती है कि इस विधानसभा पर काला जादू है जो 5 साल तक किसी भी सरकार के कार्यकाल में 200 की संख्या नहीं हो पा रही है।
कोरोना काल में दो कांग्रेस और एक बीजेपी विधायक की मौत के बाद विधानसभा पर भूतों के साये की अफवाह गर्म हो गयी है और इसके समाधान को लेकर कुछ करने की बात भी की जा रही है। कई मौको पर विधायक यह कह चुके हैं कि इस भवन का एक हिस्सा श्मशान की जमीन पर बना हुआ है जिसके कारण ऐसा हो रहा है।
कांग्रेस विधायक कैलाश त्रिवेदी का निधन इसके बाद मौजूदा सरकार के मंत्री भंवर लाल मेघवाल और बीजेपी की दिग्गज नेता किरण माहेश्वरी का निधन होना भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।