राज्यसभा चुनाव – 19 सीटों में 8 भाजपा व् 4 कांग्रेस के खाते हैं – राजस्थान में रहा रोमांच
नई दिल्ली | आठ राज्यों में 19 सीटों के लियें राज्य सभा चुनाव आज सम्पन्न हुयें , देर रात सभी राज्यों के परिणाम घोषित कर दियें गयें . ख़ास बात यह रही भाजपा पर जो हौर्स ट्रेडिंग के आरोप लग रहे थे वेसा उलटफेर देखने को नहीं मिला . सभी राज्यों के परिणाम जैसे शुरुआत में माने जा रहें थे उसके अनुरूप ही रहें |
राजस्थान में कांग्रेस के दोनों उमीदवार केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी विजय रहें तो भाजपा से राजेन्द्र गहलोत विजय रहें ,मध्यप्रदेश से कांग्रेस से भाजपा का दामन थामने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया विजय रहें साथ ही अन्य भाजपा से उमीदवार सुमेर सोलंकी भी विजय रहें वही कांग्रेस के खाते में सिर्फ एक सीट पर दिग्विजय सिंह जीत पायें हैं
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक मात्र कांग्रेस के संकटमोचन हैं –
वैसे तो कांग्रेस पार्टी अपने सबसे बुरे दौर में चल रही हैं कांग्रेस भाजपा के सामने लगभग टूट चुकी हैं लेकिन राजस्थान की राजनीति में जादूगर के नाम से पहचाने जाने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कई अहम मौखो पर कांग्रेस को संजीवनी बूटी दे कर बचा लेते हैं |
राजस्थान में बाडेबंदी सफल –
गौरतलब है भाजपा द्वारा कर्नाटक , गोवा ,मध्यप्रदेश ख़ास तौर पर मध्यप्रदेश में सरकार गिराने के बाद अगला नंबर राजस्थान का बताया जा रहा था लेकिन राजस्थान के वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने लम्बे राजनीतिक अनुभव के कारण राजस्थान में अन्य दलों के विधायको को अपने पक्ष में कर अपनी मजबूती दर्शाने में सफल रहें हैं वही राज्यसभा चुनावों से दस दिन पहले ही मुख्यमंत्री गहलोत ने जयपुर के एक निजी होटल में सभी विधायको ,निर्दलीय विधायक, माकपा , बीटीपी व् बसपा के विधायक जो पहले ही कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर चुके हैं का समर्थन हासिल कर चुके है जो की राजस्थान में बहुमत को सिद्ध करता हैं
हालाकिं की भाजपा पर हौर्स ट्रेडिंग के आरोप लगें है जिसकी शिकायत विधानसभा सचेतक व् गहलोत के ख़ास महेश जोशी ने की थी जिसकी जाँच एजेंसी कर रहीं हैं वही भाजपा का आरोप रहा हैं की कांग्रेस व् मुख्यमंत्री भाजपा पर गलत आरोप लगा रहें हैं भाजपा विधायक राजेन्द्र राठोड ने कह चुके है की कांग्रेस बसपा के विधायको को हौर्स ट्रेडिंग कर पहले भी खरीद चुकी है और वह भाजपा पर आरोप लगा रहें हैं |
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा दलित विरोधी है भाजपा – नीरज दांगी थे निशाने पर

पूर्व मंत्री के पुत्र व् 3 बार विधायक का चुनाव हार चुके नीरज डांगी थे निशाने पर लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत ने पारी संभाली जब जीत पायें हैं दांगी . गौरतलब हैं की राजनेतिक गलियारों में शुरुआत से ही चर्चा थी कांग्रेस पार्टी के कई विधायक नीरज दांगी को हराने के लियें बिसात बिछा चुके है और विधायक तो डांगी को प्रत्याशी बनाने के विरोध में थे इसके चलते ही भाजपा ने लखावत को भी मैदान में उतार दिया था जिसके चलते 3 राज्यसभा सीटो पर 4 उम्मीदवार हो चुके थे यही से राजनीती का असली खेल शुरू हुआ था हालाकिं यह भी सच हैं की चाहे कांग्रेस व् भाजपा वह दलितों को एक तय दायरे में भी रखना पसंद करती हैं ख़ैर राजस्थान में बड़े राजनेतिक ड्रामे के बाद परिणाम वही रहें जो पहले दिन से ही तय दिख रहा था – 1 सीट भाजपा व् 2 कांग्रेस , ख़ास बात यह रहीं जातीय आधार पर केसी वेणुगोपाल और नीरज डांगी दोनों ही अनुसूचित जाति ” दलित वर्ग ” से हैं |
अन्य राज्यों के परिणाम –
आन्ध प्रदेश में वाई आर कांग्रेस ने चार सीटो पर विजय रहीं , माणीपुर में भाजपा की जीत हुई हैं गुजरात और झारखंड में बीजेपी अपनी स्ट्रैटजी के कारण सीटें हासिल कर ली. गुजरात में जहां बीजेपी 3 सीटों पर जीत दर्ज कर लिया, वहीं झारखण्ड में भी उसे एक सीट पर जीत मिली. वहीं कांग्रेस को1 गुजरात में एक सीट से संतोष करना पड़ा. झारखंड में बाकी के एक सीट पर झामुमो के शिबु सोरेन चुनाव जीते हैं |
स्टोरी – पवन देव