हेरिटेज कन्जर्वेशन एंड प्रोटेक्शन बॉयलॉज-2020 लागू – अब अनुमति के बाद ही होगा निर्माण

जयपुर चारदीवारी क्षेत्र के लिए नए बिल्डिंग बायलॉज लागु
परकोटे में अनुमति के बाद हो सकेगा कार्य
हेरिटेज कन्जर्वेशन एंड प्रोटेक्शन बॉयलॉज-2020 का बजट में नोटिफिकेशन जारी 
 जयपुर। वर्ल्ड हेरिटेज सिटी के चारदीवारी क्षेत्र की हेरिटेज इमारतों व हवेलियों को बचाने के लिए नए बिल्डिंग बायलॉज लागू  कर दिए है। सरकार ने नगर निगम जयपुर हैरिटेज (वॉल्ड सिटी) हैरिटेज कन्जर्वेशन एंड प्रोटेक्शन बॉयलॉज-2020 का बजट नोटिफिकेशन कर दिया है। परकोटे में अब नए निर्माण की अनुमति मिल सकेगी।
नए निर्माण या पुनर्निर्माण की अनुमति तकनीकी कमेटी दे सकेगी। हालांकि फसाड पर अस्थाई होर्डिंग, साइन बोर्ड नहीं लगाया जा सकेगा। हवेलियों के चौक में कोई निर्माण नहीं हो सकेगा। पेटिंग, पारम्परिक कला, नक्काशी आदि को नहीं बदला जा सकेगा। नए बिल्डिंग बायलाज  के अनुसार परकोटे में नॉन कमर्शियल जोन से बनी निजी हवेलियों में कर्म सीरियल गतिविधियां संचालित करने की अनुमति दी जा सकती है हालांकि यह अनुमति भुतल और प्रथल तल पर भी दी जा सकेगी इसके लिए हेरिटेज स्वरूप को बरकरार रखना पडेगा। नए बिल्डिंग बायलॉज के अनुसार हवेलियों व इमारतों को इन श्रेणियों में बांटा गया है।
पहली श्रेणी में नेशनल  लेवल और स्टेट लेवल की हेरिटेज इमारते शामिल की गई है। इनमें किसी तरह के बदलाव पर पूर्ण पाबंदी रहेगी इन्हें सिर्फ संरक्षित रखा जाएगा दूसरी श्रेणी में चारदीवारी क्षेत्र की कलात्मक हवेलियां शामिल है। इनमें तकनीकी कमेटी की अनुमति के बाद छोटे-मोटे निर्माण की अनुमति मिलेगी, हालांकि यह अनुमति इमारत के अंदर की ही मिलेगी।
इमारत के बाहर कोई बदलाव नहीं किया जाएगा इनमें पर्यटन से जुड़ी गतिविधियां (गेस्ट हाउस, होटल, क्राफ्ट सेंटर आदि) संचालित हो सकेगी अभी तक इन हवेलियों का केवल आवासीय उपयोग ही किया जा सकता था वहीं तीसरी श्रेणी में पुरानी हवेलियां आदि को शामिल किया गया है इसके बाहर प्रसाड वर्क गाइड लाइन के अनुसार ही होगा अंदर बदलाव की अनुमति दी जा सकेगी
मुख्य बाजार में ये होगा
मुख्य बाजार व मुख्य सड़क में 15 मीटर जी प्लस 3 गलियों में 12 मीटर जी प्लस 2 तक ही निर्माण रहेगा बेसमेंट की अनुमति नहीं होगी हालांकि सार्वजनिक पार्किंग में बेसमेंट में छूट रहेगी
यूडी टैक्स में भी मिलेगी छूट
हैरिटेज हवेलियों का संरक्षण करने वाले मालिकों को यूडी टैक्स आदि में भी छूट दी जाएगी। इन हवेलियों को पर्यटन संबंधी इन्फास्ट्रक्चर भी उपलब्ध करवाया जाएगा। अगर हवेली को संरक्षित रखते है और संरक्षित रखने के लिए शपथ पत्र देते है तो उन्हें छूट लाभ मिलेगा।

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