भारत-चीन के बीच आर्थिक संबंधों की नई शुरुआत, कैलाश मानसरोवर यात्रा पर बड़ा फैसला

नई दिल्ली। भारत और चीन ने सिक्किम में नाथू ला मार्ग से कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने पर सहमति जता दी है। करीब 10 महीने पहले डोकलाम में पैदा हुए गतिरोध के बाद यात्रा रोक दी गयी थी. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की बीजिंग में चीनी विदेश मंत्री वांग यी से बातचीत के दौरान यह निर्णय लिया गया. इस बातचीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से फोन पर बातचीत भी की।

कैलाश मानसरोवर पर कब क्या क्या हुआ
डोकलाम विवाद के चलते ही 10 महीने पहले प्रसिद्ध कैलाश मानसरोवर यात्रा रोक दी गई थी। इसे लेकर दोनों देशों के संबंधों में खटास सी पैदा हो गई इस यात्रा को मौजूदा द्विपक्षीय बातचीत के बाद फिर से हरी झंडी मिल गई है। सुषमा ने कहा ‘हम इस बात से खुश हैं कि इस साल नाथूला मार्ग से कैलाश मानसरोवर यात्रा एक बार फिर शुरू होगी। मुझे विश्वास है कि इस साल चीनी पक्ष के पूरे सहयोग से यात्रा भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए संतोषजनक अनुभव होगी।’ गौरतलब है कि विदेश मंत्रालय हर साल दो अलग-अलग रास्तों से जून से सितंबर तक यात्रा का आयोजन करता है। इन दो मार्गों में उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रा और सिक्किम में नाथूला दर्रा है।

बातचीत में ये मुद्दे भी रहे शामिल
इस द्विपक्षीय वार्ता के दौरान आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल हेल्थकेयर समेत कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी बातचीत हुई बनी। बातचीत के बाद स्वराज ने बताया कि 2018 में चीन भारत को सतलज और ब्रह्मपुत्र नदी से जुड़ी जानकारियां उपलब्ध कराएगा।

डोकलाम विवाद के चलते अरसे से है तनातनी
दोनों देशों के बीच दशकों से विवाद है लेकिन करीब कई महीनों से डोकलाम सीमा विवाद के चलते तनातनी जोरों पर है। भारतीय सैनिकों ने चीन की सेना को भूटान के इलाके में किए जा रहे सड़क निर्माण पर रोक लगा दी थी, जिससे दोनों देशों के बीच गतिरोध की स्थिति पैदा हो गयी थी।

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